hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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शोहरत का घमंड - 58 By shama parveen

अपनी मॉम की बात सुन कर आर्यन चोक जाता हैं और बोलता है, "मॉम आप ये क्या बोल रही है, मैं और इससे शादी, आप जानती नही है इसे और मुझे, और वैसे ये आपको किस एंगल से मेरे लायक नजर आ रही है...

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कंचन मृग - 8. हर व्यक्ति चुप है By Dr. Suryapal Singh

8. हर व्यक्ति चुप है- चन्द्रा मुँह ढाँप बिस्तर पर पड़ी है। चित्रा पंखा झल रही है। चित्रा चन्द्रा को प्रसन्न करना चाहती है पर उसे कोई युक्ति नहीं सूझती। उसने शक्ति भर प्रयास भी किया...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

====================== स्नेहिल नमस्कार मित्रों आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप सबकी होली...

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क़िस्सा 1930 का By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी 12 मार्च 1930 को एक यात्रा शुरू हुई थी। एक ऐसी यात्रा जिसने सारी दुनिया को दिखाया, कि कैसे 80 लोगों की निहत्थी सेना अपने अहिंसक सत्याग्रह के रास्ते चलकर दुनिया...

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सर्कस - 6 By Madhavi Marathe

                                                                                                       सर्कस : ६            सुबह जब मैं नींद से जगा, तो आँगन में पेडों की डालियों पर...

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बन्धन प्यार का - 23 By Kishanlal Sharma

शौहर के साथ घूमते समय उसे ऐसा लगा था सचमुच रात को उसने सच बोला था।दोस्तो ने पार्टी में उसे जबर्दस्ती शराब पिला दी होगी।लेकिन ऐसा सोचना उसका भरम था जो जल्दी ही टूट गया था।वह जान गई...

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माँ का आँचल By DINESH KUMAR KEER

माँ का आँचलएक छोटे से गाँव में लीला नाम की एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन - पोषण कर रही थी। साथ ही अपने बच्चों को गाँव के स्कूल में पढ़ने को...

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शालिनी (प्यारी सी बालिका) By DINESH KUMAR KEER

शालिनी ( प्यारी सी बालिका ) बात हाल ही के कुछ वर्ष पहले की है । जब हमारे विद्यालय में शालिनी का प्रवेश कक्षा एक में हुआ था । एक बहुत सुंदर - सी, बहुत प्यारी - सी और विद्यालय का गृह...

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खलनायक कौन ? By नंदी

गांव के एक छोटी सी जगह पर विद्यालय थी । जहां पर अध्यापक बहुत दूर दूसरे गांव से आया करते थे । जहां पर विद्यालय थी उस गांव का नाम श्रवणपुर था , और जहां से अध्यापक आया करते थे उस गांव...

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एक अदद औरत - 5 By Kishanlal Sharma

कमला कोई साध्वी या विरहणी नही थी।वह एक आम नारी थी।दूसरी औरतों की तरह हाड़ मास का पुतला।जैसे दूसरी औरतों को सेक्स की भूख होती है।वह भी पुरुष संसर्ग चाहती थी।औऱ इस काम के लिए औरत को ए...

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पागल By Makvana Bhavek

  यह वही साल था जब भारत में इन्टरनेट ने अपने कदम रखे थे। भारत पूरे विश्व के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार था। पर यह बात सिर्फ गिने-चुने बड़े शहरों तक ही सीमित थी। अभी भी...

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क्या से क्या हो गया By Bhawani Bhai

EVERYTHING IS OVER.....क्या से क्या हो गया।एक धराशायी मकान के मलबे में दबे कुछ लोग।उनमे से एक शख्स जिसका नाम राजू है और फ़िल्म का नायक है। राजू के पास उसी के दो हम शक्ल बैठे है । जि...

