hindi Best Philosophy Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Philosophy in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and culture...Read More


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  • एकमेडिटेशन - 2

    तीसरा प्रयोगअब बारी तीसरे प्रयोग की है , हम पहले दोनो प्रयोग में अगर सफल हुए ये...

  • सुसाइड क्यूं

    #सुसाइड क्यूं ???* क्यूं हमें जिंदगी से प्यारी मौत लगने लगती है ?*क्यूं हमें सु...

  • क्रिप्टो करेंसी सही या गलत ।

    इस दुनिया में जीवन यापन करने के लिए व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करना हो...

बंसी By Poonam Singh

"बंसी" "कृष्णा,,,!! कृष्णा......!!ओ....कृष्णा, कहाँ गया।" माँ के बारम्बार पुकारने पर भी कृष्णा कहीं नज़र नहीं आया। "पता नहीं ये लड़का कहाँ चला जाता है बिना बताए...?" माँ बुदब...

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एकमेडिटेशन - 2 By VANDANA VANI SINGH

तीसरा प्रयोगअब बारी तीसरे प्रयोग की है , हम पहले दोनो प्रयोग में अगर सफल हुए ये तीसरे प्रयोग बड़ी आसानी से कर सकते है। इस प्रयोग में सिर्फ हमे सारे काम concentration से करना है, जै...

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वह एक दिन By Lovelesh Dutt

वह एक दिन--लवलेश दत्त‘उफ! यह तो बहुत मुसीबत हो गयी’, अखबार की हेडलाइन ‘देश में इक्कीस दिन के लिए संपूर्ण लॉक डाउन’ पर नज़र पढ़ते ही शर्मा जी के मुँह से निकला, ‘इस महामारी ने तो जीन...

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सुसाइड क्यूं By shilpi krishna

#सुसाइड क्यूं ???* क्यूं हमें जिंदगी से प्यारी मौत लगने लगती है ?*क्यूं हमें सुसाइड करने से पहले किसी का मोह नहीं रहता ?*क्या सुसाइड करने से सारी समस्या हल हो जाती है ?*सुसाइड करन...

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क्रिप्टो करेंसी सही या गलत । By H M Writter0

इस दुनिया में जीवन यापन करने के लिए व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करना होता है, अपनी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लोग एक दूसरे से लेनदेन करते हैं यह लेनदेन एक मुद्रा के रू...

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जिंदगी By Venu G Nair

लोग कहते हे " जिंदगी एक सफर है "। लेकिन ऐ नहीं पता यह कब शुरू होता है और कब खतम। हर इंसान अपनी जिंदगी अलग अलग जगह से, अलग अलग समय पर शुरू करता है । इस जीवित यात्रा में...

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मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं। By Amit Singh

"मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं "कहते हैं कि ये दुनिया उम्मीदों पर टिकी है | लेकिन इस उम्मीद की बुनियाद किस पर टिकी है ? वह तहखाना कहाँ है, जहाँ उ...

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आलोचक जात By Sonu Kasana

आपने इस शब्द के बारे में अवश्य ही बहुत कुछ सुन रखा होगा और कुछ ना कुछ समझ भी रखा होगा और निश्चित रूप से आपके लिए आलोचक के मायने मेरे विचारों एवं माइनों से अलग हो सकते हैं आलोचक शब्...

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परिचय - मेरे साथ चाणक्य निती By Nimish Pansuriya

"चाणक्य नीति " , जब यह पुस्तक लोगों के सामने आती है तब अधिक प्रमाण में लोग इस पुस्तक को एक राजनीतिक मुद्दे की समान स्वीकार करते है। यह प्रक्रिया इनके निर्माता की पहचा...

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किर_दार 2 By sk hajee

हम किर_दार के माध्यमसेहमारे बिच रहने वाली सोच को उजागर करने का प्रयास कर रहे है । बार-बार बदलने वाली इन्सानी फ़ितरत, लालच ...

