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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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गुलदस्ता - 4 By Madhavi Marathe

गुलदस्ता - ४   २० खुले मैदान में जब बिजली चमकी तब होश गवाँकर मैं उसे देखतेही रह गई क्या उसका बाज चापल्य से किया हुआ चकाचोंध शुभ्रता का साज तेज रफ्तार गती की प्रचंड ताकत अनाहत नाद क...

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में और मेरे अहसास - 85 By Darshita Babubhai Shah

रेत का महल बसाया था l खूबसूरत आशियाना था ll   साथ साथ जीने के लिए l अरमानो से सजाया था ll   देखने वाले भी रश्क करे l बड़े चाव से सँवारा था ll   मुहब्बत की निशानी में...

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मुक्त हो जाना चाहा मैने By Suman Kumavat

हाँ.. मुक्त हो जाना चाहा मैने सारे स्नेह बंधनो से अपने ही बनाये तमाम घेरो से और तुम्हारे बनाये मर्यादा की चौखटों से मुक्त होकर उड़ जाना चाहती हूँ धुंए की तरह दूर आसमान के अनाम कोनो...

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कविता संग्रह By DINESH KUMAR KEER

1 बिछड़न......... जब अगले साल यही वक़्त आ रहा होगा... ये कौन जानता है कौन किस जगह होगा... तू मेरे सामने बैठा है और मैं सोचता हूँ... के आते लम्हों में जीना भी इक सज़ा होगा... यही जगह...

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शैलेन्द्र बुधौलिया की कवितायेँ - 7 By शैलेंद्र् बुधौलिया

    दोहा   होरी के हुड़दंग में सब यैसे हुरयात ऊँच नीच छोटे बड़े आपस में मिलजात   एक दूजे को परस्पर जब हम रंग लगात मूठा देत गुलाल कौ भेदभाव मिट जात   भुला ईर...

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हम तो सोच रहे थे भैया अब अच्छे दिन आएंगे By शैलेंद्र् बुधौलिया

हमको यह मालूम नहीं था एक  दिन हम पछताएंगे ! हम तो सोच रहे थे भैया अब अच्छे दिन आएंगे !!   मुझको यह मालूम नहीं था, ऐसे भी दिन आएंगे ! सच्चाई पर चलते चलते, एक दिन हम पछताएंगे !!   वह...

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गज़ल By pradeep Kumar Tripathi

हमारी ग़जल है हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगाउनसे तो कह दो की बस आईएगा हमारा है जिक्र और हमारा रहेगाआप का जो आए तो मुकर जाईएगा हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगाउनसे तो कह दो की बस आईएग...

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शब्द नहीं एहसास है - 2 By Shruti Sharma

----- आज भी इन्तेज़ार है -----जो सबको मिल जाता है अक्सर बचपन में उस दोस्त का मुझे आज भी इन्तेज़ार है। स्कूल में जो तुम्हारे साथ बैठेसाथ आए और साथ घर जाएजो जी भर तुमसे बातें करें और...

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घूंघट काये उघारें, ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें By शैलेंद्र् बुधौलिया

बुन्देली कविता    घूंघट काये  उघारें ! ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें!  रूखे बार कजर बिन अखियां भीतर सें मन मारें!  ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें!  कैसीं हो अनमनी तुम्हाई सूरत पै हैरानी ,...

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शैलेन्द्र बुधौलिया के दोहे By शैलेंद्र् बुधौलिया

भारत से लाहौर भई बस सेवा प्रारंभ ! ख़ुद खों ऊंचों जान के भओ  नवाज़ को दंभ !! 18 उत लाहौरी लाल सें  मिलो अटल को हाथ ! इतें कारगिल में करी घुसपैठिन ने घात !!    19 पुंज बटालिक कारगिल ह...

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साहब बदले हैं दलाल नहीं बदला है ! By शैलेंद्र् बुधौलिया

साहब बदले हैं दलाल नहीं बदला है !   किस साल बदला है मेरा हाल नहीं बदला है , सीता सागर या तरणताल नहीं बदला है ! दिल्ली- पंजाब में जाकर के कोई देखे , सिर्फ बदली है दुकान माल नहीं बदल...

