hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • अय्याश--भाग(२२)

    मोक्षदा की बात सुनकर सत्यकाम के आँसू आखिर छलछला ही पड़े और वो बोला.... ये सज़ा ही...

  • युगान्तर

    डॉ प्रभात समीर मेरे घर के दरवाज़े पर कॉल बैल लगी हुई है, जिसके माध्यम से कोई भी आ...

  • ग्रामीण जीवन

    संध्या वंदन का समय सूर्य की किरणे मंदिर के कलश पर ऊर्जा बिखेर , लुप्त हो रहि है...

अय्याश--भाग(२२) By Saroj Verma

मोक्षदा की बात सुनकर सत्यकाम के आँसू आखिर छलछला ही पड़े और वो बोला.... ये सज़ा ही तो है मेरी प्यारी मोक्षदा! जो मैं ना जाने कब से भुगत रहा हूँ? मैं जिसे चाहता हूँ उसे अपना बना ही नही...

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युगान्तर By prabhat samir

डॉ प्रभात समीर मेरे घर के दरवाज़े पर कॉल बैल लगी हुई है, जिसके माध्यम से कोई भी आगन्तुक अपने आने की सूचना दे सकता है, लेकिन मेरी काम वाली बाई को तो ठक-ठक करके दरवाज़ा बजाने में ही आत...

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इसका कारण केवल तुम हो  By Ratna Pandey

संगीता के पति अजय के जीवन का सूर्यास्त अमावस की रात को हुआ था। संगीता की ज़िंदगी में आई वह अमावस की काली रात इतनी लंबी थी कि पूनम आते-आते कई वर्ष बीत गए। पुत्र की अकाल मृत्यु के ग़म...

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ग्रामीण जीवन By Dakshal Kumar Vyas

संध्या वंदन का समय सूर्य की किरणे मंदिर के कलश पर ऊर्जा बिखेर , लुप्त हो रहि है । बच्चे धूल में लत पत अपने घर की ओर प्रस्थान कर रहें है। मन नही है उनका घर को जानें का पर माता की पु...

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दो वक्त की रोटी By Saroj Prajapati

"यह क्या सुनीता!! सारा घर बिखरा पड़ा है और तू आराम से टीवी देख रही हो!" रेनू चिल्लाते हुए अपनी मेड सुनीता से बोली।"क्या करूं मेमसाब! अभी मैंने सब कुछ साफ सफाई कर रखा था कि कुहू ने...

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट 6) By Kishanlal Sharma

यह डर उसे सताए जा रहा था।"सर् डिनर?"पेंटीकार के वेटर ने आकर उनके बातो के सिलसिले को तोड़ा था।"नही"वेटर के चले जाने पर राहुल ने टिफिन निकाला और सपना से बोला,"आओ खाना खाते है।""आप खाइ...

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आख़िर वह बिना बताये क्यों चले गए By Ratna Pandey

सुबह-सुबह दरवाज़े पर दस्तक हुई तब मिसेस कपूर ने दरवाज़ा खोला। गंदे मैले कपड़े पहने हुई एक स्त्री जिसके चेहरे से वह काफ़ी शालीन दिखाई पड़ रही थी, उसके साथ ही एक छोटी-सी नन्हीं गुड़िया उ...

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जिंदगी पंछियों का कारवां By Darshana

एक दादा दादी ही होते है जो दुनिया भर का लाड अपने पोते पोतियों पर उड़ेल देते है। उन पर जान छिडकते है। ये रिश्ता ऋतुजा और उसके दादा दादी के बीच का। जहां मां बाप के प्यार से दूर ऋतुजा...

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मूंछों वाली अम्मा By Rama Sharma Manavi

आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व जब मैं विवाहोपरांत ससुराल पहुंची थी तो सास के बाद सर्वप्रथम परिचय मलकिन से ही हुआ था।वैसे तो वे रिश्ते में मेरी तयेरी जिठानी लगती थीं, लेकिन मेरी सासुमां स...

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संतुलन - अंतिम भाग By Ratna Pandey

एक दिन मीरा की तबीयत ख़राब थी। राधा ऑफिस से आने के बाद रोज़ ही कुछ देर सितारा के पास बैठकर बातें करती। दिन भर के हाल-चाल पूछती और उसके बाद अपनी माँ से मिलने नीचे चली जाती। वह कुछ ही...

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अखाड़े से संसद तक का सफर By Jatin Tyagi

दारा सिंह कुश्ती के शहंशाहआज के समय में कोई भी व्यक्ति ऐसा नही है, जो खेल जगत और बॉलीवुड से अनभिज्ञ हो. ऐसे ही खेल जगत और बॉलीवुड से जुड़े एक महान शख्सियत है, दारा सिंह जी. जिन्होंन...

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अधूरा पहला प्यार (सातवीं किश्त) By Kishanlal Sharma

"आओ चलो,""कहां।""अरे आओ तो?"सुशीला, मनोहर का हाथ पकड़कर अपने साथ ले गयी।फिर दरवाजा बंद करते हुए बोली,"मीरा के साथ छत पर करना पड़ता था।वहां खुली छत पर कोई देख न ले यह डर तो बना ही रहत...