जरूर देखें और लाइक, कंमेट, शेयर जरूर करे ।

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कैसा हक ? By Sonu Kasana

बीरबल के 2 पुत्र थे तथा उसकी पत्नी काफी अच्छी थी वे सब बहुत खुश थे बीरबल प्रतिदिन कार्य पर जाता तथा आजीविका कमा कर के लाता था। प्रतिदिन कमाना तथा प्रतिदिन खाना जैसी हालत थी। एक दिन...

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सच : एक रहस्य By Radhika Setia

कहने को तो बस कहानी है पर किसे पता यह सच है या कल्पना। आज मैं कहानी लिख रही हूं जिसमें ना तो राजा है ना रानी है, ना भूत प्रेत,ना ही परियां। यह कहानी सच की है। दिन है तो रात भी है,...

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नहीं बनना हैडलाइन By Shobhana Shyam

एक ओर छल कपट, निष्कासन , एकाकी होने का दंश दूसरी ओर घर चलाने के लिए पाई-पाई का संघर्ष , सुगंधा तन मन से टूट चुकी थी| उस पर पिता के प्यार दुलार को तरसते हज़ारों प्रश्नों से जूझते छोट...

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सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या क्यूँ की.? By अर्चना यादव

सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या क्यूँ की...?सुशांत सिंह राजपूत ने ख़ुदकुशी कर ली. मात्र चौंतिस साल की उम्र में एक सफल एक्टर, प्रसिद्ध व्यक्तित्व और शरीर से स्वस्थ इंसान जिसके पास क...

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स्वर्णिम भारत की और...... By Rishi Sachdeva

कठिन समय है, मानवीय संवेदनाएँ काँच की तरह होती है, कब टूट जाये , पता ही नहीं लगता।मनोवैज्ञानिकों का कहना कि आज जो परिदृश्य है, उसमें आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक ताना - बाना कहीं न क...

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दुःख या अवसाद By Roopanjali singh parmar

कुछ लोग इतने दुःखी होते हैं, कि जरा सी बातें ही इनकी आंखों को भर देती हैं। दुःख इस हद तक इनमें शामिल होता है कि ये सुख और दुःख के भेद को समझना भूल चुके होते हैं। इन्हें पता ही नहीं...

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विचार !! By Shubham Dudhat

अभी आप जो सोच रहे हो वही आपके विचार है या नही ?? जरा सोचिए।। क्या आप उसे रोक सकते हो?? हा, जरूर ।। पर उसके लिए आपको अपने मन ओर दिमाग पर काबू पाने की आश्यकता होगी ।। अब सोचिए यदि आप...

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लॉक डाउन के पन्ने - प्रकृति कुछ कहती है : By Rishi Sachdeva

"ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा" और निश्चित रूप से ये समय भी जीवन में दुबारा नहीं आएगा।अधिकांश लोगों का मानना है कि ये मानव निर्मित अभिशाप है, कुछ का कहना है प्रकृति का कोप है, कोई ईश्वरी...

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परिस्थिति - कुछ सवाल और एक सोच By Priya Saini

हम सदा परिस्थितियों पर ही निर्भर रहते हैं। परिस्थिति हमारे अनुकूल हो तो सब अच्छा लगता है और विपरीत हो तो वक़्त खराब लगता है। क्या परिस्थिति के खिलाफ़ जाकर कुछ करना उत्तम होगा? मन मे...

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कलियुग का मित्र - INTERNET - 1 By ADARSH PRATAP SINGH

आइये हम जानते है कि इस कलियुग में बन रहे नए मित्र जैसे “INTERNET” दौर कलियुग का है जहाँ व्यक्ति ही असुर है और वही देवता है। भेदभाव करने में भरपूर,लोभी और गलत तर्कों के समूह का परिच...

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बचपन का डर By ADARSH PRATAP SINGH

“अंधेरा ,डर दोनो का मेल अंधा स है प्रकाश के आते ही दोनों गायब से हो जाते है” {मेरी तरफ वो आदमी चलता ही आ रहा था। वो डरावना स आदमी मेरी आँखों के सामने आकर खड़ा हो गया} गर्मी की छुट्ट...

