hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • कहा है इंसान ?

    कहा है इंशान ?संवेदनाओ की क्या बात करे आत्मा तक मार बैठा है इंशान, आँखों से ओझल...

  • उजाले की ओर –संस्मरण

    उजाले की ओर - - - - संस्मरण -------------------------------------- स्नेहिल सुभोर...

  • बदला ही क्यू ...

    बदले की रात छोड़ो,बदले का दिन भी हमें मंजूर नहीं होना चाहिए। गीता में कहा गया है...

बन्धन प्यार का - 18 By Kishanlal Sharma

"पहनती है शादी के बाद"लडकिया कड़े तो पहनती है"तुम्हे अच्छे लगते है क्या"हा"तो पहन लुंगी"सिर्फ मेरे कहने से नही,"नरेश बोला,"तुम्हरा मन करे तो"तुम्हारा और मेरा मन अलग नही है"हिना बोली...

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खुशियों का बीमा By Dr. Pradeep Kumar Sharma

खुशियों का बीमा भारतीय सभ्यता और संस्कृति की बात ही निराली है। यहाँ मानव जीवन का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसमेँ धर्म और अध्यात्म की घुसपैठ न हो। सौ बात की एक बात कहूँ तो ये कि म...

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एक थी बिल्लो By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में बनखेड़ी एक गांव है जिसमें अधिकतर सिखों के फॉर्म हाउस हैं। सरकारी ज़मीन पर एक बंगाली मज़दूरों की बस्ती है जिममें अधिकांश फार्मि...

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कहा है इंसान ? By Bharat(Raj)

कहा है इंशान ?संवेदनाओ की क्या बात करे आत्मा तक मार बैठा है इंशान, आँखों से ओझल नही हो पाती वो निर्भया कांड की न्यूज की हेडलाईने अब भी कभी बैठे बैठे एकाएक वो हादसा याद आता रूह काप...

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पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर By Dr. Pradeep Kumar Sharma

पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर वैसे जानने वाले तो मानते ही हैं लेकिन अब यह बात तो आपको भी मान ही लेनी चाहिए कि मैं बचपन से ही टेलेंटेड बंदा रहा हूँ। खोटा सिक्का किस बाजार या द...

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ड्यूटी और संतुष्टि By Dr. Pradeep Kumar Sharma

ड्यूटी और संतुष्टि रमेश कुमार बचपन से ही प्रतिभाशाली था। वह बड़ा होकर सेना या पुलिस विभाग में उच्च अधिकारी बन देश की सेवा करना चाहता था। इसके लिए वह हाड़तोड़ मेहनत भी कर रहा था। पर कह...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

उजाले की ओर - - - - संस्मरण -------------------------------------- स्नेहिल सुभोर मित्रो वह अक्सर दुखों का अंबार सिर पर ढोए घूमता रहता है। पूछो तो किसी के साथ कुछ साझा करना नहीं चाह...

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सहायता By Dr. Pradeep Kumar Sharma

सहायता """"'" अगले सप्ताह रागिनी की शादी है। खरीददारी के लिए मां-बेटी अक्सर बाजार जाती थीं। प्राय: उन्हें लौटते समय शाम, तो कभी-कभी रात भी हो जाया करती थी। एक दिन उन्होंने शाम...

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इरादा By Anonymous

स्वच्छ भारत का इरादा , इरादा कर लिया हमने देश से ये वादा... ये वादा कर लिया हमने। यह गाते हुए एक चौपहिया वाहन रोज मोहल्ले से गुजरता है। जैसे ही लोगो के कानो मे उसकी आवाज पड़ती है।...

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संस्कारों की पाठशाला By Dr. Pradeep Kumar Sharma

संस्कारों की पाठशाला सुबह के सात बजने वाले थे। अभी-अभी उसकी आँख खुली थी। दरवाजे पर किसी ने नॉक किया। उनींदी आँखों से उसने कहा, "आ जाओ, दरवाजा खुला है।" "गुड मॉर्निंग मॉम। ये लीजिए...

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बदला ही क्यू ... By Bharat(Raj)

बदले की रात छोड़ो,बदले का दिन भी हमें मंजूर नहीं होना चाहिए। गीता में कहा गया है की "क्या लेकर आए थे और क्या लेकर जाना है " तो फिर किस बात के लिए अपने मन को ,अपनी आत्मा को दु:खी कर...