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साड़ी और वेस्टर्न ड्रेस... कहां बेशर्मी... कहां संस्कार... By बिट्टू श्री दार्शनिक

हां सही है की, "आज के ज़माने में स्त्री यदि वेस्टर्न ड्रेस पहने तो बेशर्मी और साड़ी पहने तो उसे संस्कार।" कहते है। हां यह भी सही है की अब काफी सारे समाज और सोसायटी में स्त्री को अप...

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एक कहानी--(डा.संगीता झा की कहानी) By Saroj Verma

बचपन की बहुत प्रचलित कहानी थी, एक था राजा एक थी रानी, दोनों मर गए ख़त्म कहानी. ऐसे कई राजाओं की कहानी नानी-दादी से सुनी थी, लेकिन ये सच्ची कहानी है मेरे अपने पापा श्री सच्चिदानंद त...

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माँ कभी सौतेली नहीं होती.. By Uma Vaishnav

माँ कभी सौतेली नहीं होती पायल और विजय अपनी खुशाल जिंदगी जी रहे थे। उनका एक बेटा भी था । जिसका नाम रोनक था । वो आठ साल का था । बहुत प्यारा बच्चा है रोनक..... विजय को काम की वजह से प...

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समानांतर किनारे By Rama Sharma Manavi

"नदी के किनारे उद्गम से सागर में समापन तक लगभग समानांतर रहते हैं, जब वक्री होकर अति विस्तृत होते हैं तो सरितप्रवाह अत्यधिक मद्धम हो जाता है और अति सन्निकट होने पर धारा तीव्र वेगवान...

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स्वीकृति - 13 By GAYATRI THAKUR

पार्ट 13 कल जमके हुई भारी बरसात के बाद आज सुबह से ही मौसम काफी साफ था. रमन देर तक बिस्तर पर सोया रहा, आंख खुलते ही वह बिस्तर से उठा और अपने लिए चाय का पानी चढा ही रहा था कि दरवाजे...

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हमें अलग घर बनाना होगा   By Ratna Pandey

सविता ने अपनी बहू शालिनी के आते ही स्वयं को घर के कामकाज से एकदम दूर कर लिया। शालिनी के जीवन की पतंग की डोरी उन्होंने अपने हाथ में रखी थी। यूँ समझ लो कि शालिनी के जीवन का पूरा नियं...

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बदलते सपने  By Ratna Pandey

अजय एक विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत था। उसकी पत्नी वैशाली घर पर ही सिलाई-बुनाई करके घर के ख़र्च में हाथ बटाती थी। कम आमदनी होने के बाद भी उन्होंने कभी परिवार नियोजन का ध्या...

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अय्याश--भाग(२२) By Saroj Verma

मोक्षदा की बात सुनकर सत्यकाम के आँसू आखिर छलछला ही पड़े और वो बोला.... ये सज़ा ही तो है मेरी प्यारी मोक्षदा! जो मैं ना जाने कब से भुगत रहा हूँ? मैं जिसे चाहता हूँ उसे अपना बना ही नही...

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युगान्तर By prabhat samir

डॉ प्रभात समीर मेरे घर के दरवाज़े पर कॉल बैल लगी हुई है, जिसके माध्यम से कोई भी आगन्तुक अपने आने की सूचना दे सकता है, लेकिन मेरी काम वाली बाई को तो ठक-ठक करके दरवाज़ा बजाने में ही आत...

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इसका कारण केवल तुम हो  By Ratna Pandey

संगीता के पति अजय के जीवन का सूर्यास्त अमावस की रात को हुआ था। संगीता की ज़िंदगी में आई वह अमावस की काली रात इतनी लंबी थी कि पूनम आते-आते कई वर्ष बीत गए। पुत्र की अकाल मृत्यु के ग़म...

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ग्रामीण जीवन By Dakshal Kumar Vyas

संध्या वंदन का समय सूर्य की किरणे मंदिर के कलश पर ऊर्जा बिखेर , लुप्त हो रहि है । बच्चे धूल में लत पत अपने घर की ओर प्रस्थान कर रहें है। मन नही है उनका घर को जानें का पर माता की पु...

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दो वक्त की रोटी By Saroj Prajapati

"यह क्या सुनीता!! सारा घर बिखरा पड़ा है और तू आराम से टीवी देख रही हो!" रेनू चिल्लाते हुए अपनी मेड सुनीता से बोली।"क्या करूं मेमसाब! अभी मैंने सब कुछ साफ सफाई कर रखा था कि कुहू ने...

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट 6) By Kishanlal Sharma

यह डर उसे सताए जा रहा था।"सर् डिनर?"पेंटीकार के वेटर ने आकर उनके बातो के सिलसिले को तोड़ा था।"नही"वेटर के चले जाने पर राहुल ने टिफिन निकाला और सपना से बोला,"आओ खाना खाते है।""आप खाइ...