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सुराख से झाँकती ज़िंदगी By Dr. Vandana Gupta

मम्मा से लड़कर, गुस्सा होकर अपनी सहेली के घर गयी स्वरा तुरन्त ही लौट आयी थी . रह रहकर दोनों घरों की तस्वीर उसकी आँखों के सामने फ़िल्म की तरह चल रही थी.. एक तरफ अपनी जिद, अपना गु...

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प्रकृति मैम - मुकाम ढूंढें चलो चलें ( अंतिम भाग) By Prabodh Kumar Govil

मुकाम ढूंढें चलो चलेंकफ परेड के पांच सितारा प्रेसिडेंट होटल में मैं बैठा था। वहां अगली सुबह जल्दी एक कार्यक्रम होना था। तैयारी के लिए रात को वहां रुकने के लिए ऊपरी मंज़िल पर हमने ए...

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पानी : तुम मुझे बचाओ में तुम्हे बचाऊंगा By paresh barai

पानी हमारे जीवन की एक बेहद अहम् ज़रूरत है | भोजन के बिना व्यक्ति भले ही दिनों दिन तक जीवित रह ले, परंतु प्यास लगने पर एक पहर भी नहीं कटता | ऐसे में आज हम जीवन समान अमूल्य जल के विषय...

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सर्वश्रेष्ठ जीवन उद्धरण हिंदी में By devesh bagla

नमस्कार नीचे दिए गए कुछ जीवन उद्धरण पढ़ें. १. जीवन इतना सरल है जब आप लोगों को खुद को समझाना बंद कर देते हैं और सिर्फ वही करते हैं जो आपके लिए काम करता है। २. बच्चे खुश हैं क्योंकि...

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जिवनसाथी ओर भ्रम By Uhugvvuv Uguh8uhu

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गोविंद जी की खीर। By सुप्रिया सिंह

गोविंद जी का पूरा ध्यान किचिन से आने वाली सुगंध पर ही लगा है । 75 साल के हो गए हैं पर खाने -पीने के मामले में अपने 5 वर्षीय पोते से भी छोटे हैं । भूख और नियत दोनों पर कोई नियंत्रण...

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मेरा क्या कसूर है ? By Sanjay Verma

मेरा क्या कसूर है ?बुजुर्गो का आशीर्वाद ,सलाह सदैव काम आती है ये उनके पास अनुभव का ऐसा अनमोल खजाना होता है जिनको पीढ़ी दर पीढ़ी एक दूसरे प्रेरणा स्वरूप मिलता रहता है ,बस उनकी बात...

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॥धूणी॥ By Yayawargi (Divangi Joshi)

॥धूणी॥कोई प्रेम-कहानी होगी किसी लड़की की, जिसका नाम धुणी होगा या शायद कोई लड़का है जिसको किसी लड़की की धून लग गयी है यह समज आए हो तो यही रूक जाना, आगे पढ्ना ही मत बोहोत फिलोसोफ़िकल बात...

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तरीका By Dr. Vandana Gupta

मैं फ्री होकर बैठी ही थी कि एक महीन सी आवाज़ आयी... "मैडम..! मे आई गेट इन?" वह कॉमर्स की एक स्वीट सी छात्रा थी, मुझे नाम नहीं पता था, पर चेहरा पहचानती थी। "हाँ बेटा आ जाओ, बोलो...

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मासूम सपने By Pallavi Saxena

सरकारी स्कूल के बच्चों को मोबाइल के लिए लड़ते देख विज्ञान के मास्टर जी बोले चलो बच्चों आज हम विज्ञान के विषयों के बारे में चर्चा करेंगे। आज उसके अलावा और कुछ पढ़ाई नही होगी। यह सुनकर...

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मेरा साया.. एक आसमान.. By Tarun Kumar Saini

मेरा साया.. एक आसमान.. जो महसूस होता है, हर पल, हर जगह, क,मेरा अपना है, एक हमदद क तरह, सदा मेरे साथ है, यक, यही एक मेरा, अपना है... एक मेरा साया.. पर कभी, महसूस कया है, इसके बदलते,...

