hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • यही है जिंदगी

    इस बार मायके से लौटने के पश्चात वो ऊर्जा,वह खुशी महसूस नहीं हो रही थी, जो अबतक ह...

  • अय्याश--भाग(४)

    दूसरे दिन विन्ध्वासिनी की विदाई थी और सत्यकाम अपने घर में उदास बैठा था,उसके मन क...

  • सूना आँगन- भाग 13 - अंतिम भाग

    अभी तक आपने पढ़ा सभी के मनाने और समझाने के बाद वैजयंती विवाह के लिए मान गई। उसके...

यही है जिंदगी By Rama Sharma Manavi

इस बार मायके से लौटने के पश्चात वो ऊर्जा,वह खुशी महसूस नहीं हो रही थी, जो अबतक होती आई थी।चार दिन लौटे हुए हो गए थे, बैग से सामान तक निकालने की इच्छा नहीं हो रही थी।जरूरी काम निबटा...

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अय्याश--भाग(४) By Saroj Verma

दूसरे दिन विन्ध्वासिनी की विदाई थी और सत्यकाम अपने घर में उदास बैठा था,उसके मन का हाल केवल गंगाधर और श्रीधर ही समझ सकते थे,तब सत्यकाम की माँ वैजयन्ती घर के भीतर आई और सबसे बोली.......

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सूना आँगन- भाग 13 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

अभी तक आपने पढ़ा सभी के मनाने और समझाने के बाद वैजयंती विवाह के लिए मान गई। उसके बाद अशोक ने सौरभ को बुलाकर विवाह की बात कही। सौरभ तो यही चाहता था। ऊषा ने यह ख़बर वैजयंती की माँ को स...

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काढ़ागोला : एक यात्रा - भाग - 2 By rajeshdaniel

काढ़ागोला : एक यात्रा - भाग - 2 काढ़ागोला की आत्मा : कू कूक कू की आवाज़ के साथ ही हम सिंघेश्वर साह जी की दुकान से उठकर स्टेशन की ओर चल पड़े। ये सुबह 8 बजे कटिहार जानेवाली पार्सल गाड़ी क...

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छल - Story of love and betrayal - अंतिम भाग By Sarvesh Saxena

तीनों ने हैरानी और दर्द में चिल्लाते हुए मुड़कर देखा तो सामने भैरव खड़ा था, भैरव दौड़कर प्रेरित के पास जाने लगा तो नितेश उसे पकड़ कर बोला, " ओहो.. तू? अभी तक… तेरी आशिकी उतरी नहीं,...

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क़ीमे की बजाय बोटियाँ--(सहादत हसन मंटो की कहानी) By Saroj Verma

स्टोरीलाइन एक मद्रासी डॉक्टर के दूसरे प्रेम-विवाह की त्रासदी पर आधारित कहानी। वह डॉक्टर बेहद बेतकल्लुफ़ था। अपने दोस्तों पर बेहिसाब ख़र्च किया करता था। तभी उसकी एक औरत से दोस्ती हो...

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भोला राम द्वितीय By BALDEV RAJ BHARTIYA

भोला राम द्वितीयबलदेव राज भारतीयभोलाराम द्वितीय इक्कीसवीं सदी के विलक्षण व्यक्ति हैं। भोलाराम अपने नाम के अनुरूप भोले भाले हैं। इनसे पहले एक और भोलाराम हुए हैं जिनका जीव यमदूतों को...

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एक विवाह ऐसा भी By Jatin Tyagi

दहेज की मांग पूरी न होने, बारातियों की खातिरदारी पसंद के मुताबिक न होने या फिर लड़की और उसके परिवार में कोई कमी होने पर अक्सर लोग मंडप में पहुंचने और जयमाल होने के बावजूद शादियां तो...

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Real Incidents - Incident 9: Columnist By Anil Patel_Bunny

राहुल जैन आज बहुत नर्वस था। आज उसे चैनल के लिए एक बहुत ही खास इंसान का इंटरव्यू लेना था। वो खास इंसान और कोई नहीं बल्कि डॉक्टर अरमान मेहरा थे। डॉक्टर अरमान मेहरा शहर के नामी गायनेक...

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दोज़खी By Husn Tabassum nihan

हुस्न तबस्सुम निहाँ रहमत के घर फिर अचानक तोड़-फोड़ शुरू हो गई थी। लोग बाग दौड़ पड़े थे और बाहर-बाहर से ही जायजा लेने की कोशिश कर रहे थे। कुछ एक शरारती बच्चे एक कुतुहल लिए भीतर के बरामद...

