hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 9

    भाग. 9अप्रैल सन उन्नीस सौ चौरानवे, अल्लाह के फ़ज्लोकरम से मुमताज खान के घर बेटी क...

  • असल मर्द

    लगभग बाईस वर्षीय वह युवक मंत्री का बेटा था। शहर के व्यस्त इलाके में भीड़भाड़ वाली...

  • आस्था का आभाष विश्वास

    आस्था का आभाष विश्वास सेठ जमुना दास की एकलौती बेटी नम्रता बचपन से ही धर्म भीरुऔर...

मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 9 By Chaya Agarwal

भाग. 9अप्रैल सन उन्नीस सौ चौरानवे, अल्लाह के फ़ज्लोकरम से मुमताज खान के घर बेटी का जन्म हुआ था। जिसका नाम उन्होंने फ़िजा रखा था। फिज़ा के जन्म की यह तारीख मुमताज खान के लिये बहुत मायन...

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दो औरते - 5 By Kishanlal Sharma

सुहागरात को को कमरे में जाने से पहले सुरेश का दिल बड़ी जोर से धड़क रहा था।सोच रहा था,न जाने कैसी होगी उसकी जीवन संगनी।बिना देखे और मील मा के जोर देने पर उसने शादी कर लज थी।तरह तरह के...

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सर्द की रात By नंदलाल मणि त्रिपाठी

उत्तर भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश एव बिहार जो मेरी जन्म मातृ पितृ भूमि है वहां की सामाजिक संस्कारो और व्यवहारिक आचार व्यवहार से भली भांति परिचित हूँ ।पहले इन क्षेत्रों में बारात जब...

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मिट्टी के बर्तन By Aman Kumar

अमन कुमार त्यगी   अचानक मैंने एक बच्चे को ठोकर खाकर गिरते हुए देखा। मैं उसे संभालने के लिए तेजी से आगे बढ़ा किंतु मेरे संभालने से पहले ही वह सड़क पर धड़ाम से गिरा और उसके हाथ में मौजू...

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असल मर्द By राज कुमार कांदु

लगभग बाईस वर्षीय वह युवक मंत्री का बेटा था। शहर के व्यस्त इलाके में भीड़भाड़ वाली सड़क पर एक किनारे खड़ी उसकी आलीशान कार यातायात को बुरी तरह बाधित कर रही थी। कार से कोहनी टिकाए अपने ती...

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युगांतर - भाग 21 By Dr. Dilbag Singh Virk

यादवेंद्र को सज़ा मिलने के डर से ज्यादा डर सताता है रमन की प्रतिक्रिया का। बात-बात पर उसके व्यवसाय को लेकर ताने मारने वाली रमन अब तो उसका जीना हराम कर देगी, लेकिन जब जमानत मिलने के...

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नौकरी का पहला दिन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

दिपांकर गांगुली होनहार पिता अतुल देव माँ देविका जी का लाड़ला दुलारा एकलौती संतान था ।पढ़ाई पूरी होने के बाद नैकरी की तलाश एव प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुटा था लगातार नौकरी...

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बड़ा भाई By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   कुल मिलाकर लगभग बीस हज़ार एकत्र कर लिए गए थे। विवाह के निमंत्रण के लिए महंगे वाले लाल सुर्ख रंग के कार्ड सस्ते दामों पर मंगा कर रख लिए गए थे। कुछ साड़ियाँ और कपड़े...

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आस्था का आभाष विश्वास By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आस्था का आभाष विश्वास सेठ जमुना दास की एकलौती बेटी नम्रता बचपन से ही धर्म भीरुऔर भारतीय परम्परा में विश्वास करने वाली माँ बाप का अभिमान थी पढ़ने लिखने में सदैव अव्वल अपने मोहल्ले शह...

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पक्षपात By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   रामलाल की बेचैनी थमने का नाम नहीं ले रही थी। वह बहुत अधिक परेशान थे। रात्रि का मध्यकाल था और आँखों से नींद गायब थी। हाथ-पाँव काँप रहे थे। पूरा बदन पसीने से तर बत...