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थैंक्स मम्मी-डैडी By राकेश सोहम्

छेड़छाड़ के बाद खुदकशी – दैनिक अखबार के मुख्य पृष्ठ पर प्राथमिकता से छपे शीर्षक को पढ़कर मिनी बेचैन हो उठी. जब भी वह ऐसे समाचार सुनती या पढ़ती है बेचैन हो जाती है. आज वह अपने माता-पिता...

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बेहतर कल By Rajesh Kumar

"कल" वो शब्द है जिसका अस्तित्व है या नही कहा नही जा सकता। "कल" हर व्यक्ति के दिलों दिमाग में रहता है और हर दिन सोचता है कि उसका कल बेहतर हो लेकिन वही कल जिसके लिए आज को खपाया जाता...

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किस्मत - 2 By Akshay jain

किस्मत भी बड़ी अजीब चीज होती है। जिसकी चमक जाए उसे खजूर के पेड़ पर चढ़ा देती है। और जिसकी ना चमके उस कीचड़ में ला देती है। उसमें फंसा देती है। अर्थात् जिसकी किस्मत अच्...

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शॉपिंग की बीमारी By r k lal

शॉपिंग की बीमारीआर 0 के 0 लाल"चलो तैयार हो जाओ। तुम्हारा सामान लेकर आते हैं। ध्यान रहे हार बार की तरह फालतू सामान लेने की जरूरत नहीं है। लिस्ट बनाकर मुझे बता दे दो ताकि उतना पैसा...

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सामाजिक मीडिया का नैतिक संस्कारों पर प्रभाव By Akshay jain

"Social media अर्थात् सामाजिक मीडिया।" आज सभी जानते है और सभी मानते भी है कि सोशल मीडिया पारस्परिक जुड़ाव का अच्छा साधन है। आपस में जुड़ने का अच्छा उपाय है। लेकिन अब जो मैं अपनी...

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नींद By Akshay jain

आज का विषय है नींद । आज नींद के बारे में मै कुछ अपने अनुभव प्रस्तुत करूंगा। सामान्यत: लोगों का यही मानना है कि विद्यार्थी जीवन में 6 घंटे तथा सामान्य जीवन...

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गॉड ऑन व्हाट्सएप By Ajay Amitabh Suman

विज्ञान क्या है ? भगवान क्या है और ईश्वर का प्रमाण क्या है ? जहाँ तक विज्ञान की बात है तो ये पूर्णतया साक्ष्य पर आधारित अर्जित किया हुआ ज्ञान है। सारे लोग कहते आ रहे हैं ईश्वर के ब...

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स्वप्न By Akshay jain

आज हम स्वप्न के विषय पर अपने विचार रखेंगे । मेरा निवेदन है कि इसे पढ़ने के पहले आप सभी "नींद" वाला लेख जरूर पढ़ें। इससे आप मेरी बात ज्यादा अच्छे से अनुभव कर सकेगें।सपने हर इंसान दे...

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बंसी By Poonam Singh

"बंसी" "कृष्णा,,,!! कृष्णा......!!ओ....कृष्णा, कहाँ गया।" माँ के बारम्बार पुकारने पर भी कृष्णा कहीं नज़र नहीं आया। "पता नहीं ये लड़का कहाँ चला जाता है बिना बताए...?" माँ बुदब...

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एकमेडिटेशन - 2 By VANDANA VANI SINGH

तीसरा प्रयोगअब बारी तीसरे प्रयोग की है , हम पहले दोनो प्रयोग में अगर सफल हुए ये तीसरे प्रयोग बड़ी आसानी से कर सकते है। इस प्रयोग में सिर्फ हमे सारे काम concentration से करना है, जै...

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वह एक दिन By Lovelesh Dutt

वह एक दिन--लवलेश दत्त‘उफ! यह तो बहुत मुसीबत हो गयी’, अखबार की हेडलाइन ‘देश में इक्कीस दिन के लिए संपूर्ण लॉक डाउन’ पर नज़र पढ़ते ही शर्मा जी के मुँह से निकला, ‘इस महामारी ने तो जीन...

