hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • शरणागति - 2

    अध्याय 2 शरणागति वृद्धाश्रम ! करीब-करीब 3 एकड़ जमीन पर एक ऊंची इमारत पेड़ों के झ...

  • मेरा बिट्टू भाई

    मेरे प्यारे भाई बिट्टू बहुत सारा प्यार मेरी शादी अठारह जनवरी की थी और उसके पहले...

  • हिसाब

    समाज में ज्यादातर लोग बड़े पुरजोर शब्दों में बराबरी का दावा करते हैं, परन्तु स...

मुखौटा ही मुखौटा - 1 By Heena_Pathan

" मुखौटे दिख रहे हैं आजकल मुखौटे बिक रहे हैं आजकलसच दबाया जा रहा है झूठ बिक रहे हैं आजकल यूँ तो सब ज्ञानी हैं यहाँ परिस्थितियों को देख ज्ञान दे रहे आजकल।इंटरनेट के इस दौर में स...

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शरणागति - 2 By S Bhagyam Sharma

अध्याय 2 शरणागति वृद्धाश्रम ! करीब-करीब 3 एकड़ जमीन पर एक ऊंची इमारत पेड़ों के झुंड के बीच में खड़ा था । ठंडी-ठडी हवाएं ! फूलों की भीनी-भीनी खुशबू, सुंदर-सुंदर फूलों से लदे पेड़ों क...

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बदलते रिश्ते (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

""हां,"सालू दीर्घ निःस्वास छोड़ते हुए बोली,,"उसी प्यार का वास्ता देकर तुमसे कुछ मांगने आयी हूँ।""तुम्हारे लिए जान भी हाज़िर है।मांगो क्या मांगना है?""मेरे पति को मेरा तुमसे मिलना पसं...

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पागल - 4 By Brijmohan sharma

अध्याय 4नौकरी के प्रयाससर्विस के प्रयास मोनू अनेक जगह नौकरी के लिए आवेदन दे रहा था लेकिन उसके थर्ड डिवीज़न के कारण उसे कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी I उसके पापा ने सोचा यदि मोनू को कोई...

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मेरा बिट्टू भाई By Neelima Sharrma Nivia

मेरे प्यारे भाई बिट्टू बहुत सारा प्यार मेरी शादी अठारह जनवरी की थी और उसके पहले पंद्रह जनवरी को शगुन |ससुराल देहरादून में था तो जब शगुन देकर जब से सब वापिस आये थे सब बहुत खुश थे....

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हिसाब By Rama Sharma Manavi

समाज में ज्यादातर लोग बड़े पुरजोर शब्दों में बराबरी का दावा करते हैं, परन्तु स्वयं उसका पालन नहीं करना चाहते। कविता विवाह के पश्चात हर वर्ष जाड़ों, गर्मियों की छुट्टियों में अपन...

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आत्महत्या .... आखिर जिम्मेदार कौन ? By ArUu

"दिखाई नहीं देता पर शामिल जरूर होता है हर आत्महत्या करने वाले का कोई ना कोई कातिल जरूर होता है" इन्ही लाइनों को चरितार्थ करती ये कहानी इस समाज में व्याप्त जहर को दर्शाती है...

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फ़ंदा क्यों..... By Sudha Om Dhingra

सुधा ओम ढींगरा उसका दिल आज बहुत बेचैन है, किसी भी तरह काबू में नहीं आ रहा, तबियत बहुत उखड़ी हुई और भीतर जैसे कुछ टूटता सा महसूस हो रहा है। सुबह के पाठ में भी मन नहीं रमा। चित्त स्थ...

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मेला By Alok Mishra

मेला अब उसने मेलों में जाने से ही तौबा कर ली थी। शहर में लगने वाले मेले और प्रदर्शनियाँ जैसे उसे मुँह निढ़ाते है। वो अक्सर ऐसे मेलों और प्रदर्श...

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स्वीकृति - 2 By GAYATRI THAKUR

सुष्मिता ट्रेन की खिड़की से बाहर देखती हुई ताजी हवाओं को एक बार में ही अपनी सांसों में भर लेना चाहती है.... ऐसी ताजी हवाएं जो किसी कैदी को एक लंबे अंतराल के बाद कैद से मुक्ति के उप...

