hindi Best Poems Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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  • हर सांस पे मेरी

    (१)माँ तू ने सबकुछ दिया हमें,तेरे बिना जग सुना सा था।आंसू तेरे ही थे मेरे,हर सां...

  • बेटियाँ..

    घर की लक्ष्मी होती हैं बेटियाँ घर-आँगन की रंगोली होती है बेटियाँ परिवार के चेहरे...

  • वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैं।

    वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैं।वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैटेक्नोलॉजी के...

हर सांस पे मेरी By बैरागी दिलीप दास

(१)माँ तू ने सबकुछ दिया हमें,तेरे बिना जग सुना सा था।आंसू तेरे ही थे मेरे,हर सांस में बस तू ही समाई।तेरी जागीर बस मेरी जिंदगी ,मेरे आगे तेरे लिए संसार कुछ भी नहींतू जीवन का आधार थी...

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में और मेरे अहसास - 81 By Dr Darshita Babubhai Shah

सोच रहा हूँ किस और जिन्दगी ले जा रही हैक्या चैन और सुकून की साँस भी पा रहीं हैं चले जाने वाले मुड़कर कभी भी नहीं लौटातेउदासी रात और दिनों की नींदे खा रहीं हैं तन्हाइयों में इस लिए...

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दो पल की राहत में By बैरागी दिलीप दास

(1)दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को,दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को।ज़िंदगी के रंग बदले, फूल खिलें या मुरझायें,प्यार का आगाज़ हर पल नया सवेरा ले आयें।मुस्कानों की...

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बेटियाँ.. By Pari Boricha

घर की लक्ष्मी होती हैं बेटियाँ घर-आँगन की रंगोली होती है बेटियाँ परिवार के चेहरे की मुस्कान होती हैं बेटियाँ बेटियों से ही घर की रोनक होती है क्योकि,घर का उजाला होती है बेटियाँ ......

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तेरे लबों की मुस्कान: इश्क़ के राज़ By बैरागी दिलीप दास

भाग 1तेरे लबों की मुस्कान: इश्क़ के राज़इश्क़ भरी ये दुनिया है, रंग लाती हर छांव,तेरे लबों की मुस्कान से जगमगाती हैं सारी रात।उन क़दमों की आहट से उठती हैं धूप की बौछार,तेरे लबों की...

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वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैं। By Mohit Rajak

वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैं।वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैटेक्नोलॉजी के जमाने में बचपन गायब हो रहा हैबचपन में सुनते थे दादी नानी से कहानी्तोतलाती जबान से बातें करते थे सयान...

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इश्क़ के नग़मे: रंगीन मोहब्बत की कहानी By बैरागी दिलीप दास

भाग 1इश्क़ के नग़मे: रंगीन मोहब्बत की कहानीउम्र भर यादें लिए चले आए,दिल के तारों पे सजी हर रात लाए।आँखों में छाया था तेरा चेहरा,दिल के किनारों पे हर बार रहा।मुहब्बत की नग़मों का सफ...

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प्यार का सफर: अल्फ़ाज़ों की यात्रा By बैरागी दिलीप दास

भाग 1प्यार का सफर: अल्फ़ाज़ों की यात्राजीने का नशा है प्यार की यात्रा,अल्फ़ाज़ों की दुनिया, मोहब्बत की कहानी।हर दिल की धड़कन में बसता है अरमान,जैसे मंदिर में बसती है दीपक की ज्योति...

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दिल की बाते तुम्हारी याद मे - 3 By Anju Kumari

╥────────────━╰─⊰╮पूछते है वो हम से इस आंचल में क्या बांध रखा है,,हम भी कहते हैं तेरे जैसे एक दीवाना पागल बांध रखा है,,....╭─⊰╯╨────────────━╭─•••••••अंजू कुमारी••••• ╨───,,,,,,,,─...

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मोहब्बत की आहटें: इश्क़ के जज़्बात By बैरागी दिलीप दास

भाग 1मोहब्बत की आहटें सुनो,इश्क़ के जज़्बात,दिल की धड़कनों का राज़, ये आवाज़ दिल से आती है।जब रूह सरहदें पार करके खो जाती है,वही आहटें इश्क़ की दिलों में समाती हैं।प्यार की सदियों...