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सुसाइड क्यूं By shilpi krishna

#सुसाइड क्यूं ???* क्यूं हमें जिंदगी से प्यारी मौत लगने लगती है ?*क्यूं हमें सुसाइड करने से पहले किसी का मोह नहीं रहता ?*क्या सुसाइड करने से सारी समस्या हल हो जाती है ?*सुसाइड करन...

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क्रिप्टो करेंसी सही या गलत । By H M Writter0

इस दुनिया में जीवन यापन करने के लिए व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करना होता है, अपनी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लोग एक दूसरे से लेनदेन करते हैं यह लेनदेन एक मुद्रा के रू...

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जिंदगी By Venu G Nair

लोग कहते हे " जिंदगी एक सफर है "। लेकिन ऐ नहीं पता यह कब शुरू होता है और कब खतम। हर इंसान अपनी जिंदगी अलग अलग जगह से, अलग अलग समय पर शुरू करता है । इस जीवित यात्रा में...

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मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं। By Amit Singh

"मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं "कहते हैं कि ये दुनिया उम्मीदों पर टिकी है | लेकिन इस उम्मीद की बुनियाद किस पर टिकी है ? वह तहखाना कहाँ है, जहाँ उ...

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आलोचक जात By Sonu Kasana

आपने इस शब्द के बारे में अवश्य ही बहुत कुछ सुन रखा होगा और कुछ ना कुछ समझ भी रखा होगा और निश्चित रूप से आपके लिए आलोचक के मायने मेरे विचारों एवं माइनों से अलग हो सकते हैं आलोचक शब्...

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परिचय - मेरे साथ चाणक्य निती By Nimish Pansuriya

"चाणक्य नीति " , जब यह पुस्तक लोगों के सामने आती है तब अधिक प्रमाण में लोग इस पुस्तक को एक राजनीतिक मुद्दे की समान स्वीकार करते है। यह प्रक्रिया इनके निर्माता की पहचा...

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किर_दार 2 By sk hajee

हम किर_दार के माध्यमसेहमारे बिच रहने वाली सोच को उजागर करने का प्रयास कर रहे है । बार-बार बदलने वाली इन्सानी फ़ितरत, लालच ...

जरूर देखें और लाइक, कंमेट, शेयर जरूर करे ।

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कैसा हक ? By Sonu Kasana

बीरबल के 2 पुत्र थे तथा उसकी पत्नी काफी अच्छी थी वे सब बहुत खुश थे बीरबल प्रतिदिन कार्य पर जाता तथा आजीविका कमा कर के लाता था। प्रतिदिन कमाना तथा प्रतिदिन खाना जैसी हालत थी। एक दिन...

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सच : एक रहस्य By Radhika Setia

कहने को तो बस कहानी है पर किसे पता यह सच है या कल्पना। आज मैं कहानी लिख रही हूं जिसमें ना तो राजा है ना रानी है, ना भूत प्रेत,ना ही परियां। यह कहानी सच की है। दिन है तो रात भी है,...

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नहीं बनना हैडलाइन By Shobhana Shyam

एक ओर छल कपट, निष्कासन , एकाकी होने का दंश दूसरी ओर घर चलाने के लिए पाई-पाई का संघर्ष , सुगंधा तन मन से टूट चुकी थी| उस पर पिता के प्यार दुलार को तरसते हज़ारों प्रश्नों से जूझते छोट...

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सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या क्यूँ की.? By अर्चना यादव

सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या क्यूँ की...?सुशांत सिंह राजपूत ने ख़ुदकुशी कर ली. मात्र चौंतिस साल की उम्र में एक सफल एक्टर, प्रसिद्ध व्यक्तित्व और शरीर से स्वस्थ इंसान जिसके पास क...

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स्वर्णिम भारत की और...... By Rishi Sachdeva

कठिन समय है, मानवीय संवेदनाएँ काँच की तरह होती है, कब टूट जाये , पता ही नहीं लगता।मनोवैज्ञानिकों का कहना कि आज जो परिदृश्य है, उसमें आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक ताना - बाना कहीं न क...

