hindi Best Poems Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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एक कप शायरी... By Gadhavi Prince

प्रस्तावना:ये किताब मेरी कुछ रचनाओं का संकलन हे,ओर मुजे आसा हे की आप मेरी रचनाओं को पसंद करेंगे, मेरी प्रस्तावना पढ़ कर ये मत सोचिएगा की मे कोइ पंडित नुमा लेखक हु। मे साहित्य में रु...

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प्रकृति - Dilwali kudi की कलम से। By Aziz

*न जाने मानव जात ने क्या करने की ठानी है।*स्वार्थ के इस खेल में हुआ मानव अभिमानी है,इस प्रकृति को मानव पहोचा रहा क्यू हानि है;न जाने मानव जात ने क्या करने की ठानी है।जो चाहिए स्वच्...

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कविता - प्रेरक कविता By Karan Somani

"सपनो की जिंदगी " (क्या मे कर बैठा )ये खूबसूरत ज़िन्दगी हे मेरी बन गया मे गुलाम उसका भूल गया जीना मे इसको खो बैठा फिर मिली नही वो ज़िन्दगी, चा...

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लोगो का तो काम हैं बोलना By SARWAT FATMI

लोगो का काम हैं बोलना हमारा काम हैं चलना लोगो का क्या आज आप पर बोले कल दूसरे पर ये तो दस्तूर हैं ज़माने का इस बात पर दिल दुखाया मत करो मैं तेरा आज हूँ और तेरा ही रहूँगा कभी मेरे निग...

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कुन्ती... By Trisha R S

(एक छोटा सा प्रयास हैं किसी ऐसी माँ की व्यथा को वर्णित करने का जिसने अपने परिवार की मान मर्यादा के लिए अपनेी मम्मता को विसर्जित कर दिया। फिर उसपर समाज और स्वयं ही उसका पुत्र उसपर...

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बाजार By Ajay Amitabh Suman

1.बाजार झूठ हीं फैलाना कि,सच हीं में यकीनन,कैसी कैसी बारीकियाँ बाजार के साथ।औकात पे नजर हैं जज्बात बेअसर हैं ,शतरंजी चाल बाजियाँ करार के साथ। दास्ताने क़ुसूर दिखा के क्या मिलेगा,छिप...

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मे और मेरे अह्सास - 9 By Darshita Babubhai Shah

मे और मेरे अह्सास भाग - ९ बहाना ना बनाना दूर जाने के लिये lचले जाना गर जाना चाहो शोख से ll ******** चले जाना था तो बताकर जाते lफिरसे प्यार थोड़ा जताकर जाते ll ******** सितारे थे यह...

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मेरे लफ़्ज़ मेरी कहानी - 2 By Monika kakodia

अल्फ़ाज़ जो हर पल अपने से लगते हैं , जज़्बात जो महसूस होते हैं

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लाल पलाश By Yasho Vardhan Ojha

(भोजपुरी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक बड़े भूभाग में बोली जाने वाली भाषा है। तीन कविताओं के बाद एक पटनहिया और अंत में भोजपुरी की एक कविता सुधी पाठकों के लिए नीचे संकलित हैं।)...

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भारत ना कभी हारा था, ना कभी हारेगा By जगदीप सिंह मान दीप

"भारत ना कभी हारा था ना कभी हारेगा"कोरोना से लड़ने की जब भारत ने ठानी थी,मैंने भी लिखी कविता, जो याद जुबानी थी।कोरोना तेरा जन्म हुआ चीन में, बना नाइन्टीन में,धीरे से पहुँचा इटली,...

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खुशी By Karan Somani

जीवन की भागमभाग होड़ में खुशी का कोई ठिकाना ना रहा इंसान जीवन के संपूर्ण खुशी के लिए उन मुसाफिरों की दौड़ में लग गया जहां इस संसार की दौड़ ना कभी खत्म होती है और ना कभी रुकती है|...