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बात उस रात की By Neerja Pandey

नीरजा पांडे हॉस्टल से बाहर निकल बाउंड्री की दीवाल को पेड़ के सहारे फांद कर अक्षत ने एक लंबी सांस ली। बड़ी ही जद्दो जहद के बाद आखिर कार अक्षत आज फिर एक बार अपने वार्डन को चकमा देने...

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मधुप दंश By Aastha Rawat

मधुप दंश – आस्था रावतसुबह के साढ़े छह होने से पहले ही मेरी आंख अब खुल जाती थी।पर सुबह की गहरी नींद को छोड़ कर सैर के लिए जानामेरे लिए हमेशा से चुनौती पूर्ण रहा है।पर आजकल इस चुनौती...

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मुक्ति By Saroj Prajapati

"चल यार आज तुझे दिल्ली की रंगीनियों दिखाते हैं ।" अमित के दोस्त ने हंसते हुए कहा। "मतलब!" "तू चल तो सही हमारे साथ। आज तू जिंदगी के भरपूर मजे लेना।" " मैं समझा नहीं !" अमित हैरानी स...

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तिरिछ - (उदय प्रकाश की कहानी) By Saroj Verma

तिरिछ —उदय प्रकाश इस घटना का संबंध पिताजी से है। मेरे सपने से है और शहर से भी है। शहर के प्रति जो एक जन्म-जात भय होता है, उससे भी है। पिताजी तब पचपन साल के हुए थे। दुबला शरीर। बाल...

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अंतर्द्वंद्व By Rama Sharma Manavi

अक्सर एकांत पलों में जब मैं अपने लक्ष्य विहीन विगत जीवन का विश्लेषण करने लगती हूँ तो मन को एक अन्तर्द्वन्द से घिरा हुआ पाती हूँ।वैसे अपनी स्थिति के लिए जिम्मेदार तो व्यक्ति स्वयं ह...

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कर्मनाशा की हार--(शिवप्रसाद सिंह की कहानी) By Saroj Verma

काले सांप का काटा आदमी बच सकता है, हलाहल ज़हर पीने वाले की मौत रुक सकती है, किंतु जिस पौधे को एक बार कर्मनाशा का पानी छू ले, वह फिर हरा नहीं हो सकता. कर्मनाशा के बारे में किनारे के...

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तुम्हारा नाम (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

और उनकी पढ़ाई पूरी हो गयी।कालेज की पढ़ाई पूरी होते ही मनीषा की शादी की बात होने लगी।तब वह पवन से मिली और बोली,"पवन घर मे मेरे रिश्ते की बात चल रही है।""एक ने एक दिन तो यह बात चलनी ही...

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प्रवासी पुत्र By BALDEV RAJ BHARTIYA

कहानीप्रवासी पुत्रबलदेव राज भारतीय*******************1*****************लंदन में रहते हुए शिवम का मन अब उठ चुका था। उसने घर वापसी का मन बना लिया। मगर वह शैली को कैसे मनाए? शैली के स...

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ब्लैकलिस्टर By Ranjana Jaiswal

लगभग बीस वर्ष बाद नीलम ने अनिकेत को फेसबुक पर देखा |उसने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी |चेहरा थोड़ा पहचाना लगा तो नीलम ने उसकी प्रोफाइल फोटो को जूम करके देखा |हाँ,वही था ,पर काफी बदल गया...

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जैसी करनी वैसी भरनी By सीमा बी.

जैसी करनी वैसी भरनी---- कहानी भोलाराम, बंसत कुमार और घनश्याम दास तीनो ही दिल्ली के सदर बाजार में एक ही लाइन में अपनी अपनी दुकान संभाल रहे थे। तीनो पड़ोसी होने के नाते एक दूसरे की इ...

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समुद्र की लहरें... By Saroj Verma

शाम का वक्त,मुम्बई शहर के एक घर में.... बता के तो जा कि कहाँ जा रहा है?लक्ष्य की माँ ने पूछा।। वहाँ जा रहा हूँ जहाँ थोड़ी देर शान्ति मिल सकें,मैं छुट्टियाँ बिताने घर क्या आ जाता हूँ...

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कुशाग्र By Mayank Saxena Honey

कुशाग्र चित्रा और मनोहर का प्रेम विवाह हुआ था। चित्रा सुन्दर नयन नक्श वाली एक साँवली युवती थी वहीँ मनोहर गौर वर्ण का छरहरा युवक था। दोनों की पहली मुलाक़ात उनके स्नातक के प्रथम वर्ष...

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स्वीकृति - 12 By GAYATRI THAKUR

" दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है.. मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है.. बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है " टैक्सी के अंदर निद...