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धीरू भाई अम्बानी By शैलेंद्र् बुधौलिया

                                               धीरू भाई अम्बानी को समर्पित धरती पे  धन के धुरंधर थे  धीरुभाई  धन धाम धरम  धरा पे  छोड़ के  गए!  धीरे-धीरे धीरज से धन जो कमाया था वो...

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हरिवंश राय बच्चन द्वारा अमिताभ बच्चन By शैलेंद्र् बुधौलिया

                                            हरिवंश राय बच्चन जी को समर्पित सुत को 'सरस्वती' ने स्वयं सिखाये शब्द शब्द-शब्द में स्वरूप सत्य का समा गये! पुण्य से 'प्रताप' के प्रवर्तक...

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दतिया गौरव गान By शैलेंद्र् बुधौलिया

दतिया गौरव गान   (1)   सुनो सुनों दतिया का गौरव गान सुनो, इसमें बसता सच्चा हिन्दुस्तान सुनो यहां सिंघ की निर्मल धारा नित कल कल करती है ये सनक, सनंदन, सनत् सनातन की पावन धरती है सर्...

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एकांत By शैलेंद्र् बुधौलिया

।।।  एकांत ।।।     (1)                      ..................   सब ने देखा फूल सा खिलता सदा जिसका बदन । कोई क्या जाने कि वह कैसे जिया एकांत में ।।   जिन लवों की बात सुन सब खिलखिला...

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प्यार की कविताएँ: रातों की कहानी By बैरागी दिलीप दास

भाग 1 चाँदनी रातों में छाया एक सपना,प्यार की कहानी जगमगाती है यहाँ।एक बेहद खूबसूरत तस्वीर बनाती है,प्यार की कविताएँ यहाँ बहाती हैं।हर रात जब रातों की गहराई छाती है,दिल की धड़कनों क...

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हर सांस पे मेरी By बैरागी दिलीप दास

(१)माँ तू ने सबकुछ दिया हमें,तेरे बिना जग सुना सा था।आंसू तेरे ही थे मेरे,हर सांस में बस तू ही समाई।तेरी जागीर बस मेरी जिंदगी ,मेरे आगे तेरे लिए संसार कुछ भी नहींतू जीवन का आधार थी...

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दो पल की राहत में By बैरागी दिलीप दास

(1)दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को,दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को।ज़िंदगी के रंग बदले, फूल खिलें या मुरझायें,प्यार का आगाज़ हर पल नया सवेरा ले आयें।मुस्कानों की...

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तेरे लबों की मुस्कान: इश्क़ के राज़ By बैरागी दिलीप दास

भाग 1तेरे लबों की मुस्कान: इश्क़ के राज़इश्क़ भरी ये दुनिया है, रंग लाती हर छांव,तेरे लबों की मुस्कान से जगमगाती हैं सारी रात।उन क़दमों की आहट से उठती हैं धूप की बौछार,तेरे लबों की...

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बेटियाँ.. By Pari Boricha

घर की लक्ष्मी होती हैं बेटियाँ घर-आँगन की रंगोली होती है बेटियाँ परिवार के चेहरे की मुस्कान होती हैं बेटियाँ बेटियों से ही घर की रोनक होती है क्योकि,घर का उजाला होती है बेटियाँ ......

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वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैं। By Mohit Rajak

वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैं।वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैटेक्नोलॉजी के जमाने में बचपन गायब हो रहा हैबचपन में सुनते थे दादी नानी से कहानी्तोतलाती जबान से बातें करते थे सयान...

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इश्क़ के नग़मे: रंगीन मोहब्बत की कहानी By बैरागी दिलीप दास

भाग 1इश्क़ के नग़मे: रंगीन मोहब्बत की कहानीउम्र भर यादें लिए चले आए,दिल के तारों पे सजी हर रात लाए।आँखों में छाया था तेरा चेहरा,दिल के किनारों पे हर बार रहा।मुहब्बत की नग़मों का सफ...

