hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • सुलझे...अनसुलझे - 2

    सुलझे...अनसुलझे अंधी-दौड़ ------------- मैं उसको पिछले पच्चीस-तीस मिनट से एकटक गु...

  • लहराता चाँद - 13

    लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 13 अगले दिन जब अनन्या ऑफिस पहुँचकर बैग...

  • जिंदगी मेरे घर आना - 23

    जिंदगी मेरे घर आना भाग – २३ स्कूल में तो नेहा बिलकुल व्यस्त रहती पर घर आते ही ख्...

सुलझे...अनसुलझे - 2 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे अंधी-दौड़ ------------- मैं उसको पिछले पच्चीस-तीस मिनट से एकटक गुमसुम दीवार की घड़ी को लगातार ताकते हुए देख रही थी। करीब-करीब सत्रह-अठारह वर्ष की उसकी उम्र होगी। उसकी...

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लहराता चाँद - 13 By Lata tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 13 अगले दिन जब अनन्या ऑफिस पहुँचकर बैग टेबल के ऊपर रखी, देखा गौरव आँख में पानी लिए अपने कमरे से बाहर निकल रहा है। उसकी हालात काफी मज़ाकिया...

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उलझन - 16 By Amita Dubey

उलझन डॉ. अमिता दुबे सोलह अभिनव ने मना किया और कहा - ‘नहीं मानव, यह ठीक नहीं घर में मम्मी-पापा हैं नहीं ऐसे में अकेले गाड़ी निकालकर ले जाना किसी तरह सेफ नहीं मम्मी-पापा सुनेंगे तो बह...

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जिंदगी मेरे घर आना - 23 By Rashmi Ravija

जिंदगी मेरे घर आना भाग – २३ स्कूल में तो नेहा बिलकुल व्यस्त रहती पर घर आते ही ख्याल आता कहीं शरद फिर से न आ धमके. वो देर तक साड़ी नहीं बदलती.साड़ी बदलती भी तो पहले की तरह गाउन नहीं प...

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इक समंदर मेरे अंदर - 25 By Madhu Arora

इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (25) उनकी पत्नियों को लगता था कि नौकरी करने वाली औरतें मर्दों को फंसाने में माहिर होती हैं। उन्‍हें यह नहीं पता होता था कि उनकी नौकरी न करने का उनके प...

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गवाक्ष - 43 By Pranava Bharti

गवाक्ष 43== मंत्री जी कॉस्मॉस के साथ वृक्ष पर बैठकर अपनी मृत्यु का तमाशा देखकर अपने बीते दिनों में पत्नी स्वाति के पास पहुँच गए थे, वे अपने पुत्रों के बारे में भी सोचते रहे...

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BOYS school WASHROOM - 6 By Akash Saxena "Ansh"

तभी पीछे से यश की पैंट खींचकर विहान यश से पूछता है'क्या हुआ भैया किसे ढूंढ रहे हो आप'... यश एक गहरी सांस लेता है और यश को गोद मे उठा लेता है.... ""तुझे ही ढूंढ रहा था, कहाँ...

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Broken with you... - 1 By Alone Soul

सुबह होगी थी शायद में बस बिस्तर पर लेटी थी थोड़ा सा उदासी सी थी दिल में एक अजीब सा जैसे दर्द सा लग रहा था जैसे किसी का दिल दुखा दिया हो मेरा फोन आज बहुत( vibrate)कर रहा था बस आख़...

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जी उठा तुलसी का पौधा By Sunita Maheshwari

जी उठा तुलसी का पौधा “बन्नो तेरी अँखियाँ सुरमे दानी, बन्नो तेरा टीका लाख का रे......” | शुभदा बड़ी तन्मयता से गाते हुए, गहने पहन कर शीशे में देख रही थी | तभी उसके पति शरद सिंह आए और...

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30 शेड्स ऑफ बेला - 30 - अंतिम भाग By Jayanti Ranganathan

30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Day 30 by Sudarshana Dwivedi सुदर्शना द्विवेदी एक थी बेला " मैं मर जाऊंगा, भूख से जान निकल रही है मेरी। और सब तेरी वजह से रोहित।"...

