hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • आपकी आराधना - 18

    अग्रवाल हाऊस का ये गेट जहाँ आराधना ने अपना पहला कदम रखा था और उसे तो ऐसा एहसास ह...

  • तीसरे लोग - 2

    2. वो-जनखा-सा देखनेवाला छोकरा किसना आज फिर गली के नुक्कड़ पर मसखरी करते आवारा लड़क...

  • अपने-अपने कारागृह - 8

    अपने-अपने कारागृह-7एक दिन मम्मी जी नन्ही परी को तेल लगा रही थीं कि देवयानी आंटी...

आपकी आराधना - 18 By Pushpendra Kumar Patel

अग्रवाल हाऊस का ये गेट जहाँ आराधना ने अपना पहला कदम रखा था और उसे तो ऐसा एहसास हुआ था जैसे उसके आने पर ये गार्डन के फूल-पत्ते उसके स्वागत मे ही खिले हों और अपनी खुशियाँ बिखेर रहे...

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तीसरे लोग - 2 By Geetanjali Chatterjee

2. वो-जनखा-सा देखनेवाला छोकरा किसना आज फिर गली के नुक्कड़ पर मसखरी करते आवारा लड़कों के बीच घिर गया। "अय ! हय ! ए किसना ! उफ ! तेरी चाल तो किसी दिन हम सबकी जान ले लेगी। " तो दूसरा टु...

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अपने-अपने कारागृह - 8 By Sudha Adesh

अपने-अपने कारागृह-7एक दिन मम्मी जी नन्ही परी को तेल लगा रही थीं कि देवयानी आंटी का फोन आया । उन्होंने मम्मी जी से बात करने की इच्छा जाहिर की । उषा ने फोन मम्मी जी को दे दिया । मम्...

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बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 6 By Pradeep Shrivastava

भाग - ६ बेनज़ीर हल्की मुस्कान लिए बोलीं, ' और आप फिर से स्टेच्यू बन गए तो।' ' मैं पूरा प्रयास करूँगा कि ऐसा ना हो।' ' ठीक है। तो जब काम पीछे छूटने लगा तो कई ऑर्ड...

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मिशन सिफर - 9 By Ramakant Sharma

9. उसकी ट्रेनिंग खत्म हो चुकी थी। उसे वाकई बहुत कुछ नया और पेचीदा सीखने को मिला था। उससे कहा गया था कि वह अब कुछ दिन आराम करे। उसे अगले आर्डर तक क्वार्टर में ही रहना था। उसने जानने...

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मिश्री धोबी फागों में By रामगोपाल तिवारी

कहानी , मिश्री धोबी फागों में राम गोपाल भावुक...

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BOYS school WASHROOM - 9 By Akash Saxena "Ansh"

"ओ! हो! यश!....ये क्या शोर मचा रखा है।" प्रज्ञा दरवाज़े खोलते ही यश पर चिल्ला पडती है। लेकिन यश अपना हाथ फिर भी डोर बैल से नहीं हटाता... .शायद प्रज्ञा की आवाज़ को वो सुन ही नहीं पात...

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इमली की चटनी में गुड़ की मिठास - 3 By Shivani Jaipur

भाग-3 पहली रात शालिनी भाभी की बातों को याद करती हुई,मन में ढेरों उम्मीद लिए सुहाग सेज पर फिल्मी स्टाइल में सज-संवर कर बैठी हुई रवि का इंतज़ार कर रही थी और सोच रही थी कि रवि आ कर जब...

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सौतेली मां By राजनारायण बोहरे

क्हानी- छप्पर में से पड़ रहे टपके से एक बूंद और शरीर पर गिरी। उसके सारे शरीर में सिहरन आ गई। कमरे में नजर फेंकी तो सारा कमरा टप टप के शोर से भरा हुआ था, तिल रखने को भी जगह न थी। अ...