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दिल के तराने: प्यार के बोल By बैरागी दिलीप दास

भाग 1दिल के तराने लिखूँ आज,प्यार के बोल आज सुनाऊँ।ज़माना ये रंगीनी ले रहा है,मेरी ज़िंदगी को आज मैं बताऊँ।प्यार के बोल हैं जड़ी तार,बिना कहे भी सब कुछ समझ जाते हैं।दिल के तराने बिख...

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तू मंज़िल मैं मुसाफिर By swapnil pande

एक रोज़ मंज़िल अपने राही से खुद मिलने जा पहुँची भटके हुए राही से नाराज़, मंज़िल ने कहा....   मैं मंज़िल तू मुसाफिर क्यूँ हो गया है काफ़िर जवाब दे मेरे सवालों का हिसाब दे बीते सालों...

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तेरे ख़्वाबों के सिलसिले: उम्मीद और दर्द की कहानी By बैरागी दिलीप दास

भाग 1तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,उम्मीद और दर्द की कहानी।जब रात ढलती है,और चाँद निकलता है,तेरी यादों की हवा,मेरे दिल को छू जाती है।ख्वाबों की दुनिया में,बस तू है मेरी रौशनी,पर रात चाँ...

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अल्फ़ाज़ दिल के संग: इश्क़ की राहें By बैरागी दिलीप दास

भाग 1 इश्क़ की राहें: सुकून और बेचैनी के दरमियाँइश्क़ की राहें, रौशनी की बाहें,सुकून और बेचैनी के दरमियाँ।मैंने ढूंढ़ा था ख़ुद को तेरे आगे,पाया है सिर्फ़ तेरे दीवानेपन के बाद।खो गय...

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क्या लिखूं खूद के बारे में By Pari Boricha

क्या लिखूं खूद के बारे में कैसे लिखूं खूद के बारे में अभी तो आधा भी नहीं जानती हूँ मैं खूद कि, सच में,मैं क्या हूँ ?मैं कैसी हूँ और क्या है मुझमें ...और क्या लिखूं खूद के बारे में...

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लाचार बाप.... By Lotus

ये कहानी लिखते समय मेरी आखों मेंसिर्फ़ आसू थे... हिम्मत हो ही नही रही थी...Lotus.एक बेबस बाप खुदकुशी से पहले अपनी बेटी सेखत के ज़रिए कुछ कह जाता हैंदफन थी वो इस सीने में दर्द मै अप...

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अक्स By Vivek Upadhyay

सोचा लिखूं कुछ तुम्हारी खूबसूरती पे , शब्द और एहसास पिरो के मोती से ,  तुम्हारी ये आँखें जैसे जुगनू टिमटिमाये ,  रात के अँधेरे में जगमगाती रौशनी के साये , तुम्हारी हंसी में हैं वो...

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मां की दुआ By बैरागी दिलीप दास

हर दर्द की एक ही दवा , मां की दुआ , मां की दुआ ।                      हर दर्द की एक ही दवा ,                      मां की दुआ , मां की दुआ ।। (1) सिर पर जो रख दे, हाथ प्यार से तो ,...

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अनाहिता By DINESH KUMAR KEER

गाँव बेचकर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है।जीवन के उल्लास बेच के, खरीदी हमने तन्हाई है।। बेचा है ईमान धरम तब, घर में शानो शौकत आई है।संतोष बेच तृष्णा खरीदी, देखो कितनी मंहगाई है।। बीघ...

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तेरे होठों की सिगरेट .... By Vyas Dhara

"तेरे होठों कि सिगरेट ...... "तेरे हाठो की सिगरेट....काश में तेरे होठों की सिगरेट होती, तुम प्यार से मुझे यु होंठों से लगाते ।तुम मुझे होंठों से लगाते और मैं धुवां बनके तुझमें मिल...