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बात बस इतनी सी थी - 25 By Dr kavita Tyagi

बात बस इतनी सी थी 25. इसी तरह चैन और सुकून से मेरे दो सप्ताह बीत गये । दो सप्ताह बीतने के बाद रविवार के दिन माता जी ने मुझसे कहा - "चंदन, बेटा ! आज तेरी छुट्टी है ! चल आज अपने फ्लै...

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ज़िन्दगी सतरंग.. - 1 By Sarita Sharma

अम्मा की नजरें सामने आती स्कूटी की तरफ़ ही टिकी हुई थी.. कौन है? कौन नहीं ये जानने के लिए अम्मा बेख़ौफ़ होकर सड़क पर स्कूटी के सामने ही आ रही थी.. पी..ईईईप....पीईईईईईईईप........ मैं जो...

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आभास By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- आभास आर. एन. सुनगरया आदतानुसार मैंने बाहर से आते ही टेबल पर जेबों का सा...

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इतना बड़ा सच(भाग 2) By Kishanlal Sharma

वह कुछ चिड़चिड़ी हो गई थी।शायद सास बनते ही औरत में कुछ गुण स्वत् ही आ जाते है।राम बाबू कपड़े बदलते हुए मन ही मन सोच रहे थे।पंकज के लिए बहुत रिश्ते आये थे।एक से बढ़कर एक।उनका साला राकेश...

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रिश्ते बेमानी By padma sharma

रिश्ते बेमानी कामिनी अपने पति विकास और बच्चे के साथ महाकौशल एक्सप्रेस में झाँसी से जबलपुर की यात्रा पर थी। ट्रेन अपने पूरे वेग से दौड़ रही थी। वे लोग अपनी बर्थ पर फैल-फूट कर ब...

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दी लॉक डाउन टेल्स :कुछ खट्टी कुछ मीठी - भाग 2 - सपनो का घर By RISHABH PANDEY

विवेक दत्त के दो पुत्र श्याम और राधे थे। विवेक दत्त जी ज्यादा पढे लिखे नही थे लेकिन शिक्षा का महत्व बखूबी समझते थे। इस लिये विवेक दत्त जी ने अपने दोनों ही बेटों को अपनी जी जान लगाक...

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डॉग शो By Deepak sharma

डॉग शो चन्द्ररूपिणी को उसके माता-पिता के साथ उसके नाना हमारे घर लाए थे| सन् १९६८ में| हमारी छत के एकल कमरे में उन्हें ठहराने| हमारे दादा और उसके नाना एक ही राजनैतिक पार्टी के सदस्य...

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गूगल बॉय - 19 - अंतिम भाग By Madhukant

गूगल बॉय (रक्तदान जागृति का किशोर उपन्यास) मधुकांत खण्ड - 19 पहले तो गूगल घर में बने बाँके बिहारी मन्दिर में जाकर कभी-कभी वन्दना करता था। विशेषकर तब जब उसको परीक्षा देने जाना होता...

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मृत संवेदनाएं By Goodwin Masih

मृत संवेदनाएं गुडविन मसीह दो नौकरों के साथ हरीश ने अपनी दादी जी का रूम खोला और नौकरों को सख्त हिदायत देते हुए कहा,‘‘ दो दिन के अन्दर यह रूम पूरी तरह साफ हो जाना चाहिए, कमरे की एक-ए...

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कैदी नंबर 306 - मिलन By The Real Ghost

‘कैदी नंबर 306’ , ‘कैदी नंबर 306 रिटर्न्ड’ एवं ‘कैदी नंबर 306 - बेगुनाह अपराधी’ मैं आपने पढ़ा की रामखिलावन निहायत ही शरीफ आदमी था और अपनी जीविका चलाने के लिए प्रेस मैं रिपोर्टर का क...

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लिव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा - 8 - अंतिम भाग By Jitendra Shivhare

लीव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा जितेन्द्र शिवहरे (8) "धरम! ये तुम्हें क्या हो गया है। जागो! ये पापीन हम दोनों को मारकर संसार में हा-हा-कार मचा देगी।" बाबा टपाल की आत्मा से ये आवाज़ें...

