hindi Best Poems Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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  • तृष्णा

    मेरे हर वजूद को उसने बेरहमी से तोड़ा है,ताउम्र जिसको मैंने बड़े ही प्यार से जोड़...

  • फिर सुनना मुझे

    अमन बिक रहे हैं अमन बिक रहे हैं , चमन बिक रहे हैं । लाशों से लेकर कपन बिक रहे है...

  • धुँधली तस्वीरें

    1)ऐसा ज़रूरी नहीं, राह का हर व्यक्ति हँस कर मिलें, कोई गले मिलकर, थोड़ा सा रो दे...

ग़ज़ल, शेर - 3 By Kota Rajdeep

मिले तो होगी फ़िर वोही बात जुदाई किइससे अच्छा हैं ये दिन ऐसे ही बसर होने दें।___Rajdeep Kotaदेर तक रात में करवटें बदलना याद हैंहमें अब तक वो वाकियात याद हैं।___Rajdeep Kotaदेर तक र...

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मे और मेरे अह्सास - 4 By Darshita Babubhai Shah

मे और मेरे अह्सास (4) सफर मे चल पड़े है lयकी है हमे पहचानमिल ही जाएगी ll *** गर तू वादा करता है lकि तू ताउम्र खुश रहेगा lतेरे लिए टेड़ी बननामुजे ताउम्र मंजूर है ll *** दिल की धड़कन...

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गलती तो ये थी कि तुमसे दिल लगाया था....। By Akshay jain

सोच रहा था कि, दिल लगाकर कोई गलती तो नहीं की मैने,मगर गलती तो ये थी, कि मैंने तुमसे दिल लगाया था।।??दिल तो मैने दिल से ही लगाया था, पर तुम्हारा दिल उसे समझ नहीं पाया था।पर, तुम्हें...

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मौलिक शेर - 3 By Deepak Bundela AryMoulik

ये बिछड़ना भी किस काम का रहा ना हम काम के रहे ना तुम काम के रहे... !------------जब से वो अनजान क्या हुए हम तो बेजान से हो गये... !--------------चलो ये भी इलज़ाम मान लेते हैं वे बफा त...

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तृष्णा By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

मेरे हर वजूद को उसने बेरहमी से तोड़ा है,ताउम्र जिसको मैंने बड़े ही प्यार से जोड़ा है।******* ****** ******* ******** *******इश्क हो रहा है उनसे क्या किया जाए ???रोकें अपने आप को य...

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फिर सुनना मुझे By Dr Narendra Shukl

अमन बिक रहे हैं अमन बिक रहे हैं , चमन बिक रहे हैं । लाशों से लेकर कपन बिक रहे हैं ।। म्ंत्रियों को देखा है खुले आम बिकते दारोगा, वकील भी हो रहे नंगे मार ले डुबकी ... हर - हर गंगे ।...

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धुँधली तस्वीरें By Vinay Tiwari

1)ऐसा ज़रूरी नहीं, राह का हर व्यक्ति हँस कर मिलें, कोई गले मिलकर, थोड़ा सा रो दें, और कुछ न कहें। यहाँ पर वो ख़ुशियाँ हर वक़्त क़िस्मत में ना भी मिलें, मगर कोई साथ चलकर हिम्मत देने...

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ख़ामोश प्यार। By Nimisha

लो समय आ गया बिछड़ने काकर न सके हम कुछ अपनी बात।गई शाम आ गया प्रभात फैली अरूणिम आभा चहुं ओर। स्वर्णमय हो गया संसारऐसे सुंंदर अवसर परलो समय आ गया बिछुड़ने का।पहल कभी न की मैंनेम...

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ओस की बूंदें - मुक्तक संग्रह By Amrita shukla

फूल खिला है उस महक से जान लेते हैं।कदमों की आहट से कहाँ अन्जान रहते हैं।जबसे तेरा अक्स दिल में उतर आया है ,आंखें बंद हो तो भी तुम्हें पहचान लेते हैं। ***तुमने देखा...