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प्रेम ( पति - पत्नी का ) By DINESH KUMAR KEER

प्रेम ( पति - पत्नी का ) एक साहूकार जी थे उनके घर में एक गरीब आदमी काम करता था । जिसका नाम था । मोहन लाल जैसे ही मोहन लाल के फ़ोन की घंटी बजी मोहन लाल डर गया । तब साहूकार जी ने पूछ...

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गुमनाम ढांचा By Chaya Agarwal

गुमनाम ढाँचाचार मंजिला आलीशान इमारत, पूरी तरह रोशनी से नहाई हुई थी और रात में ऐसी लग रही थी मानो कोई पांच सितारा होटल हो। ठीक ऊपर की तरफ बीचों -बीच में बड़ा-बड़ा लिखा था 'जीवन...

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पंचलाइट By Vikas rajput

कहानी में परंपरागत और आधुनिक तथा समाज में व्यक्ति विशेष के बीच का द्वंद्व है। कहानी में गोदन नाम का लड़का जो लड़कियों को देखकर गाने गाया करता था उसे गाने गाने के कारण समाज से बहिष्...

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मातृभाषा By Er.Vishal Dhusiya

आजकल लोगों में एक अलग भावना पैदा हो चुकी है गाँव छोड़ना और अपनी मातृभाषा भूलना। जहां तक बात है गाँव छोड़ने की तो समझ में आता है कि शहरों में गाँव के अपेक्षा अच्छी सुविधाएं मिलती है...

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दानी By Dr. Pradeep Kumar Sharma

दानी सेठ किरोड़ीमल जी ने शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित रायपुर गांव में अपनी नई फैक्ट्री खोलने के साथ ही साथ उसके सामने एक भव्य मंदिर का भी निर्माण कराया। अपने पंडित जी की सलाह पर सेठ...

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हंस और हंसिनी By DINESH KUMAR KEER

हंस और हंसिनी एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये। हंसिनी ने हंस को कहा कि 'ये किस उजड़े इलाके में आ गय...

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किन्नर अफ़सर By Dr Sunita Shrivastava

मनीष कोटा का निवासी साधारण सा संस्कारी गरीब घर का बेटा, मम्मी पापा तो कैंसर से खतम हो गए पैसे के कमी के कारण इलाज करने के लिए असक्षम थे। रोज दफ़्तर जाता सिर्फ महीने के ₹15,000 मिलत...

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अंधविश्वास By Dr. Pradeep Kumar Sharma

अंधविश्वास बात उन दिनों की है जब मैं पांचवी कक्षा में पढ़ता था। हमारे परिवार में सिर्फ चार प्राणी रहते थे। मम्मी-पापा, मैं और दादी माँ। मम्मी-पापा मुझसे बहुत प्यार करते थे और मैं भी...

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साथ तेरा मेरा By Kishanlal Sharma

"कलमुँही भिखारी की औलाद निकल जा घर सेकमल के पिता को कैंसर था।उनकी तबियत बिगड़ती जा रही थी।वह पत्नी से बोले,"मैं आंखे बंद करने से पहले बहु चाहता हूँकमल किसी लडक़ी से प्यार करता था।वह...

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पुलिस की ट्रेनिंग By Dr. Pradeep Kumar Sharma

पुलिस की ट्रेनिंग सिपाही की नौकरी पाने के बाद रामलाल को जिस थाने में पहली पोस्टिंग मिली, वहाँ के थानेदार साहब उससे पुत्रवत स्नेह रखते थे। रामलाल भी थानेदार साहब को पितातुल्य मानते...

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नागफनी By Bharati babbar

प्रभा ने खिड़की खोली तभी मेट्रो ट्रेन सामने से धड़धड़ाते हुए निकल गयी।दीवारें एकबारगी हिलती हुई-सी महसूस हुई।बिलकुल आँखों के सामने ही है मेट्रो लाइन, लगता है खिड़की से हाथ निकाल कर उसे...

