hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Languages
Categories
Featured Books
  • भूत-प्रेत

    भूत-प्रेत कहते हैं कि ऐसा सदियों पहले होता था पर ऐसा होता आज भी है. राजस्थान...

  • मेला

    अब उसने मेलों में जाने से ही तौबा कर ली थ...

  • लिव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा - 7

    लीव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा जितेन्द्र शिवहरे (7) धरम अपने बारे में बता रहा था...

भूत-प्रेत By HARIYASH RAI

भूत-प्रेत कहते हैं कि ऐसा सदियों पहले होता था पर ऐसा होता आज भी है. राजस्थान का एक गांव .ऐसा गांव सब जगह है . इस गांव की छोटी झोंपड़ी , छोटे आँगन. रामानंद अपनी बीबी नाथी के स...

Read Free

जस्ट इमेजिन-लस्ट इमेजिन By S Choudhary

मन मे निश्चय किया की जल्दी सोया करेंगे, इसलिए 10 बजे ही फोन रख दिया और सोने की कोशिश करने लगे। बराबर वाले बेड पर थोड़ी देर बाद एक भाई फोन पर बात करता हुआ आया और लेट गया। फुसफुसाहट स...

Read Free

मेला By Alok Mishra

अब उसने मेलों में जाने से ही तौबा कर ली थी। शहर में लगने वाले मेले और प्रदर्शनियाँ जैसे उसे मुँह निढ़ाते है। वो अक्सर ऐसे मेलों और प्रदर्शनियो...

Read Free

लिव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा - 7 By Jitendra Shivhare

लीव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा जितेन्द्र शिवहरे (7) धरम अपने बारे में बता रहा था। नींद कब लगी उसे स्वयं पता नहीं चला। टीना भी गहरी नींद में चली गयी। सुबह हो चूकी थी। धरम ने आंखें ख...

Read Free

30 शेड्स ऑफ बेला - 27 By Jayanti Ranganathan

30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Day 27 by Shuchita Meetal शुचिता मीतल गवाही दे रहा है चांद आशा चौंककर अपने मन की भूलभुलैया से बाहर आई। ''हां, क्या कह रही...

Read Free

बात बस इतनी सी थी - 22 By Dr kavita Tyagi

बात बस इतनी सी थी 22. घरेलू हिंसा के तहत चल रहा हमारा केस दोनों को साद-साथ रहकर एक-दूसरे को समझने की नसीहत देकर कुछ महीने के लिए फाइलों में दबकर बन्द हो गया था । सामने वाले की शर्त...

Read Free

हमसफर- (भाग 2) By Kishanlal Sharma

उसका देखा सुनहरा सपना भी आज टूट गया था।काफी दिनों से सजोये सपने के टूटने से वह हताश था और हारे हुए जुआरी की तरह ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन लौट रहा था।उसे दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़नी थ...

Read Free

आपके वास्‍ते By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- आपके वास्‍ते --आर. एन. सुनगरया दो महिने से शशि मोहल्‍ले वालों की चर्चा का विषय बनी हुई है। आज भी राधा, विम...

Read Free

हीरों का हार By Mukesh Verma

हीरों का हार श्रीमती अरुणा पॉल समझदार महिला हैं। न केवल अक्ल में बल्कि शक्ल में और उसके भरपूर रखरखाव में भी। वे हर बात पर गंभीरतापूर्वक विचार करतीं। नतीजन, अपने छोटे से शोभित मुख स...

Read Free

लहराता चाँद - 9 By Lata tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 9 साहिल एक सामान्य परिवार से है। उसके पिताजी कॉलेज के प्रिंसिपल हैं और माँ संगीत की विदुषी। उसकी एक छोटी बहन सूफी है। माँ शैलजा घर में ही...

Read Free

छल-बल By Deepak sharma

छल-बल आज से साठ साल पहले उस सन् १९५८ के उन दिनों बिट्टो की अम्मा की गर्भावस्था का नवमा महीना चल रहा था| एक दिन बिट्टो के स्कूल जाते समय उसके हाथ में उसके बाबूजी की चाभी रख कर बोलीं...

Read Free

उलझन - 12 By Amita Dubey

उलझन डॉ. अमिता दुबे बारह सोमू की दादी की पहल पर सौमित्र और अंशिका के साथ हेमन्त रोज एक घण्टा हिन्दी पढ़ने लगा। सौमित्र के मैथ्स और साइंस के टीचर अभी पढ़ा ही रहे होते कि हेमन्त चुपके...