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उस बुजुर्ग की दीवाली By Tarkeshwer Kumar

जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई हैं मृत्यु, पर उससे भी कटु सत्य हैं वृद्धावस्था। एक कविता के माध्यम से मैंने बुज़ुर्गों के प्रति अपने कर्तव्यों को और इस अवस्था में उनके भावों को समाज तक प...

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ख़ामोश लफ्ज़ By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

हादसों से ही हमारी पहचान बनती है,बिना दर्द के छवि कहां आसान बनती है।******* ****** ******* ****** *******उछलता है कोई घाव मुझ में लहर बनकर,पता तो करो किसने दिया है रूह बनकर।******...

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बेबस आंखें By Dr Narendra Shukl

बेबस आंखें सब कुछ , देखती हैं आंखें - प्रियतम का इंतज़ार करती प्रेमिका को मीनार शिखर पर बांग देते हये पवित्र मौलवी को भीख मांगते , मासूम बच्चों को आत्महत्या करते गरीब अन्नदाताओं क...

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संकलन By Nikita

वो चर-चर में है, है वो अचर में भीवो कण-कण में है, है वो गगन में भीवो विधाता है संपूर्ण संसार का,है वो मनुष्य मन में भी??? ।। धन्यवाद ।।परमेश्वर को धन्यवाद कर, मैं, निकिता राजपूत अप...

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मेरी अधूरी प्रेमकहानी By अर्चना यादव

आँखों से निकलते हैं आँसूजब याद आती है तेरी हर बाततू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।वो जिद तेरी कि गर्लफ्रेण्ड बन जाओवो इनकार मेरा कि नहीं अभी रुक जाओथोड़ा समय दो एक दूसरे...

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महाकाल मेरा By Uhugvvuv Uguh8uhu

अब तो तु ही है मनझील मेरीऔर तु ही तो है सहारा मेरा....तेरे सीवा अपनाना कोइ था,ना कोइ है,और अब तो ना ही कोइ रहेगा मेरा....मेरी हर एक मुसीबत मे सीर्फ तुने ही थामा और सीर्फ तु ही थामे...

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असरार.. By Karishma Varlani

1). आरज़ू ...हूँ मदहोश सरहोश आज बेहोंश हूँ कहीं हूँ खामोश पर मन्द ही मन्द कुछ कहती हूँ अभीसोचती हूँ लौट आऊँ ,लौट आऊँ तेरे करीब वहींवहीं जहां तू रहता है बसता है मेरा प्यार अब भी मुझम...

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बेनाम लफ्ज़ By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

नमस्कार दोस्तो,ये मेरी कुछ शायरी और नज़्म है। आप इसे एकबार पढ़े और आपका मंतव्य मुझे जरूर दे ताकि मै और अच्छी नज़्म लिखने का प्रयास करता रहूं ।...

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क्या स्त्री होना गुनाह हैं By सीमा कपूर

मेरी एक छोटी सी कविता स्त्रियों पर आधारित है ईश्वर ने उन्हें बनाया है जिस प्रकार से वह केवल उसी प्रकार से रहना ही पसंद करती हैं परंतु समाज के अव गुणों के कारण कितना कुछ सहन करती ह...

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मेरी शेरों-शायरी By Rajesh Kumar

1.तुम्हें देखे कोई और,मेरे दिल में,जलना वाजिब है।कैसे बताऊं तुम्हें मेरे दिल पर,तेरा राज काबिज़ है। 2.मत पूंछो मेरी उड़ान कहाँ तक...

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शेरो-शायरी By Rajashree Nemade

माँ के लिए १.वक्त ने भी क्या हसी सितम कर दिया, दुसरो के सामने हमे नजरे झुकाना सिखा दिया, पहले तो हम कभी ऐसे ना थे, लेकीन इस समय ने हमे बदलना सिखा दिया । २. आपमे कुछ अलग बात है,...