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बदलाव By Anonymous

एक औरत अपनी पड़ोस की औरत के साथ बेटी हुई कह रही है ''अरे बहन फलानी औरत कितनी बदल गई है , उसका आदमी जब से एक सेठ के काम करने लगा है और चार पैसे क्या कमाने लग गए उनके तो बोल...

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शोहरत का घमंड - 58 By shama parveen

अपनी मॉम की बात सुन कर आर्यन चोक जाता हैं और बोलता है, "मॉम आप ये क्या बोल रही है, मैं और इससे शादी, आप जानती नही है इसे और मुझे, और वैसे ये आपको किस एंगल से मेरे लायक नजर आ रही है...

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कंचन मृग - 8. हर व्यक्ति चुप है By Dr. Suryapal Singh

8. हर व्यक्ति चुप है- चन्द्रा मुँह ढाँप बिस्तर पर पड़ी है। चित्रा पंखा झल रही है। चित्रा चन्द्रा को प्रसन्न करना चाहती है पर उसे कोई युक्ति नहीं सूझती। उसने शक्ति भर प्रयास भी किया...

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====================== स्नेहिल नमस्कार मित्रों आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप सबकी होली...

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वाजिद हुसैन की कहानी 12 मार्च 1930 को एक यात्रा शुरू हुई थी। एक ऐसी यात्रा जिसने सारी दुनिया को दिखाया, कि कैसे 80 लोगों की निहत्थी सेना अपने अहिंसक सत्याग्रह के रास्ते चलकर दुनिया...

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सर्कस - 6 By Madhavi Marathe

                                                                                                       सर्कस : ६            सुबह जब मैं नींद से जगा, तो आँगन में पेडों की डालियों पर...

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शौहर के साथ घूमते समय उसे ऐसा लगा था सचमुच रात को उसने सच बोला था।दोस्तो ने पार्टी में उसे जबर्दस्ती शराब पिला दी होगी।लेकिन ऐसा सोचना उसका भरम था जो जल्दी ही टूट गया था।वह जान गई...

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माँ का आँचल By DINESH KUMAR KEER

माँ का आँचलएक छोटे से गाँव में लीला नाम की एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन - पोषण कर रही थी। साथ ही अपने बच्चों को गाँव के स्कूल में पढ़ने को...

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शालिनी (प्यारी सी बालिका) By DINESH KUMAR KEER

शालिनी ( प्यारी सी बालिका ) बात हाल ही के कुछ वर्ष पहले की है । जब हमारे विद्यालय में शालिनी का प्रवेश कक्षा एक में हुआ था । एक बहुत सुंदर - सी, बहुत प्यारी - सी और विद्यालय का गृह...

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खलनायक कौन ? By नंदी

गांव के एक छोटी सी जगह पर विद्यालय थी । जहां पर अध्यापक बहुत दूर दूसरे गांव से आया करते थे । जहां पर विद्यालय थी उस गांव का नाम श्रवणपुर था , और जहां से अध्यापक आया करते थे उस गांव...

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एक अदद औरत - 5 By Kishanlal Sharma

कमला कोई साध्वी या विरहणी नही थी।वह एक आम नारी थी।दूसरी औरतों की तरह हाड़ मास का पुतला।जैसे दूसरी औरतों को सेक्स की भूख होती है।वह भी पुरुष संसर्ग चाहती थी।औऱ इस काम के लिए औरत को ए...

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पागल By Makvana Bhavek

  यह वही साल था जब भारत में इन्टरनेट ने अपने कदम रखे थे। भारत पूरे विश्व के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार था। पर यह बात सिर्फ गिने-चुने बड़े शहरों तक ही सीमित थी। अभी भी...

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EVERYTHING IS OVER.....क्या से क्या हो गया।एक धराशायी मकान के मलबे में दबे कुछ लोग।उनमे से एक शख्स जिसका नाम राजू है और फ़िल्म का नायक है। राजू के पास उसी के दो हम शक्ल बैठे है । जि...