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काफी हाउस By Vikash Kumar

आज विक्रम ने बहुत हिम्मत करके वर्षा से काफी पर चलने के लिए पूछ ही लिया लेकिन वर्षा ने आज तो किसी बहाने से विक्रम को टाल दिया, पर जब उसने अगले दिन भी इसी बात पर जोर दिया तो वर्षा इस...

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कुहासा छँट गया By Mamta

कुहासा छँट गया सुनो ! पाँच बज गए ,अब तो चाय बना लो ।कब से इंतज़ार कर रहा हूँ और एक तुम हो कि .... तिवारी जी के स्वर की तल्ख़ी उभर कर बाहर आ गयी। रमा ने पलट कर तिवारी जी को आग्नेय द...

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उत्सव और बाजार By bhagirath

पहले उत्सव समाज से जुड़ा था, परिवार से जुड़ा था और जुड़ा था धर्म से। धर्म अब शोभा यात्राओं और शोर शराबे में डूब गया है इसके पीछे एक संगठन काम करता है जो धर्म से सत्ता की फसल काटता है।...

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गाँव का जीवन By DINESH KUMAR KEER

गाँव का जीवनहाँ, मैंने गांव को इतने करीब से जिया है, खेतों में पीले सरसों के फूलों को सौंधी खुशबु के साथ खिलते देखा, सर्दी मे कोहरे की सफेद चादर की धुंध से लोगों की छिपत हुए देखा,ह...

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मुझसे शादी कर लो - 11 By Kishanlal Sharma

वे चारो माया को श्वेता समझकर उठा ले गये थे।राघव ने उनकी गाड़ी का नम्बर नोट कर लिया था"वह कौन थी और उसे गुंडे क्यो उठा ले गए"वह माया है,"राघव ने स्वेता को माया के बारे में सब कुछ बता...

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दिनू की कहानी By DINESH KUMAR KEER

दिनू की कहानीएक समय की बात है । खेड़ा नामक एक गांँव में एक अमीर साहूकार हेमा रहता था । वह बहुत ही धनवान था । गाँव के लोग उसका बहुत सम्मान करते थे । इस वजह से साहूकार घमण्डी और अहंक...

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संवेदना By bhagirath

बड़े दुःख की बात है कि रमाकांत पांडेजी की पत्नी नहीं रही। वे करीब पैंसठ वर्ष की थी। अचानक ही चक्कर आया और उन्हें एम्बुलेंस से हॉस्पिटल लाना पड़ा। पांडेजी के दोस्त पंकज श्रीवास्तव भाग...

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प्रभु श्रीराम का उपहार By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी आज उसका जन्मदिन था‌। उसकी बगिया में सूरज की धूप चमक रही थी। नालिनी के फूल अपनी लंबी डंडियों पर संतरियों की तरह सीधे खड़े थे। वे नीचे घास में उगे गुलाबो की तरफ...

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जगत का जंजाल-संसृति By Shivraj Anand

         (मनुष्यों को अपने हृदय की सु बुद्धि से दीपशिखा जलाने चाहिए।उन्हे इक दुसरे के मध्य भेदभाव डालकर मौजमस्ती नही करनी चाहिए।मौजमस्ती दो पल की भूल है उनके कुबुद्धि का फल शूल है)...

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वो श्याम सलोनी - 1 By Anshika

वो एकटक बगीचे के फूलों को निहार रही थी रंग रूप पर उसने कभी खुद से ध्यान ही नहीं दिया था क्योंकि उसने हमेशा अपने पापा से यही सुना था की बच्चे इंसान का मन साफ होना चाहिए रंग और खुबसू...

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दद्दा By Bharati babbar

दद्दा का सामान वापस आ गया।सामान यानि एक सूटकेस, वी आय पी का सबसे पुराना मॉडल,कत्थई रंग का और बहुत बार घसीटे जाने के कारण जगह-जगह सफ़ेद खरोंचों से भरा हुआ।अंदर का सामान भी गिनाचुना,...

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जीने की सोच By DINESH KUMAR KEER

*ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी!*एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया।वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिए और क्या...

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प्यार का इम्तेहान By Dr. Pradeep Kumar Sharma

प्यार का इम्तेहानहमारी कॉलोनी की गणपति महोत्सव की धूम पूरे शहर में मशहूर है। इस अवसर पर लगातार दस दिनों तक यहाँ मेले की तरह धूम रहती है। बच्चे, जवान, बुजुर्ग, स्त्री-पुरूष सभी लोग...