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अतीत के चलचित्र—(3) By Asha Saraswat

अतीत के चलचित्र (3) एक दिन मेरी सहेली मेरे घर आई और उसने बताया कि मेरी भाभीजी ने एक पुत्र रत्न को जन्म दिया है,उसका नामकरण संस्कार है ।उसने बताया कि कुछ रिश्तेदार...

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एक था टिल्लू By राज कुमार कांदु

जब से आतंकियों के हमले में बारह जवानों के शहादत की खबर टिल्लू ने सुनी थी , पाकिस्तान के प्रति उसकी नफरत सातवें आसमान पर पहुँच गई थी । उसकी भुजाएँ फड़क उठी थीं । उसका दिल कर रहा था अ...

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अपनों के लिये By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ आज पल पल न जाने कितनी बार शलभ के साथ जिया है, उसके ऑफ़िस होने पर भी । अब कुछ क्षण ही रह गये हैं, उसक वापिस घर आने में । वह सुन कर बहुत चौंकेगा, उसने कहा भी था, &ldq...

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अनमोल तोहफे By Rama Sharma Manavi

आज जीवन और उसकी पत्नी स्वस्थ होकर हॉस्पिटल से घर आ गए थे।दो दिन बाद ही उनकी मैरिज एनिवर्सरी थी।उसकी शादी को 15 वर्ष हो गए थे।पत्नी बगल में दवा लेकर गहरी नींद में सो रही थी,औऱ व...

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रेडियो वाली मेज By Deepak sharma

लेखिका दीपक शर्मा ''रेडियो वाली मेज़ कहाँ गई?'' गेट से मैं सीधी बाबू जी के कमरे में दाखिल हुई थी। माँ के बाद अपने मायके जाने का वह मेरा पहला अवसर था। ''वह च...

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लड़की ने शादी अस्वीकृत की By r k lal

लड़की ने शादी अस्वीकृत की आर० के० लाल पूरे घर में उदासी छाई थी। अंकिता ने रिश्ता जो ठुकरा दिया था। उसकी दादी उसी को कोस रही थी, “ अच्छा खासा रिश्ता स्वयं चल कर आया था। ब...

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अविका By Rama Sharma Manavi

जिंदगी के रास्ते कब कहां अचानक कौन सा मोड़ ले लें, पता ही नहीं होता।कभी जिंदगी की झोली बिल्कुल खाली हो जाती है, कभी खुशियों के फूलों से भर उठती है।कभी बहुत कुछ होते हुए कोई ऐसी र...

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काष्ठ प्रकृति By Deepak sharma

काष्ठ प्रकृति  जब मेरी चेतना लौटी टो मैंने अपने आपको अस्पताल के बिस्तर पर पाया|  चिंतित चेहरों की भीड़ में अपने कॉलेज के प्रिंसिपल को देखकर मैं स्वयं चिंता एवं भय से भर उठ...

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देवदूत By BALDEV RAJ BHARTIYA

कहानी देवदूतशांत. . . . . . एकदम शांत था सारा शहर। पिछले छह दिन से सड़कें सुनसान थी और बाजार बंद। न मोटर गाड़ियों की पौं-पौं और न ही कारखानों में मशीनों की घर्र घर्र। ऐसा लगता था...

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Broken with you... - 6 By Alone Soul

बस, बस, बस  तू  बस  उतना बता कैसे  मारा तूने प्रिया को    अबे साले वकील की   बच्चे  मतलब मेरे  बाप जायदाद  के मालिक साले तू&n...

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भुलावा By Deepak sharma

भुलावा "स्मृति हमारी आत्मा के उसी अंश में वास करती है जिसमें कल्पना|" (मेमोरी बिलोंग्स टू द सेम पार्ट ऑफ द सोल एज इमेजिनेशन|) - अरस्तु   हरिगुण को मैंने फिर देखा|  र...

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उसने आत्महत्या क्यो की (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

लेकिन रमेश ने उसकी बात पर ध्यान नही दिया।ज्यों ज्यो बेटिका बड़ी हो रही थी।उनके खर्चे भी बढ़ रहे थे।आये दिन वे कोई नई फरमाइस कर देती।रमा उन्हें पिता के पास भेज देती।रमेश या तो उन्हें...