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माँ मैं तेरा कर्ज़दार हूँ By Tarkeshwer Kumar

माँ, ये जो शब्द हैं ये अपने आप में ही पूरा संसार हैं,मानो इस शब्द के उच्चारण मात्र से मन्न, जीभा, आत्मा, पवित्र हो जाते हैं, कभी आंखें मूंद के मन्न में माँ को याद कर के एकांत में "...

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अतरंगी ज़िन्दगी... By Karishma Varlani

1). राहें......है चाह राहगीर को राह खत्म हो जाने कीहै चाह राहगीर को मन्ज़िल पाने कीराह में थका वो राहगीर देखता है बस एक बूंद उस पानी को ,जिससे आस है उसे अपनी प्यास बुझ जाने की ,होगी...

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बेटियों के दरिंदे By Tarkeshwer Kumar

एक कविता बेटियों के नाम करना चाहूंगा,आजकल की जो घटनाएं हो रहीं हैं हमें उसके खिलाफ आवाज उठाना ही होगा,हमें बेटियों की रक्षा इन्न दरिंदो से करनी ही होगी वरना बेटियां एक डर की जिंदगी...

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कवितायें By Ved Prakash Tyagi

मेरा गाँव कहीं खो गया सुंदर ताल, तलैया, बाग,सरोवर, बीच बसा था गाँव मनोहर। हर जाति के लोग बसे थे, बंटे हुए थे सबके काम। सब दिन भर मेहनत करते, रात में करते थे आराम, खेती करता था कि...

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मेरी कविताएं By Rajesh Kumar

1.लिखता हूँ, डरता हूँ, डर डर कर लिखता हूँ।लिखने से पहले, हर बात समझता हूँ।इस अमोघ शस्त्र लेखनी से, हर बात सही तो लिखता हूँ।फिर मैं क्यों डरता हूँ?लिखता हूँ, डरता हूँ,डर डर के लिखता...

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जीवन पर 8 कविताएँ By ALOK SHARMA

दुनिया इतनी सरल नही दुनिया इतनी सरल नही जो नज़र आये अक्सर नए राही को दूर के ही डोल सुहाए बड़ो की बातों का अब वो सम्मान रहा कहाँउल्टी ज़ुबाँ कैंची जैसी, माँ-बाप को सिखाएदर्द तो होगा ही...

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शायरी - 4 By pradeep Kumar Tripathi

कोई इश्क की खातिर मेरे दिल को झिझोड़ रखा हैदिल से पूंछा तो पता चला वो रिश्ता हीं हमसे तोड़ रखा हैतुम कहो तो ज़िन्दगी को गला देता हूंउससे तुम्हारे लिए एक रुमाल बना देता हूंमैं जीते...

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कभी सोचा न था - १ By महेश रौतेला

कभी सोचा न था१.अकेला हूँअकेला हूँशव में,श्मशान मेंशिव मेंतीर्थ में,तीर्थाटन मेंतथागत की भाँति,आँधी में,अँधियारे मेंधूप में,धूल मेंराह में,राह से आगे।अकेलाधुँध की भाँतिकोहरे की तरह,...

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कचहरी - शांति की पुकार By Ajay Amitabh Suman

(1)शांति की पुकारये कविता गौतम बुद्ध द्वारा अपने शिष्य महाकाश्यप को बुद्धत्व की प्राप्ति की घटना पर आधारित है। ये घटना अपने आपमें इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि गौतम बुद्ध ने बिना क...

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जब रक्षक भक्षक बन जाएं By Ajay Amitabh Suman

(१) जब रक्षक भक्षक बन जाए तुम्हें चाहिए क्या आजादी , सबपे रोब जमाने की , यदि कोई तुझपे तन जाए , तो क्या बन्दुक चलाने की ? ये शोर शराबा कैसा है ,क्या प्रस्तुति अभिव्यक्ति की ?...