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लता सांध्य-गृह - 2 By Rama Sharma Manavi

पूर्व कथा जानने के लिए प्रथम अध्याय अवश्य पढ़ें ।द्वितीय अध्याय--------------------गतांक से आगे …… समय धीरे धीरे व्यतीत हो रहा है, अब मेरे सांध्य-गृह में 10 सदस्य हो चुके...

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जुगाली By Deepak sharma

जुगाली “वनमाला के दाह-कर्म पर हमारा बहुत पैसा लग गया, मैडम|” अगले दिन जगपाल फिर मेरे दफ़्तर आया, “उसकी तनख्वाह का बकाया आज दिलवा दीजिए|” वनमाला मेरे पति वाले सरकारी कॉलेज में लैब अस...

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बंध कमरे का चोरस By Vibha Rani

बंध कमरे का चोरस विभा रानी सुपर्णा की नींद खुली और समवेत स्‍वरों का एक लहराता झोंका खिड़की से होते हुए उसके कानों से टकराया। ढोल, कंसी, झांझ, हारमोनियम के मिले जुले स्‍वर और हरे कृ...

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पापा मैं तारा बन गयी By Goodwin Masih

पापा मैं तारा बन गयी गुडविन मसीह आधी रात गुजर चुकी थी। आर्यन को नींद नहीं आ रही थी। बेचैनी इतनी थी, कि वह बार-बार करबट बदल रहा था और सोच रहा था कि उसे नींद क्यों नहीं आ रही है ? अच...

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अपने-अपने कारागृह - 2 By Sudha Adesh

अपने-अपने कारागृह- 1अजय को बिहार कैडर मिला था । उसकी पहली पोस्टिंग समस्तीपुर में हुई थी । समस्तीपुर पोस्टिंग के कारण वह ससुराल में कुछ ही दिन रह पाई थी । उसकी सास क्षमा ने उसे ढे...

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आपकी आराधना - 7 By Pushpendra Kumar Patel

भाग - 07 मनीष ने अपना मोबाइल देखा, अरे! मम्मी के 7 मिस्ड कॉल्स, ऐसी क्या बात हो गयी ? " आराधना अब हमे चलना चाहिए, शायद घर पर सभी वेट कर रहे हैं " मनीष ने...

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भूत-प्रेत By HARIYASH RAI

भूत-प्रेत कहते हैं कि ऐसा सदियों पहले होता था पर ऐसा होता आज भी है. राजस्थान का एक गांव .ऐसा गांव सब जगह है . इस गांव की छोटी झोंपड़ी , छोटे आँगन. रामानंद अपनी बीबी नाथी के स...

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सुलझे...अनसुलझे - 2 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे अंधी-दौड़ ------------- मैं उसको पिछले पच्चीस-तीस मिनट से एकटक गुमसुम दीवार की घड़ी को लगातार ताकते हुए देख रही थी। करीब-करीब सत्रह-अठारह वर्ष की उसकी उम्र होगी। उसकी...

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लहराता चाँद - 13 By Lata tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 13 अगले दिन जब अनन्या ऑफिस पहुँचकर बैग टेबल के ऊपर रखी, देखा गौरव आँख में पानी लिए अपने कमरे से बाहर निकल रहा है। उसकी हालात काफी मज़ाकिया...

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उलझन - 16 By Amita Dubey

उलझन डॉ. अमिता दुबे सोलह अभिनव ने मना किया और कहा - ‘नहीं मानव, यह ठीक नहीं घर में मम्मी-पापा हैं नहीं ऐसे में अकेले गाड़ी निकालकर ले जाना किसी तरह सेफ नहीं मम्मी-पापा सुनेंगे तो बह...

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जिंदगी मेरे घर आना - 23 By Rashmi Ravija

जिंदगी मेरे घर आना भाग – २३ स्कूल में तो नेहा बिलकुल व्यस्त रहती पर घर आते ही ख्याल आता कहीं शरद फिर से न आ धमके. वो देर तक साड़ी नहीं बदलती.साड़ी बदलती भी तो पहले की तरह गाउन नहीं प...