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माँ: एक गाथा - भाग - 4 By Ajay Amitabh Suman

जब भी बालक निकले घर से,काजल दही टीका कर सर पे,अपनी सारी दुआओं को,चौखट तक छोड़ आती है,धरती पे माँ कहलाती है।फिर ऐसा होता एक क्षण में,दुलारे को सज्ज कर रण में,खुद हीं लड़ जाने को तत्तप...

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मेरा इरादा न था । By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

नमस्ते दोस्तो, ये हिंदी में मेरा दूसरा प्रयास है। पहले प्रयास में की गई क्षतिया और गलतियां सुधारने की कोशिश की है । फ़िर भी मुझे से कोई भूल हो मुझे बताए। आपके प्रतिभाव...

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कविता संग्रह By S Sinha

कविता संग्रह 1 . कविता -- भारत की नारी मैं आधुनिक भारत की नारी हूँ अबला न समझना मुझको मैं 'तुलसी ' की नहीं वो नारी जो थी सकल ताड़ना की अधिकारी और न व...

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सिर्फ तुम.. - 2 By Sarita Sharma

दिन बीत रहे हैं बोझिल से,मेरे हर दिन के,हर हिस्सों मे तुम सुर्ख़ियों में हो,मैं गुमनाम कहीं खोयी हूं,गुमनामी के अंधेरों में..तुम मशहूर हो रहे हो,मेरी दुनिया के बाज़ारो में..मैं हर दि...

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यहां उनका भी दिल जोड़ दो By Shivraj Anand

जिनके दिल टूटे हैं चलते कदम थमे हैं,वो जीना जानते हैं |ना जख्मों को सीना जानते हैं ||तुम उन्हें भी अपना लो |प्यारे तुममेरी बात मान विश्व बंधुत्व का भाव लेकर,जन- जन से बैर भाव छोड...

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कोरोना दूर भगाएँ हम By Ajay Amitabh Suman

अपनी इस प्रस्तुति में मैंने अपनी उन कविताओं को शामिल किया है जो कोरोना महामारी के कारण देश मे जो परिस्थितियाँ बनी हैं, उन कारण पैदा हुई हैं। उम्मीद करता हूँ हम इन विषम परिस्थितिय...

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गीतमाला ( हमारा देश और हमारी संस्कृति ) भाग 1 By Rajneesh Kumar Singh

हिन्द के निवासी अति वीर तनु धारी, धीर,ज्ञानी,बलिदानी अरु परउपकारी हैं!! तप, शोध, साधना से लोक कल्याण हेतु, त्याग के शरीर निज अस्थियां भी वारी हैं!!...

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कुछ ना करो By Yasho Vardhan Ojha

पटनहिया पंक्तियां (बिहार की राजधानी पटना का पूर्वी हिस्सा पटना सिटी के नाम से जाना जाता है। पटना जंक्शन से १० किलोमीटर दूर पटना सिटी स्टेशन है जिसे अब तख्त श्री हरमंदिर साह...

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इन्तजार By Kishanlal Sharma

दूरबहुतचला आया हूंतुझसेलेकिनअकेला नहीं आयातेरी यादेंअपनेसाथ लाया हूूंदूरबहुतचला आया हूंतुझसेसीमा परखडा होता हूूंजबदेश का प्रहरीबनकरदूरजहां तकनजर जाती हैरेगिस्तान मेकोई नजर नही आतास...

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महाराणा प्रताप भाग-(१) - परिचय व खानवा का युद्घ । By Suman Lata Singh

प्रथम नमन माँ शारदे,करो कंठ में वास ।कृपा-दृष्टि करो दीन पर,कर दो तम का नाश ।।है विघ्न- विनाशी,गणनायक,गौरीसुत मुझ पर दृृष्टि करो ।फूले ना फसल कभी तम की,ऐसी .प्रकाश की वृष्टि करो ।...

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ज़िन्दगी गले लगा ले तू By Mukteshwar Prasad Singh

जिन्दगी गले लगा ले तूख़ामोशी के आग़ोश में समाती दुनियाँ कहीं माँ -बाप तो कहीं कराहती मुनियांराष्ट्रीय नहीं अन्तर्राष्ट्रीय भय सिसकियाँ देश देश लांघती मौत से लड़ती ज़िन्दगियाँ हर चे...