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तमन्ना है By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

नमस्कार मित्रो, हिंदी में कविता लिखने का ये मेरा पहला प्रयास है, हो सकता है कि इसमें कुछ कमिया भी हो,कुछ शब्द की गलतियां भी हो ।आप इसे पढ़कर आपके प्रतिभाव और सुचन दे जिसस...

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खबर By Ajay Amitabh Suman

इस प्रस्तुति में मैंने अपनी तीन कविताओं को सम्मिलित किया है . ये तीनों कवितायेँ मुख्यतः व्ययंग धारा की हैं . पहली कविता इस बात को दृष्टि गोचित करती है कि अख़बार जिस तरह के व्यक्तियो...

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नार, तू उठा हथियार By Namita Gupta

॥। नारी अब तू उठा हथियार ॥नारी ! अब तू उठा हथियार , अब जो करे तुझ पर अत्याचार। यहां नहीं है कोई तेरा, जो तुझे बचा पाएगा, वासना की आग में तप कर, सहज निवाला बनाएगा ।उसकी हवस के आगे अ...

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माँ : एक गाथा - भाग - 3 By Ajay Amitabh Suman

ये माँ एक गाथा का तीसरा भाग है . इस भाग में माँ और शिशु के बीच छोटी छोटी घटनाओं को दर्शाया गया है . यदा कदा भूखी रह जाती,पर बच्चे की क्षुधा बुझाती ,पीड़ा हो पर है मुस्काती ,नहीं क...

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कविताएँ ज़िन्दगी की, ज़िन्दगी से By Shubham Maheshwari

The poem for every day life...official language is Hindi...

I shubham maheshwari well known as shubham36 on wattpad...i am here with my most precious poems for you.

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प्रभु तू मेरे बस की बात नहीं है By Ajay Amitabh Suman

मैं यहाँ पे तीन कविताओं को प्रस्तुत कर रहा हूँ (1) प्रभु तू मेरे बस की बात नहीं हैं (2) जग में डग का डगमग होना ,जग से है अवकाश नहीं और (3) मैंने भी देखा एक कुत्ता. (1) प्रभु तू म...

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गज़ल By pradeep Kumar Tripathi

देखें हैं मैंने कल एक चिराग की ताकत।रोशनी ने इसके कई अफ़सर बना दिया।।मन्दिर है दिल इसमें रोशनी खुदा है।कर्मो ने किसी को राम तो किसीको रावण बना दिया।।मेरी जिंदगी मुझसे डरती जा रही ह...

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ना मौजूदगी By HeemaShree “Radhe"

ना - मौजूदगीखाली नहीं है नामौजूदगी तेरी, ये भरी हुई है तेरी याद से, तुझसे की थी मैंने हर उस बात से... जाना भरी हुई है ना मौजूदगी तेरी, किनारों तक तेरे एहसास से... इस कमरे का जो ये...

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'श्वेत' का प्यार By Dhaval Jansari

प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता, ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता, दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की उस के बिना जिया नहीं जा सकता. तू नहीं और भी है मैखाने इस ज़माने मै, तेरी...

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ऐ हवा सुन जरा.. By pradeep Kumar Tripathi

1. ऐ हवा सुन जरा....ऐ हवा सुन जरा आ इधर से चलें।रास्ते में खड़ा एक शक्स है जरा आ इधर से चलें।।ऐ हवा सुन जरा....हांथ में है लिये वो प्रेम का दिया आ इधर से चलें।बुझ न जाए प्रेम के उस...

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तेरे नाम ज़िन्दगी की थी By अर्चना यादव

मैंने की थी मोहब्बत तूने दिल्लगी की थी तूने खेल खेला था मेरे साथ औ मैंने तेरे नाम ज़िन्दगी की थी।। लोग प्यार करते है औ एक दूजे के साथ रहते हैं प्रियतम को छूकर उसके होने का अहसास कर...

