hindi Best Philosophy Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Philosophy in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and culture...Read More


Languages
Categories
Featured Books

पत्थर दिल आदमी By राज बोहरे

उजासवह अंततः आज ऑपरेशन-टेबल पर आ पहुँचा था, दिल संबंधी बीमारियों के वार्ड में वह हजारों-हजार, शंका-कुशंकाओं से भरा चुपचाप लेटा था। सर्जन की प्रतीक्षा हो रही थी। अलबत्ता उसके घर के...

Read Free

पेरेंटिंग By Dr Sonika Sharma

ज़िन्दगी में हर इंसान को अपने अनुभव को हमेशा दूसरे से बाँटना चाहिए क्योंकि आप अपने जीवन में होने वाले अच्छे-बुरे अनुभवों से ही सीखते है और जब हम अपने अनुभवों को एक दूसरे से बताएंगे...

Read Free

राजभाषा बनाम राष्ट्रभाषा By डॉ अनामिका

आज मैं आपके सामने राजभाषा बनाम राष्ट्रभाषा पर कुछ कहना चाहती हूं भाषा एक ऐसी श्रृंखला है जिसके द्वारा हम एक राज्य से दूसरे राज्य तक अपनी सीमा और विस्तार बढ़ा सकते हैं सीमा विस्ता...

Read Free

हकीकत की हकीकत - 3 By Akshay jain

कहा जाता है! कि इंसान गलतियों का पुतला होता है। और यदि कोई गलती नहीं करेगा तो सभी भगवान नहीं बन जायेगें। अतः हर किसी से गलती होना तो स्वाभाविक है। हर कोई जीवन म...

Read Free

डॉक्टरों की हड़ताल By राजनारायण बोहरे

हड़ताल टीकू के सीने दर्द लगातार बढ़ता ही जा रहा था। दर्द से आँखे मींचे हुए वह दुहरा जा रहा था और बीच-बीच में उठकर मम्मी को देख लेता था, इधर-उधर। फिर निराश होकर पुनः लेट जाता था। द...

Read Free

फांस By Poonam Singh

" फाँस " ----------"पिछले साल फसल अच्छी हुई थी तो फुस के घर की जगह पक्का घर बनवाय दिहे रहे और तुम्हरे लिए एक ठो टीवी भी खरीद दिहे रहे।" पति ने पत्नी की ओर मुस्कुराकर कहा ," उ सनिमा...

Read Free

एक ख़ून माफ़ By Ranjana Jaiswal

मैं समझ नहीं पा रही थी कि संचय को हो क्या गया है,वह मेरे सामने दूसरे युवा,सुंदर पुरूषों की प्रशंसा क्यों करता रहता है?क्या उसको अपनी कमियों का अहसास है?पर मैंने तो कभी उसके रूप -रं...

Read Free

आत्महत्या By Priya Saini

जब तुम अँधेरे से घिरे हुए हो और कहीं से एक रोशनी नज़र आये। तुम उस रोशनी का पीछा करते हुए आगे बढ़ो और पास जाकर पता चले ये तो रोशनी थी नहीं वहम था तुम्हारा, कैसा प्रतीत होगा उस वक़्त? श...

Read Free

एकमेडिटेशन - 3 By VANDANA VANI SINGH

इन दिनों जब से प्रयोग लिखना शुरू किया है मुझे भी बड़ी ख़ुशी मिल रही है। एसा लगता है कुछ है जो मुझे आप से जोड़ रहा कहानी लिखी है पहले भी लेकिन इसमें अपने अनुभव बया करने का अवसर इक अ...

Read Free

बंसी By Poonam Singh

"बंसी" "कृष्णा,,,!! कृष्णा......!!ओ....कृष्णा, कहाँ गया।" माँ के बारम्बार पुकारने पर भी कृष्णा कहीं नज़र नहीं आया। "पता नहीं ये लड़का कहाँ चला जाता है बिना बताए...?" माँ बुदब...

Read Free

वह एक दिन By Lovelesh Dutt

वह एक दिन--लवलेश दत्त‘उफ! यह तो बहुत मुसीबत हो गयी’, अखबार की हेडलाइन ‘देश में इक्कीस दिन के लिए संपूर्ण लॉक डाउन’ पर नज़र पढ़ते ही शर्मा जी के मुँह से निकला, ‘इस महामारी ने तो जीन...