Read Free

गूगल बॉय - 16 By Madhukant

गूगल बॉय (रक्तदान जागृति का किशोर उपन्यास) मधुकांत खण्ड - 16 आख़िर वह दिन भी आ ही गया जब गोपाल जी के जन्मोत्सव पर विशाल रक्तदान शिविर आयोजित हुआ। एक ओर सभी आगंतुकों के लिये प्रसाद...

Read Free

जिंदगी मेरे घर आना - 19 By Rashmi Ravija

जिंदगी मेरे घर आना भगा- १९ मिनटों में ही जैसे सारा पिछला जीवन जी गई. अभी भी नेहा की नजरें तो फाइल पर ही जमीं थीं. शरद इतनी देर तक कुर्सी से पीठ टिकाए, एक प्रिंसिपल की व्यस्तता टॉलर...

Read Free

इक समंदर मेरे अंदर - 21 By Madhu Arora

इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (21) ....रोज़ रोज़ देर रात तक घर के बाहर रहते हो। आज सो जाओ। लक्ष्‍मण मुआ कौन सा सच में बेहोस हुआ है। वह घर भी चला गया होगा।‘ यह सुनकर सब खूब हंसे थे।...

Read Free

गवाक्ष - 39 By Pranava Bharti

गवाक्ष 39== " आपके अनुसार जीवन का क्या लक्ष्य है, उसका ध्येय क्या होना चाहिए?" "जो सारी बातें मैंने तुमसे की हैं वे जीवन से ही संबंधित हैं मेरे दोस्त!जीवन किसी एक प्रकार की...

Read Free

किराए का कांधा By Goodwin Masih

किराए का कांधा गुडविन मसीह स्वाति, जब तक तुम्हें मेरा पत्र मिलेगा, हो सकता है, तब तक मैं इस दुनिया से ही कूच कर जाऊं, क्योंकि मुझे फेफड़ों का संक्रमण हो गया है। डाॅक्टरों का कहना है...

Read Free

वो लोग : ये लोग By Mukesh Verma

(एक जुड़वा कहानी.) वो लोग : ये लोग — मुकेष वर्मा. वे लोग मेरे पिता शहर की सहकारी पेढ़ी के हैड मुनीम थे। सब लोग उन्हें हैड साब कहकर पुकारते। अमूमन पुलिस के सिपाहियों को इस नाम से जाना...

Read Free

आवारा अदाकार - 6 - अंतिम भाग By Vikram Singh

आवारा अदाकार विक्रम सिंह (6) उस दिन मेरी उससे आखिरी मुलाकात हुई। फिर वह मुम्बई चला गया। जितना उसने मुम्बई के बारे में सुना था उससे कहीं भयानक लगा। दादर स्टेशन पर उतरते ही उसने वहाँ...

Read Free

कोख By padma sharma

कोख समता उठी तो दिन कुछ ज्यादा ही चढ़ आया था। सास नयनादेवी रसोई की तरफ जा रही थी। समता ने जल्दी से उनके पैर छुए। नयनादेवी ने अपनी भृकुटी केा तनिक ढीला छोड़ते हुए धीरे-धीरे बुदबुदान...

Read Free

लता सांध्य-गृह - 1 By Rama Sharma Manavi

प्रथम अध्याय----------------- आज मैं अत्यंत प्रसन्न हूँ क्योंकि मैंने अपनी पत्नी लता के एक अहम स्वप्न को साकार रूप दे दिया है।आज हमारे वृद्धराश्रम का आधिकारिक रूप से शुभारंभ ह...

Read Free

अनाथ बेटी By पार्थविका की दुनियां

अनाथ बेटी रात के सात – साड़े सात के करीब खुले स्ट्रेट किए बाल, ओठों पर हल्की सी मरून सलवार कमीज़ से मिलती लिपस्टिक लगाएँ। कंधे पर लेडिज पर्स हाथ मे लैपटॉपबेग, कलाई में मेटल वॉच ड़ाले,...

Read Free

मंगलकामना By Shaily Khadkotkar

मंगलकामना ‘टिन-टिन,टिन-टिन, जय गणेश…. जय गणेश...!’ ऊपर के फ्लैट से हवा में तैरती मद्धम स्वर लहरियाँ श्रद्धा के कानों में पड़ी और उसके हाथों ने काम की रफ्तार बढ़ा दी| अब मातारानी, भोल...

