hindi Best Poems Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


Languages
Categories
Featured Books
  • कलम मेरी लिखती जाएँ - 8

    ✍️✍️✍️Kavya sangrah ✍️✍️✍️??कलम मेरी लिखती जाएँ??✍️✍️✍️???✍️✍️✍️???✍️✍️✍️✍️??प्य...

  • बेटी - 9

    काव्य संकलन ‘‘बेटी’’ 9 (भ्रूण का आत्म कथन) वेदराम प्रजापति ‘‘मनमस्त’’ समर्प...

  • वीर पंजाब की धरती

    *वीर पंजाब की धरती* महाकाव्य के दशम कृपाण (सर्ग): *"माच्छीवाडा़ से तलवंडी यात्र...

कलम मेरी लिखती जाएँ - 8 By navita

✍️✍️✍️Kavya sangrah ✍️✍️✍️??कलम मेरी लिखती जाएँ??✍️✍️✍️???✍️✍️✍️???✍️✍️✍️✍️??प्यार का एहसास ??मोहब्बत मे वफ़ा वो सीखा गया जाते जाते वो हमे प्यार का एहसास करवा गया ,चले थे हम दोनों अ...

Read Free

बेटी - 9 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

काव्य संकलन ‘‘बेटी’’ 9 (भ्रूण का आत्म कथन) वेदराम प्रजापति ‘‘मनमस्त’’ समर्पणः- माँ की जीवन-धरती के साथ आज के दुराघर्ष मानव चिंतन की भीषण भयाबहिता के बीच- बेटी बचा- बेटी पढ़ा के...

Read Free

वीर पंजाब की धरती By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

*वीर पंजाब की धरती* महाकाव्य के दशम कृपाण (सर्ग): *"माच्छीवाडा़ से तलवंडी यात्रा चित्रण"* से चुनिंदा पद -?*जब गुरु गोविंद सिंह महाराज चमकोर युद्ध के बाद मछीवाड़ा जंगल में आए तब मछ...

Read Free

रोचक व ज्ञानवर्धक - बाल कविताएं By Archana Singh

बाल कविता- करनी व्यर्थ न जाईअच्छी करनी जो करें,कभी बुरा न उस संग होए।आओ सुनाऊं एक कहानी,तन-मन पुलकित होए।घने जंगल के बीच से,गुज़र रहा था वह लकड़हारा।तपती धूप में छांव तलाशता,...

Read Free

नि.र.स. - 6 - कलम के किरदार By Rajat Singhal

नि.र.स. - कलम के किरदार -------------------------------------------------------------------------------------------------- Dedicate to my pen --------------------------------------...

Read Free

में और मेरे अहसास - 35 By Darshita Babubhai Shah

बोल सखी, आज तुम्हे कयां तोहफा दुं?तुम्हारे लिए मे ही खूबसूरत तोहफ़ा हूं ll जान से भी ज़्यादा प्यार करते हैं तुझे lआज तू जो कहें तो जाँ तुझ पे लुटा दुं? तेरी हर अदा पे जान निसार है...

Read Free

मेरे हाइकु प्रयास By Meenakshi Dikshit

मेरे हाइकु प्रयास हाइकु, कविता का सबसे छोटा स्वरुप । मात्र सत्रह वर्णों में कहनी पूरी बात, बिम्ब के साथ । सीखने का यह प्रथम प्रयास । सत्रह वर्णों के पांच-सात-पांच का अनुशासन तो प...

Read Free

कोरोना काल में कविता से अलख जगाते मुक्तेश्वर - 2 By Mukteshwar Prasad Singh

(1) कोरोना काल में बाजार घर घर हैं बीमार कोरोना की ऐसी रफ्तार,बीच में अफवाहों का अजब गजब अवतार।कोरोना महामारी है,नहीं है की होती तकरा...

Read Free

मेरे अल्फ़ाज़ By ANANT KUMAR SHUKLA

मेरे अल्फ़ाज़ एक काव्य संग्रह अनंत कुमार शुक्ला लेखक के बारे मे अनंत कुमार शुक्ला का जन्म 26 सितंबर 2008 को मध्य प्रदेश के रीवा मे हुआ था। उनकी आयु 13 वर्ष है। उनका कवि...

Read Free

मेरे शब्द मेरी पहचान - 8 - My words My Identity By Shruti Sharma

I am here with you with some of my poems. You have read my poems in hindi but in this chapter I am here with English poems.I hope you will all like it.?Here we goes .....? ? ? ? ?...