Read Free

सुसाइड क्यूं By shilpi krishna

#सुसाइड क्यूं ???* क्यूं हमें जिंदगी से प्यारी मौत लगने लगती है ?*क्यूं हमें सुसाइड करने से पहले किसी का मोह नहीं रहता ?*क्या सुसाइड करने से सारी समस्या हल हो जाती है ?*सुसाइड करन...

Read Free

क्रिप्टो करेंसी सही या गलत । By H M Writter0

इस दुनिया में जीवन यापन करने के लिए व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करना होता है, अपनी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लोग एक दूसरे से लेनदेन करते हैं यह लेनदेन एक मुद्रा के रू...

Read Free

जिंदगी By Venu G Nair

लोग कहते हे " जिंदगी एक सफर है "। लेकिन ऐ नहीं पता यह कब शुरू होता है और कब खतम। हर इंसान अपनी जिंदगी अलग अलग जगह से, अलग अलग समय पर शुरू करता है । इस जीवित यात्रा में...

Read Free

मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं। By Amit Singh

"मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं "कहते हैं कि ये दुनिया उम्मीदों पर टिकी है | लेकिन इस उम्मीद की बुनियाद किस पर टिकी है ? वह तहखाना कहाँ है, जहाँ उ...

Read Free

आलोचक जात By Sonu Kasana

आपने इस शब्द के बारे में अवश्य ही बहुत कुछ सुन रखा होगा और कुछ ना कुछ समझ भी रखा होगा और निश्चित रूप से आपके लिए आलोचक के मायने मेरे विचारों एवं माइनों से अलग हो सकते हैं आलोचक शब्...

Read Free

परिचय - मेरे साथ चाणक्य निती By Nimish Pansuriya

"चाणक्य नीति " , जब यह पुस्तक लोगों के सामने आती है तब अधिक प्रमाण में लोग इस पुस्तक को एक राजनीतिक मुद्दे की समान स्वीकार करते है। यह प्रक्रिया इनके निर्माता की पहचा...

Read Free

किर_दार 2 By sk hajee

हम किर_दार के माध्यमसेहमारे बिच रहने वाली सोच को उजागर करने का प्रयास कर रहे है । बार-बार बदलने वाली इन्सानी फ़ितरत, लालच ...

जरूर देखें और लाइक, कंमेट, शेयर जरूर करे ।

Read Free

कैसा हक ? By Sonu Kasana

बीरबल के 2 पुत्र थे तथा उसकी पत्नी काफी अच्छी थी वे सब बहुत खुश थे बीरबल प्रतिदिन कार्य पर जाता तथा आजीविका कमा कर के लाता था। प्रतिदिन कमाना तथा प्रतिदिन खाना जैसी हालत थी। एक दिन...

Read Free

सच : एक रहस्य By Radhika Setia

कहने को तो बस कहानी है पर किसे पता यह सच है या कल्पना। आज मैं कहानी लिख रही हूं जिसमें ना तो राजा है ना रानी है, ना भूत प्रेत,ना ही परियां। यह कहानी सच की है। दिन है तो रात भी है,...

Read Free

नहीं बनना हैडलाइन By Shobhana Shyam

एक ओर छल कपट, निष्कासन , एकाकी होने का दंश दूसरी ओर घर चलाने के लिए पाई-पाई का संघर्ष , सुगंधा तन मन से टूट चुकी थी| उस पर पिता के प्यार दुलार को तरसते हज़ारों प्रश्नों से जूझते छोट...

Read Free

सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या क्यूँ की.? By अर्चना यादव

सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या क्यूँ की...?सुशांत सिंह राजपूत ने ख़ुदकुशी कर ली. मात्र चौंतिस साल की उम्र में एक सफल एक्टर, प्रसिद्ध व्यक्तित्व और शरीर से स्वस्थ इंसान जिसके पास क...

Read Free

स्वर्णिम भारत की और...... By Rishi Sachdeva

कठिन समय है, मानवीय संवेदनाएँ काँच की तरह होती है, कब टूट जाये , पता ही नहीं लगता।मनोवैज्ञानिकों का कहना कि आज जो परिदृश्य है, उसमें आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक ताना - बाना कहीं न क...