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दर्द भरा दिल.. By Parmar Geeta

नमस्कार दोस्तों मेरी रचनाओं को पढ कर अपने किमती अभिप्राय अवश्य दें। और यदि कोई शति हुई हो तो भी मेरा योग्य मार्गदर्शन करें। आपकी दोस्त - गीता परमार.. ******"मेरे दिल केे अल्फाज़...

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मासूम गंगा के सवाल - 7 - अंतिम भाग By Sheel Kaushik

मासूम गंगा के सवाल (लघुकविता-संग्रह) शील कौशिक (7) नाम की डुबकी ***** पाप और पुण्य की अवधारणाओं से दूर गंगा की दिव्य अनुभूति से अभिभूत हो लगा ली एक डुबकी उन सभी के नाम की जो आ नहीं...

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शब्द क्या है ? शब्द कौन है ? By Rohit Shabd

शब्द क्या है ? शब्द कौन है ? जीवन को जीवंत होकर देखना शुरू करें "जगत मिथ्या ब्रह्म सत्य" यह सिर्फ एक विचार नहीं है यह अनुभव से भरा हुआ सत्य है जिसे प्रमाणित करते योग पुरुष है। "मै...

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अलफ़ाज़-ए-आवाज़ By Deepak Bundela AryMoulik

ना फ़िक्र हैं ना फ़क्र हैं... !तन्हाइयों में तिरा ज़िक्र हैं... !!----------------------------------------वो गुज़रे ज़माने भी क्या याद आते हैं... !अब लोग मुझें मुड़ मुड़ कर देख चले जाते ह...

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फौजी सी मौत By अर्चना यादव

मृत्यु सभी की आनी एक दिन पर आए ऐसी हे भगवान मैं सोया रहूँ पुष्प सेज पर रो रहा हो सारा जहान... जब से मैंने होश संभाला गरीबी देखी कंगाली देखी दो वक्त की रोटी के लिए मजदूरी और भंगारी...

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एक छोटी सी दुनिया ! By SARWAT FATMI

एक छोटी सी दुनिया ! वो सपना हैँ या मेरा अपना कुछ बातें करूँ या बस निहारु उसे अब कैसे बताऊँ के एक पल भी तेरे बिना गुज़रता नहीं अब बस बना लो अपनी दुल्हन हैँ ये एक कोशिश के दूर ना हो ज...

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क्या है जिंदगी - 2 By Rohit Shabd

क्या है जिंदगी? (2) 55 जिंदगी क्या है ? जिंदगी बस यु ही खत्म ना हो जाये हमेसा एक डर लगता उस डर से आगे निकल कुछ कर जाए उसमे भी दम लगता है इसका नाम भी है जिंदगी 56 खूब गलती करना और ग...

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लोक डाउन कविताएं By અમી વ્યાસ

बंद हे दुकानें, बंद हे दफ्तरेंरोज की चहल पहल ने आज हो गई है परेपंछी उड़ रहे खुले आकाश में और जिंदगियां बंद हे चार दीवारों मेंसब लगे हे मौत को हराने मेंइंसान जो भूल गया था पैसे कमान...

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शायरी - 6 By pradeep Kumar Tripathi

अब तक मेरा इश्क बहुत छोटा था अब बड़ा होने जा रहा है।पहले वो आशिक था अब बेवफ़ा होने जा रहा है।।वो आइने के पीछे से हर चेहरा पहचानता हैलोग उसे अंधा समझते हैं वो दिल के आंखों से देखता...

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मैं आधा किसान और आधा मजदूर का बेटा हूँ By अमरदीप कुमार

मैं एक आधा किसान और आधा मजदूर का बेटा हूँमेरे पिता के पास दो बीघा समतल औरतीन बीघा उबड़-खाबड़ ज़मीन हैइनमें से कुछ चौरहा तो कुछ बटइआ की शर्तों परकिसी दूसरे किसान को दे दी गयी है वर्षों...