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थाने वाला गांव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-----थाने वाला गाँव----विल्लोर गांव का एकात्म स्वरूप बदल चुका था गांव छोटे छोटे टोलो में जातिगत आधार में बंट एक अविकसित कस्बाई रूप ले चुका था जहाँ हर व्यक्ति गांव के एकात्म स्वरूप...

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सभी मौन By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी बूढ़ा मोहन अब स्वयं को परेशान अनुभव कर रहा था। अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाना अब उसके लिए भारी पड़ रहा था। परिवार के अन्य कमाऊ सदस्य अपने मुखिया मोहन की अव्हेलना कर...

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ठगों की सभा By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी ठगों की सभा प्रारंभ हो चुकी थी। ठगों के राजा सिंहासन पर बैठे हुए प्रत्येक ठग की बात सुन रहे थे। ठगों के विभिन्न जातियों से होने के बावजूद उनमें एकता थी। इन ठगों म...

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खिलखिलाहट By Dr. Suryapal Singh

खिलखिलाहट‘हलो माधवन..............हलो............हलो...............’उधर से कोई आवाज़ नहीं आई। वीना ने मोबाइल मेज पर रख लिया। ‘आखिर उसने मिसकाल क्यों किया, यदि बात नहीं करनी थी।’ वीन...

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खोपड़ी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-----–-खोपडी------ठाकुर सतपाल सिंह का स्मारक बन चुका था अब लाला गजपति और पंडित महिमा दत्त के पास गांव वालों में किसी नए विचार की फसाद का कोई अवसर नही था फिर भी दोनों को चैन इसलिये...

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अधिकार By sudha jugran

“अधिकार”बस अपनी तीब्र रफ्तार से पहाड़ी रास्तों पर भागी जा रही थी. पारुल खिड़की से तेजी से पीछे छूटते जा रहे दृश्यों को देख रही थी. जैसे-जैसे बस मैदानी इलाकों को छोड़कर पहाड़ों की तरफ ब...

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स्मारक By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-–---सम्मारक--------गांव में अमूमन शान्ति का माहौल था क्योकि गांव के खुराफातियों ठाकुर सतपाल की मृत्यु हो चुकी थी और लाला गजपति और पंडित महिमा दत्त का मन पसंद शोमारू गांव का प्रधान...

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आत्महत्या By Vishram Goswami

आत्महत्या                     उन दिनों मैं एक शहर के विद्यालय में कार्यरत था, जहां अक्सर उन अभिभावकों के बच्चे पढ़ने आते थे, जो सच पूछिए तो शायद अभिभावक की भूमिका निभाने में असमर्थ...

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किसान By DINESH KUMAR KEER

विद्यालय प्राचार्य ने बहुत ही कड़े शब्दों मे जब छोटे (जमीदार) किसान की बेटी शिखा से पिछले एक साल की विद्यालय शुल्क मांगी, तो शिखा ने कहा अध्यापिका जी मे घर जाकर आज पिता जी से कह दूं...

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स्वतंत्रता पुकारती By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी   आज पंद्रह अगस्त है। पंद्रह अगस्त के महत्त्व को कोई भारतीय भला कैसे भूल सकता है। इस दिन हमारा पुनर्जन्म हुआ था। दासता की बेड़ियाँ कट गई थीं। अब तक हमारी स्वतंत्रत...

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बिरजू की पाती By Dr. Suryapal Singh

बिरजू की पाती बिरजू राम फल वाला एक पेड़ के नीचे लेटा है। एक हाथ और एक पैर में प्लास्टर बंधा होने के कारण खिसकने में थोड़ी दिक्कत होती है। एक बोतल पानी पत्नी बगल में रख गई है। दाहिन...

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मौन रहस्य By नंदलाल मणि त्रिपाठी

---------मौन------जुबान ,जिह्वा और आवाज़ जिसके संयम संतुलन खोने से मानव स्वयं खतरे को आमंत्रित करता है और ईश्वरीय चेतना की सत्ता को नकारने लगता है।अतः जिह्वा जुबान का सदैवसंयमित संत...