Read Free

दुःख या अवसाद By Roopanjali singh parmar

कुछ लोग इतने दुःखी होते हैं, कि जरा सी बातें ही इनकी आंखों को भर देती हैं। दुःख इस हद तक इनमें शामिल होता है कि ये सुख और दुःख के भेद को समझना भूल चुके होते हैं। इन्हें पता ही नहीं...

Read Free

विचार !! By Shubham Dudhat

अभी आप जो सोच रहे हो वही आपके विचार है या नही ?? जरा सोचिए।। क्या आप उसे रोक सकते हो?? हा, जरूर ।। पर उसके लिए आपको अपने मन ओर दिमाग पर काबू पाने की आश्यकता होगी ।। अब सोचिए यदि आप...

Read Free

लॉक डाउन के पन्ने - प्रकृति कुछ कहती है : By Rishi Sachdeva

"ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा" और निश्चित रूप से ये समय भी जीवन में दुबारा नहीं आएगा।अधिकांश लोगों का मानना है कि ये मानव निर्मित अभिशाप है, कुछ का कहना है प्रकृति का कोप है, कोई ईश्वरी...

Read Free

परिस्थिति - कुछ सवाल और एक सोच By Priya Saini

हम सदा परिस्थितियों पर ही निर्भर रहते हैं। परिस्थिति हमारे अनुकूल हो तो सब अच्छा लगता है और विपरीत हो तो वक़्त खराब लगता है। क्या परिस्थिति के खिलाफ़ जाकर कुछ करना उत्तम होगा? मन मे...

Read Free

कलियुग का मित्र - INTERNET - 1 By ADARSH PRATAP SINGH

आइये हम जानते है कि इस कलियुग में बन रहे नए मित्र जैसे “INTERNET” दौर कलियुग का है जहाँ व्यक्ति ही असुर है और वही देवता है। भेदभाव करने में भरपूर,लोभी और गलत तर्कों के समूह का परिच...

Read Free

बचपन का डर By ADARSH PRATAP SINGH

“अंधेरा ,डर दोनो का मेल अंधा स है प्रकाश के आते ही दोनों गायब से हो जाते है” {मेरी तरफ वो आदमी चलता ही आ रहा था। वो डरावना स आदमी मेरी आँखों के सामने आकर खड़ा हो गया} गर्मी की छुट्ट...

Read Free

सुराख से झाँकती ज़िंदगी By Dr. Vandana Gupta

मम्मा से लड़कर, गुस्सा होकर अपनी सहेली के घर गयी स्वरा तुरन्त ही लौट आयी थी . रह रहकर दोनों घरों की तस्वीर उसकी आँखों के सामने फ़िल्म की तरह चल रही थी.. एक तरफ अपनी जिद, अपना गु...

Read Free

प्रकृति मैम - मुकाम ढूंढें चलो चलें ( अंतिम भाग) By Prabodh Kumar Govil

मुकाम ढूंढें चलो चलेंकफ परेड के पांच सितारा प्रेसिडेंट होटल में मैं बैठा था। वहां अगली सुबह जल्दी एक कार्यक्रम होना था। तैयारी के लिए रात को वहां रुकने के लिए ऊपरी मंज़िल पर हमने ए...

Read Free

पानी : तुम मुझे बचाओ में तुम्हे बचाऊंगा By paresh barai

पानी हमारे जीवन की एक बेहद अहम् ज़रूरत है | भोजन के बिना व्यक्ति भले ही दिनों दिन तक जीवित रह ले, परंतु प्यास लगने पर एक पहर भी नहीं कटता | ऐसे में आज हम जीवन समान अमूल्य जल के विषय...

Read Free

सर्वश्रेष्ठ जीवन उद्धरण हिंदी में By devesh bagla

नमस्कार नीचे दिए गए कुछ जीवन उद्धरण पढ़ें. १. जीवन इतना सरल है जब आप लोगों को खुद को समझाना बंद कर देते हैं और सिर्फ वही करते हैं जो आपके लिए काम करता है। २. बच्चे खुश हैं क्योंकि...

Read Free

जिवनसाथी ओर भ्रम By Uhugvvuv Uguh8uhu

yg7gyrtdtgihojoninihtsrsr6tiuohjvufugkvufugbkvurutjgkbi

Read Free

गोविंद जी की खीर। By सुप्रिया सिंह

गोविंद जी का पूरा ध्यान किचिन से आने वाली सुगंध पर ही लगा है । 75 साल के हो गए हैं पर खाने -पीने के मामले में अपने 5 वर्षीय पोते से भी छोटे हैं । भूख और नियत दोनों पर कोई नियंत्रण...