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फिर आएगा वसंत By Sunita Bishnolia

आएगा वसंत चम्पा चमेली, गेंदा, गुलाब..... ना जाने कितनी तरह के पौधे लगे हैं, इस बगीचे मेंं। हर क्यारी फूलों से गुलजार है हर डाली पर फूल खिले हैं । इठलाते गुलाब और शान दिखाते...

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बिटर पिल By Deepak sharma

बिटर पिल वेन इट स्नोज इन योर नोज़ यू कैच कोल्ड इन योर ब्रेन (‘हिम जब आपके नाक में गिरती है तो ठंडक आपके दिमाग़ को जा जकड़ती है’) –ऐलन गिंज बर्ग “यह मोटर किसकी...

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मज़हब और इंसानियत By Lajpat Rai Garg

22 अगस्त, 2017 पचास प्रतिशत मुस्लिम आबादी यानी मुस्लिम महिलाओं के लिये आजादी-दिवस भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पांच माननीय जजों ने बहुमत से पचास प्रतिशत मुस्लिम आबादी यानी मुस्लिम...

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लौट जाओ शैली... - 3 - अंतिम भाग By Dr Vinita Rahurikar

भाग-3 जिम की वार्षिक पार्टी में शैली ने फिर विनीत के साथ खूब एंजॉय किया। विनीत के बेटे की तबीयत खराब होने की वजह से उसकी पत्नी नहीं आ पाई। शैली और विनीत देर तक डांस करते रहे। उस रा...

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यादों के झरोखों से—निश्छल प्रेम (10) - अन्तिम भाग By Asha Saraswat

बात उन दिनों की है जब स्कूटर,मोटरसाइकिल,कार महिलाएँ बहुत ही कम चलाया करती थी । इंटरमीडिएट करने के बाद जब हमारा दाख़िला डिग्री कॉलेज में हुआ था ,तब हम सहेलियों...

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मेकिंगचार्ज By Ila Singh

मेकिंगचार्ज **************"टमाटर किस भाव? "बड़े-बड़े लाल-लाल टमाटर एक तरफ करते हुए बुजुर्गवार ने प्रश्न किया ।"सात रूपए किलो , बाबू जी !"सब्जी वाली तराजू सँभालते हुए बोली ।"सात रू...

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दिल्ली वाले चाचा By राज बोहरे

किशोरावस्था की कहानीयाँ : दिल्ली वाले चाचा अजय और अभय...

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खेल नसीब का By Rama Sharma Manavi

एक घर में एक माता पिता की संतानें कितने अलग-अलग भाग्य लेकर पैदा होती हैं।किसी का भाग्य उसकी झोली खुशियों से भर देती है, तो कोई ताउम्र संघर्ष ही करता रह जाता है। सबसे बड़ी विनीता...

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फिल्मों में भद्दी गालियों का महत्त्व By Suvidha Gupta

आजकल की नई पीढ़ी फ़िल्मों से बहुत प्रेरित रहती है और कहने वाले ये भी कहते हैं कि फिल्में किसी समाज का दर्पण होती हैं। समाज में क्या चल रहा है, ज़्यादातर वही फिल्मों म...

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BOYS school WASHROOM - 15 By Akash Saxena "Ansh"

"तुम लोगों को कहीं देखा है पहले…"प्रज्ञा सोचते हुए बोली "हाँ..हाँ ऑन्टी वो हम आपके घर के पास ही मे रहते हैँ, मिस्टर एंड मिसेस कांजी" हर्षित ने तुरंत ही जवाब दिया। विशाल "अच्छा तो ह...

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उम्र के दिसम्बर में By Gopal Mathur

गोपाल माथुर मैं इन खण्डहरों में बस यूँ ही आ गया हूँ. मुझे यहाँ एक अजीब सी सान्त्वना मिलती है, जैसे मैं बहुत दिनों बाद अपने किसी पुराने दोस्त से मिल रहा हूँ. सर्दियों की छितरी हुई ध...

