hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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त्रिधा - 8 By आयुषी सिंह

त्रिधा कॉलेज कैंटीन में बैठी हुई थी मगर हर्षवर्धन की बात सुनकर वह वहां से उठकर बाहर की तरफ जाने लगी थी तभी हर्षवर्धन ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और उससे कहने लगा - "आज तुम्हें...

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टापुओं पर पिकनिक - 11 By Prabodh Kumar Govil

सुबह लगभग दस बजे तक जाकर बच्चे उठे। आगोश की नींद तो अब तक नहीं खुली थी क्योंकि वो सबसे बाद में काफ़ी देर से सोया था।नौ बजे के आसपास जब मनन के घर से फ़ोन आया तब तो आगोश की मम्मी ख़ु...

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 8 By ARUANDHATEE GARG मीठी

एहसास प्यार का खूबसूरत सा ( भाग - 8 )कायरा आरव के केबिन में पहुंचती है और बाहर से ही नोक करती है और कहती है । कायरा - मे आई कम इन ! आरव अपने काम में इतना बिज़ी रहता है के...

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मार खा रोई नहीं - (भाग तेरह) By Ranjana Jaiswal

स्कूल में छोटी -छोटी ऐसी कई बातें होती थीं ,जिनके निहितार्थ बड़े थे ।अक्सर आर्थिक लाभ मिलने वाला कार्य मुझसे नहीं कराया जाता था।जैसे बोर्ड परीक्षाओं में मेरी ड्यूटी नहीं लगाई जाती थ...

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 कालीदास के काव्यों में मानवीय सौन्दर्य निरूपण  By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

कालिदास के काव्यों में मानवीय सौन्दर्य निरूपण ( अ ) मानवीय सौन्दर्य ( ब ) पुरुष पात्र तथा तद्गत सौन्दर्य ( स ) नारी पात्र तथा तद्गत सौन्दर्य ( द ) गुण एवं शारीरिक सौन्दर्य मानवीय स...

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टेढी पगडंडियाँ By Sneh Goswami

टेढी पगडंडियाँ “ चाची ! ओ चाची ! तुझे भापा बुला रहा है खेत में ट्यूवैल पे । जल्दी जा “ - नाइयों का बिल्लू दहलीज पर खङा मुस्कियों हँसता हुआ पुकार रहा था । किरणा ने छाबे में रखी र...

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मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 4 By Vishnu Dabhi

हा वो उनकी बहन नमीना ने उन्हें दिया था। सोभाग्या बोली। थोड़ी देर तक दोनो में बातचीत होती रही। बाद में वो अपने घर यानी अली खान के घर पहुंच गए। अली खान ने सूर्या को...

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रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 1 By Daanu

यह कहानी है, दो लोगों की जो शुरू वहाँ से होती है, जहाँ पर बड़ी-बड़ी प्रेम कहानियां खत्म हो जाती है, उस दिन उस बड़े से घरेलू रेस्टोरेंट में एक चकोर मेज़ के आमने सामने वाली कुर्सियां...

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कैसा ये इश्क़ है.... - (72) By Apoorva Singh

टिया के यूँ गुस्से में घूरने को अर्पिता ने इग्नोर किया वो तो बस अपने बच्चे प्रीत से बात करने लगती है।टिया को इस तरह खुद का यूँ उपेक्षित किया जाना बिल्कुल अच्छा नही लगता वो मन ही मन...

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem(the socialization) - 4 By Nirav Vanshavalya

अदैन्य कुछ बोलने जाए उसके पहले ही एक सात वी वॉक्सवैगन का शॉर्ट ब्रेक पोलूशन सुनाई देता है. और अदैन्य पीछे मुड़कर आवाज़् की दिशा में देखता है. अदैन्य को एक साथ दो आवाजें...

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दैहिक चाहत - 9 By Ramnarayan Sungariya

उपन्‍यास भाग—९ दैहिक चाहत –९ आर. एन. सुनगरया, देव के दिमाग में दफ़न,...

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वो अनकही बातें - भाग - 12 By RACHNA ROY

समीर अब एक कामयाब डॉ बन गया था और उसने आपरेशन बहुत ही बखूबी से कर भी दिया वो एक भगवान बन गया था मरीजों के लिए ,बस दिल के हाथों मजबूर हो गए थे। । और अब आगे।रानो बुआ आकर बोली अरे श...

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हारा हुआ आदमी (भाग 34) By Kishanlal Sharma

"गीता मेरी सहेली।मेरे साथ ही टीचर थी।"",तुम्हारी सहेली की शादी है।अच्छा समाचार है,"देवेन चाय पीते हुए बोला,"तो तुम आगरा कब जाओगी?""मैं आगरा अपनी सहेली की शादी में अकेली नही जाऊंगी।...

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Luck by chance again !! - 2 By zeba Praveen

गौरी दोपहर में बच्चो को पढ़ा कर वापस घर लौट रही थी, अनाथालय से उसका घर लगभग दो किलो मीटर की दूरी पर था, रास्ते में वो ध्रुव के साथ बिताये उन सारे पलों को याद करते हुए आ रही थी, और...

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अप्सरा से शादी By Shakti Singh Negi

अप्सरा से शादी निकल जाओ रूपा। देवराज इंद्र ने रूपा को श्राप देते हुए कहा। तुम्हारा मन स्वर्ग के कार्यों में नहीं लगता। जाओ तुम पृथ्वी लोक में रहोगी। देवराज इंद्र मुझे क्षमा...