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रात और दिन की संधि By Seema Saxena

If there are images in this attachment, they will not be displayed. Download the original attachmentसीमा असीम की कवितायें ०९५५७९२९३६५ संग्रह की कवितायेँ अँधेरी रात में सोचती हू...

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ग़ज़ल, शेर - 3 By Kota Rajdeep

मिले तो होगी फ़िर वोही बात जुदाई किइससे अच्छा हैं ये दिन ऐसे ही बसर होने दें।___Rajdeep Kotaदेर तक रात में करवटें बदलना याद हैंहमें अब तक वो वाकियात याद हैं।___Rajdeep Kotaदेर तक र...

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मे और मेरे अह्सास - 4 By Darshita Babubhai Shah

मे और मेरे अह्सास (4) सफर मे चल पड़े है lयकी है हमे पहचानमिल ही जाएगी ll *** गर तू वादा करता है lकि तू ताउम्र खुश रहेगा lतेरे लिए टेड़ी बननामुजे ताउम्र मंजूर है ll *** दिल की धड़कन...

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गलती तो ये थी कि तुमसे दिल लगाया था....। By Akshay jain

सोच रहा था कि, दिल लगाकर कोई गलती तो नहीं की मैने,मगर गलती तो ये थी, कि मैंने तुमसे दिल लगाया था।।??दिल तो मैने दिल से ही लगाया था, पर तुम्हारा दिल उसे समझ नहीं पाया था।पर, तुम्हें...

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मौलिक शेर - 3 By Deepak Bundela AryMoulik

ये बिछड़ना भी किस काम का रहा ना हम काम के रहे ना तुम काम के रहे... !------------जब से वो अनजान क्या हुए हम तो बेजान से हो गये... !--------------चलो ये भी इलज़ाम मान लेते हैं वे बफा त...

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तृष्णा By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

मेरे हर वजूद को उसने बेरहमी से तोड़ा है,ताउम्र जिसको मैंने बड़े ही प्यार से जोड़ा है।******* ****** ******* ******** *******इश्क हो रहा है उनसे क्या किया जाए ???रोकें अपने आप को य...

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फिर सुनना मुझे By Dr Narendra Shukl

अमन बिक रहे हैं अमन बिक रहे हैं , चमन बिक रहे हैं । लाशों से लेकर कपन बिक रहे हैं ।। म्ंत्रियों को देखा है खुले आम बिकते दारोगा, वकील भी हो रहे नंगे मार ले डुबकी ... हर - हर गंगे ।...

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धुँधली तस्वीरें By Vinay Tiwari

1)ऐसा ज़रूरी नहीं, राह का हर व्यक्ति हँस कर मिलें, कोई गले मिलकर, थोड़ा सा रो दें, और कुछ न कहें। यहाँ पर वो ख़ुशियाँ हर वक़्त क़िस्मत में ना भी मिलें, मगर कोई साथ चलकर हिम्मत देने...

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ख़ामोश प्यार। By Nimisha

लो समय आ गया बिछड़ने काकर न सके हम कुछ अपनी बात।गई शाम आ गया प्रभात फैली अरूणिम आभा चहुं ओर। स्वर्णमय हो गया संसारऐसे सुंंदर अवसर परलो समय आ गया बिछुड़ने का।पहल कभी न की मैंनेम...

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ओस की बूंदें - मुक्तक संग्रह By Amrita shukla

फूल खिला है उस महक से जान लेते हैं।कदमों की आहट से कहाँ अन्जान रहते हैं।जबसे तेरा अक्स दिल में उतर आया है ,आंखें बंद हो तो भी तुम्हें पहचान लेते हैं। ***तुमने देखा...

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उस बुजुर्ग की दीवाली By Tarkeshwer Kumar

जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई हैं मृत्यु, पर उससे भी कटु सत्य हैं वृद्धावस्था। एक कविता के माध्यम से मैंने बुज़ुर्गों के प्रति अपने कर्तव्यों को और इस अवस्था में उनके भावों को समाज तक प...