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Suicide, Why? - Suicide Story 1: ज्योतिका By Anil Patel_Bunny

नवलकथा के बारे में: दोस्तों, हमारे आसपास, जान-पहचान वाले या अनजाने लोग, पता नहीं कितने लोग इस देश में आत्महत्या कर रहे है। रोज हम अखबार में, टीवी में ऐसी कई घटनाओं के बारे में सुन...

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मुखौटा ही मुखौटा - 1 By Heena_Pathan

" मुखौटे दिख रहे हैं आजकल मुखौटे बिक रहे हैं आजकलसच दबाया जा रहा है झूठ बिक रहे हैं आजकल यूँ तो सब ज्ञानी हैं यहाँ परिस्थितियों को देख ज्ञान दे रहे आजकल।इंटरनेट के इस दौर में स...

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शरणागति - 2 By S Bhagyam Sharma

अध्याय 2 शरणागति वृद्धाश्रम ! करीब-करीब 3 एकड़ जमीन पर एक ऊंची इमारत पेड़ों के झुंड के बीच में खड़ा था । ठंडी-ठडी हवाएं ! फूलों की भीनी-भीनी खुशबू, सुंदर-सुंदर फूलों से लदे पेड़ों क...

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बदलते रिश्ते (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

""हां,"सालू दीर्घ निःस्वास छोड़ते हुए बोली,,"उसी प्यार का वास्ता देकर तुमसे कुछ मांगने आयी हूँ।""तुम्हारे लिए जान भी हाज़िर है।मांगो क्या मांगना है?""मेरे पति को मेरा तुमसे मिलना पसं...

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पागल - 4 By Brijmohan sharma

अध्याय 4नौकरी के प्रयाससर्विस के प्रयास मोनू अनेक जगह नौकरी के लिए आवेदन दे रहा था लेकिन उसके थर्ड डिवीज़न के कारण उसे कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी I उसके पापा ने सोचा यदि मोनू को कोई...

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मेरा बिट्टू भाई By Neelima Sharrma Nivia

मेरे प्यारे भाई बिट्टू बहुत सारा प्यार मेरी शादी अठारह जनवरी की थी और उसके पहले पंद्रह जनवरी को शगुन |ससुराल देहरादून में था तो जब शगुन देकर जब से सब वापिस आये थे सब बहुत खुश थे....

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हिसाब By Rama Sharma Manavi

समाज में ज्यादातर लोग बड़े पुरजोर शब्दों में बराबरी का दावा करते हैं, परन्तु स्वयं उसका पालन नहीं करना चाहते। कविता विवाह के पश्चात हर वर्ष जाड़ों, गर्मियों की छुट्टियों में अपन...

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आत्महत्या .... आखिर जिम्मेदार कौन ? By ArUu

"दिखाई नहीं देता पर शामिल जरूर होता है हर आत्महत्या करने वाले का कोई ना कोई कातिल जरूर होता है" इन्ही लाइनों को चरितार्थ करती ये कहानी इस समाज में व्याप्त जहर को दर्शाती है...

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फ़ंदा क्यों..... By Sudha Om Dhingra

सुधा ओम ढींगरा उसका दिल आज बहुत बेचैन है, किसी भी तरह काबू में नहीं आ रहा, तबियत बहुत उखड़ी हुई और भीतर जैसे कुछ टूटता सा महसूस हो रहा है। सुबह के पाठ में भी मन नहीं रमा। चित्त स्थ...

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मेला By Alok Mishra

मेला अब उसने मेलों में जाने से ही तौबा कर ली थी। शहर में लगने वाले मेले और प्रदर्शनियाँ जैसे उसे मुँह निढ़ाते है। वो अक्सर ऐसे मेलों और प्रदर्श...

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स्वीकृति - 2 By GAYATRI THAKUR

सुष्मिता ट्रेन की खिड़की से बाहर देखती हुई ताजी हवाओं को एक बार में ही अपनी सांसों में भर लेना चाहती है.... ऐसी ताजी हवाएं जो किसी कैदी को एक लंबे अंतराल के बाद कैद से मुक्ति के उप...

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अतीत के चलचित्र—(3) By Asha Saraswat

अतीत के चलचित्र (3) एक दिन मेरी सहेली मेरे घर आई और उसने बताया कि मेरी भाभीजी ने एक पुत्र रत्न को जन्म दिया है,उसका नामकरण संस्कार है ।उसने बताया कि कुछ रिश्तेदार...