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पुराना पीपल By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी   उस वृक्ष के सारे पत्ते झड़ चुके थे, जिसकी घनी छाया में अनेक पशु-पक्षी आरामफ़रमा होते थे। पत्ते भी ठीक इस अंदाज़ में झड़ गए, जैसे कबड्डी में एक पाले के सभी खिलाड़ी पस...

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फूलों का मन By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी माली के मुँह से क्या निकला कि उसकी बगिया में जो सबसे ज़्यादा ख़ूबसूरत फूल होगा, उसी को मंदिर में चढाया जाएगा। सुनकर फूलों में ख़ूबसूरत दिखने के लिए होड़ लग गई। होड़ ल...

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सद बुद्धि यज्ञ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-----सद बुद्धि यज्ञ-----लाला गजपति विल्लोर गाँव के संपन्न कायस्थ परिवार के मुखिया थे उनके परम् मित्र थे ठाकुर सतपाल सिंह और पंडित महिमा दत्त तीनो मित्रो के ही विचार गाँव में सिद्धा...

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गुलाबों का बादशाह By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी आसपास के सभी लोग उसे गुलाबों के बादशाह के रूप में ही जानते थे। उसका असल नाम क्या है? अब तो स्वयं उसे भी स्मरण नहीं रहा। मुश्किल से तीन वर्ष का रहा होगा, जब उसके मा...

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वरदेखुआ By Dr. Suryapal Singh

वरदेखुआआज से कुछ वर्ष पहले वर खोजने के लिए प्रायः लोग समूहों में चलते- दस-पाँच, दो-चार के समूहों में। महीनों अपने नाते रिश्ते में घूमते हुए सभी की शादियाँ तय करके घर लौटते । कभी कभ...

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मूंग की खिचड़ी By sudha jugran

”मूंग की खिचड़ी””शुभा, सो गई क्या? लो खाना खालो””खाना..?” पुलकित सी वह फटाफट रजाई फेंक, उठ खड़ी हुई, ”हाँ बहुत भूख भी लग रही है” बेचैनी से प्लेट पकड़ती हुई वह बोली, लेकिन यह क्या, ”फि...

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मौत का हिसाब By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मौत का हिसाब--अपराधी पैदा नही होता बल्कि अपराधी बनाया जाता है कोई भी प्राणि अपने मूल स्वभाव के साथ जन्म लेता है किसी विशेष परिस्थितियों में उसके स्वभाव में परिवर्तन स्प्ष्ट परिलक्ष...

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कर्म धर्म By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आशीष कायस्त कुल का होनहार नौजवान था हिंदी संस्कृति अंग्रेजी एव गणित में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त कर चुका था।वह नियमित रूप से महाकाल की भस्म आरती में सम्मिलित होता और आरती के बा...

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जुगाड़ By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी गुणनो न विदेशोऽस्ति न संतुष्टस्य चा सुखम्। धीरस्य च विपन्नास्ति नासाध्यं व्यवसायिनः।। -‘बच्चों! संस्कृत के इस श्लोक का अर्थ यह है कि गुणी मनुष्य के लिए कहीं विदेश...

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मन की बातका 100वां एपिसोड By Jagruti Vakil

मन की बात’ का 100वां एपिसोड 30 अप्रैल 2023 को प्रसारित होगा | मन की बात आकाशवाणी पर प्रसारित किया जाने वाला एक कार्यक्रम है जिसके जरिये भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के न...

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तलाश - 8 By डा.कुसुम जोशी

तलाश-8 (गंताक से आगे) विभत्स से थे ये शब्द ...एक पल के लिये कविता को लगा कि सारी धरती घूम रही है तेज ...बहुत तेज और वो गिरने को हो आई , सम्भाला उसने अपने आप को , वो जानती थी ..कुछ...