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प्यार का सफर: अल्फ़ाज़ों की यात्रा By बैरागी दिलीप दास

भाग 1प्यार का सफर: अल्फ़ाज़ों की यात्राजीने का नशा है प्यार की यात्रा,अल्फ़ाज़ों की दुनिया, मोहब्बत की कहानी।हर दिल की धड़कन में बसता है अरमान,जैसे मंदिर में बसती है दीपक की ज्योति...

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मोहब्बत की आहटें: इश्क़ के जज़्बात By बैरागी दिलीप दास

भाग 1मोहब्बत की आहटें सुनो,इश्क़ के जज़्बात,दिल की धड़कनों का राज़, ये आवाज़ दिल से आती है।जब रूह सरहदें पार करके खो जाती है,वही आहटें इश्क़ की दिलों में समाती हैं।प्यार की सदियों...

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दिल की बाते तुम्हारी याद मे - 3 By Anju Kumari

╥────────────━╰─⊰╮पूछते है वो हम से इस आंचल में क्या बांध रखा है,,हम भी कहते हैं तेरे जैसे एक दीवाना पागल बांध रखा है,,....╭─⊰╯╨────────────━╭─•••••••अंजू कुमारी••••• ╨───,,,,,,,,─...

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दिल के तराने: प्यार के बोल By बैरागी दिलीप दास

भाग 1दिल के तराने लिखूँ आज,प्यार के बोल आज सुनाऊँ।ज़माना ये रंगीनी ले रहा है,मेरी ज़िंदगी को आज मैं बताऊँ।प्यार के बोल हैं जड़ी तार,बिना कहे भी सब कुछ समझ जाते हैं।दिल के तराने बिख...

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तेरे ख़्वाबों के सिलसिले: उम्मीद और दर्द की कहानी By बैरागी दिलीप दास

भाग 1तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,उम्मीद और दर्द की कहानी।जब रात ढलती है,और चाँद निकलता है,तेरी यादों की हवा,मेरे दिल को छू जाती है।ख्वाबों की दुनिया में,बस तू है मेरी रौशनी,पर रात चाँ...

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तू मंज़िल मैं मुसाफिर By swapnil pande

एक रोज़ मंज़िल अपने राही से खुद मिलने जा पहुँची भटके हुए राही से नाराज़, मंज़िल ने कहा....   मैं मंज़िल तू मुसाफिर क्यूँ हो गया है काफ़िर जवाब दे मेरे सवालों का हिसाब दे बीते सालों...

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अल्फ़ाज़ दिल के संग: इश्क़ की राहें By बैरागी दिलीप दास

भाग 1 इश्क़ की राहें: सुकून और बेचैनी के दरमियाँइश्क़ की राहें, रौशनी की बाहें,सुकून और बेचैनी के दरमियाँ।मैंने ढूंढ़ा था ख़ुद को तेरे आगे,पाया है सिर्फ़ तेरे दीवानेपन के बाद।खो गय...

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क्या लिखूं खूद के बारे में By Pari Boricha

क्या लिखूं खूद के बारे में कैसे लिखूं खूद के बारे में अभी तो आधा भी नहीं जानती हूँ मैं खूद कि, सच में,मैं क्या हूँ ?मैं कैसी हूँ और क्या है मुझमें ...और क्या लिखूं खूद के बारे में...

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लाचार बाप.... By Lotus

ये कहानी लिखते समय मेरी आखों मेंसिर्फ़ आसू थे... हिम्मत हो ही नही रही थी...Lotus.एक बेबस बाप खुदकुशी से पहले अपनी बेटी सेखत के ज़रिए कुछ कह जाता हैंदफन थी वो इस सीने में दर्द मै अप...

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अक्स By Vivek Upadhyay

सोचा लिखूं कुछ तुम्हारी खूबसूरती पे , शब्द और एहसास पिरो के मोती से ,  तुम्हारी ये आँखें जैसे जुगनू टिमटिमाये ,  रात के अँधेरे में जगमगाती रौशनी के साये , तुम्हारी हंसी में हैं वो...

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मां की दुआ By बैरागी दिलीप दास

हर दर्द की एक ही दवा , मां की दुआ , मां की दुआ ।                      हर दर्द की एक ही दवा ,                      मां की दुआ , मां की दुआ ।। (1) सिर पर जो रख दे, हाथ प्यार से तो ,...