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एक था टिल्लू By राज कुमार कांदु

जब से आतंकियों के हमले में बारह जवानों के शहादत की खबर टिल्लू ने सुनी थी , पाकिस्तान के प्रति उसकी नफरत सातवें आसमान पर पहुँच गई थी । उसकी भुजाएँ फड़क उठी थीं । उसका दिल कर रहा था अ...

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अपनों के लिये By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ आज पल पल न जाने कितनी बार शलभ के साथ जिया है, उसके ऑफ़िस होने पर भी । अब कुछ क्षण ही रह गये हैं, उसक वापिस घर आने में । वह सुन कर बहुत चौंकेगा, उसने कहा भी था, &ldq...

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अनमोल तोहफे By Rama Sharma Manavi

आज जीवन और उसकी पत्नी स्वस्थ होकर हॉस्पिटल से घर आ गए थे।दो दिन बाद ही उनकी मैरिज एनिवर्सरी थी।उसकी शादी को 15 वर्ष हो गए थे।पत्नी बगल में दवा लेकर गहरी नींद में सो रही थी,औऱ व...

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रेडियो वाली मेज By Deepak sharma

लेखिका दीपक शर्मा ''रेडियो वाली मेज़ कहाँ गई?'' गेट से मैं सीधी बाबू जी के कमरे में दाखिल हुई थी। माँ के बाद अपने मायके जाने का वह मेरा पहला अवसर था। ''वह च...

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लड़की ने शादी अस्वीकृत की By r k lal

लड़की ने शादी अस्वीकृत की आर० के० लाल पूरे घर में उदासी छाई थी। अंकिता ने रिश्ता जो ठुकरा दिया था। उसकी दादी उसी को कोस रही थी, “ अच्छा खासा रिश्ता स्वयं चल कर आया था। ब...

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अविका By Rama Sharma Manavi

जिंदगी के रास्ते कब कहां अचानक कौन सा मोड़ ले लें, पता ही नहीं होता।कभी जिंदगी की झोली बिल्कुल खाली हो जाती है, कभी खुशियों के फूलों से भर उठती है।कभी बहुत कुछ होते हुए कोई ऐसी र...

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काष्ठ प्रकृति By Deepak sharma

काष्ठ प्रकृति  जब मेरी चेतना लौटी टो मैंने अपने आपको अस्पताल के बिस्तर पर पाया|  चिंतित चेहरों की भीड़ में अपने कॉलेज के प्रिंसिपल को देखकर मैं स्वयं चिंता एवं भय से भर उठ...

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देवदूत By BALDEV RAJ BHARTIYA

कहानी देवदूतशांत. . . . . . एकदम शांत था सारा शहर। पिछले छह दिन से सड़कें सुनसान थी और बाजार बंद। न मोटर गाड़ियों की पौं-पौं और न ही कारखानों में मशीनों की घर्र घर्र। ऐसा लगता था...

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Broken with you... - 6 By Alone Soul

बस, बस, बस  तू  बस  उतना बता कैसे  मारा तूने प्रिया को    अबे साले वकील की   बच्चे  मतलब मेरे  बाप जायदाद  के मालिक साले तू&n...

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भुलावा By Deepak sharma

भुलावा "स्मृति हमारी आत्मा के उसी अंश में वास करती है जिसमें कल्पना|" (मेमोरी बिलोंग्स टू द सेम पार्ट ऑफ द सोल एज इमेजिनेशन|) - अरस्तु   हरिगुण को मैंने फिर देखा|  र...

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उसने आत्महत्या क्यो की (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

लेकिन रमेश ने उसकी बात पर ध्यान नही दिया।ज्यों ज्यो बेटिका बड़ी हो रही थी।उनके खर्चे भी बढ़ रहे थे।आये दिन वे कोई नई फरमाइस कर देती।रमा उन्हें पिता के पास भेज देती।रमेश या तो उन्हें...