Read Free

अन्तिम इच्छा By Goodwin Masih

अन्तिम इच्छा गुडविन मसीह सत्तर की आयु पार करते ही देवधर के शरीर ने साथ देना छोड़ दिया। दमे की शिकायत तो उन्हें काफी समय पहले से थी। सर्दी के दिनों में जब उनकी सांस उखड़ जाती तो खांसत...

Read Free

क्या नाम दूँ ..! - 4 - अंतिम भाग By Ajay Shree

क्या नाम दूँ ..! अजयश्री चतुर्थ अध्याय “मैं कब कहती हूँ कि तुम मुझसे प्यार नहीं करते, उसी प्यार का वास्ता ; मुझसे सचमुच प्यार करते हो तो अम्मा-बाबूजी को बता दो और दूसरी शादी कर लो...

Read Free

आपकी आराधना - 6 By Pushpendra Kumar Patel

भाग - 06 मनीष की बेचैनी बढ़ती जा रही थी, एक पल को जी करता कि वह अभी अपने पापा को आराधना के बारे मे बता दे, लेकिन असली मुद्दा तो मम्मी को मनाना है, पता नही आ...

Read Free

अपने-अपने कारागृह By Sudha Adesh

अपने-अपने कारागृह' मेम साहब फोन ...।' फोन अटेंडेन्ट ने उसे फोन देते हुए कहा।'दीदी कैसी है आप? आपका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था इसलिए लैंडलाइन पर फोन किया । बताइए आप कब तक...

Read Free

मुनिया मर चुकी थी। By Abdul Gaffar

मुनिया मर चुकी थी। अब्दुल ग़फ़्फ़ार मुनिया तो बहुत देर पहले ही मर चुकी थी लेकिन अर्जुन अपनी पत्नी सुगंधी से बता नही रहा था और चुपचाप बेटी की लाश को कंधे पर लादे चल रहा था। वो सोच र...

Read Free

अपने-अपने इन्द्रधनुष - 11 - अंतिम भाग By Neerja Hemendra

अपने-अपने इन्द्रधनुष (11) हरियाली से झूमती सृष्टि मुझे सदा आकर्षित करती रही है। जल भरे बादल न जाने कहाँ से आ कर अकस्मात् भूमि पर बरसने लगते हैं, और मन हर्षित हो उठता है। सांयकाल का...

Read Free

भूत-प्रेत By HARIYASH RAI

भूत-प्रेत कहते हैं कि ऐसा सदियों पहले होता था पर ऐसा होता आज भी है. राजस्थान का एक गांव .ऐसा गांव सब जगह है . इस गांव की छोटी झोंपड़ी , छोटे आँगन. रामानंद अपनी बीबी नाथी के स...

Read Free

जस्ट इमेजिन-लस्ट इमेजिन By S Choudhary

मन मे निश्चय किया की जल्दी सोया करेंगे, इसलिए 10 बजे ही फोन रख दिया और सोने की कोशिश करने लगे। बराबर वाले बेड पर थोड़ी देर बाद एक भाई फोन पर बात करता हुआ आया और लेट गया। फुसफुसाहट स...

Read Free

मेला By Alok Mishra

अब उसने मेलों में जाने से ही तौबा कर ली थी। शहर में लगने वाले मेले और प्रदर्शनियाँ जैसे उसे मुँह निढ़ाते है। वो अक्सर ऐसे मेलों और प्रदर्शनियो...

Read Free

लिव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा - 7 By Jitendra Shivhare

लीव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा जितेन्द्र शिवहरे (7) धरम अपने बारे में बता रहा था। नींद कब लगी उसे स्वयं पता नहीं चला। टीना भी गहरी नींद में चली गयी। सुबह हो चूकी थी। धरम ने आंखें ख...

Read Free

30 शेड्स ऑफ बेला - 27 By Jayanti Ranganathan

30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Day 27 by Shuchita Meetal शुचिता मीतल गवाही दे रहा है चांद आशा चौंककर अपने मन की भूलभुलैया से बाहर आई। ''हां, क्या कह रही...

Read Free

बात बस इतनी सी थी - 22 By Dr kavita Tyagi

बात बस इतनी सी थी 22. घरेलू हिंसा के तहत चल रहा हमारा केस दोनों को साद-साथ रहकर एक-दूसरे को समझने की नसीहत देकर कुछ महीने के लिए फाइलों में दबकर बन्द हो गया था । सामने वाले की शर्त...