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गुलदस्ता - 4 By Madhavi Marathe

गुलदस्ता - ४   २० खुले मैदान में जब बिजली चमकी तब होश गवाँकर मैं उसे देखतेही रह गई क्या उसका बाज चापल्य से किया हुआ चकाचोंध शुभ्रता का साज तेज रफ्तार गती की प्रचंड ताकत अनाहत नाद क...

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में और मेरे अहसास - 85 By Darshita Babubhai Shah

रेत का महल बसाया था l खूबसूरत आशियाना था ll   साथ साथ जीने के लिए l अरमानो से सजाया था ll   देखने वाले भी रश्क करे l बड़े चाव से सँवारा था ll   मुहब्बत की निशानी में...

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मुक्त हो जाना चाहा मैने By Suman Kumavat

हाँ.. मुक्त हो जाना चाहा मैने सारे स्नेह बंधनो से अपने ही बनाये तमाम घेरो से और तुम्हारे बनाये मर्यादा की चौखटों से मुक्त होकर उड़ जाना चाहती हूँ धुंए की तरह दूर आसमान के अनाम कोनो...

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कविता संग्रह By DINESH KUMAR KEER

1 बिछड़न......... जब अगले साल यही वक़्त आ रहा होगा... ये कौन जानता है कौन किस जगह होगा... तू मेरे सामने बैठा है और मैं सोचता हूँ... के आते लम्हों में जीना भी इक सज़ा होगा... यही जगह...

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शैलेन्द्र बुधौलिया की कवितायेँ - 7 By शैलेंद्र् बुधौलिया

    दोहा   होरी के हुड़दंग में सब यैसे हुरयात ऊँच नीच छोटे बड़े आपस में मिलजात   एक दूजे को परस्पर जब हम रंग लगात मूठा देत गुलाल कौ भेदभाव मिट जात   भुला ईर...

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हम तो सोच रहे थे भैया अब अच्छे दिन आएंगे By शैलेंद्र् बुधौलिया

हमको यह मालूम नहीं था एक  दिन हम पछताएंगे ! हम तो सोच रहे थे भैया अब अच्छे दिन आएंगे !!   मुझको यह मालूम नहीं था, ऐसे भी दिन आएंगे ! सच्चाई पर चलते चलते, एक दिन हम पछताएंगे !!   वह...

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गज़ल By pradeep Kumar Tripathi

हमारी ग़जल है हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगाउनसे तो कह दो की बस आईएगा हमारा है जिक्र और हमारा रहेगाआप का जो आए तो मुकर जाईएगा हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगाउनसे तो कह दो की बस आईएग...

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शब्द नहीं एहसास है - 2 By Shruti Sharma

----- आज भी इन्तेज़ार है -----जो सबको मिल जाता है अक्सर बचपन में उस दोस्त का मुझे आज भी इन्तेज़ार है। स्कूल में जो तुम्हारे साथ बैठेसाथ आए और साथ घर जाएजो जी भर तुमसे बातें करें और...

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घूंघट काये उघारें, ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें By शैलेंद्र् बुधौलिया

बुन्देली कविता    घूंघट काये  उघारें ! ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें!  रूखे बार कजर बिन अखियां भीतर सें मन मारें!  ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें!  कैसीं हो अनमनी तुम्हाई सूरत पै हैरानी ,...

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शैलेन्द्र बुधौलिया के दोहे By शैलेंद्र् बुधौलिया

भारत से लाहौर भई बस सेवा प्रारंभ ! ख़ुद खों ऊंचों जान के भओ  नवाज़ को दंभ !! 18 उत लाहौरी लाल सें  मिलो अटल को हाथ ! इतें कारगिल में करी घुसपैठिन ने घात !!    19 पुंज बटालिक कारगिल ह...

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साहब बदले हैं दलाल नहीं बदला है ! By शैलेंद्र् बुधौलिया

साहब बदले हैं दलाल नहीं बदला है !   किस साल बदला है मेरा हाल नहीं बदला है , सीता सागर या तरणताल नहीं बदला है ! दिल्ली- पंजाब में जाकर के कोई देखे , सिर्फ बदली है दुकान माल नहीं बदल...