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सरपँच जी By Rama Sharma Manavi

मेरी एक परिचिता राधा जी के पिताजी थे सरपँच भगवान जी।आज से लगभग 55-60 वर्ष पूर्व की कथा है यह,जो मैंने राधा जी की जुबानी सुनी थी,प्रस्तुत कर रही हूँ।वैसे,कहानी भले ही इतने पहले की ह...

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यही है जिंदगी By Rama Sharma Manavi

इस बार मायके से लौटने के पश्चात वो ऊर्जा,वह खुशी महसूस नहीं हो रही थी, जो अबतक होती आई थी।चार दिन लौटे हुए हो गए थे, बैग से सामान तक निकालने की इच्छा नहीं हो रही थी।जरूरी काम निबटा...

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अय्याश--भाग(४) By Saroj Verma

दूसरे दिन विन्ध्वासिनी की विदाई थी और सत्यकाम अपने घर में उदास बैठा था,उसके मन का हाल केवल गंगाधर और श्रीधर ही समझ सकते थे,तब सत्यकाम की माँ वैजयन्ती घर के भीतर आई और सबसे बोली.......

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सूना आँगन- भाग 13 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

अभी तक आपने पढ़ा सभी के मनाने और समझाने के बाद वैजयंती विवाह के लिए मान गई। उसके बाद अशोक ने सौरभ को बुलाकर विवाह की बात कही। सौरभ तो यही चाहता था। ऊषा ने यह ख़बर वैजयंती की माँ को स...

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काढ़ागोला : एक यात्रा - भाग - 2 By rajeshdaniel

काढ़ागोला : एक यात्रा - भाग - 2 काढ़ागोला की आत्मा : कू कूक कू की आवाज़ के साथ ही हम सिंघेश्वर साह जी की दुकान से उठकर स्टेशन की ओर चल पड़े। ये सुबह 8 बजे कटिहार जानेवाली पार्सल गाड़ी क...

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छल - Story of love and betrayal - अंतिम भाग By Sarvesh Saxena

तीनों ने हैरानी और दर्द में चिल्लाते हुए मुड़कर देखा तो सामने भैरव खड़ा था, भैरव दौड़कर प्रेरित के पास जाने लगा तो नितेश उसे पकड़ कर बोला, " ओहो.. तू? अभी तक… तेरी आशिकी उतरी नहीं,...

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क़ीमे की बजाय बोटियाँ--(सहादत हसन मंटो की कहानी) By Saroj Verma

स्टोरीलाइन एक मद्रासी डॉक्टर के दूसरे प्रेम-विवाह की त्रासदी पर आधारित कहानी। वह डॉक्टर बेहद बेतकल्लुफ़ था। अपने दोस्तों पर बेहिसाब ख़र्च किया करता था। तभी उसकी एक औरत से दोस्ती हो...

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भोला राम द्वितीय By BALDEV RAJ BHARTIYA

भोला राम द्वितीयबलदेव राज भारतीयभोलाराम द्वितीय इक्कीसवीं सदी के विलक्षण व्यक्ति हैं। भोलाराम अपने नाम के अनुरूप भोले भाले हैं। इनसे पहले एक और भोलाराम हुए हैं जिनका जीव यमदूतों को...

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एक विवाह ऐसा भी By Jatin Tyagi

दहेज की मांग पूरी न होने, बारातियों की खातिरदारी पसंद के मुताबिक न होने या फिर लड़की और उसके परिवार में कोई कमी होने पर अक्सर लोग मंडप में पहुंचने और जयमाल होने के बावजूद शादियां तो...

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Real Incidents - Incident 9: Columnist By Anil Patel_Bunny

राहुल जैन आज बहुत नर्वस था। आज उसे चैनल के लिए एक बहुत ही खास इंसान का इंटरव्यू लेना था। वो खास इंसान और कोई नहीं बल्कि डॉक्टर अरमान मेहरा थे। डॉक्टर अरमान मेहरा शहर के नामी गायनेक...

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दोज़खी By Husn Tabassum nihan

हुस्न तबस्सुम निहाँ रहमत के घर फिर अचानक तोड़-फोड़ शुरू हो गई थी। लोग बाग दौड़ पड़े थे और बाहर-बाहर से ही जायजा लेने की कोशिश कर रहे थे। कुछ एक शरारती बच्चे एक कुतुहल लिए भीतर के बरामद...

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बात उस रात की By Neerja Pandey

नीरजा पांडे हॉस्टल से बाहर निकल बाउंड्री की दीवाल को पेड़ के सहारे फांद कर अक्षत ने एक लंबी सांस ली। बड़ी ही जद्दो जहद के बाद आखिर कार अक्षत आज फिर एक बार अपने वार्डन को चकमा देने...