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अंतिम विकल्प By Dr. Pradeep Kumar Sharma

अंतिम विकल्प'टिंग टाँग', 'टिंग टाँग'डोरबेल की आवाज सुनकर किचन से ही पिंकी की मम्मी रागिनी अपने पति राकेश से बोली, "पिंकी के पापा, देखिए जरा, कोई आया है।"दरवाजा खोलत...

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राष्ट्रप्रेम By Dr. Pradeep Kumar Sharma

राष्ट्रप्रेमदेश में भ्रष्टाचार अपने चरम पर था। दुकानदार लगभग हर चीज में मिलावट कर बेच रहे थे। सभी दफ्तरों में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी चल रही थी। महिलाओं और बच्चों क...

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मुसद्दी - एक प्रेम कथा - 3 By संदीप सिंह (ईशू)

3️⃣ मुसद्दी के ठेले पर भी विकास दिखा... अब तरबूज के साथ साथ फलो के राजा आम और नारियल (हरा) भी आ गया था । पर ठेला अब भी नीम की शीतल छांव मे रुकता। पड़ोसी आनंदित की निठल्ला सुधर गया औ...

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मान न मान मैं तेरा मेहमान By Sudhir Srivastava

आलेख मान न मान मैं तेरा मेहमान************************* यूँ तो हम सभी जानते ही नहीं मानते भी हैं कि एक प्रसिद्ध मुहावरे "मान न मान‌ मै तेरा मेहमान" मुहावरे का अर्थ ही होता है.. "जब...

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बॉडीगार्ड - 1 By MR. JAYANT

यह कहानी है एक ऐसे इंसान की, जिसने अपनी जिंदगी इंसानियत के और स्त्री रक्षा पर न्यौछावर कर दी। कहते है की , सदियों से इस धरती पर भगवान ने अवतार लिया है। जिन्हे आज के दौर मे एंजल (फर...

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अपकर्म By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शीर्षक - अपकर्म भारत के महत्पूर्ण नगरी काशी वाराणसी बनारस कि सांस्कृतिक शैक्षिक प्रवृति से विधिवत परिचित हूं अपने पंद्रह वर्षों के प्रवास में बहुत से मित्र एवं शत्रुओं को बनाया सिर...

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कलयुग के श्रवण कुमार - 7 - मन की शीतलता By संदीप सिंह (ईशू)

मन की शीतलता (सामाजिक कहानी) गर्मी अपने चरम पर थी, महीना जरूर अप्रैल था किंतु गर्मी बाप रे.. अभी से 38°C - 40°C पहुंच रहा था। अनुराग क्रूड रिफाइनरी प्लांट गेट के बाहर आया। अनुराग ए...

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बन्धन प्यार का - 18 By Kishanlal Sharma

"पहनती है शादी के बाद"लडकिया कड़े तो पहनती है"तुम्हे अच्छे लगते है क्या"हा"तो पहन लुंगी"सिर्फ मेरे कहने से नही,"नरेश बोला,"तुम्हरा मन करे तो"तुम्हारा और मेरा मन अलग नही है"हिना बोली...

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खुशियों का बीमा By Dr. Pradeep Kumar Sharma

खुशियों का बीमा भारतीय सभ्यता और संस्कृति की बात ही निराली है। यहाँ मानव जीवन का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसमेँ धर्म और अध्यात्म की घुसपैठ न हो। सौ बात की एक बात कहूँ तो ये कि म...

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एक थी बिल्लो By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में बनखेड़ी एक गांव है जिसमें अधिकतर सिखों के फॉर्म हाउस हैं। सरकारी ज़मीन पर एक बंगाली मज़दूरों की बस्ती है जिममें अधिकांश फार्मि...

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कहा है इंसान ? By Bharat(Raj)

कहा है इंशान ?संवेदनाओ की क्या बात करे आत्मा तक मार बैठा है इंशान, आँखों से ओझल नही हो पाती वो निर्भया कांड की न्यूज की हेडलाईने अब भी कभी बैठे बैठे एकाएक वो हादसा याद आता रूह काप...

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पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर By Dr. Pradeep Kumar Sharma

पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर वैसे जानने वाले तो मानते ही हैं लेकिन अब यह बात तो आपको भी मान ही लेनी चाहिए कि मैं बचपन से ही टेलेंटेड बंदा रहा हूँ। खोटा सिक्का किस बाजार या द...

