hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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फोटो वाली लड़की By Kishanlal Sharma

राजन कालेज के बाहर एक पेड़ के नीचे आकर खड़ा हो गया।उसने जेब से फोटो निकालकर देखा।यह फोटो उसे कानपुर वाली मौसी ने भेजा था।राजन के एम सी ए करते ही उसकी नौकरी लग गयी और वह आगरा आ गया था...

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बंधन प्यार का - 6 By Kishanlal Sharma

बिग बेनकाफी भीड़ थी।दूर से ही टावर की तरफ देखते हुए हिना बोली,"इतनी बड़ी घड़ी?""क्या तुम्हारे पाकिस्तान में है ऐसी घड़ी?""मैं पाकिस्तान में लाहौर से बाहर ज्यादा नही गयी हूँ।जहा भी गयी...

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कलयुग के श्रवण कुमार - 5 - दुनिया मे क्या रखा है (2) By संदीप सिंह (ईशू)

दुनिया मे क्या रखा है-2 भाग 1 से आगे...... 'बाबू.. (सानिध्य के पैर टटोलते हुए) पीआस (प्यास) लगी बा.. पानी पिया (पिला) दा । वृद्ध महिला ने बड़ी मासूमियत से बोला था सानिध्य से। ज...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

ज़िंदगी झौंका हवा का! =============== स्नेहिल नमस्कार साथियों संसार में आपाधापी हम सब देख ही रहे हैं| उम्र की इस कगार तक...

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झिलमिल सपने की धुंधली चादर By संदीप सिंह (ईशू)

झिलमिल सपने की धुंधली चादर बस जैसे ही स्टाप पर रुकी। चढ़ने उतरने वालो की भीड़ का रेला सा दिखा। चढ़ने वालो के काफिले मे अस्त व्यस्त परेशान सा एक बैग सम्हालते मैं भी थी। खैर, सीट मिल...

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शाकुनपाॅंखी - 43 - सवाल अहम है By Dr. Suryapal Singh

63. सवाल अहम है कच्चे बाबा का आश्रम। बरगद के पेड़ के नीचे बाबा, सूफी फकीर और पं पारिजात शर्मा बैठे हैं। उनके सामने आश्रम के विद्यार्थी । कान्यकुब्ज कुछ ही कोस की दूरी पर है। उसके प...

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एक अदद औरत - 4 By Kishanlal Sharma

उसने फिर से एक बार किराए पर मकान ले लिया था।अब एक बार फिर उसकी दिनचर्या में एक बार फिर परिवर्तन आया था।पहले वह स्टेशन पर ही रहता था।लेकिन मकान लेने के बाद वह रात को ट्राली को नौकर...

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विस्थापन By bhagirath

    25 विस्थापन   (बेताल कथा 1)      रास्ता लंबा था। रास्ते को रोमांचक बनाने के लिए बेताल ने राजा विक्रम को एक कहानी सुनाई।    एक बार की बात है राजतन्त्र ने इतनी उन्नति कर ली कि रा...

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काली बिल्ली By संदीप सिंह (ईशू)

आज सुबह ही वह जल्दी उठ कर तैयार हो रहा था। पर दिमाग दो राहे पर खड़ा था।उसका रिज्यूम एक बड़ी कंपनी मे चयनित हो गया था और आज सुबह 10 बजे उसका साक्षात्कार (इन्टरव्यू) था। वह चयनित होग...

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पाजेब By Bharati babbar

उसके बाहर आने तक मोबाइल चार बार बज चुका था।सुबह-सुबह कौन इतना बेताब है... लगभग झींकते हुए,आधा गीला बदन लिये वह बाथरूम से तौलिया लपेटते-लपेटते बाहर आया।चारों मिस्डकॉल अमृतसर में उनक...

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जीने का हक By Dr. Pradeep Kumar Sharma

जीने का हकरात को सबके सो जाने के बाद मालती ने अपने पति जयंत के कान में धीरे से फुसफुसाया, ‘‘अजी सो गए क्या ?’’‘‘नहीं, क्या बात है मालती ? मैं देख रहा हूँ कि तुम पिछले कुछ दिनों से...

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जलसतह By Bharati babbar

उसके स्टेशन पहुँचते ही बूँदाबाँदी शुरू हो गयी।मॉनसून के साथ ही शहर का मूड जैसे बदल गया।सबके चेहरे खिले हुए लगे।एक मॉनसून ही तो बदलता है मुंबई शहर को, अन्यथा दो ही मौसम हैं यहाँ,गर्...

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सरला लौट आई By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी -मार्मिक सरला का प्रभाव कुछ ऐसा था कि लोग उसे सर्वगुण संपन्न लड़की मानते थे‌। उसकी सम्मोहक आंखों का जादू चल जाता तो कोई शायर शायरी लिखने लगता‌। उसके पापा के पा...

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मछरगन्धा... By Saroj Verma

"क्या हुआ पुरोहित जी! ऐसे उदास क्यों बैठें हैं"? राममूरत ने बूढ़े पुरोहित जी से पूछा.... "बहुत बुरा हुआ बेटा उसके साथ,ऐसा नहीं होना चाहिए था,उसके कर्मों की इतनी बुरी सजा उसे नहीं मि...