Read Free

वो रेलगाड़ी का सफ़र!! जीवन का अनुपम प्रहर!! By Gautam Kothari sanatni

?️वो रेलगाड़ी का सफ़र️?️? जीवन का है अनुपम प्रहर?️~••~••~••~••~••~••~••~••~••~••~ये रचना रेलगाड़ी में मुसाफ़िर के रुप में सयोंग से मिले दो पात्रो जो अपनो के षड्यंत्रों का शिकार हुए है,...

Read Free

हाईकू By Alok Mishra

हाईकू हाईकू एक शब्दिक छंद है ।इसका तुकांत या अतुकांत होना उतना महत्व नहीं रखता जितना कि पूरे भाव का व्यक्त होना । छोटा छंद होने के बावजूद यह भाव व्यक्त करने का सशक्त माध्यम...

Read Free

इश्क By Vyas Dhara

" बन जाऊं जो में ...? " बन जाऊं अल्फाज अगर में ,तो क्या तू वो अल्फाज पढ़ पाएगा ? बन जाऊं मैं एक राज जो,तो क्या तू उससे दिल में छुपा पाएगा ? बन जााऊं...

Read Free

उमंग - संक्राति काल By DrAnamika

परशुराम का तेज~~~~~||||~~~~शस्त्र,शास्त्र दोनों बल हैं इससे मानव रचता है इतिहासमानवता जब पूजी गयी हुआ तम का ह्रासरक्षक बने परशुरामदधीचि की हड्डियों का करते नित्य अभिषेकहड्डी अमूर्त...

Read Free

मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? - 10 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? 10 काव्‍य संकलन- मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्‍त’’ समर्पण -- धरती के उन महा सपूतों, जिनके श्रम...

Read Free

काव्य संग्रह - भाग 1 - माँ By Shivani M.R.Joshi

मातृ दिवस विशेष माँ पर लिखी मेरी कुछ कविताओं का संग्रह है जिसे आप जरूर पढ़े वैसे अगर बात की जाए तो दुनिया का हर रिश्ता बहुत कीमती होता है पर मां का एक ऐसा रिश्ता जो...

Read Free

मैरी कविता तुम हो By Deepak Pradhan

मैने जब जब लिखा तुम्हे ही देख देख लिखा मुझे लिखने का कोई सोख नही था तुम्हे जब भी देखा मेरी अंतर आत्मा से अनेक शब्दों की जैसे उत्पत्ति हो रही हो ओर मेने उन शब्दों की एक सुन्दर सी म...

Read Free

मां संतोषी व्रत - 1 By Anita Sinha

मां संतोषी की महिमा बड़ी अपरम्पार है। मां संतोषी व्रतहमने जब शुरू किया , उस समय हम पढ़ रहे थे। मुझेइच्छा हुई कि मैं संतोषी माता का व्रत करुं । मैंने मां सेकहा कि मैं व्रत शुरू कर ल...

Read Free

कलम मेरी लिखती जाएँ - 8 By navita

✍️✍️✍️Kavya sangrah ✍️✍️✍️??कलम मेरी लिखती जाएँ??✍️✍️✍️???✍️✍️✍️???✍️✍️✍️✍️??प्यार का एहसास ??मोहब्बत मे वफ़ा वो सीखा गया जाते जाते वो हमे प्यार का एहसास करवा गया ,चले थे हम दोनों अ...

Read Free

बेटी - 9 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

काव्य संकलन ‘‘बेटी’’ 9 (भ्रूण का आत्म कथन) वेदराम प्रजापति ‘‘मनमस्त’’ समर्पणः- माँ की जीवन-धरती के साथ आज के दुराघर्ष मानव चिंतन की भीषण भयाबहिता के बीच- बेटी बचा- बेटी पढ़ा के...

Read Free

वीर पंजाब की धरती By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

*वीर पंजाब की धरती* महाकाव्य के दशम कृपाण (सर्ग): *"माच्छीवाडा़ से तलवंडी यात्रा चित्रण"* से चुनिंदा पद -?*जब गुरु गोविंद सिंह महाराज चमकोर युद्ध के बाद मछीवाड़ा जंगल में आए तब मछ...

Read Free

रोचक व ज्ञानवर्धक - बाल कविताएं By Archana Singh

बाल कविता- करनी व्यर्थ न जाईअच्छी करनी जो करें,कभी बुरा न उस संग होए।आओ सुनाऊं एक कहानी,तन-मन पुलकित होए।घने जंगल के बीच से,गुज़र रहा था वह लकड़हारा।तपती धूप में छांव तलाशता,...

Read Free

नि.र.स. - 6 - कलम के किरदार By Rajat Singhal

नि.र.स. - कलम के किरदार -------------------------------------------------------------------------------------------------- Dedicate to my pen --------------------------------------...