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ओ वसंत भाग-१ By महेश रौतेला

ओ वसन्त भाग-११.ओ वसन्त ओ वसन्तमैं फूल बन जाऊँसुगन्ध के लिए,ओ आसमानमैं नक्षत्र बन जाऊँटिमटिमाने के लिए।ओ शिशिरमैं बर्फ बन जाऊँदिन-रात चमकने के लिए,ओ समुद्रमैं लहर बन जाऊँथपेड़ों में...

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चल उड़ जा रे उड़ जा पँछी ऊंचे गगन में By Dev Borana

चल उड़ जा रे उड़ जा पंछी ऊंचे गगन की ओरतुझे परिवार सवारना है तुझे घर बसाना है ,चल उड़ जा गगन की ओर दो तिनको की होड़ में तुझे परिवार सवारना है तुझे कल को बनाना है ।। खत्म हुए दिन उड़ डाल...

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ग़ज़ल, शेर - 4 By Kota Rajdeep

अब मुसलसल यादों में आता ही नहींलगता है मुझसे बेवफ़ाई मोड़ ली है।___Rajdeep Kotaरोना धो ना सब सहना सीख गएहम इश्क़ करना किसिसे सीख गए। मेरे दिल ए नाकाम तुम फ़िक्र ने करियोंहम इश्क़ क...

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किताब By Dhruvin Mavani

दुनिया सिर्फ कहती नही जनाब ,वो अक्सर कहती रहती है यहाँ लकड़े कहाँ ;सिर्फ़ लड़कियाँ ही तो सहती रहती है ...हम तुमसे अनजान थे अब तो वो समा ही बेहतर लगता है ,तेरा मुझे जानकर भी अनजान बनना...

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शहर सी जिंदगी यू ही भागने में निकलती थी By Dev Borana

सपनों में सोया था एक नए सवेरे के लिएसपने भी आये थे अपने लिए सुबह उठना भी था क्योंकि नॉकरी पर जाना थायोग भी करना था क्योंकि स्वास्थ्य की चिंता थीभरे शहर में दौड़ना था क्योंकि हमको कम...

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एक कप शायरी... By Gadhavi Prince

प्रस्तावना:ये किताब मेरी कुछ रचनाओं का संकलन हे,ओर मुजे आसा हे की आप मेरी रचनाओं को पसंद करेंगे, मेरी प्रस्तावना पढ़ कर ये मत सोचिएगा की मे कोइ पंडित नुमा लेखक हु। मे साहित्य में रु...

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प्रकृति - Dilwali kudi की कलम से। By Aziz

*न जाने मानव जात ने क्या करने की ठानी है।*स्वार्थ के इस खेल में हुआ मानव अभिमानी है,इस प्रकृति को मानव पहोचा रहा क्यू हानि है;न जाने मानव जात ने क्या करने की ठानी है।जो चाहिए स्वच्...

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कविता - प्रेरक कविता By Karan Somani

"सपनो की जिंदगी " (क्या मे कर बैठा )ये खूबसूरत ज़िन्दगी हे मेरी बन गया मे गुलाम उसका भूल गया जीना मे इसको खो बैठा फिर मिली नही वो ज़िन्दगी, चा...

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लोगो का तो काम हैं बोलना By SARWAT FATMI

लोगो का काम हैं बोलना हमारा काम हैं चलना लोगो का क्या आज आप पर बोले कल दूसरे पर ये तो दस्तूर हैं ज़माने का इस बात पर दिल दुखाया मत करो मैं तेरा आज हूँ और तेरा ही रहूँगा कभी मेरे निग...

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कुन्ती... By Trisha R S

(एक छोटा सा प्रयास हैं किसी ऐसी माँ की व्यथा को वर्णित करने का जिसने अपने परिवार की मान मर्यादा के लिए अपनेी मम्मता को विसर्जित कर दिया। फिर उसपर समाज और स्वयं ही उसका पुत्र उसपर...