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नोटबुक के पन्ने ..... By Vyas Dhara

नोटबुक के पन्ने .....हर एक नोटबुक के पन्नों पर कुछ ना कुछ खास लिखा है। हमने भी तो तुझे उन खास अल्फाजों से कुछ ना कुछ कहा है ।ऐसे मैंने तुझे हर नोटबुक के पन्नों पर लिखा है। ऐसे मैंन...

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रात साक्षी है - प्रकरण 6 By Dr. Suryapal Singh

‘रात साक्षी है’ (छह खंड) ‌ ‌ दीप लौ थके उनींद वैदेही सुत कुश शय्या पर लेटे । बर्हिजगत ने चुपके-चुपके अपने जाल समेटेभरी नींद में भी कब कैसे इदम् कहीं चुप होता ? निंदियारी उर्वर आँखो...

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खण्‍डकाव्‍य रत्‍नावली - 18 - अंतिम भाग By ramgopal bhavuk

खण्‍डकाव्‍य रत्‍नावली 18  खण्‍डकाव्‍य    श्री रामगोपाल  के उपन्‍यास ‘’रत्‍नावली’’ का भावानुवाद     रचयिता :- अनन्‍त राम गुप्‍त बल्‍ला का डेरा, झांसी रोड़ भवभूति नगर (डबरा) जि. ग्‍व...

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यादों के कारवां में - भाग 13 By Dr Yogendra Kumar Pandey

अध्याय 13 यादों के कारवां में43. ये शाम हमारी हैहरेक की शाम सुनहरी होती हैउसकी अपनी होती है,दिन भर के सफर, संघर्ष ,परिश्रम के बाद;ज्ञान के लिएरोटी के लिए अपनी संतुष्टि के लिएऔर,संघ...

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आहिस्ता चल ए ज़िंदगी! By PRAWIN

दोस्तो, ये कविता का नाम है.... आहिस्ता चल ए जिंदगी, अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है ।हर बात ये कविता मुझे भी यही बात याद कराती है की थोड़ा जिंदगी की रफ्तार इस हिसाब से रखे क्योंकी Ultim...

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पता ही नही चला । By PRAWIN

दोस्तो किसी शायर ने बखूब ही लिखा है.... ना जाने कहा खर्च हो गए वो लम्हें, जो बचा कर रखे थे मैंने जीने के लिए।Fix Deposits में, Saving Accounts में हम पैसा जरूर बचा कर रखते है की बा...

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हर सांस पे मेरी By बैरागी दिलीप दास

(१)माँ तू ने सबकुछ दिया हमें,तेरे बिना जग सुना सा था।आंसू तेरे ही थे मेरे,हर सांस में बस तू ही समाई।तेरी जागीर बस मेरी जिंदगी ,मेरे आगे तेरे लिए संसार कुछ भी नहींतू जीवन का आधार थी...

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में और मेरे अहसास - 81 By Dr Darshita Babubhai Shah

सोच रहा हूँ किस और जिन्दगी ले जा रही हैक्या चैन और सुकून की साँस भी पा रहीं हैं चले जाने वाले मुड़कर कभी भी नहीं लौटातेउदासी रात और दिनों की नींदे खा रहीं हैं तन्हाइयों में इस लिए...

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दो पल की राहत में By बैरागी दिलीप दास

(1)दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को,दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को।ज़िंदगी के रंग बदले, फूल खिलें या मुरझायें,प्यार का आगाज़ हर पल नया सवेरा ले आयें।मुस्कानों की...

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बेटियाँ.. By Pari Boricha

घर की लक्ष्मी होती हैं बेटियाँ घर-आँगन की रंगोली होती है बेटियाँ परिवार के चेहरे की मुस्कान होती हैं बेटियाँ बेटियों से ही घर की रोनक होती है क्योकि,घर का उजाला होती है बेटियाँ ......

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तेरे लबों की मुस्कान: इश्क़ के राज़ By बैरागी दिलीप दास

भाग 1तेरे लबों की मुस्कान: इश्क़ के राज़इश्क़ भरी ये दुनिया है, रंग लाती हर छांव,तेरे लबों की मुस्कान से जगमगाती हैं सारी रात।उन क़दमों की आहट से उठती हैं धूप की बौछार,तेरे लबों की...