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ठीहा By Dr. Suryapal Singh

ठीहाचन्दन बाबू को डाकखाने की नौकरी से सेवानिवृत्त हुए दस वर्ष बीत चुके हैं। उनके एक ही लड़का है देवकी। देवकी एक दैनिक के सम्पादकीय विभाग में कार्यरत है। पहले आगरा में था अब दिल्ली...

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आख़िर मेरा दोष क्या है By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी काला आसमान अपने आपको नीला रंग दे रहा था। तारे छिपने का प्रयास कर रहे थे और चांदनी अब सुनहरी होने को थी। मुर्गे बाग दे चुके थे। कुत्ते रात भर भौंकने के बाद ऊंघ रहे...

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मातृत्व - किराए की कोख - 2 By Kishanlal Sharma

पार्टी देर रात तक चलती रही।उसी रात वे हनीमून के लिए श्रीनगर के लिए रवाना हो गए थे।सुहागरात के दिन वह पति से बोली,"तुम जानते हो मैं एक मॉडल हूँ।मॉडलिंग की दुनिया मे एक औरत तभी तक टि...

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लावारिस By Dr. Suryapal Singh

मेलाराम को बम्बई आए कुल इकतीस दिन हुए हैं। आज जैसे ही सिर पर फलों की टोकरी रख बेचने के लिए निकला एक कुत्ता भौंकते हुए उसके सामने आ गया। कुत्ते के गले में पट्टा पड़ा था। संभवतः गली...

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वाह रे किसान By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी भूकंप के आने से गज सिंह को बड़ा नुकसान हुआ था। पिछले दिन ही तो उसने अपने मकान का लिंटर डलवाया था। लिंटर अभी सैट भी नहीं हुआ था कि करीब पाँच घंटे बाद ही भूकंप आ गया...

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परतें By sudha jugran

“परतें”फोन की घंटी बजी। मां का फोन था। “हैलो मां, प्रणाम” लेकिन मां के आशीर्वाद में ही उनका सारा दर्द छलक गया।“क्या हुआ?” जिया चिन्तित हो गई।“गिर गई, कमर में दर्द हो रहा है”“हां, व...

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उसका बंटी By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी भयानक गर्मी थी। रेतीला रास्ता किसी भड़भूजे की भट्टी के समान तप रहा था। रेत पर उगी घास झुलस चुकी थी मगर सुखिया इस रेत पर नंगे पांव सरपट दौड़ी चली जा रही थी। उसके सिर...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 9 By Chaya Agarwal

भाग. 9अप्रैल सन उन्नीस सौ चौरानवे, अल्लाह के फ़ज्लोकरम से मुमताज खान के घर बेटी का जन्म हुआ था। जिसका नाम उन्होंने फ़िजा रखा था। फिज़ा के जन्म की यह तारीख मुमताज खान के लिये बहुत मायन...

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दो औरते - 5 By Kishanlal Sharma

सुहागरात को को कमरे में जाने से पहले सुरेश का दिल बड़ी जोर से धड़क रहा था।सोच रहा था,न जाने कैसी होगी उसकी जीवन संगनी।बिना देखे और मील मा के जोर देने पर उसने शादी कर लज थी।तरह तरह के...

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सर्द की रात By नंदलाल मणि त्रिपाठी

उत्तर भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश एव बिहार जो मेरी जन्म मातृ पितृ भूमि है वहां की सामाजिक संस्कारो और व्यवहारिक आचार व्यवहार से भली भांति परिचित हूँ ।पहले इन क्षेत्रों में बारात जब...

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मिट्टी के बर्तन By Aman Kumar

अमन कुमार त्यगी   अचानक मैंने एक बच्चे को ठोकर खाकर गिरते हुए देखा। मैं उसे संभालने के लिए तेजी से आगे बढ़ा किंतु मेरे संभालने से पहले ही वह सड़क पर धड़ाम से गिरा और उसके हाथ में मौजू...