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ख़ामोश लफ्ज़ By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

हादसों से ही हमारी पहचान बनती है,बिना दर्द के छवि कहां आसान बनती है।******* ****** ******* ****** *******उछलता है कोई घाव मुझ में लहर बनकर,पता तो करो किसने दिया है रूह बनकर।******...

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बेबस आंखें By Dr Narendra Shukl

बेबस आंखें सब कुछ , देखती हैं आंखें - प्रियतम का इंतज़ार करती प्रेमिका को मीनार शिखर पर बांग देते हये पवित्र मौलवी को भीख मांगते , मासूम बच्चों को आत्महत्या करते गरीब अन्नदाताओं क...

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संकलन By Nikita

वो चर-चर में है, है वो अचर में भीवो कण-कण में है, है वो गगन में भीवो विधाता है संपूर्ण संसार का,है वो मनुष्य मन में भी??? ।। धन्यवाद ।।परमेश्वर को धन्यवाद कर, मैं, निकिता राजपूत अप...

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मेरी अधूरी प्रेमकहानी By अर्चना यादव

आँखों से निकलते हैं आँसूजब याद आती है तेरी हर बाततू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।वो जिद तेरी कि गर्लफ्रेण्ड बन जाओवो इनकार मेरा कि नहीं अभी रुक जाओथोड़ा समय दो एक दूसरे...

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महाकाल मेरा By Uhugvvuv Uguh8uhu

अब तो तु ही है मनझील मेरीऔर तु ही तो है सहारा मेरा....तेरे सीवा अपनाना कोइ था,ना कोइ है,और अब तो ना ही कोइ रहेगा मेरा....मेरी हर एक मुसीबत मे सीर्फ तुने ही थामा और सीर्फ तु ही थामे...

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असरार.. By Karishma Varlani

1). आरज़ू ...हूँ मदहोश सरहोश आज बेहोंश हूँ कहीं हूँ खामोश पर मन्द ही मन्द कुछ कहती हूँ अभीसोचती हूँ लौट आऊँ ,लौट आऊँ तेरे करीब वहींवहीं जहां तू रहता है बसता है मेरा प्यार अब भी मुझम...

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बेनाम लफ्ज़ By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

नमस्कार दोस्तो,ये मेरी कुछ शायरी और नज़्म है। आप इसे एकबार पढ़े और आपका मंतव्य मुझे जरूर दे ताकि मै और अच्छी नज़्म लिखने का प्रयास करता रहूं ।...

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क्या स्त्री होना गुनाह हैं By सीमा कपूर

मेरी एक छोटी सी कविता स्त्रियों पर आधारित है ईश्वर ने उन्हें बनाया है जिस प्रकार से वह केवल उसी प्रकार से रहना ही पसंद करती हैं परंतु समाज के अव गुणों के कारण कितना कुछ सहन करती ह...

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मेरी शेरों-शायरी By Rajesh Kumar

1.तुम्हें देखे कोई और,मेरे दिल में,जलना वाजिब है।कैसे बताऊं तुम्हें मेरे दिल पर,तेरा राज काबिज़ है। 2.मत पूंछो मेरी उड़ान कहाँ तक...

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शेरो-शायरी By Rajashree Nemade

माँ के लिए १.वक्त ने भी क्या हसी सितम कर दिया, दुसरो के सामने हमे नजरे झुकाना सिखा दिया, पहले तो हम कभी ऐसे ना थे, लेकीन इस समय ने हमे बदलना सिखा दिया । २. आपमे कुछ अलग बात है,...

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माँ मैं तेरा कर्ज़दार हूँ By Tarkeshwer Kumar

माँ, ये जो शब्द हैं ये अपने आप में ही पूरा संसार हैं,मानो इस शब्द के उच्चारण मात्र से मन्न, जीभा, आत्मा, पवित्र हो जाते हैं, कभी आंखें मूंद के मन्न में माँ को याद कर के एकांत में "...