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वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैं। By Mohit Rajak

वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैं।वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैटेक्नोलॉजी के जमाने में बचपन गायब हो रहा हैबचपन में सुनते थे दादी नानी से कहानी्तोतलाती जबान से बातें करते थे सयान...

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इश्क़ के नग़मे: रंगीन मोहब्बत की कहानी By बैरागी दिलीप दास

भाग 1इश्क़ के नग़मे: रंगीन मोहब्बत की कहानीउम्र भर यादें लिए चले आए,दिल के तारों पे सजी हर रात लाए।आँखों में छाया था तेरा चेहरा,दिल के किनारों पे हर बार रहा।मुहब्बत की नग़मों का सफ...

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प्यार का सफर: अल्फ़ाज़ों की यात्रा By बैरागी दिलीप दास

भाग 1प्यार का सफर: अल्फ़ाज़ों की यात्राजीने का नशा है प्यार की यात्रा,अल्फ़ाज़ों की दुनिया, मोहब्बत की कहानी।हर दिल की धड़कन में बसता है अरमान,जैसे मंदिर में बसती है दीपक की ज्योति...

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दिल की बाते तुम्हारी याद मे - 3 By Anju Kumari

╥────────────━╰─⊰╮पूछते है वो हम से इस आंचल में क्या बांध रखा है,,हम भी कहते हैं तेरे जैसे एक दीवाना पागल बांध रखा है,,....╭─⊰╯╨────────────━╭─•••••••अंजू कुमारी••••• ╨───,,,,,,,,─...

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मोहब्बत की आहटें: इश्क़ के जज़्बात By बैरागी दिलीप दास

भाग 1मोहब्बत की आहटें सुनो,इश्क़ के जज़्बात,दिल की धड़कनों का राज़, ये आवाज़ दिल से आती है।जब रूह सरहदें पार करके खो जाती है,वही आहटें इश्क़ की दिलों में समाती हैं।प्यार की सदियों...

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दिल के तराने: प्यार के बोल By बैरागी दिलीप दास

भाग 1दिल के तराने लिखूँ आज,प्यार के बोल आज सुनाऊँ।ज़माना ये रंगीनी ले रहा है,मेरी ज़िंदगी को आज मैं बताऊँ।प्यार के बोल हैं जड़ी तार,बिना कहे भी सब कुछ समझ जाते हैं।दिल के तराने बिख...

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तू मंज़िल मैं मुसाफिर By swapnil pande

एक रोज़ मंज़िल अपने राही से खुद मिलने जा पहुँची भटके हुए राही से नाराज़, मंज़िल ने कहा....   मैं मंज़िल तू मुसाफिर क्यूँ हो गया है काफ़िर जवाब दे मेरे सवालों का हिसाब दे बीते सालों...

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तेरे ख़्वाबों के सिलसिले: उम्मीद और दर्द की कहानी By बैरागी दिलीप दास

भाग 1तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,उम्मीद और दर्द की कहानी।जब रात ढलती है,और चाँद निकलता है,तेरी यादों की हवा,मेरे दिल को छू जाती है।ख्वाबों की दुनिया में,बस तू है मेरी रौशनी,पर रात चाँ...

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अल्फ़ाज़ दिल के संग: इश्क़ की राहें By बैरागी दिलीप दास

भाग 1 इश्क़ की राहें: सुकून और बेचैनी के दरमियाँइश्क़ की राहें, रौशनी की बाहें,सुकून और बेचैनी के दरमियाँ।मैंने ढूंढ़ा था ख़ुद को तेरे आगे,पाया है सिर्फ़ तेरे दीवानेपन के बाद।खो गय...

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क्या लिखूं खूद के बारे में By Pari Boricha

क्या लिखूं खूद के बारे में कैसे लिखूं खूद के बारे में अभी तो आधा भी नहीं जानती हूँ मैं खूद कि, सच में,मैं क्या हूँ ?मैं कैसी हूँ और क्या है मुझमें ...और क्या लिखूं खूद के बारे में...