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असल मर्द By राज कुमार कांदु

लगभग बाईस वर्षीय वह युवक मंत्री का बेटा था। शहर के व्यस्त इलाके में भीड़भाड़ वाली सड़क पर एक किनारे खड़ी उसकी आलीशान कार यातायात को बुरी तरह बाधित कर रही थी। कार से कोहनी टिकाए अपने ती...

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युगांतर - भाग 21 By Dr. Dilbag Singh Virk

यादवेंद्र को सज़ा मिलने के डर से ज्यादा डर सताता है रमन की प्रतिक्रिया का। बात-बात पर उसके व्यवसाय को लेकर ताने मारने वाली रमन अब तो उसका जीना हराम कर देगी, लेकिन जब जमानत मिलने के...

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नौकरी का पहला दिन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

दिपांकर गांगुली होनहार पिता अतुल देव माँ देविका जी का लाड़ला दुलारा एकलौती संतान था ।पढ़ाई पूरी होने के बाद नैकरी की तलाश एव प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुटा था लगातार नौकरी...

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बड़ा भाई By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   कुल मिलाकर लगभग बीस हज़ार एकत्र कर लिए गए थे। विवाह के निमंत्रण के लिए महंगे वाले लाल सुर्ख रंग के कार्ड सस्ते दामों पर मंगा कर रख लिए गए थे। कुछ साड़ियाँ और कपड़े...

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आस्था का आभाष विश्वास By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आस्था का आभाष विश्वास सेठ जमुना दास की एकलौती बेटी नम्रता बचपन से ही धर्म भीरुऔर भारतीय परम्परा में विश्वास करने वाली माँ बाप का अभिमान थी पढ़ने लिखने में सदैव अव्वल अपने मोहल्ले शह...

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पक्षपात By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   रामलाल की बेचैनी थमने का नाम नहीं ले रही थी। वह बहुत अधिक परेशान थे। रात्रि का मध्यकाल था और आँखों से नींद गायब थी। हाथ-पाँव काँप रहे थे। पूरा बदन पसीने से तर बत...

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थाने वाला गांव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-----थाने वाला गाँव----विल्लोर गांव का एकात्म स्वरूप बदल चुका था गांव छोटे छोटे टोलो में जातिगत आधार में बंट एक अविकसित कस्बाई रूप ले चुका था जहाँ हर व्यक्ति गांव के एकात्म स्वरूप...

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सभी मौन By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी बूढ़ा मोहन अब स्वयं को परेशान अनुभव कर रहा था। अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाना अब उसके लिए भारी पड़ रहा था। परिवार के अन्य कमाऊ सदस्य अपने मुखिया मोहन की अव्हेलना कर...

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ठगों की सभा By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी ठगों की सभा प्रारंभ हो चुकी थी। ठगों के राजा सिंहासन पर बैठे हुए प्रत्येक ठग की बात सुन रहे थे। ठगों के विभिन्न जातियों से होने के बावजूद उनमें एकता थी। इन ठगों म...

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खिलखिलाहट By Dr. Suryapal Singh

खिलखिलाहट‘हलो माधवन..............हलो............हलो...............’उधर से कोई आवाज़ नहीं आई। वीना ने मोबाइल मेज पर रख लिया। ‘आखिर उसने मिसकाल क्यों किया, यदि बात नहीं करनी थी।’ वीन...

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खोपड़ी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-----–-खोपडी------ठाकुर सतपाल सिंह का स्मारक बन चुका था अब लाला गजपति और पंडित महिमा दत्त के पास गांव वालों में किसी नए विचार की फसाद का कोई अवसर नही था फिर भी दोनों को चैन इसलिये...

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अधिकार By sudha jugran

“अधिकार”बस अपनी तीब्र रफ्तार से पहाड़ी रास्तों पर भागी जा रही थी. पारुल खिड़की से तेजी से पीछे छूटते जा रहे दृश्यों को देख रही थी. जैसे-जैसे बस मैदानी इलाकों को छोड़कर पहाड़ों की तरफ ब...