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ड्यूटी और संतुष्टि By Dr. Pradeep Kumar Sharma

ड्यूटी और संतुष्टि रमेश कुमार बचपन से ही प्रतिभाशाली था। वह बड़ा होकर सेना या पुलिस विभाग में उच्च अधिकारी बन देश की सेवा करना चाहता था। इसके लिए वह हाड़तोड़ मेहनत भी कर रहा था। पर कह...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

उजाले की ओर - - - - संस्मरण -------------------------------------- स्नेहिल सुभोर मित्रो वह अक्सर दुखों का अंबार सिर पर ढोए घूमता रहता है। पूछो तो किसी के साथ कुछ साझा करना नहीं चाह...

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सहायता By Dr. Pradeep Kumar Sharma

सहायता """"'" अगले सप्ताह रागिनी की शादी है। खरीददारी के लिए मां-बेटी अक्सर बाजार जाती थीं। प्राय: उन्हें लौटते समय शाम, तो कभी-कभी रात भी हो जाया करती थी। एक दिन उन्होंने शाम...

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इरादा By Anonymous

स्वच्छ भारत का इरादा , इरादा कर लिया हमने देश से ये वादा... ये वादा कर लिया हमने। यह गाते हुए एक चौपहिया वाहन रोज मोहल्ले से गुजरता है। जैसे ही लोगो के कानो मे उसकी आवाज पड़ती है।...

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संस्कारों की पाठशाला By Dr. Pradeep Kumar Sharma

संस्कारों की पाठशाला सुबह के सात बजने वाले थे। अभी-अभी उसकी आँख खुली थी। दरवाजे पर किसी ने नॉक किया। उनींदी आँखों से उसने कहा, "आ जाओ, दरवाजा खुला है।" "गुड मॉर्निंग मॉम। ये लीजिए...

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बदला ही क्यू ... By Bharat(Raj)

बदले की रात छोड़ो,बदले का दिन भी हमें मंजूर नहीं होना चाहिए। गीता में कहा गया है की "क्या लेकर आए थे और क्या लेकर जाना है " तो फिर किस बात के लिए अपने मन को ,अपनी आत्मा को दु:खी कर...

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काफी हाउस By Vikash Kumar

आज विक्रम ने बहुत हिम्मत करके वर्षा से काफी पर चलने के लिए पूछ ही लिया लेकिन वर्षा ने आज तो किसी बहाने से विक्रम को टाल दिया, पर जब उसने अगले दिन भी इसी बात पर जोर दिया तो वर्षा इस...

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कुहासा छँट गया By Mamta

कुहासा छँट गया सुनो ! पाँच बज गए ,अब तो चाय बना लो ।कब से इंतज़ार कर रहा हूँ और एक तुम हो कि .... तिवारी जी के स्वर की तल्ख़ी उभर कर बाहर आ गयी। रमा ने पलट कर तिवारी जी को आग्नेय द...

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उत्सव और बाजार By bhagirath

पहले उत्सव समाज से जुड़ा था, परिवार से जुड़ा था और जुड़ा था धर्म से। धर्म अब शोभा यात्राओं और शोर शराबे में डूब गया है इसके पीछे एक संगठन काम करता है जो धर्म से सत्ता की फसल काटता है।...

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गाँव का जीवन By DINESH KUMAR KEER

गाँव का जीवनहाँ, मैंने गांव को इतने करीब से जिया है, खेतों में पीले सरसों के फूलों को सौंधी खुशबु के साथ खिलते देखा, सर्दी मे कोहरे की सफेद चादर की धुंध से लोगों की छिपत हुए देखा,ह...

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मुझसे शादी कर लो - 11 By Kishanlal Sharma

वे चारो माया को श्वेता समझकर उठा ले गये थे।राघव ने उनकी गाड़ी का नम्बर नोट कर लिया था"वह कौन थी और उसे गुंडे क्यो उठा ले गए"वह माया है,"राघव ने स्वेता को माया के बारे में सब कुछ बता...

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दिनू की कहानी By DINESH KUMAR KEER

दिनू की कहानीएक समय की बात है । खेड़ा नामक एक गांँव में एक अमीर साहूकार हेमा रहता था । वह बहुत ही धनवान था । गाँव के लोग उसका बहुत सम्मान करते थे । इस वजह से साहूकार घमण्डी और अहंक...

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संवेदना By bhagirath

बड़े दुःख की बात है कि रमाकांत पांडेजी की पत्नी नहीं रही। वे करीब पैंसठ वर्ष की थी। अचानक ही चक्कर आया और उन्हें एम्बुलेंस से हॉस्पिटल लाना पड़ा। पांडेजी के दोस्त पंकज श्रीवास्तव भाग...