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लाचार बाप.... By Lotus

ये कहानी लिखते समय मेरी आखों मेंसिर्फ़ आसू थे... हिम्मत हो ही नही रही थी...Lotus.एक बेबस बाप खुदकुशी से पहले अपनी बेटी सेखत के ज़रिए कुछ कह जाता हैंदफन थी वो इस सीने में दर्द मै अप...

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अक्स By Vivek Upadhyay

सोचा लिखूं कुछ तुम्हारी खूबसूरती पे , शब्द और एहसास पिरो के मोती से ,  तुम्हारी ये आँखें जैसे जुगनू टिमटिमाये ,  रात के अँधेरे में जगमगाती रौशनी के साये , तुम्हारी हंसी में हैं वो...

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मां की दुआ By बैरागी दिलीप दास

हर दर्द की एक ही दवा , मां की दुआ , मां की दुआ ।                      हर दर्द की एक ही दवा ,                      मां की दुआ , मां की दुआ ।। (1) सिर पर जो रख दे, हाथ प्यार से तो ,...

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अनाहिता By DINESH KUMAR KEER

गाँव बेचकर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है।जीवन के उल्लास बेच के, खरीदी हमने तन्हाई है।। बेचा है ईमान धरम तब, घर में शानो शौकत आई है।संतोष बेच तृष्णा खरीदी, देखो कितनी मंहगाई है।। बीघ...

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तेरे होठों की सिगरेट .... By Vyas Dhara

"तेरे होठों कि सिगरेट ...... "तेरे हाठो की सिगरेट....काश में तेरे होठों की सिगरेट होती, तुम प्यार से मुझे यु होंठों से लगाते ।तुम मुझे होंठों से लगाते और मैं धुवां बनके तुझमें मिल...

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नोटबुक के पन्ने ..... By Vyas Dhara

नोटबुक के पन्ने .....हर एक नोटबुक के पन्नों पर कुछ ना कुछ खास लिखा है। हमने भी तो तुझे उन खास अल्फाजों से कुछ ना कुछ कहा है ।ऐसे मैंने तुझे हर नोटबुक के पन्नों पर लिखा है। ऐसे मैंन...

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रात साक्षी है - प्रकरण 6 By Dr. Suryapal Singh

‘रात साक्षी है’ (छह खंड) ‌ ‌ दीप लौ थके उनींद वैदेही सुत कुश शय्या पर लेटे । बर्हिजगत ने चुपके-चुपके अपने जाल समेटेभरी नींद में भी कब कैसे इदम् कहीं चुप होता ? निंदियारी उर्वर आँखो...

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खण्‍डकाव्‍य रत्‍नावली - 18 - अंतिम भाग By ramgopal bhavuk

खण्‍डकाव्‍य रत्‍नावली 18  खण्‍डकाव्‍य    श्री रामगोपाल  के उपन्‍यास ‘’रत्‍नावली’’ का भावानुवाद     रचयिता :- अनन्‍त राम गुप्‍त बल्‍ला का डेरा, झांसी रोड़ भवभूति नगर (डबरा) जि. ग्‍व...

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यादों के कारवां में - भाग 13 By Dr Yogendra Kumar Pandey

अध्याय 13 यादों के कारवां में43. ये शाम हमारी हैहरेक की शाम सुनहरी होती हैउसकी अपनी होती है,दिन भर के सफर, संघर्ष ,परिश्रम के बाद;ज्ञान के लिएरोटी के लिए अपनी संतुष्टि के लिएऔर,संघ...

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आहिस्ता चल ए ज़िंदगी! By PRAWIN

दोस्तो, ये कविता का नाम है.... आहिस्ता चल ए जिंदगी, अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है ।हर बात ये कविता मुझे भी यही बात याद कराती है की थोड़ा जिंदगी की रफ्तार इस हिसाब से रखे क्योंकी Ultim...

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पता ही नही चला । By PRAWIN

दोस्तो किसी शायर ने बखूब ही लिखा है.... ना जाने कहा खर्च हो गए वो लम्हें, जो बचा कर रखे थे मैंने जीने के लिए।Fix Deposits में, Saving Accounts में हम पैसा जरूर बचा कर रखते है की बा...

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