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बाजार By Ajay Amitabh Suman

1.बाजार झूठ हीं फैलाना कि,सच हीं में यकीनन,कैसी कैसी बारीकियाँ बाजार के साथ।औकात पे नजर हैं जज्बात बेअसर हैं ,शतरंजी चाल बाजियाँ करार के साथ। दास्ताने क़ुसूर दिखा के क्या मिलेगा,छिप...

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मे और मेरे अह्सास - 9 By Darshita Babubhai Shah

मे और मेरे अह्सास भाग - ९ बहाना ना बनाना दूर जाने के लिये lचले जाना गर जाना चाहो शोख से ll ******** चले जाना था तो बताकर जाते lफिरसे प्यार थोड़ा जताकर जाते ll ******** सितारे थे यह...

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मेरे लफ़्ज़ मेरी कहानी - 2 By Monika kakodia

अल्फ़ाज़ जो हर पल अपने से लगते हैं , जज़्बात जो महसूस होते हैं

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लाल पलाश By Yasho Vardhan Ojha

(भोजपुरी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक बड़े भूभाग में बोली जाने वाली भाषा है। तीन कविताओं के बाद एक पटनहिया और अंत में भोजपुरी की एक कविता सुधी पाठकों के लिए नीचे संकलित हैं।)...

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भारत ना कभी हारा था, ना कभी हारेगा By जगदीप सिंह मान दीप

"भारत ना कभी हारा था ना कभी हारेगा"कोरोना से लड़ने की जब भारत ने ठानी थी,मैंने भी लिखी कविता, जो याद जुबानी थी।कोरोना तेरा जन्म हुआ चीन में, बना नाइन्टीन में,धीरे से पहुँचा इटली,...

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खुशी By Karan Somani

जीवन की भागमभाग होड़ में खुशी का कोई ठिकाना ना रहा इंसान जीवन के संपूर्ण खुशी के लिए उन मुसाफिरों की दौड़ में लग गया जहां इस संसार की दौड़ ना कभी खत्म होती है और ना कभी रुकती है|...

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माँ: एक गाथा - भाग - 4 By Ajay Amitabh Suman

जब भी बालक निकले घर से,काजल दही टीका कर सर पे,अपनी सारी दुआओं को,चौखट तक छोड़ आती है,धरती पे माँ कहलाती है।फिर ऐसा होता एक क्षण में,दुलारे को सज्ज कर रण में,खुद हीं लड़ जाने को तत्तप...

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मेरा इरादा न था । By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

नमस्ते दोस्तो, ये हिंदी में मेरा दूसरा प्रयास है। पहले प्रयास में की गई क्षतिया और गलतियां सुधारने की कोशिश की है । फ़िर भी मुझे से कोई भूल हो मुझे बताए। आपके प्रतिभाव...

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कविता संग्रह By S Sinha

कविता संग्रह 1 . कविता -- भारत की नारी मैं आधुनिक भारत की नारी हूँ अबला न समझना मुझको मैं 'तुलसी ' की नहीं वो नारी जो थी सकल ताड़ना की अधिकारी और न व...

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सिर्फ तुम.. - 2 By Sarita Sharma

दिन बीत रहे हैं बोझिल से,मेरे हर दिन के,हर हिस्सों मे तुम सुर्ख़ियों में हो,मैं गुमनाम कहीं खोयी हूं,गुमनामी के अंधेरों में..तुम मशहूर हो रहे हो,मेरी दुनिया के बाज़ारो में..मैं हर दि...

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यहां उनका भी दिल जोड़ दो By Shivraj Anand

जिनके दिल टूटे हैं चलते कदम थमे हैं,वो जीना जानते हैं |ना जख्मों को सीना जानते हैं ||तुम उन्हें भी अपना लो |प्यारे तुममेरी बात मान विश्व बंधुत्व का भाव लेकर,जन- जन से बैर भाव छोड...

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कोरोना दूर भगाएँ हम By Ajay Amitabh Suman

अपनी इस प्रस्तुति में मैंने अपनी उन कविताओं को शामिल किया है जो कोरोना महामारी के कारण देश मे जो परिस्थितियाँ बनी हैं, उन कारण पैदा हुई हैं। उम्मीद करता हूँ हम इन विषम परिस्थितिय...