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इक समंदर मेरे अंदर - 25 By Madhu Arora

इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (25) उनकी पत्नियों को लगता था कि नौकरी करने वाली औरतें मर्दों को फंसाने में माहिर होती हैं। उन्‍हें यह नहीं पता होता था कि उनकी नौकरी न करने का उनके प...

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गवाक्ष - 43 By Pranava Bharti

गवाक्ष 43== मंत्री जी कॉस्मॉस के साथ वृक्ष पर बैठकर अपनी मृत्यु का तमाशा देखकर अपने बीते दिनों में पत्नी स्वाति के पास पहुँच गए थे, वे अपने पुत्रों के बारे में भी सोचते रहे...

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BOYS school WASHROOM - 6 By Akash Saxena "Ansh"

तभी पीछे से यश की पैंट खींचकर विहान यश से पूछता है'क्या हुआ भैया किसे ढूंढ रहे हो आप'... यश एक गहरी सांस लेता है और यश को गोद मे उठा लेता है.... ""तुझे ही ढूंढ रहा था, कहाँ...

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Broken with you... - 1 By Alone Soul

सुबह होगी थी शायद में बस बिस्तर पर लेटी थी थोड़ा सा उदासी सी थी दिल में एक अजीब सा जैसे दर्द सा लग रहा था जैसे किसी का दिल दुखा दिया हो मेरा फोन आज बहुत( vibrate)कर रहा था बस आख़...

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जी उठा तुलसी का पौधा By Sunita Maheshwari

जी उठा तुलसी का पौधा “बन्नो तेरी अँखियाँ सुरमे दानी, बन्नो तेरा टीका लाख का रे......” | शुभदा बड़ी तन्मयता से गाते हुए, गहने पहन कर शीशे में देख रही थी | तभी उसके पति शरद सिंह आए और...

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30 शेड्स ऑफ बेला - 30 - अंतिम भाग By Jayanti Ranganathan

30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Day 30 by Sudarshana Dwivedi सुदर्शना द्विवेदी एक थी बेला " मैं मर जाऊंगा, भूख से जान निकल रही है मेरी। और सब तेरी वजह से रोहित।"...

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बात बस इतनी सी थी - 25 By Dr kavita Tyagi

बात बस इतनी सी थी 25. इसी तरह चैन और सुकून से मेरे दो सप्ताह बीत गये । दो सप्ताह बीतने के बाद रविवार के दिन माता जी ने मुझसे कहा - "चंदन, बेटा ! आज तेरी छुट्टी है ! चल आज अपने फ्लै...

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ज़िन्दगी सतरंग.. - 1 By Sarita Sharma

अम्मा की नजरें सामने आती स्कूटी की तरफ़ ही टिकी हुई थी.. कौन है? कौन नहीं ये जानने के लिए अम्मा बेख़ौफ़ होकर सड़क पर स्कूटी के सामने ही आ रही थी.. पी..ईईईप....पीईईईईईईईप........ मैं जो...

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इतना बड़ा सच(भाग 2) By Kishanlal Sharma

वह कुछ चिड़चिड़ी हो गई थी।शायद सास बनते ही औरत में कुछ गुण स्वत् ही आ जाते है।राम बाबू कपड़े बदलते हुए मन ही मन सोच रहे थे।पंकज के लिए बहुत रिश्ते आये थे।एक से बढ़कर एक।उनका साला राकेश...

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रिश्ते बेमानी By padma sharma

रिश्ते बेमानी कामिनी अपने पति विकास और बच्चे के साथ महाकौशल एक्सप्रेस में झाँसी से जबलपुर की यात्रा पर थी। ट्रेन अपने पूरे वेग से दौड़ रही थी। वे लोग अपनी बर्थ पर फैल-फूट कर ब...

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दी लॉक डाउन टेल्स :कुछ खट्टी कुछ मीठी - भाग 2 - सपनो का घर By RISHABH PANDEY

विवेक दत्त के दो पुत्र श्याम और राधे थे। विवेक दत्त जी ज्यादा पढे लिखे नही थे लेकिन शिक्षा का महत्व बखूबी समझते थे। इस लिये विवेक दत्त जी ने अपने दोनों ही बेटों को अपनी जी जान लगाक...