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आख़िर वह बिना बताये क्यों चले गए By Ratna Pandey

सुबह-सुबह दरवाज़े पर दस्तक हुई तब मिसेस कपूर ने दरवाज़ा खोला। गंदे मैले कपड़े पहने हुई एक स्त्री जिसके चेहरे से वह काफ़ी शालीन दिखाई पड़ रही थी, उसके साथ ही एक छोटी-सी नन्हीं गुड़िया उ...

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जिंदगी पंछियों का कारवां By Darshana

एक दादा दादी ही होते है जो दुनिया भर का लाड अपने पोते पोतियों पर उड़ेल देते है। उन पर जान छिडकते है। ये रिश्ता ऋतुजा और उसके दादा दादी के बीच का। जहां मां बाप के प्यार से दूर ऋतुजा...

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मूंछों वाली अम्मा By Rama Sharma Manavi

आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व जब मैं विवाहोपरांत ससुराल पहुंची थी तो सास के बाद सर्वप्रथम परिचय मलकिन से ही हुआ था।वैसे तो वे रिश्ते में मेरी तयेरी जिठानी लगती थीं, लेकिन मेरी सासुमां स...

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संतुलन - अंतिम भाग By Ratna Pandey

एक दिन मीरा की तबीयत ख़राब थी। राधा ऑफिस से आने के बाद रोज़ ही कुछ देर सितारा के पास बैठकर बातें करती। दिन भर के हाल-चाल पूछती और उसके बाद अपनी माँ से मिलने नीचे चली जाती। वह कुछ ही...

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अखाड़े से संसद तक का सफर By Jatin Tyagi

दारा सिंह कुश्ती के शहंशाहआज के समय में कोई भी व्यक्ति ऐसा नही है, जो खेल जगत और बॉलीवुड से अनभिज्ञ हो. ऐसे ही खेल जगत और बॉलीवुड से जुड़े एक महान शख्सियत है, दारा सिंह जी. जिन्होंन...

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अधूरा पहला प्यार (सातवीं किश्त) By Kishanlal Sharma

"आओ चलो,""कहां।""अरे आओ तो?"सुशीला, मनोहर का हाथ पकड़कर अपने साथ ले गयी।फिर दरवाजा बंद करते हुए बोली,"मीरा के साथ छत पर करना पड़ता था।वहां खुली छत पर कोई देख न ले यह डर तो बना ही रहत...

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साड़ी और वेस्टर्न ड्रेस... कहां बेशर्मी... कहां संस्कार... By बिट्टू श्री दार्शनिक

हां सही है की, "आज के ज़माने में स्त्री यदि वेस्टर्न ड्रेस पहने तो बेशर्मी और साड़ी पहने तो उसे संस्कार।" कहते है। हां यह भी सही है की अब काफी सारे समाज और सोसायटी में स्त्री को अप...

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एक कहानी--(डा.संगीता झा की कहानी) By Saroj Verma

बचपन की बहुत प्रचलित कहानी थी, एक था राजा एक थी रानी, दोनों मर गए ख़त्म कहानी. ऐसे कई राजाओं की कहानी नानी-दादी से सुनी थी, लेकिन ये सच्ची कहानी है मेरे अपने पापा श्री सच्चिदानंद त...

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माँ कभी सौतेली नहीं होती.. By Uma Vaishnav

माँ कभी सौतेली नहीं होती पायल और विजय अपनी खुशाल जिंदगी जी रहे थे। उनका एक बेटा भी था । जिसका नाम रोनक था । वो आठ साल का था । बहुत प्यारा बच्चा है रोनक..... विजय को काम की वजह से प...

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समानांतर किनारे By Rama Sharma Manavi

"नदी के किनारे उद्गम से सागर में समापन तक लगभग समानांतर रहते हैं, जब वक्री होकर अति विस्तृत होते हैं तो सरितप्रवाह अत्यधिक मद्धम हो जाता है और अति सन्निकट होने पर धारा तीव्र वेगवान...

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स्वीकृति - 13 By GAYATRI THAKUR

पार्ट 13 कल जमके हुई भारी बरसात के बाद आज सुबह से ही मौसम काफी साफ था. रमन देर तक बिस्तर पर सोया रहा, आंख खुलते ही वह बिस्तर से उठा और अपने लिए चाय का पानी चढा ही रहा था कि दरवाजे...

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हमें अलग घर बनाना होगा   By Ratna Pandey

सविता ने अपनी बहू शालिनी के आते ही स्वयं को घर के कामकाज से एकदम दूर कर लिया। शालिनी के जीवन की पतंग की डोरी उन्होंने अपने हाथ में रखी थी। यूँ समझ लो कि शालिनी के जीवन का पूरा नियं...

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बदलते सपने  By Ratna Pandey

अजय एक विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत था। उसकी पत्नी वैशाली घर पर ही सिलाई-बुनाई करके घर के ख़र्च में हाथ बटाती थी। कम आमदनी होने के बाद भी उन्होंने कभी परिवार नियोजन का ध्या...

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