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गीतमाला ( हमारा देश और हमारी संस्कृति ) भाग 1 By Rajneesh Kumar Singh

हिन्द के निवासी अति वीर तनु धारी, धीर,ज्ञानी,बलिदानी अरु परउपकारी हैं!! तप, शोध, साधना से लोक कल्याण हेतु, त्याग के शरीर निज अस्थियां भी वारी हैं!!...

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कुछ ना करो By Yasho Vardhan Ojha

पटनहिया पंक्तियां (बिहार की राजधानी पटना का पूर्वी हिस्सा पटना सिटी के नाम से जाना जाता है। पटना जंक्शन से १० किलोमीटर दूर पटना सिटी स्टेशन है जिसे अब तख्त श्री हरमंदिर साह...

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इन्तजार By Kishanlal Sharma

दूरबहुतचला आया हूंतुझसेलेकिनअकेला नहीं आयातेरी यादेंअपनेसाथ लाया हूूंदूरबहुतचला आया हूंतुझसेसीमा परखडा होता हूूंजबदेश का प्रहरीबनकरदूरजहां तकनजर जाती हैरेगिस्तान मेकोई नजर नही आतास...

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महाराणा प्रताप भाग-(१) - परिचय व खानवा का युद्घ । By Suman Lata Singh

प्रथम नमन माँ शारदे,करो कंठ में वास ।कृपा-दृष्टि करो दीन पर,कर दो तम का नाश ।।है विघ्न- विनाशी,गणनायक,गौरीसुत मुझ पर दृृष्टि करो ।फूले ना फसल कभी तम की,ऐसी .प्रकाश की वृष्टि करो ।...

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ज़िन्दगी गले लगा ले तू By Mukteshwar Prasad Singh

जिन्दगी गले लगा ले तूख़ामोशी के आग़ोश में समाती दुनियाँ कहीं माँ -बाप तो कहीं कराहती मुनियांराष्ट्रीय नहीं अन्तर्राष्ट्रीय भय सिसकियाँ देश देश लांघती मौत से लड़ती ज़िन्दगियाँ हर चे...

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दर्द भरा दिल.. By Parmar Geeta

नमस्कार दोस्तों मेरी रचनाओं को पढ कर अपने किमती अभिप्राय अवश्य दें। और यदि कोई शति हुई हो तो भी मेरा योग्य मार्गदर्शन करें। आपकी दोस्त - गीता परमार.. ******"मेरे दिल केे अल्फाज़...

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मासूम गंगा के सवाल - 7 - अंतिम भाग By Sheel Kaushik

मासूम गंगा के सवाल (लघुकविता-संग्रह) शील कौशिक (7) नाम की डुबकी ***** पाप और पुण्य की अवधारणाओं से दूर गंगा की दिव्य अनुभूति से अभिभूत हो लगा ली एक डुबकी उन सभी के नाम की जो आ नहीं...

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शब्द क्या है ? शब्द कौन है ? By Rohit Shabd

शब्द क्या है ? शब्द कौन है ? जीवन को जीवंत होकर देखना शुरू करें "जगत मिथ्या ब्रह्म सत्य" यह सिर्फ एक विचार नहीं है यह अनुभव से भरा हुआ सत्य है जिसे प्रमाणित करते योग पुरुष है। "मै...

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अलफ़ाज़-ए-आवाज़ By Deepak Bundela AryMoulik

ना फ़िक्र हैं ना फ़क्र हैं... !तन्हाइयों में तिरा ज़िक्र हैं... !!----------------------------------------वो गुज़रे ज़माने भी क्या याद आते हैं... !अब लोग मुझें मुड़ मुड़ कर देख चले जाते ह...

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फौजी सी मौत By अर्चना यादव

मृत्यु सभी की आनी एक दिन पर आए ऐसी हे भगवान मैं सोया रहूँ पुष्प सेज पर रो रहा हो सारा जहान... जब से मैंने होश संभाला गरीबी देखी कंगाली देखी दो वक्त की रोटी के लिए मजदूरी और भंगारी...