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दुःख या अवसाद By Roopanjali singh parmar

कुछ लोग इतने दुःखी होते हैं, कि जरा सी बातें ही इनकी आंखों को भर देती हैं। दुःख इस हद तक इनमें शामिल होता है कि ये सुख और दुःख के भेद को समझना भूल चुके होते हैं। इन्हें पता ही नहीं...

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विचार !! By Shubham Dudhat

अभी आप जो सोच रहे हो वही आपके विचार है या नही ?? जरा सोचिए।। क्या आप उसे रोक सकते हो?? हा, जरूर ।। पर उसके लिए आपको अपने मन ओर दिमाग पर काबू पाने की आश्यकता होगी ।। अब सोचिए यदि आप...

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लॉक डाउन के पन्ने - प्रकृति कुछ कहती है : By Rishi Sachdeva

"ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा" और निश्चित रूप से ये समय भी जीवन में दुबारा नहीं आएगा।अधिकांश लोगों का मानना है कि ये मानव निर्मित अभिशाप है, कुछ का कहना है प्रकृति का कोप है, कोई ईश्वरी...

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परिस्थिति - कुछ सवाल और एक सोच By Priya Saini

हम सदा परिस्थितियों पर ही निर्भर रहते हैं। परिस्थिति हमारे अनुकूल हो तो सब अच्छा लगता है और विपरीत हो तो वक़्त खराब लगता है। क्या परिस्थिति के खिलाफ़ जाकर कुछ करना उत्तम होगा? मन मे...

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कलियुग का मित्र - INTERNET - 1 By ADARSH PRATAP SINGH

आइये हम जानते है कि इस कलियुग में बन रहे नए मित्र जैसे “INTERNET” दौर कलियुग का है जहाँ व्यक्ति ही असुर है और वही देवता है। भेदभाव करने में भरपूर,लोभी और गलत तर्कों के समूह का परिच...

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बचपन का डर By ADARSH PRATAP SINGH

“अंधेरा ,डर दोनो का मेल अंधा स है प्रकाश के आते ही दोनों गायब से हो जाते है” {मेरी तरफ वो आदमी चलता ही आ रहा था। वो डरावना स आदमी मेरी आँखों के सामने आकर खड़ा हो गया} गर्मी की छुट्ट...

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सुराख से झाँकती ज़िंदगी By Dr. Vandana Gupta

मम्मा से लड़कर, गुस्सा होकर अपनी सहेली के घर गयी स्वरा तुरन्त ही लौट आयी थी . रह रहकर दोनों घरों की तस्वीर उसकी आँखों के सामने फ़िल्म की तरह चल रही थी.. एक तरफ अपनी जिद, अपना गु...

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प्रकृति मैम - मुकाम ढूंढें चलो चलें ( अंतिम भाग) By Prabodh Kumar Govil

मुकाम ढूंढें चलो चलेंकफ परेड के पांच सितारा प्रेसिडेंट होटल में मैं बैठा था। वहां अगली सुबह जल्दी एक कार्यक्रम होना था। तैयारी के लिए रात को वहां रुकने के लिए ऊपरी मंज़िल पर हमने ए...

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पानी : तुम मुझे बचाओ में तुम्हे बचाऊंगा By paresh barai

पानी हमारे जीवन की एक बेहद अहम् ज़रूरत है | भोजन के बिना व्यक्ति भले ही दिनों दिन तक जीवित रह ले, परंतु प्यास लगने पर एक पहर भी नहीं कटता | ऐसे में आज हम जीवन समान अमूल्य जल के विषय...

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गोविंद जी की खीर। By सुप्रिया सिंह

गोविंद जी का पूरा ध्यान किचिन से आने वाली सुगंध पर ही लगा है । 75 साल के हो गए हैं पर खाने -पीने के मामले में अपने 5 वर्षीय पोते से भी छोटे हैं । भूख और नियत दोनों पर कोई नियंत्रण...