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धीरू भाई अम्बानी By शैलेंद्र् बुधौलिया

                                               धीरू भाई अम्बानी को समर्पित धरती पे  धन के धुरंधर थे  धीरुभाई  धन धाम धरम  धरा पे  छोड़ के  गए!  धीरे-धीरे धीरज से धन जो कमाया था वो...

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हरिवंश राय बच्चन द्वारा अमिताभ बच्चन By शैलेंद्र् बुधौलिया

                                            हरिवंश राय बच्चन जी को समर्पित सुत को 'सरस्वती' ने स्वयं सिखाये शब्द शब्द-शब्द में स्वरूप सत्य का समा गये! पुण्य से 'प्रताप' के प्रवर्तक...

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दतिया गौरव गान By शैलेंद्र् बुधौलिया

दतिया गौरव गान   (1)   सुनो सुनों दतिया का गौरव गान सुनो, इसमें बसता सच्चा हिन्दुस्तान सुनो यहां सिंघ की निर्मल धारा नित कल कल करती है ये सनक, सनंदन, सनत् सनातन की पावन धरती है सर्...

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एकांत By शैलेंद्र् बुधौलिया

।।।  एकांत ।।।     (1)                      ..................   सब ने देखा फूल सा खिलता सदा जिसका बदन । कोई क्या जाने कि वह कैसे जिया एकांत में ।।   जिन लवों की बात सुन सब खिलखिला...

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प्यार की कविताएँ: रातों की कहानी By बैरागी दिलीप दास

भाग 1 चाँदनी रातों में छाया एक सपना,प्यार की कहानी जगमगाती है यहाँ।एक बेहद खूबसूरत तस्वीर बनाती है,प्यार की कविताएँ यहाँ बहाती हैं।हर रात जब रातों की गहराई छाती है,दिल की धड़कनों क...

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हर सांस पे मेरी By बैरागी दिलीप दास

(१)माँ तू ने सबकुछ दिया हमें,तेरे बिना जग सुना सा था।आंसू तेरे ही थे मेरे,हर सांस में बस तू ही समाई।तेरी जागीर बस मेरी जिंदगी ,मेरे आगे तेरे लिए संसार कुछ भी नहींतू जीवन का आधार थी...

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दो पल की राहत में By बैरागी दिलीप दास

(1)दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को,दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को।ज़िंदगी के रंग बदले, फूल खिलें या मुरझायें,प्यार का आगाज़ हर पल नया सवेरा ले आयें।मुस्कानों की...

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तेरे लबों की मुस्कान: इश्क़ के राज़ By बैरागी दिलीप दास

भाग 1तेरे लबों की मुस्कान: इश्क़ के राज़इश्क़ भरी ये दुनिया है, रंग लाती हर छांव,तेरे लबों की मुस्कान से जगमगाती हैं सारी रात।उन क़दमों की आहट से उठती हैं धूप की बौछार,तेरे लबों की...

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बेटियाँ.. By Pari Boricha

घर की लक्ष्मी होती हैं बेटियाँ घर-आँगन की रंगोली होती है बेटियाँ परिवार के चेहरे की मुस्कान होती हैं बेटियाँ बेटियों से ही घर की रोनक होती है क्योकि,घर का उजाला होती है बेटियाँ ......

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वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैं। By Mohit Rajak

वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैं।वक्त गुजर रहा है बचपन बदल रहा हैटेक्नोलॉजी के जमाने में बचपन गायब हो रहा हैबचपन में सुनते थे दादी नानी से कहानी्तोतलाती जबान से बातें करते थे सयान...

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इश्क़ के नग़मे: रंगीन मोहब्बत की कहानी By बैरागी दिलीप दास

भाग 1इश्क़ के नग़मे: रंगीन मोहब्बत की कहानीउम्र भर यादें लिए चले आए,दिल के तारों पे सजी हर रात लाए।आँखों में छाया था तेरा चेहरा,दिल के किनारों पे हर बार रहा।मुहब्बत की नग़मों का सफ...