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स्मारक By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-–---सम्मारक--------गांव में अमूमन शान्ति का माहौल था क्योकि गांव के खुराफातियों ठाकुर सतपाल की मृत्यु हो चुकी थी और लाला गजपति और पंडित महिमा दत्त का मन पसंद शोमारू गांव का प्रधान...

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आत्महत्या By Vishram Goswami

आत्महत्या                     उन दिनों मैं एक शहर के विद्यालय में कार्यरत था, जहां अक्सर उन अभिभावकों के बच्चे पढ़ने आते थे, जो सच पूछिए तो शायद अभिभावक की भूमिका निभाने में असमर्थ...

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किसान By DINESH KUMAR KEER

विद्यालय प्राचार्य ने बहुत ही कड़े शब्दों मे जब छोटे (जमीदार) किसान की बेटी शिखा से पिछले एक साल की विद्यालय शुल्क मांगी, तो शिखा ने कहा अध्यापिका जी मे घर जाकर आज पिता जी से कह दूं...

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स्वतंत्रता पुकारती By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी   आज पंद्रह अगस्त है। पंद्रह अगस्त के महत्त्व को कोई भारतीय भला कैसे भूल सकता है। इस दिन हमारा पुनर्जन्म हुआ था। दासता की बेड़ियाँ कट गई थीं। अब तक हमारी स्वतंत्रत...

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बिरजू की पाती By Dr. Suryapal Singh

बिरजू की पाती बिरजू राम फल वाला एक पेड़ के नीचे लेटा है। एक हाथ और एक पैर में प्लास्टर बंधा होने के कारण खिसकने में थोड़ी दिक्कत होती है। एक बोतल पानी पत्नी बगल में रख गई है। दाहिन...

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मौन रहस्य By नंदलाल मणि त्रिपाठी

---------मौन------जुबान ,जिह्वा और आवाज़ जिसके संयम संतुलन खोने से मानव स्वयं खतरे को आमंत्रित करता है और ईश्वरीय चेतना की सत्ता को नकारने लगता है।अतः जिह्वा जुबान का सदैवसंयमित संत...

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पुराना पीपल By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी   उस वृक्ष के सारे पत्ते झड़ चुके थे, जिसकी घनी छाया में अनेक पशु-पक्षी आरामफ़रमा होते थे। पत्ते भी ठीक इस अंदाज़ में झड़ गए, जैसे कबड्डी में एक पाले के सभी खिलाड़ी पस...

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फूलों का मन By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी माली के मुँह से क्या निकला कि उसकी बगिया में जो सबसे ज़्यादा ख़ूबसूरत फूल होगा, उसी को मंदिर में चढाया जाएगा। सुनकर फूलों में ख़ूबसूरत दिखने के लिए होड़ लग गई। होड़ ल...

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सद बुद्धि यज्ञ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-----सद बुद्धि यज्ञ-----लाला गजपति विल्लोर गाँव के संपन्न कायस्थ परिवार के मुखिया थे उनके परम् मित्र थे ठाकुर सतपाल सिंह और पंडित महिमा दत्त तीनो मित्रो के ही विचार गाँव में सिद्धा...

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गुलाबों का बादशाह By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी आसपास के सभी लोग उसे गुलाबों के बादशाह के रूप में ही जानते थे। उसका असल नाम क्या है? अब तो स्वयं उसे भी स्मरण नहीं रहा। मुश्किल से तीन वर्ष का रहा होगा, जब उसके मा...

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वरदेखुआ By Dr. Suryapal Singh

वरदेखुआआज से कुछ वर्ष पहले वर खोजने के लिए प्रायः लोग समूहों में चलते- दस-पाँच, दो-चार के समूहों में। महीनों अपने नाते रिश्ते में घूमते हुए सभी की शादियाँ तय करके घर लौटते । कभी कभ...

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मूंग की खिचड़ी By sudha jugran

”मूंग की खिचड़ी””शुभा, सो गई क्या? लो खाना खालो””खाना..?” पुलकित सी वह फटाफट रजाई फेंक, उठ खड़ी हुई, ”हाँ बहुत भूख भी लग रही है” बेचैनी से प्लेट पकड़ती हुई वह बोली, लेकिन यह क्या, ”फि...