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अतरंगी ज़िन्दगी... By Karishma Varlani

1). राहें......है चाह राहगीर को राह खत्म हो जाने कीहै चाह राहगीर को मन्ज़िल पाने कीराह में थका वो राहगीर देखता है बस एक बूंद उस पानी को ,जिससे आस है उसे अपनी प्यास बुझ जाने की ,होगी...

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बेटियों के दरिंदे By Tarkeshwer Kumar

एक कविता बेटियों के नाम करना चाहूंगा,आजकल की जो घटनाएं हो रहीं हैं हमें उसके खिलाफ आवाज उठाना ही होगा,हमें बेटियों की रक्षा इन्न दरिंदो से करनी ही होगी वरना बेटियां एक डर की जिंदगी...

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कवितायें By Ved Prakash Tyagi

मेरा गाँव कहीं खो गया सुंदर ताल, तलैया, बाग,सरोवर, बीच बसा था गाँव मनोहर। हर जाति के लोग बसे थे, बंटे हुए थे सबके काम। सब दिन भर मेहनत करते, रात में करते थे आराम, खेती करता था कि...

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मेरी कविताएं By Rajesh Kumar

1.लिखता हूँ, डरता हूँ, डर डर कर लिखता हूँ।लिखने से पहले, हर बात समझता हूँ।इस अमोघ शस्त्र लेखनी से, हर बात सही तो लिखता हूँ।फिर मैं क्यों डरता हूँ?लिखता हूँ, डरता हूँ,डर डर के लिखता...

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जीवन पर 8 कविताएँ By ALOK SHARMA

दुनिया इतनी सरल नही दुनिया इतनी सरल नही जो नज़र आये अक्सर नए राही को दूर के ही डोल सुहाए बड़ो की बातों का अब वो सम्मान रहा कहाँउल्टी ज़ुबाँ कैंची जैसी, माँ-बाप को सिखाएदर्द तो होगा ही...

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शायरी - 4 By pradeep Kumar Tripathi

कोई इश्क की खातिर मेरे दिल को झिझोड़ रखा हैदिल से पूंछा तो पता चला वो रिश्ता हीं हमसे तोड़ रखा हैतुम कहो तो ज़िन्दगी को गला देता हूंउससे तुम्हारे लिए एक रुमाल बना देता हूंमैं जीते...

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कभी सोचा न था - १ By महेश रौतेला

कभी सोचा न था१.अकेला हूँअकेला हूँशव में,श्मशान मेंशिव मेंतीर्थ में,तीर्थाटन मेंतथागत की भाँति,आँधी में,अँधियारे मेंधूप में,धूल मेंराह में,राह से आगे।अकेलाधुँध की भाँतिकोहरे की तरह,...

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कचहरी - शांति की पुकार By Ajay Amitabh Suman

(1)शांति की पुकारये कविता गौतम बुद्ध द्वारा अपने शिष्य महाकाश्यप को बुद्धत्व की प्राप्ति की घटना पर आधारित है। ये घटना अपने आपमें इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि गौतम बुद्ध ने बिना क...

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जब रक्षक भक्षक बन जाएं By Ajay Amitabh Suman

(१) जब रक्षक भक्षक बन जाए तुम्हें चाहिए क्या आजादी , सबपे रोब जमाने की , यदि कोई तुझपे तन जाए , तो क्या बन्दुक चलाने की ? ये शोर शराबा कैसा है ,क्या प्रस्तुति अभिव्यक्ति की ?...

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तमन्ना है By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

नमस्कार मित्रो, हिंदी में कविता लिखने का ये मेरा पहला प्रयास है, हो सकता है कि इसमें कुछ कमिया भी हो,कुछ शब्द की गलतियां भी हो ।आप इसे पढ़कर आपके प्रतिभाव और सुचन दे जिसस...