Read Free

मेरा क्या कसूर है ? By Sanjay Verma

मेरा क्या कसूर है ?बुजुर्गो का आशीर्वाद ,सलाह सदैव काम आती है ये उनके पास अनुभव का ऐसा अनमोल खजाना होता है जिनको पीढ़ी दर पीढ़ी एक दूसरे प्रेरणा स्वरूप मिलता रहता है ,बस उनकी बात...

Read Free

॥धूणी॥ By Yayawargi (Divangi Joshi)

॥धूणी॥कोई प्रेम-कहानी होगी किसी लड़की की, जिसका नाम धुणी होगा या शायद कोई लड़का है जिसको किसी लड़की की धून लग गयी है यह समज आए हो तो यही रूक जाना, आगे पढ्ना ही मत बोहोत फिलोसोफ़िकल बात...

Read Free

तरीका By Dr. Vandana Gupta

मैं फ्री होकर बैठी ही थी कि एक महीन सी आवाज़ आयी... "मैडम..! मे आई गेट इन?" वह कॉमर्स की एक स्वीट सी छात्रा थी, मुझे नाम नहीं पता था, पर चेहरा पहचानती थी। "हाँ बेटा आ जाओ, बोलो...

Read Free

मासूम सपने By Pallavi Saxena

सरकारी स्कूल के बच्चों को मोबाइल के लिए लड़ते देख विज्ञान के मास्टर जी बोले चलो बच्चों आज हम विज्ञान के विषयों के बारे में चर्चा करेंगे। आज उसके अलावा और कुछ पढ़ाई नही होगी। यह सुनकर...

Read Free

मेरा साया.. एक आसमान.. By Tarun Kumar Saini

मेरा साया.. एक आसमान.. जो महसूस होता है, हर पल, हर जगह, क,मेरा अपना है, एक हमदद क तरह, सदा मेरे साथ है, यक, यही एक मेरा, अपना है... एक मेरा साया.. पर कभी, महसूस कया है, इसके बदलते,...

Read Free

पत्थर दिल आदमी By राज बोहरे

उजासवह अंततः आज ऑपरेशन-टेबल पर आ पहुँचा था, दिल संबंधी बीमारियों के वार्ड में वह हजारों-हजार, शंका-कुशंकाओं से भरा चुपचाप लेटा था। सर्जन की प्रतीक्षा हो रही थी। अलबत्ता उसके घर के...

Read Free

पेरेंटिंग By Dr Sonika Sharma

ज़िन्दगी में हर इंसान को अपने अनुभव को हमेशा दूसरे से बाँटना चाहिए क्योंकि आप अपने जीवन में होने वाले अच्छे-बुरे अनुभवों से ही सीखते है और जब हम अपने अनुभवों को एक दूसरे से बताएंगे...

Read Free

राजभाषा बनाम राष्ट्रभाषा By डॉ अनामिका

आज मैं आपके सामने राजभाषा बनाम राष्ट्रभाषा पर कुछ कहना चाहती हूं भाषा एक ऐसी श्रृंखला है जिसके द्वारा हम एक राज्य से दूसरे राज्य तक अपनी सीमा और विस्तार बढ़ा सकते हैं सीमा विस्ता...

Read Free

हकीकत की हकीकत - 3 By Akshay jain

कहा जाता है! कि इंसान गलतियों का पुतला होता है। और यदि कोई गलती नहीं करेगा तो सभी भगवान नहीं बन जायेगें। अतः हर किसी से गलती होना तो स्वाभाविक है। हर कोई जीवन म...

Read Free

डॉक्टरों की हड़ताल By राजनारायण बोहरे

हड़ताल टीकू के सीने दर्द लगातार बढ़ता ही जा रहा था। दर्द से आँखे मींचे हुए वह दुहरा जा रहा था और बीच-बीच में उठकर मम्मी को देख लेता था, इधर-उधर। फिर निराश होकर पुनः लेट जाता था। द...

Read Free

फांस By Poonam Singh

" फाँस " ----------"पिछले साल फसल अच्छी हुई थी तो फुस के घर की जगह पक्का घर बनवाय दिहे रहे और तुम्हरे लिए एक ठो टीवी भी खरीद दिहे रहे।" पति ने पत्नी की ओर मुस्कुराकर कहा ," उ सनिमा...