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दिखता नहीं क्या By vinayak sharma

दशरथ पढ़ा लिखा वहीं तक था, जहाँ तक कि कुछ लिखा पढ़ सके। दशरथ का बचपन बहुत हिंज्यादा गरीबी में बीता था। गरीबी इतनी ज्यादा थी कि बहुत ही मुश्किल से परिवार का पेट भर पाता था। किसी दिन ए...

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बीते दिनों का करवा चौथ By Sudhir Srivastava

संस्मरणबीते दिनों में करवा चौथ"""""""""""""""""""""""""******* करवा चौथ का पर्व आते ही मुझे अपने बचपन के दिनों की याद आ जाती है, जब घर के आंगन में हफ्तों पहले से ही बड़ी मां दादी क...

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फोटो वाली लड़की By Kishanlal Sharma

राजन कालेज के बाहर एक पेड़ के नीचे आकर खड़ा हो गया।उसने जेब से फोटो निकालकर देखा।यह फोटो उसे कानपुर वाली मौसी ने भेजा था।राजन के एम सी ए करते ही उसकी नौकरी लग गयी और वह आगरा आ गया था...

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बंधन प्यार का - 6 By Kishanlal Sharma

बिग बेनकाफी भीड़ थी।दूर से ही टावर की तरफ देखते हुए हिना बोली,"इतनी बड़ी घड़ी?""क्या तुम्हारे पाकिस्तान में है ऐसी घड़ी?""मैं पाकिस्तान में लाहौर से बाहर ज्यादा नही गयी हूँ।जहा भी गयी...

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कलयुग के श्रवण कुमार - 5 - दुनिया मे क्या रखा है (2) By संदीप सिंह (ईशू)

दुनिया मे क्या रखा है-2 भाग 1 से आगे...... 'बाबू.. (सानिध्य के पैर टटोलते हुए) पीआस (प्यास) लगी बा.. पानी पिया (पिला) दा । वृद्ध महिला ने बड़ी मासूमियत से बोला था सानिध्य से। ज...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

ज़िंदगी झौंका हवा का! =============== स्नेहिल नमस्कार साथियों संसार में आपाधापी हम सब देख ही रहे हैं| उम्र की इस कगार तक...

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झिलमिल सपने की धुंधली चादर By संदीप सिंह (ईशू)

झिलमिल सपने की धुंधली चादर बस जैसे ही स्टाप पर रुकी। चढ़ने उतरने वालो की भीड़ का रेला सा दिखा। चढ़ने वालो के काफिले मे अस्त व्यस्त परेशान सा एक बैग सम्हालते मैं भी थी। खैर, सीट मिल...

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शाकुनपाॅंखी - 43 - सवाल अहम है By Dr. Suryapal Singh

63. सवाल अहम है कच्चे बाबा का आश्रम। बरगद के पेड़ के नीचे बाबा, सूफी फकीर और पं पारिजात शर्मा बैठे हैं। उनके सामने आश्रम के विद्यार्थी । कान्यकुब्ज कुछ ही कोस की दूरी पर है। उसके प...

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एक अदद औरत - 4 By Kishanlal Sharma

उसने फिर से एक बार किराए पर मकान ले लिया था।अब एक बार फिर उसकी दिनचर्या में एक बार फिर परिवर्तन आया था।पहले वह स्टेशन पर ही रहता था।लेकिन मकान लेने के बाद वह रात को ट्राली को नौकर...

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विस्थापन By bhagirath

    25 विस्थापन   (बेताल कथा 1)      रास्ता लंबा था। रास्ते को रोमांचक बनाने के लिए बेताल ने राजा विक्रम को एक कहानी सुनाई।    एक बार की बात है राजतन्त्र ने इतनी उन्नति कर ली कि रा...

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आज सुबह ही वह जल्दी उठ कर तैयार हो रहा था। पर दिमाग दो राहे पर खड़ा था।उसका रिज्यूम एक बड़ी कंपनी मे चयनित हो गया था और आज सुबह 10 बजे उसका साक्षात्कार (इन्टरव्यू) था। वह चयनित होग...

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पाजेब By Bharati babbar

उसके बाहर आने तक मोबाइल चार बार बज चुका था।सुबह-सुबह कौन इतना बेताब है... लगभग झींकते हुए,आधा गीला बदन लिये वह बाथरूम से तौलिया लपेटते-लपेटते बाहर आया।चारों मिस्डकॉल अमृतसर में उनक...

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जीने का हक By Dr. Pradeep Kumar Sharma

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सरला लौट आई By Wajid Husain

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दिखता नहीं क्या By vinayak sharma

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बीते दिनों का करवा चौथ By Sudhir Srivastava

संस्मरणबीते दिनों में करवा चौथ"""""""""""""""""""""""""******* करवा चौथ का पर्व आते ही मुझे अपने बचपन के दिनों की याद आ जाती है, जब घर के आंगन में हफ्तों पहले से ही बड़ी मां दादी क...

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