Read Free

हमसफर- (भाग 2) By Kishanlal Sharma

उसका देखा सुनहरा सपना भी आज टूट गया था।काफी दिनों से सजोये सपने के टूटने से वह हताश था और हारे हुए जुआरी की तरह ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन लौट रहा था।उसे दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़नी थ...

Read Free

आपके वास्‍ते By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- आपके वास्‍ते --आर. एन. सुनगरया दो महिने से शशि मोहल्‍ले वालों की चर्चा का विषय बनी हुई है। आज भी राधा, विम...

Read Free

हीरों का हार By Mukesh Verma

हीरों का हार श्रीमती अरुणा पॉल समझदार महिला हैं। न केवल अक्ल में बल्कि शक्ल में और उसके भरपूर रखरखाव में भी। वे हर बात पर गंभीरतापूर्वक विचार करतीं। नतीजन, अपने छोटे से शोभित मुख स...

Read Free

लहराता चाँद - 9 By Lata tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 9 साहिल एक सामान्य परिवार से है। उसके पिताजी कॉलेज के प्रिंसिपल हैं और माँ संगीत की विदुषी। उसकी एक छोटी बहन सूफी है। माँ शैलजा घर में ही...

Read Free

छल-बल By Deepak sharma

छल-बल आज से साठ साल पहले उस सन् १९५८ के उन दिनों बिट्टो की अम्मा की गर्भावस्था का नवमा महीना चल रहा था| एक दिन बिट्टो के स्कूल जाते समय उसके हाथ में उसके बाबूजी की चाभी रख कर बोलीं...

Read Free

उलझन - 12 By Amita Dubey

उलझन डॉ. अमिता दुबे बारह सोमू की दादी की पहल पर सौमित्र और अंशिका के साथ हेमन्त रोज एक घण्टा हिन्दी पढ़ने लगा। सौमित्र के मैथ्स और साइंस के टीचर अभी पढ़ा ही रहे होते कि हेमन्त चुपके...

Read Free

गूगल बॉय - 16 By Madhukant

गूगल बॉय (रक्तदान जागृति का किशोर उपन्यास) मधुकांत खण्ड - 16 आख़िर वह दिन भी आ ही गया जब गोपाल जी के जन्मोत्सव पर विशाल रक्तदान शिविर आयोजित हुआ। एक ओर सभी आगंतुकों के लिये प्रसाद...

Read Free

जिंदगी मेरे घर आना - 19 By Rashmi Ravija

जिंदगी मेरे घर आना भगा- १९ मिनटों में ही जैसे सारा पिछला जीवन जी गई. अभी भी नेहा की नजरें तो फाइल पर ही जमीं थीं. शरद इतनी देर तक कुर्सी से पीठ टिकाए, एक प्रिंसिपल की व्यस्तता टॉलर...

Read Free

इक समंदर मेरे अंदर - 21 By Madhu Arora

इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (21) ....रोज़ रोज़ देर रात तक घर के बाहर रहते हो। आज सो जाओ। लक्ष्‍मण मुआ कौन सा सच में बेहोस हुआ है। वह घर भी चला गया होगा।‘ यह सुनकर सब खूब हंसे थे।...

Read Free

गवाक्ष - 39 By Pranava Bharti

गवाक्ष 39== " आपके अनुसार जीवन का क्या लक्ष्य है, उसका ध्येय क्या होना चाहिए?" "जो सारी बातें मैंने तुमसे की हैं वे जीवन से ही संबंधित हैं मेरे दोस्त!जीवन किसी एक प्रकार की...

Read Free

किराए का कांधा By Goodwin Masih

किराए का कांधा गुडविन मसीह स्वाति, जब तक तुम्हें मेरा पत्र मिलेगा, हो सकता है, तब तक मैं इस दुनिया से ही कूच कर जाऊं, क्योंकि मुझे फेफड़ों का संक्रमण हो गया है। डाॅक्टरों का कहना है...

Read Free

वो लोग : ये लोग By Mukesh Verma

(एक जुड़वा कहानी.) वो लोग : ये लोग — मुकेष वर्मा. वे लोग मेरे पिता शहर की सहकारी पेढ़ी के हैड मुनीम थे। सब लोग उन्हें हैड साब कहकर पुकारते। अमूमन पुलिस के सिपाहियों को इस नाम से जाना...