Read Free

में और मेरे अहसास - 35 By Darshita Babubhai Shah

बोल सखी, आज तुम्हे कयां तोहफा दुं?तुम्हारे लिए मे ही खूबसूरत तोहफ़ा हूं ll जान से भी ज़्यादा प्यार करते हैं तुझे lआज तू जो कहें तो जाँ तुझ पे लुटा दुं? तेरी हर अदा पे जान निसार है...

Read Free

मेरे हाइकु प्रयास By Meenakshi Dikshit

मेरे हाइकु प्रयास हाइकु, कविता का सबसे छोटा स्वरुप । मात्र सत्रह वर्णों में कहनी पूरी बात, बिम्ब के साथ । सीखने का यह प्रथम प्रयास । सत्रह वर्णों के पांच-सात-पांच का अनुशासन तो प...

Read Free

कोरोना काल में कविता से अलख जगाते मुक्तेश्वर - 2 By Mukteshwar Prasad Singh

(1) कोरोना काल में बाजार घर घर हैं बीमार कोरोना की ऐसी रफ्तार,बीच में अफवाहों का अजब गजब अवतार।कोरोना महामारी है,नहीं है की होती तकरा...

Read Free

मेरे अल्फ़ाज़ By ANANT KUMAR SHUKLA

मेरे अल्फ़ाज़ एक काव्य संग्रह अनंत कुमार शुक्ला लेखक के बारे मे अनंत कुमार शुक्ला का जन्म 26 सितंबर 2008 को मध्य प्रदेश के रीवा मे हुआ था। उनकी आयु 13 वर्ष है। उनका कवि...

Read Free

मेरे शब्द मेरी पहचान - 8 - My words My Identity By Shruti Sharma

I am here with you with some of my poems. You have read my poems in hindi but in this chapter I am here with English poems.I hope you will all like it.?Here we goes .....? ? ? ? ?...

Read Free

वो रेलगाड़ी का सफ़र!! जीवन का अनुपम प्रहर!! By Gautam Kothari sanatni

?️वो रेलगाड़ी का सफ़र️?️? जीवन का है अनुपम प्रहर?️~••~••~••~••~••~••~••~••~••~••~ये रचना रेलगाड़ी में मुसाफ़िर के रुप में सयोंग से मिले दो पात्रो जो अपनो के षड्यंत्रों का शिकार हुए है,...

Read Free

हाईकू By Alok Mishra

हाईकू हाईकू एक शब्दिक छंद है ।इसका तुकांत या अतुकांत होना उतना महत्व नहीं रखता जितना कि पूरे भाव का व्यक्त होना । छोटा छंद होने के बावजूद यह भाव व्यक्त करने का सशक्त माध्यम...

Read Free

इश्क By Vyas Dhara

" बन जाऊं जो में ...? " बन जाऊं अल्फाज अगर में ,तो क्या तू वो अल्फाज पढ़ पाएगा ? बन जाऊं मैं एक राज जो,तो क्या तू उससे दिल में छुपा पाएगा ? बन जााऊं...

Read Free

उमंग - संक्राति काल By DrAnamika

परशुराम का तेज~~~~~||||~~~~शस्त्र,शास्त्र दोनों बल हैं इससे मानव रचता है इतिहासमानवता जब पूजी गयी हुआ तम का ह्रासरक्षक बने परशुरामदधीचि की हड्डियों का करते नित्य अभिषेकहड्डी अमूर्त...

Read Free

मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? - 10 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? 10 काव्‍य संकलन- मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या? वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्‍त’’ समर्पण -- धरती के उन महा सपूतों, जिनके श्रम...

Read Free

काव्य संग्रह - भाग 1 - माँ By Shivani M.R.Joshi

मातृ दिवस विशेष माँ पर लिखी मेरी कुछ कविताओं का संग्रह है जिसे आप जरूर पढ़े वैसे अगर बात की जाए तो दुनिया का हर रिश्ता बहुत कीमती होता है पर मां का एक ऐसा रिश्ता जो...

Read Free

मैरी कविता तुम हो By Deepak Pradhan

मैने जब जब लिखा तुम्हे ही देख देख लिखा मुझे लिखने का कोई सोख नही था तुम्हे जब भी देखा मेरी अंतर आत्मा से अनेक शब्दों की जैसे उत्पत्ति हो रही हो ओर मेने उन शब्दों की एक सुन्दर सी म...

Read Free

मां संतोषी व्रत - 1 By Anita Sinha

मां संतोषी की महिमा बड़ी अपरम्पार है। मां संतोषी व्रतहमने जब शुरू किया , उस समय हम पढ़ रहे थे। मुझेइच्छा हुई कि मैं संतोषी माता का व्रत करुं । मैंने मां सेकहा कि मैं व्रत शुरू कर ल...

Read Free