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एक छोटी सी दुनिया ! By SARWAT FATMI

एक छोटी सी दुनिया ! वो सपना हैँ या मेरा अपना कुछ बातें करूँ या बस निहारु उसे अब कैसे बताऊँ के एक पल भी तेरे बिना गुज़रता नहीं अब बस बना लो अपनी दुल्हन हैँ ये एक कोशिश के दूर ना हो ज...

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क्या है जिंदगी - 2 By Rohit Shabd

क्या है जिंदगी? (2) 55 जिंदगी क्या है ? जिंदगी बस यु ही खत्म ना हो जाये हमेसा एक डर लगता उस डर से आगे निकल कुछ कर जाए उसमे भी दम लगता है इसका नाम भी है जिंदगी 56 खूब गलती करना और ग...

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लोक डाउन कविताएं By અમી વ્યાસ

बंद हे दुकानें, बंद हे दफ्तरेंरोज की चहल पहल ने आज हो गई है परेपंछी उड़ रहे खुले आकाश में और जिंदगियां बंद हे चार दीवारों मेंसब लगे हे मौत को हराने मेंइंसान जो भूल गया था पैसे कमान...

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शायरी - 6 By pradeep Kumar Tripathi

अब तक मेरा इश्क बहुत छोटा था अब बड़ा होने जा रहा है।पहले वो आशिक था अब बेवफ़ा होने जा रहा है।।वो आइने के पीछे से हर चेहरा पहचानता हैलोग उसे अंधा समझते हैं वो दिल के आंखों से देखता...

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मैं आधा किसान और आधा मजदूर का बेटा हूँ By अमरदीप कुमार

मैं एक आधा किसान और आधा मजदूर का बेटा हूँमेरे पिता के पास दो बीघा समतल औरतीन बीघा उबड़-खाबड़ ज़मीन हैइनमें से कुछ चौरहा तो कुछ बटइआ की शर्तों परकिसी दूसरे किसान को दे दी गयी है वर्षों...

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ओ वसंत भाग-१ By महेश रौतेला

ओ वसन्त भाग-११.ओ वसन्त ओ वसन्तमैं फूल बन जाऊँसुगन्ध के लिए,ओ आसमानमैं नक्षत्र बन जाऊँटिमटिमाने के लिए।ओ शिशिरमैं बर्फ बन जाऊँदिन-रात चमकने के लिए,ओ समुद्रमैं लहर बन जाऊँथपेड़ों में...

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चल उड़ जा रे उड़ जा पँछी ऊंचे गगन में By Dev Borana

चल उड़ जा रे उड़ जा पंछी ऊंचे गगन की ओरतुझे परिवार सवारना है तुझे घर बसाना है ,चल उड़ जा गगन की ओर दो तिनको की होड़ में तुझे परिवार सवारना है तुझे कल को बनाना है ।। खत्म हुए दिन उड़ डाल...

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ग़ज़ल, शेर - 4 By Kota Rajdeep

अब मुसलसल यादों में आता ही नहींलगता है मुझसे बेवफ़ाई मोड़ ली है।___Rajdeep Kotaरोना धो ना सब सहना सीख गएहम इश्क़ करना किसिसे सीख गए। मेरे दिल ए नाकाम तुम फ़िक्र ने करियोंहम इश्क़ क...

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किताब By Dhruvin Mavani

दुनिया सिर्फ कहती नही जनाब ,वो अक्सर कहती रहती है यहाँ लकड़े कहाँ ;सिर्फ़ लड़कियाँ ही तो सहती रहती है ...हम तुमसे अनजान थे अब तो वो समा ही बेहतर लगता है ,तेरा मुझे जानकर भी अनजान बनना...

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शहर सी जिंदगी यू ही भागने में निकलती थी By Dev Borana

सपनों में सोया था एक नए सवेरे के लिएसपने भी आये थे अपने लिए सुबह उठना भी था क्योंकि नॉकरी पर जाना थायोग भी करना था क्योंकि स्वास्थ्य की चिंता थीभरे शहर में दौड़ना था क्योंकि हमको कम...

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