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प्रभु श्रीराम का उपहार By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी आज उसका जन्मदिन था‌। उसकी बगिया में सूरज की धूप चमक रही थी। नालिनी के फूल अपनी लंबी डंडियों पर संतरियों की तरह सीधे खड़े थे। वे नीचे घास में उगे गुलाबो की तरफ...

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जगत का जंजाल-संसृति By Shivraj Anand

         (मनुष्यों को अपने हृदय की सु बुद्धि से दीपशिखा जलाने चाहिए।उन्हे इक दुसरे के मध्य भेदभाव डालकर मौजमस्ती नही करनी चाहिए।मौजमस्ती दो पल की भूल है उनके कुबुद्धि का फल शूल है)...

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वो श्याम सलोनी - 1 By Anshika

वो एकटक बगीचे के फूलों को निहार रही थी रंग रूप पर उसने कभी खुद से ध्यान ही नहीं दिया था क्योंकि उसने हमेशा अपने पापा से यही सुना था की बच्चे इंसान का मन साफ होना चाहिए रंग और खुबसू...

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दद्दा By Bharati babbar

दद्दा का सामान वापस आ गया।सामान यानि एक सूटकेस, वी आय पी का सबसे पुराना मॉडल,कत्थई रंग का और बहुत बार घसीटे जाने के कारण जगह-जगह सफ़ेद खरोंचों से भरा हुआ।अंदर का सामान भी गिनाचुना,...

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जीने की सोच By DINESH KUMAR KEER

*ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी!*एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया।वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिए और क्या...

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प्यार का इम्तेहान By Dr. Pradeep Kumar Sharma

प्यार का इम्तेहानहमारी कॉलोनी की गणपति महोत्सव की धूम पूरे शहर में मशहूर है। इस अवसर पर लगातार दस दिनों तक यहाँ मेले की तरह धूम रहती है। बच्चे, जवान, बुजुर्ग, स्त्री-पुरूष सभी लोग...

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अंतिम विकल्प By Dr. Pradeep Kumar Sharma

अंतिम विकल्प'टिंग टाँग', 'टिंग टाँग'डोरबेल की आवाज सुनकर किचन से ही पिंकी की मम्मी रागिनी अपने पति राकेश से बोली, "पिंकी के पापा, देखिए जरा, कोई आया है।"दरवाजा खोलत...

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राष्ट्रप्रेम By Dr. Pradeep Kumar Sharma

राष्ट्रप्रेमदेश में भ्रष्टाचार अपने चरम पर था। दुकानदार लगभग हर चीज में मिलावट कर बेच रहे थे। सभी दफ्तरों में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी चल रही थी। महिलाओं और बच्चों क...

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मुसद्दी - एक प्रेम कथा - 3 By संदीप सिंह (ईशू)

3️⃣ मुसद्दी के ठेले पर भी विकास दिखा... अब तरबूज के साथ साथ फलो के राजा आम और नारियल (हरा) भी आ गया था । पर ठेला अब भी नीम की शीतल छांव मे रुकता। पड़ोसी आनंदित की निठल्ला सुधर गया औ...

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मान न मान मैं तेरा मेहमान By Sudhir Srivastava

आलेख मान न मान मैं तेरा मेहमान************************* यूँ तो हम सभी जानते ही नहीं मानते भी हैं कि एक प्रसिद्ध मुहावरे "मान न मान‌ मै तेरा मेहमान" मुहावरे का अर्थ ही होता है.. "जब...

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बॉडीगार्ड - 1 By MR. JAYANT

यह कहानी है एक ऐसे इंसान की, जिसने अपनी जिंदगी इंसानियत के और स्त्री रक्षा पर न्यौछावर कर दी। कहते है की , सदियों से इस धरती पर भगवान ने अवतार लिया है। जिन्हे आज के दौर मे एंजल (फर...

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अपकर्म By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शीर्षक - अपकर्म भारत के महत्पूर्ण नगरी काशी वाराणसी बनारस कि सांस्कृतिक शैक्षिक प्रवृति से विधिवत परिचित हूं अपने पंद्रह वर्षों के प्रवास में बहुत से मित्र एवं शत्रुओं को बनाया सिर...

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कलयुग के श्रवण कुमार - 7 - मन की शीतलता By संदीप सिंह (ईशू)

मन की शीतलता (सामाजिक कहानी) गर्मी अपने चरम पर थी, महीना जरूर अप्रैल था किंतु गर्मी बाप रे.. अभी से 38°C - 40°C पहुंच रहा था। अनुराग क्रूड रिफाइनरी प्लांट गेट के बाहर आया। अनुराग ए...

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