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डॉग शो By Deepak sharma

डॉग शो चन्द्ररूपिणी को उसके माता-पिता के साथ उसके नाना हमारे घर लाए थे| सन् १९६८ में| हमारी छत के एकल कमरे में उन्हें ठहराने| हमारे दादा और उसके नाना एक ही राजनैतिक पार्टी के सदस्य...

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गूगल बॉय - 19 - अंतिम भाग By Madhukant

गूगल बॉय (रक्तदान जागृति का किशोर उपन्यास) मधुकांत खण्ड - 19 पहले तो गूगल घर में बने बाँके बिहारी मन्दिर में जाकर कभी-कभी वन्दना करता था। विशेषकर तब जब उसको परीक्षा देने जाना होता...

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मृत संवेदनाएं By Goodwin Masih

मृत संवेदनाएं गुडविन मसीह दो नौकरों के साथ हरीश ने अपनी दादी जी का रूम खोला और नौकरों को सख्त हिदायत देते हुए कहा,‘‘ दो दिन के अन्दर यह रूम पूरी तरह साफ हो जाना चाहिए, कमरे की एक-ए...

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कैदी नंबर 306 - मिलन By The Real Ghost

‘कैदी नंबर 306’ , ‘कैदी नंबर 306 रिटर्न्ड’ एवं ‘कैदी नंबर 306 - बेगुनाह अपराधी’ मैं आपने पढ़ा की रामखिलावन निहायत ही शरीफ आदमी था और अपनी जीविका चलाने के लिए प्रेस मैं रिपोर्टर का क...

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लिव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा - 8 - अंतिम भाग By Jitendra Shivhare

लीव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा जितेन्द्र शिवहरे (8) "धरम! ये तुम्हें क्या हो गया है। जागो! ये पापीन हम दोनों को मारकर संसार में हा-हा-कार मचा देगी।" बाबा टपाल की आत्मा से ये आवाज़ें...

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लता सांध्य-गृह - 2 By Rama Sharma Manavi

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जुगाली By Deepak sharma

जुगाली “वनमाला के दाह-कर्म पर हमारा बहुत पैसा लग गया, मैडम|” अगले दिन जगपाल फिर मेरे दफ़्तर आया, “उसकी तनख्वाह का बकाया आज दिलवा दीजिए|” वनमाला मेरे पति वाले सरकारी कॉलेज में लैब अस...

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बंध कमरे का चोरस By Vibha Rani

बंध कमरे का चोरस विभा रानी सुपर्णा की नींद खुली और समवेत स्‍वरों का एक लहराता झोंका खिड़की से होते हुए उसके कानों से टकराया। ढोल, कंसी, झांझ, हारमोनियम के मिले जुले स्‍वर और हरे कृ...

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पापा मैं तारा बन गयी By Goodwin Masih

पापा मैं तारा बन गयी गुडविन मसीह आधी रात गुजर चुकी थी। आर्यन को नींद नहीं आ रही थी। बेचैनी इतनी थी, कि वह बार-बार करबट बदल रहा था और सोच रहा था कि उसे नींद क्यों नहीं आ रही है ? अच...

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अपने-अपने कारागृह - 2 By Sudha Adesh

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आपकी आराधना - 7 By Pushpendra Kumar Patel

भाग - 07 मनीष ने अपना मोबाइल देखा, अरे! मम्मी के 7 मिस्ड कॉल्स, ऐसी क्या बात हो गयी ? " आराधना अब हमे चलना चाहिए, शायद घर पर सभी वेट कर रहे हैं " मनीष ने...

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भूत-प्रेत By HARIYASH RAI

भूत-प्रेत कहते हैं कि ऐसा सदियों पहले होता था पर ऐसा होता आज भी है. राजस्थान का एक गांव .ऐसा गांव सब जगह है . इस गांव की छोटी झोंपड़ी , छोटे आँगन. रामानंद अपनी बीबी नाथी के स...

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