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खबर By Ajay Amitabh Suman

इस प्रस्तुति में मैंने अपनी तीन कविताओं को सम्मिलित किया है . ये तीनों कवितायेँ मुख्यतः व्ययंग धारा की हैं . पहली कविता इस बात को दृष्टि गोचित करती है कि अख़बार जिस तरह के व्यक्तियो...

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नार, तू उठा हथियार By Namita Gupta

॥। नारी अब तू उठा हथियार ॥नारी ! अब तू उठा हथियार , अब जो करे तुझ पर अत्याचार। यहां नहीं है कोई तेरा, जो तुझे बचा पाएगा, वासना की आग में तप कर, सहज निवाला बनाएगा ।उसकी हवस के आगे अ...

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माँ : एक गाथा - भाग - 3 By Ajay Amitabh Suman

ये माँ एक गाथा का तीसरा भाग है . इस भाग में माँ और शिशु के बीच छोटी छोटी घटनाओं को दर्शाया गया है . यदा कदा भूखी रह जाती,पर बच्चे की क्षुधा बुझाती ,पीड़ा हो पर है मुस्काती ,नहीं क...

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कविताएँ ज़िन्दगी की, ज़िन्दगी से By Shubham Maheshwari

The poem for every day life...official language is Hindi...

I shubham maheshwari well known as shubham36 on wattpad...i am here with my most precious poems for you.

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प्रभु तू मेरे बस की बात नहीं है By Ajay Amitabh Suman

मैं यहाँ पे तीन कविताओं को प्रस्तुत कर रहा हूँ (1) प्रभु तू मेरे बस की बात नहीं हैं (2) जग में डग का डगमग होना ,जग से है अवकाश नहीं और (3) मैंने भी देखा एक कुत्ता. (1) प्रभु तू म...

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गज़ल By pradeep Kumar Tripathi

देखें हैं मैंने कल एक चिराग की ताकत।रोशनी ने इसके कई अफ़सर बना दिया।।मन्दिर है दिल इसमें रोशनी खुदा है।कर्मो ने किसी को राम तो किसीको रावण बना दिया।।मेरी जिंदगी मुझसे डरती जा रही ह...

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ना मौजूदगी By HeemaShree “Radhe"

ना - मौजूदगीखाली नहीं है नामौजूदगी तेरी, ये भरी हुई है तेरी याद से, तुझसे की थी मैंने हर उस बात से... जाना भरी हुई है ना मौजूदगी तेरी, किनारों तक तेरे एहसास से... इस कमरे का जो ये...

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'श्वेत' का प्यार By Dhaval Jansari

प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता, ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता, दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की उस के बिना जिया नहीं जा सकता. तू नहीं और भी है मैखाने इस ज़माने मै, तेरी...

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ऐ हवा सुन जरा.. By pradeep Kumar Tripathi

1. ऐ हवा सुन जरा....ऐ हवा सुन जरा आ इधर से चलें।रास्ते में खड़ा एक शक्स है जरा आ इधर से चलें।।ऐ हवा सुन जरा....हांथ में है लिये वो प्रेम का दिया आ इधर से चलें।बुझ न जाए प्रेम के उस...

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तेरे नाम ज़िन्दगी की थी By अर्चना यादव

मैंने की थी मोहब्बत तूने दिल्लगी की थी तूने खेल खेला था मेरे साथ औ मैंने तेरे नाम ज़िन्दगी की थी।। लोग प्यार करते है औ एक दूजे के साथ रहते हैं प्रियतम को छूकर उसके होने का अहसास कर...

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रात और दिन की संधि By Seema Saxena

If there are images in this attachment, they will not be displayed. Download the original attachmentसीमा असीम की कवितायें ०९५५७९२९३६५ संग्रह की कवितायेँ अँधेरी रात में सोचती हू...

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