Read Free

एक ख़ून माफ़ By Ranjana Jaiswal

मैं समझ नहीं पा रही थी कि संचय को हो क्या गया है,वह मेरे सामने दूसरे युवा,सुंदर पुरूषों की प्रशंसा क्यों करता रहता है?क्या उसको अपनी कमियों का अहसास है?पर मैंने तो कभी उसके रूप -रं...

Read Free

आत्महत्या By Priya Saini

जब तुम अँधेरे से घिरे हुए हो और कहीं से एक रोशनी नज़र आये। तुम उस रोशनी का पीछा करते हुए आगे बढ़ो और पास जाकर पता चले ये तो रोशनी थी नहीं वहम था तुम्हारा, कैसा प्रतीत होगा उस वक़्त? श...

Read Free

एकमेडिटेशन - 3 By VANDANA VANI SINGH

इन दिनों जब से प्रयोग लिखना शुरू किया है मुझे भी बड़ी ख़ुशी मिल रही है। एसा लगता है कुछ है जो मुझे आप से जोड़ रहा कहानी लिखी है पहले भी लेकिन इसमें अपने अनुभव बया करने का अवसर इक अ...

Read Free

बंसी By Poonam Singh

"बंसी" "कृष्णा,,,!! कृष्णा......!!ओ....कृष्णा, कहाँ गया।" माँ के बारम्बार पुकारने पर भी कृष्णा कहीं नज़र नहीं आया। "पता नहीं ये लड़का कहाँ चला जाता है बिना बताए...?" माँ बुदब...

Read Free

वह एक दिन By Lovelesh Dutt

वह एक दिन--लवलेश दत्त‘उफ! यह तो बहुत मुसीबत हो गयी’, अखबार की हेडलाइन ‘देश में इक्कीस दिन के लिए संपूर्ण लॉक डाउन’ पर नज़र पढ़ते ही शर्मा जी के मुँह से निकला, ‘इस महामारी ने तो जीन...

Read Free

सुसाइड क्यूं By shilpi krishna

#सुसाइड क्यूं ???* क्यूं हमें जिंदगी से प्यारी मौत लगने लगती है ?*क्यूं हमें सुसाइड करने से पहले किसी का मोह नहीं रहता ?*क्या सुसाइड करने से सारी समस्या हल हो जाती है ?*सुसाइड करन...

Read Free

क्रिप्टो करेंसी सही या गलत । By H M Writter0

इस दुनिया में जीवन यापन करने के लिए व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करना होता है, अपनी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लोग एक दूसरे से लेनदेन करते हैं यह लेनदेन एक मुद्रा के रू...

Read Free

जिंदगी By Venu G Nair

लोग कहते हे " जिंदगी एक सफर है "। लेकिन ऐ नहीं पता यह कब शुरू होता है और कब खतम। हर इंसान अपनी जिंदगी अलग अलग जगह से, अलग अलग समय पर शुरू करता है । इस जीवित यात्रा में...

Read Free

मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं। By Amit Singh

"मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं "कहते हैं कि ये दुनिया उम्मीदों पर टिकी है | लेकिन इस उम्मीद की बुनियाद किस पर टिकी है ? वह तहखाना कहाँ है, जहाँ उ...

Read Free

आलोचक जात By Sonu Kasana

आपने इस शब्द के बारे में अवश्य ही बहुत कुछ सुन रखा होगा और कुछ ना कुछ समझ भी रखा होगा और निश्चित रूप से आपके लिए आलोचक के मायने मेरे विचारों एवं माइनों से अलग हो सकते हैं आलोचक शब्...

Read Free

परिचय - मेरे साथ चाणक्य निती By Nimish Pansuriya

"चाणक्य नीति " , जब यह पुस्तक लोगों के सामने आती है तब अधिक प्रमाण में लोग इस पुस्तक को एक राजनीतिक मुद्दे की समान स्वीकार करते है। यह प्रक्रिया इनके निर्माता की पहचा...

Read Free

किर_दार 2 By sk hajee

हम किर_दार के माध्यमसेहमारे बिच रहने वाली सोच को उजागर करने का प्रयास कर रहे है । बार-बार बदलने वाली इन्सानी फ़ितरत, लालच ...