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लता सांध्य-गृह - 6 By Rama Sharma Manavi

पूर्व कथा जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें। छठा अध्याय-----------------गतांक से आगे….--------------- छठें कमरे के निवासी थे विभव सक्सेना एवं उनकी पत्नी अंजू देवी।विद्यु...

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सुलझे...अनसुलझे - 18 By Pragati Gupta

सुलझे...अनसुलझे भावनात्मक स्पर्श ------------------ आज मेरी मुलाक़ात एक अरसे बाद अपनी बचपन की मित्र लेखा से हुई। सुना था कि उसकी शादी एक बहुत ही धनाढ्य परिवार में हुई थी। उसके विवाह...

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लहराता चाँद - 29 By Lata tejeswar renuka

लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' 29 महुआ की स्टेटमेंट से गैंग के कई बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरोहे के कुछ बदमाश लोग भाग निकले। महुआ को कई दिन तक पुलिस प्रोटे...

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एक दुनिया अजनबी - 12 By Pranava Bharti

एक दुनिया अजनबी 12 - मृदुला को विभा तबसे जानती है जब से प्रखर का जन्म हुआ था | उन दिनों शर्मा-परिवार किराए पर रहता था | प्रखर के जन्म पर वह उससे एक हज़ार रूपये व सिल्क की ज़री के बॉर...

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राजकाज By रामगोपाल तिवारी

कहानी राजकाज रामगोपाल भावुक ग्रीश्म अवकाश के बाद विद्यालय खुल गए हैं। विद्यालय में भर्ती चालू हो गई है। पिछली वर्श पढ़ाई सेन्...

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Broken with you... - 2 By Alone Soul

एक सन्नाटा छा जाता है चुप चाप सब हो जाता है ये सड़क तक ना थरतगराती है चुप चाप सब हो जाता है कई जिश्मो में मुर्दे दफनाता है चुप चाप सब हो जाता है ...........एक सन्नाटा सा छा गया था...

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जिंदगी रुकती नहीं By Alka Agrawal

मुनिया ने सुबह उठकर देखा, उसके दादाजी बालकनी में बैठे अकेले चाय पी रहे हैं। उनको देखने से लग रहा था कि वे बहुत उदास और दु:खी है । मम्मी रसोई में काम कर रही थी, पापा भी अपने काम में...

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उजालों की बारिश By Akhilesh Srivastava

कहानी उजालों की बारिश...

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शुरूआत By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- शुरूआत आर. एन. सुनगरया, रवि के मस्ति...

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रईसज़ादा By Pranava Bharti

रईसज़ादा --------- पता नहीं रविवारीय सूरज की रोशनी दिखाई देते ही वह चौकन्नी सी क्यों हो जाती थी जैसे कोई कुछ छीनने आ रहा हो उससे ।खिड़की के अधखुले पल्ले से छनती ताज़ी...

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हड़ताल By रामगोपाल तिवारी

कहानी हड़ताल रामगोपाल भावुक भारत बन्द की घोशणा...

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समाज के गद्दार By Prem Nhr

┈┉┅━❀꧁ω❍ω꧂❀━┅┉ आज मैं अपने विचारों और आशा के सहयोग से एक कहानी लिख रहा हूँ जो कि लॉक डाउन की विभीषिका पर केंद्रित है। आशा है कि आपको मेरा लेखन पसन्द आये और आप मेरी कहानी को पढ़कर अप...

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आपकी आराधना - 18 By Pushpendra Kumar Patel

अग्रवाल हाऊस का ये गेट जहाँ आराधना ने अपना पहला कदम रखा था और उसे तो ऐसा एहसास हुआ था जैसे उसके आने पर ये गार्डन के फूल-पत्ते उसके स्वागत मे ही खिले हों और अपनी खुशियाँ बिखेर रहे...