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मधुप दंश By Aastha Rawat

मधुप दंश – आस्था रावतसुबह के साढ़े छह होने से पहले ही मेरी आंख अब खुल जाती थी।पर सुबह की गहरी नींद को छोड़ कर सैर के लिए जानामेरे लिए हमेशा से चुनौती पूर्ण रहा है।पर आजकल इस चुनौती...

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मुक्ति By Saroj Prajapati

"चल यार आज तुझे दिल्ली की रंगीनियों दिखाते हैं ।" अमित के दोस्त ने हंसते हुए कहा। "मतलब!" "तू चल तो सही हमारे साथ। आज तू जिंदगी के भरपूर मजे लेना।" " मैं समझा नहीं !" अमित हैरानी स...

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तिरिछ - (उदय प्रकाश की कहानी) By Saroj Verma

तिरिछ —उदय प्रकाश इस घटना का संबंध पिताजी से है। मेरे सपने से है और शहर से भी है। शहर के प्रति जो एक जन्म-जात भय होता है, उससे भी है। पिताजी तब पचपन साल के हुए थे। दुबला शरीर। बाल...

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अंतर्द्वंद्व By Rama Sharma Manavi

अक्सर एकांत पलों में जब मैं अपने लक्ष्य विहीन विगत जीवन का विश्लेषण करने लगती हूँ तो मन को एक अन्तर्द्वन्द से घिरा हुआ पाती हूँ।वैसे अपनी स्थिति के लिए जिम्मेदार तो व्यक्ति स्वयं ह...

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कर्मनाशा की हार--(शिवप्रसाद सिंह की कहानी) By Saroj Verma

काले सांप का काटा आदमी बच सकता है, हलाहल ज़हर पीने वाले की मौत रुक सकती है, किंतु जिस पौधे को एक बार कर्मनाशा का पानी छू ले, वह फिर हरा नहीं हो सकता. कर्मनाशा के बारे में किनारे के...

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तुम्हारा नाम (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

और उनकी पढ़ाई पूरी हो गयी।कालेज की पढ़ाई पूरी होते ही मनीषा की शादी की बात होने लगी।तब वह पवन से मिली और बोली,"पवन घर मे मेरे रिश्ते की बात चल रही है।""एक ने एक दिन तो यह बात चलनी ही...

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प्रवासी पुत्र By BALDEV RAJ BHARTIYA

कहानीप्रवासी पुत्रबलदेव राज भारतीय*******************1*****************लंदन में रहते हुए शिवम का मन अब उठ चुका था। उसने घर वापसी का मन बना लिया। मगर वह शैली को कैसे मनाए? शैली के स...

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ब्लैकलिस्टर By Ranjana Jaiswal

लगभग बीस वर्ष बाद नीलम ने अनिकेत को फेसबुक पर देखा |उसने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी |चेहरा थोड़ा पहचाना लगा तो नीलम ने उसकी प्रोफाइल फोटो को जूम करके देखा |हाँ,वही था ,पर काफी बदल गया...

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जैसी करनी वैसी भरनी By सीमा बी.

जैसी करनी वैसी भरनी---- कहानी भोलाराम, बंसत कुमार और घनश्याम दास तीनो ही दिल्ली के सदर बाजार में एक ही लाइन में अपनी अपनी दुकान संभाल रहे थे। तीनो पड़ोसी होने के नाते एक दूसरे की इ...

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समुद्र की लहरें... By Saroj Verma

शाम का वक्त,मुम्बई शहर के एक घर में.... बता के तो जा कि कहाँ जा रहा है?लक्ष्य की माँ ने पूछा।। वहाँ जा रहा हूँ जहाँ थोड़ी देर शान्ति मिल सकें,मैं छुट्टियाँ बिताने घर क्या आ जाता हूँ...

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कुशाग्र By Mayank Saxena Honey

कुशाग्र चित्रा और मनोहर का प्रेम विवाह हुआ था। चित्रा सुन्दर नयन नक्श वाली एक साँवली युवती थी वहीँ मनोहर गौर वर्ण का छरहरा युवक था। दोनों की पहली मुलाक़ात उनके स्नातक के प्रथम वर्ष...

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स्वीकृति - 12 By GAYATRI THAKUR

" दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है.. मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है.. बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है " टैक्सी के अंदर निद...

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सरपँच जी By Rama Sharma Manavi

मेरी एक परिचिता राधा जी के पिताजी थे सरपँच भगवान जी।आज से लगभग 55-60 वर्ष पूर्व की कथा है यह,जो मैंने राधा जी की जुबानी सुनी थी,प्रस्तुत कर रही हूँ।वैसे,कहानी भले ही इतने पहले की ह...

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