जरूर देखें और लाइक, कंमेट, शेयर जरूर करे ।

Read Free

कैसा हक ? By Sonu Kasana

बीरबल के 2 पुत्र थे तथा उसकी पत्नी काफी अच्छी थी वे सब बहुत खुश थे बीरबल प्रतिदिन कार्य पर जाता तथा आजीविका कमा कर के लाता था। प्रतिदिन कमाना तथा प्रतिदिन खाना जैसी हालत थी। एक दिन...

Read Free

सच : एक रहस्य By Radhika Setia

कहने को तो बस कहानी है पर किसे पता यह सच है या कल्पना। आज मैं कहानी लिख रही हूं जिसमें ना तो राजा है ना रानी है, ना भूत प्रेत,ना ही परियां। यह कहानी सच की है। दिन है तो रात भी है,...

Read Free

नहीं बनना हैडलाइन By Shobhana Shyam

एक ओर छल कपट, निष्कासन , एकाकी होने का दंश दूसरी ओर घर चलाने के लिए पाई-पाई का संघर्ष , सुगंधा तन मन से टूट चुकी थी| उस पर पिता के प्यार दुलार को तरसते हज़ारों प्रश्नों से जूझते छोट...

Read Free

सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या क्यूँ की.? By अर्चना यादव

सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या क्यूँ की...?सुशांत सिंह राजपूत ने ख़ुदकुशी कर ली. मात्र चौंतिस साल की उम्र में एक सफल एक्टर, प्रसिद्ध व्यक्तित्व और शरीर से स्वस्थ इंसान जिसके पास क...

Read Free

स्वर्णिम भारत की और...... By Rishi Sachdeva

कठिन समय है, मानवीय संवेदनाएँ काँच की तरह होती है, कब टूट जाये , पता ही नहीं लगता।मनोवैज्ञानिकों का कहना कि आज जो परिदृश्य है, उसमें आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक ताना - बाना कहीं न क...

Read Free

दुःख या अवसाद By Roopanjali singh parmar

कुछ लोग इतने दुःखी होते हैं, कि जरा सी बातें ही इनकी आंखों को भर देती हैं। दुःख इस हद तक इनमें शामिल होता है कि ये सुख और दुःख के भेद को समझना भूल चुके होते हैं। इन्हें पता ही नहीं...

Read Free

विचार !! By Shubham Dudhat

अभी आप जो सोच रहे हो वही आपके विचार है या नही ?? जरा सोचिए।। क्या आप उसे रोक सकते हो?? हा, जरूर ।। पर उसके लिए आपको अपने मन ओर दिमाग पर काबू पाने की आश्यकता होगी ।। अब सोचिए यदि आप...

Read Free

लॉक डाउन के पन्ने - प्रकृति कुछ कहती है : By Rishi Sachdeva

"ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा" और निश्चित रूप से ये समय भी जीवन में दुबारा नहीं आएगा।अधिकांश लोगों का मानना है कि ये मानव निर्मित अभिशाप है, कुछ का कहना है प्रकृति का कोप है, कोई ईश्वरी...

Read Free

परिस्थिति - कुछ सवाल और एक सोच By Priya Saini

हम सदा परिस्थितियों पर ही निर्भर रहते हैं। परिस्थिति हमारे अनुकूल हो तो सब अच्छा लगता है और विपरीत हो तो वक़्त खराब लगता है। क्या परिस्थिति के खिलाफ़ जाकर कुछ करना उत्तम होगा? मन मे...

Read Free

कलियुग का मित्र - INTERNET - 1 By ADARSH PRATAP SINGH

आइये हम जानते है कि इस कलियुग में बन रहे नए मित्र जैसे “INTERNET” दौर कलियुग का है जहाँ व्यक्ति ही असुर है और वही देवता है। भेदभाव करने में भरपूर,लोभी और गलत तर्कों के समूह का परिच...

Read Free

बचपन का डर By ADARSH PRATAP SINGH

“अंधेरा ,डर दोनो का मेल अंधा स है प्रकाश के आते ही दोनों गायब से हो जाते है” {मेरी तरफ वो आदमी चलता ही आ रहा था। वो डरावना स आदमी मेरी आँखों के सामने आकर खड़ा हो गया} गर्मी की छुट्ट...