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मेरा क्या कसूर है ? By Sanjay Verma

मेरा क्या कसूर है ?बुजुर्गो का आशीर्वाद ,सलाह सदैव काम आती है ये उनके पास अनुभव का ऐसा अनमोल खजाना होता है जिनको पीढ़ी दर पीढ़ी एक दूसरे प्रेरणा स्वरूप मिलता रहता है ,बस उनकी बात...

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॥धूणी॥ By Yayawargi (Divangi Joshi)

॥धूणी॥कोई प्रेम-कहानी होगी किसी लड़की की, जिसका नाम धुणी होगा या शायद कोई लड़का है जिसको किसी लड़की की धून लग गयी है यह समज आए हो तो यही रूक जाना, आगे पढ्ना ही मत बोहोत फिलोसोफ़िकल बात...

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तरीका By Dr. Vandana Gupta

मैं फ्री होकर बैठी ही थी कि एक महीन सी आवाज़ आयी... "मैडम..! मे आई गेट इन?" वह कॉमर्स की एक स्वीट सी छात्रा थी, मुझे नाम नहीं पता था, पर चेहरा पहचानती थी। "हाँ बेटा आ जाओ, बोलो...

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मेरा साया.. एक आसमान.. By Tarun Kumar Saini

मेरा साया.. एक आसमान.. जो महसूस होता है, हर पल, हर जगह, क,मेरा अपना है, एक हमदद क तरह, सदा मेरे साथ है, यक, यही एक मेरा, अपना है... एक मेरा साया.. पर कभी, महसूस कया है, इसके बदलते,...

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थैंक्स मम्मी-डैडी By राकेश सोहम्

छेड़छाड़ के बाद खुदकशी – दैनिक अखबार के मुख्य पृष्ठ पर प्राथमिकता से छपे शीर्षक को पढ़कर मिनी बेचैन हो उठी. जब भी वह ऐसे समाचार सुनती या पढ़ती है बेचैन हो जाती है. आज वह अपने माता-पिता...

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बेहतर कल By Rajesh Kumar

"कल" वो शब्द है जिसका अस्तित्व है या नही कहा नही जा सकता। "कल" हर व्यक्ति के दिलों दिमाग में रहता है और हर दिन सोचता है कि उसका कल बेहतर हो लेकिन वही कल जिसके लिए आज को खपाया जाता...

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किस्मत - 2 By Akshay jain

किस्मत भी बड़ी अजीब चीज होती है। जिसकी चमक जाए उसे खजूर के पेड़ पर चढ़ा देती है। और जिसकी ना चमके उस कीचड़ में ला देती है। उसमें फंसा देती है। अर्थात् जिसकी किस्मत अच्...

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शॉपिंग की बीमारी By r k lal

शॉपिंग की बीमारीआर 0 के 0 लाल"चलो तैयार हो जाओ। तुम्हारा सामान लेकर आते हैं। ध्यान रहे हार बार की तरह फालतू सामान लेने की जरूरत नहीं है। लिस्ट बनाकर मुझे बता दे दो ताकि उतना पैसा...

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सामाजिक मीडिया का नैतिक संस्कारों पर प्रभाव By Akshay jain

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नींद By Akshay jain

आज का विषय है नींद । आज नींद के बारे में मै कुछ अपने अनुभव प्रस्तुत करूंगा। सामान्यत: लोगों का यही मानना है कि विद्यार्थी जीवन में 6 घंटे तथा सामान्य जीवन...

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गॉड ऑन व्हाट्सएप By Ajay Amitabh Suman

विज्ञान क्या है ? भगवान क्या है और ईश्वर का प्रमाण क्या है ? जहाँ तक विज्ञान की बात है तो ये पूर्णतया साक्ष्य पर आधारित अर्जित किया हुआ ज्ञान है। सारे लोग कहते आ रहे हैं ईश्वर के ब...

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स्वप्न By Akshay jain

आज हम स्वप्न के विषय पर अपने विचार रखेंगे । मेरा निवेदन है कि इसे पढ़ने के पहले आप सभी "नींद" वाला लेख जरूर पढ़ें। इससे आप मेरी बात ज्यादा अच्छे से अनुभव कर सकेगें।सपने हर इंसान दे...

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