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प्यार का सफर: अल्फ़ाज़ों की यात्रा By बैरागी दिलीप दास

भाग 1प्यार का सफर: अल्फ़ाज़ों की यात्राजीने का नशा है प्यार की यात्रा,अल्फ़ाज़ों की दुनिया, मोहब्बत की कहानी।हर दिल की धड़कन में बसता है अरमान,जैसे मंदिर में बसती है दीपक की ज्योति...

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मोहब्बत की आहटें: इश्क़ के जज़्बात By बैरागी दिलीप दास

भाग 1मोहब्बत की आहटें सुनो,इश्क़ के जज़्बात,दिल की धड़कनों का राज़, ये आवाज़ दिल से आती है।जब रूह सरहदें पार करके खो जाती है,वही आहटें इश्क़ की दिलों में समाती हैं।प्यार की सदियों...

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दिल की बाते तुम्हारी याद मे - 3 By Anju Kumari

╥────────────━╰─⊰╮पूछते है वो हम से इस आंचल में क्या बांध रखा है,,हम भी कहते हैं तेरे जैसे एक दीवाना पागल बांध रखा है,,....╭─⊰╯╨────────────━╭─•••••••अंजू कुमारी••••• ╨───,,,,,,,,─...

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दिल के तराने: प्यार के बोल By बैरागी दिलीप दास

भाग 1दिल के तराने लिखूँ आज,प्यार के बोल आज सुनाऊँ।ज़माना ये रंगीनी ले रहा है,मेरी ज़िंदगी को आज मैं बताऊँ।प्यार के बोल हैं जड़ी तार,बिना कहे भी सब कुछ समझ जाते हैं।दिल के तराने बिख...

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तेरे ख़्वाबों के सिलसिले: उम्मीद और दर्द की कहानी By बैरागी दिलीप दास

भाग 1तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,उम्मीद और दर्द की कहानी।जब रात ढलती है,और चाँद निकलता है,तेरी यादों की हवा,मेरे दिल को छू जाती है।ख्वाबों की दुनिया में,बस तू है मेरी रौशनी,पर रात चाँ...

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तू मंज़िल मैं मुसाफिर By swapnil pande

एक रोज़ मंज़िल अपने राही से खुद मिलने जा पहुँची भटके हुए राही से नाराज़, मंज़िल ने कहा....   मैं मंज़िल तू मुसाफिर क्यूँ हो गया है काफ़िर जवाब दे मेरे सवालों का हिसाब दे बीते सालों...

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अल्फ़ाज़ दिल के संग: इश्क़ की राहें By बैरागी दिलीप दास

भाग 1 इश्क़ की राहें: सुकून और बेचैनी के दरमियाँइश्क़ की राहें, रौशनी की बाहें,सुकून और बेचैनी के दरमियाँ।मैंने ढूंढ़ा था ख़ुद को तेरे आगे,पाया है सिर्फ़ तेरे दीवानेपन के बाद।खो गय...

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क्या लिखूं खूद के बारे में By Pari Boricha

क्या लिखूं खूद के बारे में कैसे लिखूं खूद के बारे में अभी तो आधा भी नहीं जानती हूँ मैं खूद कि, सच में,मैं क्या हूँ ?मैं कैसी हूँ और क्या है मुझमें ...और क्या लिखूं खूद के बारे में...

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लाचार बाप.... By Lotus

ये कहानी लिखते समय मेरी आखों मेंसिर्फ़ आसू थे... हिम्मत हो ही नही रही थी...Lotus.एक बेबस बाप खुदकुशी से पहले अपनी बेटी सेखत के ज़रिए कुछ कह जाता हैंदफन थी वो इस सीने में दर्द मै अप...

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अक्स By Vivek Upadhyay

सोचा लिखूं कुछ तुम्हारी खूबसूरती पे , शब्द और एहसास पिरो के मोती से ,  तुम्हारी ये आँखें जैसे जुगनू टिमटिमाये ,  रात के अँधेरे में जगमगाती रौशनी के साये , तुम्हारी हंसी में हैं वो...

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मां की दुआ By बैरागी दिलीप दास

हर दर्द की एक ही दवा , मां की दुआ , मां की दुआ ।                      हर दर्द की एक ही दवा ,                      मां की दुआ , मां की दुआ ।। (1) सिर पर जो रख दे, हाथ प्यार से तो ,...

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