Read Free

सुराख से झाँकती ज़िंदगी By Dr. Vandana Gupta

मम्मा से लड़कर, गुस्सा होकर अपनी सहेली के घर गयी स्वरा तुरन्त ही लौट आयी थी . रह रहकर दोनों घरों की तस्वीर उसकी आँखों के सामने फ़िल्म की तरह चल रही थी.. एक तरफ अपनी जिद, अपना गु...

Read Free

प्रकृति मैम - मुकाम ढूंढें चलो चलें ( अंतिम भाग) By Prabodh Kumar Govil

मुकाम ढूंढें चलो चलेंकफ परेड के पांच सितारा प्रेसिडेंट होटल में मैं बैठा था। वहां अगली सुबह जल्दी एक कार्यक्रम होना था। तैयारी के लिए रात को वहां रुकने के लिए ऊपरी मंज़िल पर हमने ए...

Read Free

पानी : तुम मुझे बचाओ में तुम्हे बचाऊंगा By paresh barai

पानी हमारे जीवन की एक बेहद अहम् ज़रूरत है | भोजन के बिना व्यक्ति भले ही दिनों दिन तक जीवित रह ले, परंतु प्यास लगने पर एक पहर भी नहीं कटता | ऐसे में आज हम जीवन समान अमूल्य जल के विषय...

Read Free

सर्वश्रेष्ठ जीवन उद्धरण हिंदी में By devesh bagla

नमस्कार नीचे दिए गए कुछ जीवन उद्धरण पढ़ें. १. जीवन इतना सरल है जब आप लोगों को खुद को समझाना बंद कर देते हैं और सिर्फ वही करते हैं जो आपके लिए काम करता है। २. बच्चे खुश हैं क्योंकि...

Read Free

जिवनसाथी ओर भ्रम By Uhugvvuv Uguh8uhu

yg7gyrtdtgihojoninihtsrsr6tiuohjvufugkvufugbkvurutjgkbi

Read Free

गोविंद जी की खीर। By सुप्रिया सिंह

गोविंद जी का पूरा ध्यान किचिन से आने वाली सुगंध पर ही लगा है । 75 साल के हो गए हैं पर खाने -पीने के मामले में अपने 5 वर्षीय पोते से भी छोटे हैं । भूख और नियत दोनों पर कोई नियंत्रण...

Read Free

मेरा क्या कसूर है ? By Sanjay Verma

मेरा क्या कसूर है ?बुजुर्गो का आशीर्वाद ,सलाह सदैव काम आती है ये उनके पास अनुभव का ऐसा अनमोल खजाना होता है जिनको पीढ़ी दर पीढ़ी एक दूसरे प्रेरणा स्वरूप मिलता रहता है ,बस उनकी बात...

Read Free

॥धूणी॥ By Yayawargi (Divangi Joshi)

॥धूणी॥कोई प्रेम-कहानी होगी किसी लड़की की, जिसका नाम धुणी होगा या शायद कोई लड़का है जिसको किसी लड़की की धून लग गयी है यह समज आए हो तो यही रूक जाना, आगे पढ्ना ही मत बोहोत फिलोसोफ़िकल बात...

Read Free

तरीका By Dr. Vandana Gupta

मैं फ्री होकर बैठी ही थी कि एक महीन सी आवाज़ आयी... "मैडम..! मे आई गेट इन?" वह कॉमर्स की एक स्वीट सी छात्रा थी, मुझे नाम नहीं पता था, पर चेहरा पहचानती थी। "हाँ बेटा आ जाओ, बोलो...

Read Free

मासूम सपने By Pallavi Saxena

सरकारी स्कूल के बच्चों को मोबाइल के लिए लड़ते देख विज्ञान के मास्टर जी बोले चलो बच्चों आज हम विज्ञान के विषयों के बारे में चर्चा करेंगे। आज उसके अलावा और कुछ पढ़ाई नही होगी। यह सुनकर...

Read Free

मेरा साया.. एक आसमान.. By Tarun Kumar Saini

मेरा साया.. एक आसमान.. जो महसूस होता है, हर पल, हर जगह, क,मेरा अपना है, एक हमदद क तरह, सदा मेरे साथ है, यक, यही एक मेरा, अपना है... एक मेरा साया.. पर कभी, महसूस कया है, इसके बदलते,...

Read Free