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तीसरे लोग - 2 By Geetanjali Chatterjee

2. वो-जनखा-सा देखनेवाला छोकरा किसना आज फिर गली के नुक्कड़ पर मसखरी करते आवारा लड़कों के बीच घिर गया। "अय ! हय ! ए किसना ! उफ ! तेरी चाल तो किसी दिन हम सबकी जान ले लेगी। " तो दूसरा टु...

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अपने-अपने कारागृह - 8 By Sudha Adesh

अपने-अपने कारागृह-7एक दिन मम्मी जी नन्ही परी को तेल लगा रही थीं कि देवयानी आंटी का फोन आया । उन्होंने मम्मी जी से बात करने की इच्छा जाहिर की । उषा ने फोन मम्मी जी को दे दिया । मम्...

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बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 6 By Pradeep Shrivastava

भाग - ६ बेनज़ीर हल्की मुस्कान लिए बोलीं, ' और आप फिर से स्टेच्यू बन गए तो।' ' मैं पूरा प्रयास करूँगा कि ऐसा ना हो।' ' ठीक है। तो जब काम पीछे छूटने लगा तो कई ऑर्ड...

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मिशन सिफर - 9 By Ramakant Sharma

9. उसकी ट्रेनिंग खत्म हो चुकी थी। उसे वाकई बहुत कुछ नया और पेचीदा सीखने को मिला था। उससे कहा गया था कि वह अब कुछ दिन आराम करे। उसे अगले आर्डर तक क्वार्टर में ही रहना था। उसने जानने...

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मिश्री धोबी फागों में By रामगोपाल तिवारी

कहानी , मिश्री धोबी फागों में राम गोपाल भावुक...

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"ओ! हो! यश!....ये क्या शोर मचा रखा है।" प्रज्ञा दरवाज़े खोलते ही यश पर चिल्ला पडती है। लेकिन यश अपना हाथ फिर भी डोर बैल से नहीं हटाता... .शायद प्रज्ञा की आवाज़ को वो सुन ही नहीं पात...

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इमली की चटनी में गुड़ की मिठास - 3 By Shivani Jaipur

भाग-3 पहली रात शालिनी भाभी की बातों को याद करती हुई,मन में ढेरों उम्मीद लिए सुहाग सेज पर फिल्मी स्टाइल में सज-संवर कर बैठी हुई रवि का इंतज़ार कर रही थी और सोच रही थी कि रवि आ कर जब...

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सौतेली मां By राजनारायण बोहरे

क्हानी- छप्पर में से पड़ रहे टपके से एक बूंद और शरीर पर गिरी। उसके सारे शरीर में सिहरन आ गई। कमरे में नजर फेंकी तो सारा कमरा टप टप के शोर से भरा हुआ था, तिल रखने को भी जगह न थी। अ...

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सुलझे...अनसुलझे - 18 By Pragati Gupta

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लहराता चाँद - 29 By Lata tejeswar renuka

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राजकाज By रामगोपाल तिवारी

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एक सन्नाटा छा जाता है चुप चाप सब हो जाता है ये सड़क तक ना थरतगराती है चुप चाप सब हो जाता है कई जिश्मो में मुर्दे दफनाता है चुप चाप सब हो जाता है ...........एक सन्नाटा सा छा गया था...

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जिंदगी रुकती नहीं By Alka Agrawal

मुनिया ने सुबह उठकर देखा, उसके दादाजी बालकनी में बैठे अकेले चाय पी रहे हैं। उनको देखने से लग रहा था कि वे बहुत उदास और दु:खी है । मम्मी रसोई में काम कर रही थी, पापा भी अपने काम में...

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हड़ताल By रामगोपाल तिवारी

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┈┉┅━❀꧁ω❍ω꧂❀━┅┉ आज मैं अपने विचारों और आशा के सहयोग से एक कहानी लिख रहा हूँ जो कि लॉक डाउन की विभीषिका पर केंद्रित है। आशा है कि आपको मेरा लेखन पसन्द आये और आप मेरी कहानी को पढ़कर अप...

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