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मौत का हिसाब By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मौत का हिसाब--अपराधी पैदा नही होता बल्कि अपराधी बनाया जाता है कोई भी प्राणि अपने मूल स्वभाव के साथ जन्म लेता है किसी विशेष परिस्थितियों में उसके स्वभाव में परिवर्तन स्प्ष्ट परिलक्ष...

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कर्म धर्म By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आशीष कायस्त कुल का होनहार नौजवान था हिंदी संस्कृति अंग्रेजी एव गणित में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त कर चुका था।वह नियमित रूप से महाकाल की भस्म आरती में सम्मिलित होता और आरती के बा...

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जुगाड़ By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी गुणनो न विदेशोऽस्ति न संतुष्टस्य चा सुखम्। धीरस्य च विपन्नास्ति नासाध्यं व्यवसायिनः।। -‘बच्चों! संस्कृत के इस श्लोक का अर्थ यह है कि गुणी मनुष्य के लिए कहीं विदेश...

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मन की बातका 100वां एपिसोड By Jagruti Vakil

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तलाश - 8 By डा.कुसुम जोशी

तलाश-8 (गंताक से आगे) विभत्स से थे ये शब्द ...एक पल के लिये कविता को लगा कि सारी धरती घूम रही है तेज ...बहुत तेज और वो गिरने को हो आई , सम्भाला उसने अपने आप को , वो जानती थी ..कुछ...

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ठीहा By Dr. Suryapal Singh

ठीहाचन्दन बाबू को डाकखाने की नौकरी से सेवानिवृत्त हुए दस वर्ष बीत चुके हैं। उनके एक ही लड़का है देवकी। देवकी एक दैनिक के सम्पादकीय विभाग में कार्यरत है। पहले आगरा में था अब दिल्ली...

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आख़िर मेरा दोष क्या है By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी काला आसमान अपने आपको नीला रंग दे रहा था। तारे छिपने का प्रयास कर रहे थे और चांदनी अब सुनहरी होने को थी। मुर्गे बाग दे चुके थे। कुत्ते रात भर भौंकने के बाद ऊंघ रहे...

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मातृत्व - किराए की कोख - 2 By Kishanlal Sharma

पार्टी देर रात तक चलती रही।उसी रात वे हनीमून के लिए श्रीनगर के लिए रवाना हो गए थे।सुहागरात के दिन वह पति से बोली,"तुम जानते हो मैं एक मॉडल हूँ।मॉडलिंग की दुनिया मे एक औरत तभी तक टि...

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लावारिस By Dr. Suryapal Singh

मेलाराम को बम्बई आए कुल इकतीस दिन हुए हैं। आज जैसे ही सिर पर फलों की टोकरी रख बेचने के लिए निकला एक कुत्ता भौंकते हुए उसके सामने आ गया। कुत्ते के गले में पट्टा पड़ा था। संभवतः गली...

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वाह रे किसान By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी भूकंप के आने से गज सिंह को बड़ा नुकसान हुआ था। पिछले दिन ही तो उसने अपने मकान का लिंटर डलवाया था। लिंटर अभी सैट भी नहीं हुआ था कि करीब पाँच घंटे बाद ही भूकंप आ गया...

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परतें By sudha jugran

“परतें”फोन की घंटी बजी। मां का फोन था। “हैलो मां, प्रणाम” लेकिन मां के आशीर्वाद में ही उनका सारा दर्द छलक गया।“क्या हुआ?” जिया चिन्तित हो गई।“गिर गई, कमर में दर्द हो रहा है”“हां, व...

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उसका बंटी By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी भयानक गर्मी थी। रेतीला रास्ता किसी भड़भूजे की भट्टी के समान तप रहा था। रेत पर उगी घास झुलस चुकी थी मगर सुखिया इस रेत पर नंगे पांव सरपट दौड़ी चली जा रही थी। उसके सिर...

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