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प्रेम ( पति - पत्नी का ) By DINESH KUMAR KEER

प्रेम ( पति - पत्नी का ) एक साहूकार जी थे उनके घर में एक गरीब आदमी काम करता था । जिसका नाम था । मोहन लाल जैसे ही मोहन लाल के फ़ोन की घंटी बजी मोहन लाल डर गया । तब साहूकार जी ने पूछ...

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गुमनाम ढांचा By Chaya Agarwal

गुमनाम ढाँचाचार मंजिला आलीशान इमारत, पूरी तरह रोशनी से नहाई हुई थी और रात में ऐसी लग रही थी मानो कोई पांच सितारा होटल हो। ठीक ऊपर की तरफ बीचों -बीच में बड़ा-बड़ा लिखा था 'जीवन...

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पंचलाइट By Vikas rajput

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मातृभाषा By Er.Vishal Dhusiya

आजकल लोगों में एक अलग भावना पैदा हो चुकी है गाँव छोड़ना और अपनी मातृभाषा भूलना। जहां तक बात है गाँव छोड़ने की तो समझ में आता है कि शहरों में गाँव के अपेक्षा अच्छी सुविधाएं मिलती है...

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दानी By Dr. Pradeep Kumar Sharma

दानी सेठ किरोड़ीमल जी ने शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित रायपुर गांव में अपनी नई फैक्ट्री खोलने के साथ ही साथ उसके सामने एक भव्य मंदिर का भी निर्माण कराया। अपने पंडित जी की सलाह पर सेठ...

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हंस और हंसिनी By DINESH KUMAR KEER

हंस और हंसिनी एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये। हंसिनी ने हंस को कहा कि 'ये किस उजड़े इलाके में आ गय...

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किन्नर अफ़सर By Dr Sunita Shrivastava

मनीष कोटा का निवासी साधारण सा संस्कारी गरीब घर का बेटा, मम्मी पापा तो कैंसर से खतम हो गए पैसे के कमी के कारण इलाज करने के लिए असक्षम थे। रोज दफ़्तर जाता सिर्फ महीने के ₹15,000 मिलत...

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अंधविश्वास By Dr. Pradeep Kumar Sharma

अंधविश्वास बात उन दिनों की है जब मैं पांचवी कक्षा में पढ़ता था। हमारे परिवार में सिर्फ चार प्राणी रहते थे। मम्मी-पापा, मैं और दादी माँ। मम्मी-पापा मुझसे बहुत प्यार करते थे और मैं भी...

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साथ तेरा मेरा By Kishanlal Sharma

"कलमुँही भिखारी की औलाद निकल जा घर सेकमल के पिता को कैंसर था।उनकी तबियत बिगड़ती जा रही थी।वह पत्नी से बोले,"मैं आंखे बंद करने से पहले बहु चाहता हूँकमल किसी लडक़ी से प्यार करता था।वह...

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पुलिस की ट्रेनिंग By Dr. Pradeep Kumar Sharma

पुलिस की ट्रेनिंग सिपाही की नौकरी पाने के बाद रामलाल को जिस थाने में पहली पोस्टिंग मिली, वहाँ के थानेदार साहब उससे पुत्रवत स्नेह रखते थे। रामलाल भी थानेदार साहब को पितातुल्य मानते...

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नागफनी By Bharati babbar

प्रभा ने खिड़की खोली तभी मेट्रो ट्रेन सामने से धड़धड़ाते हुए निकल गयी।दीवारें एकबारगी हिलती हुई-सी महसूस हुई।बिलकुल आँखों के सामने ही है मेट्रो लाइन, लगता है खिड़की से हाथ निकाल कर उसे...

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बदलाव By Anonymous

एक औरत अपनी पड़ोस की औरत के साथ बेटी हुई कह रही है ''अरे बहन फलानी औरत कितनी बदल गई है , उसका आदमी जब से एक सेठ के काम करने लगा है और चार पैसे क्या कमाने लग गए उनके तो बोल...

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