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फिर आएगा वसंत By Sunita Bishnolia

आएगा वसंत चम्पा चमेली, गेंदा, गुलाब..... ना जाने कितनी तरह के पौधे लगे हैं, इस बगीचे मेंं। हर क्यारी फूलों से गुलजार है हर डाली पर फूल खिले हैं । इठलाते गुलाब और शान दिखाते...

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बिटर पिल By Deepak sharma

बिटर पिल वेन इट स्नोज इन योर नोज़ यू कैच कोल्ड इन योर ब्रेन (‘हिम जब आपके नाक में गिरती है तो ठंडक आपके दिमाग़ को जा जकड़ती है’) –ऐलन गिंज बर्ग “यह मोटर किसकी...

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मज़हब और इंसानियत By Lajpat Rai Garg

22 अगस्त, 2017 पचास प्रतिशत मुस्लिम आबादी यानी मुस्लिम महिलाओं के लिये आजादी-दिवस भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पांच माननीय जजों ने बहुमत से पचास प्रतिशत मुस्लिम आबादी यानी मुस्लिम...

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लौट जाओ शैली... - 3 - अंतिम भाग By Dr Vinita Rahurikar

भाग-3 जिम की वार्षिक पार्टी में शैली ने फिर विनीत के साथ खूब एंजॉय किया। विनीत के बेटे की तबीयत खराब होने की वजह से उसकी पत्नी नहीं आ पाई। शैली और विनीत देर तक डांस करते रहे। उस रा...

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यादों के झरोखों से—निश्छल प्रेम (10) - अन्तिम भाग By Asha Saraswat

बात उन दिनों की है जब स्कूटर,मोटरसाइकिल,कार महिलाएँ बहुत ही कम चलाया करती थी । इंटरमीडिएट करने के बाद जब हमारा दाख़िला डिग्री कॉलेज में हुआ था ,तब हम सहेलियों...

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मेकिंगचार्ज **************"टमाटर किस भाव? "बड़े-बड़े लाल-लाल टमाटर एक तरफ करते हुए बुजुर्गवार ने प्रश्न किया ।"सात रूपए किलो , बाबू जी !"सब्जी वाली तराजू सँभालते हुए बोली ।"सात रू...

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दिल्ली वाले चाचा By राज बोहरे

किशोरावस्था की कहानीयाँ : दिल्ली वाले चाचा अजय और अभय...

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खेल नसीब का By Rama Sharma Manavi

एक घर में एक माता पिता की संतानें कितने अलग-अलग भाग्य लेकर पैदा होती हैं।किसी का भाग्य उसकी झोली खुशियों से भर देती है, तो कोई ताउम्र संघर्ष ही करता रह जाता है। सबसे बड़ी विनीता...

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फिल्मों में भद्दी गालियों का महत्त्व By Suvidha Gupta

आजकल की नई पीढ़ी फ़िल्मों से बहुत प्रेरित रहती है और कहने वाले ये भी कहते हैं कि फिल्में किसी समाज का दर्पण होती हैं। समाज में क्या चल रहा है, ज़्यादातर वही फिल्मों म...

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BOYS school WASHROOM - 15 By Akash Saxena "Ansh"

"तुम लोगों को कहीं देखा है पहले…"प्रज्ञा सोचते हुए बोली "हाँ..हाँ ऑन्टी वो हम आपके घर के पास ही मे रहते हैँ, मिस्टर एंड मिसेस कांजी" हर्षित ने तुरंत ही जवाब दिया। विशाल "अच्छा तो ह...

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उम्र के दिसम्बर में By Gopal Mathur

गोपाल माथुर मैं इन खण्डहरों में बस यूँ ही आ गया हूँ. मुझे यहाँ एक अजीब सी सान्त्वना मिलती है, जैसे मैं बहुत दिनों बाद अपने किसी पुराने दोस्त से मिल रहा हूँ. सर्दियों की छितरी हुई ध...

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Suicide, Why? - Suicide Story 1: ज्योतिका By Anil Patel_Bunny

नवलकथा के बारे में: दोस्तों, हमारे आसपास, जान-पहचान वाले या अनजाने लोग, पता नहीं कितने लोग इस देश में आत्महत्या कर रहे है। रोज हम अखबार में, टीवी में ऐसी कई घटनाओं के बारे में सुन...

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