Read Free

आवारा अदाकार - 6 - अंतिम भाग By Vikram Singh

आवारा अदाकार विक्रम सिंह (6) उस दिन मेरी उससे आखिरी मुलाकात हुई। फिर वह मुम्बई चला गया। जितना उसने मुम्बई के बारे में सुना था उससे कहीं भयानक लगा। दादर स्टेशन पर उतरते ही उसने वहाँ...

Read Free

कोख By padma sharma

कोख समता उठी तो दिन कुछ ज्यादा ही चढ़ आया था। सास नयनादेवी रसोई की तरफ जा रही थी। समता ने जल्दी से उनके पैर छुए। नयनादेवी ने अपनी भृकुटी केा तनिक ढीला छोड़ते हुए धीरे-धीरे बुदबुदान...

Read Free

लता सांध्य-गृह - 1 By Rama Sharma Manavi

प्रथम अध्याय----------------- आज मैं अत्यंत प्रसन्न हूँ क्योंकि मैंने अपनी पत्नी लता के एक अहम स्वप्न को साकार रूप दे दिया है।आज हमारे वृद्धराश्रम का आधिकारिक रूप से शुभारंभ ह...

Read Free

अनाथ बेटी By पार्थविका की दुनियां

अनाथ बेटी रात के सात – साड़े सात के करीब खुले स्ट्रेट किए बाल, ओठों पर हल्की सी मरून सलवार कमीज़ से मिलती लिपस्टिक लगाएँ। कंधे पर लेडिज पर्स हाथ मे लैपटॉपबेग, कलाई में मेटल वॉच ड़ाले,...

Read Free

मंगलकामना By Shaily Khadkotkar

मंगलकामना ‘टिन-टिन,टिन-टिन, जय गणेश…. जय गणेश...!’ ऊपर के फ्लैट से हवा में तैरती मद्धम स्वर लहरियाँ श्रद्धा के कानों में पड़ी और उसके हाथों ने काम की रफ्तार बढ़ा दी| अब मातारानी, भोल...

Read Free

अन्तिम इच्छा By Goodwin Masih

अन्तिम इच्छा गुडविन मसीह सत्तर की आयु पार करते ही देवधर के शरीर ने साथ देना छोड़ दिया। दमे की शिकायत तो उन्हें काफी समय पहले से थी। सर्दी के दिनों में जब उनकी सांस उखड़ जाती तो खांसत...

Read Free

क्या नाम दूँ ..! - 4 - अंतिम भाग By Ajay Shree

क्या नाम दूँ ..! अजयश्री चतुर्थ अध्याय “मैं कब कहती हूँ कि तुम मुझसे प्यार नहीं करते, उसी प्यार का वास्ता ; मुझसे सचमुच प्यार करते हो तो अम्मा-बाबूजी को बता दो और दूसरी शादी कर लो...

Read Free

आपकी आराधना - 6 By Pushpendra Kumar Patel

भाग - 06 मनीष की बेचैनी बढ़ती जा रही थी, एक पल को जी करता कि वह अभी अपने पापा को आराधना के बारे मे बता दे, लेकिन असली मुद्दा तो मम्मी को मनाना है, पता नही आ...

Read Free

अपने-अपने कारागृह By Sudha Adesh

अपने-अपने कारागृह' मेम साहब फोन ...।' फोन अटेंडेन्ट ने उसे फोन देते हुए कहा।'दीदी कैसी है आप? आपका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था इसलिए लैंडलाइन पर फोन किया । बताइए आप कब तक...

Read Free

मुनिया मर चुकी थी। By Abdul Gaffar

मुनिया मर चुकी थी। अब्दुल ग़फ़्फ़ार मुनिया तो बहुत देर पहले ही मर चुकी थी लेकिन अर्जुन अपनी पत्नी सुगंधी से बता नही रहा था और चुपचाप बेटी की लाश को कंधे पर लादे चल रहा था। वो सोच र...

Read Free

अपने-अपने इन्द्रधनुष - 11 - अंतिम भाग By Neerja Hemendra

अपने-अपने इन्द्रधनुष (11) हरियाली से झूमती सृष्टि मुझे सदा आकर्षित करती रही है। जल भरे बादल न जाने कहाँ से आ कर अकस्मात् भूमि पर बरसने लगते हैं, और मन हर्षित हो उठता है। सांयकाल का...

Read Free