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दो आशिक़ अन्जाने - 9 By Satyadeep Trivedi

मुग़लकालीन एक छोटी सी गुमटी के बाहरी हिस्से में, लकड़ी का एक गोल कुंदा रखा है जिसपर जगह-जगह कटने के अनगिनत निशान बन गए हैं। ये निशान देखकर हम सिर्फ़ अंदाज़ा लगा सकते हैं कि इस रणबाँकुर...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 22 By Sneh Goswami

मैं तो ओढ चुनरिया अध्याय बाईस औरत की जिंदगी भी क्या है , दिन रात चूल्हे चौंके में खपो । बाल बच्चे संभालो । रात में मन हो या न हो , थकान के मारे बदन बेशक दर्द कर रहा हो पर मरद क...

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कालिदास के काव्य में सौंदर्य विधान By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

कालिदास के काव्यों में प्राकृतिक सौन्दर्य ( अ ) प्रकृति का मानवीकरण ( ब ) सुख दुःख में प्रकृति का तादात्म्य ( स ) प्रकृति का साहृयचर्य कालिदास के काव्यों में प्राकृतिक सौन्दर्य...

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ये उन दिनों की बात है - 22 By Misha

"शुरू ये सिलसिला तो उसी दिन से हुआ था, अचानक तूने जिस दिन मुझे यूँ ही छुआ था, लहर जागी जो उस पल तन बदन में वो मन को आज भी महका रही है............" | यूँ ही ये गाना मेरे जेहन में नह...

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कालिदास के सौन्दर्य संबंधी तत्व By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

कालिदास के सौन्दर्य संबंधी तत्व भारतीय प्रतिभा के ज्योतिर्मय नक्षत्र महाकवि कालिदास ने अपने तेजोमय प्रज्ञा के प्रकाश द्वारा न केवल इस भूतल को किन्तु समस्त विश्व को...

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भूत बंगला - भाग 1 By Shakti Singh Negi

मेरा नाम अश्वनी सिंह है। मैंने 10 साल तक अलग-अलग जगहों पर छोटे-बड़े कई काम किए। इसके बाद मैं कुछ धन एकत्र कर पाया। होटल लाइन, बैंक लाइन, टीचिंग लाइन, फ्रीलान्सिंग आदि में मैं नि...

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मेरी मोहब्बत कौन...?(भाग 05) By Swati Kumari

मेरी मोहब्बत कौन (भाग 05)वक़्त के साथ हरिओम धीरे-धीरे मेरे परिवार के करीब आता गया और मुझे ना तो इस बात को लेकर कभी जलन हुई और ना ही कभी बुरा लगा बल्कि मैं बहुत खुश...

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छुट-पुट अफसाने - 50 - अंतिम भाग By Veena Vij

एपिसोड---50 अक्सर बहुत कुछ ऐसा भी घटता है जीवन में, जो शेष रह कर भी अशेष ही रह जाता है। तब उस अधूरे के साथ ही जीवन लंगड़ी चाल चल पड़ता है। वह यादों में नहीं रह पाता वह तो परछाईं बन...

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त्रिधा - 8 By आयुषी सिंह

त्रिधा कॉलेज कैंटीन में बैठी हुई थी मगर हर्षवर्धन की बात सुनकर वह वहां से उठकर बाहर की तरफ जाने लगी थी तभी हर्षवर्धन ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और उससे कहने लगा - "आज तुम्हें...

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टापुओं पर पिकनिक - 11 By Prabodh Kumar Govil

सुबह लगभग दस बजे तक जाकर बच्चे उठे। आगोश की नींद तो अब तक नहीं खुली थी क्योंकि वो सबसे बाद में काफ़ी देर से सोया था।नौ बजे के आसपास जब मनन के घर से फ़ोन आया तब तो आगोश की मम्मी ख़ु...

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 8 By ARUANDHATEE GARG मीठी

एहसास प्यार का खूबसूरत सा ( भाग - 8 )कायरा आरव के केबिन में पहुंचती है और बाहर से ही नोक करती है और कहती है । कायरा - मे आई कम इन ! आरव अपने काम में इतना बिज़ी रहता है के...

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मार खा रोई नहीं - (भाग तेरह) By Ranjana Jaiswal

स्कूल में छोटी -छोटी ऐसी कई बातें होती थीं ,जिनके निहितार्थ बड़े थे ।अक्सर आर्थिक लाभ मिलने वाला कार्य मुझसे नहीं कराया जाता था।जैसे बोर्ड परीक्षाओं में मेरी ड्यूटी नहीं लगाई जाती थ...

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 कालीदास के काव्यों में मानवीय सौन्दर्य निरूपण  By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

कालिदास के काव्यों में मानवीय सौन्दर्य निरूपण ( अ ) मानवीय सौन्दर्य ( ब ) पुरुष पात्र तथा तद्गत सौन्दर्य ( स ) नारी पात्र तथा तद्गत सौन्दर्य ( द ) गुण एवं शारीरिक सौन्दर्य मानवीय स...

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टेढी पगडंडियाँ By Sneh Goswami

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मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 4 By Vishnu Dabhi

हा वो उनकी बहन नमीना ने उन्हें दिया था। सोभाग्या बोली। थोड़ी देर तक दोनो में बातचीत होती रही। बाद में वो अपने घर यानी अली खान के घर पहुंच गए। अली खान ने सूर्या को...

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यह कहानी है, दो लोगों की जो शुरू वहाँ से होती है, जहाँ पर बड़ी-बड़ी प्रेम कहानियां खत्म हो जाती है, उस दिन उस बड़े से घरेलू रेस्टोरेंट में एक चकोर मेज़ के आमने सामने वाली कुर्सियां...

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टिया के यूँ गुस्से में घूरने को अर्पिता ने इग्नोर किया वो तो बस अपने बच्चे प्रीत से बात करने लगती है।टिया को इस तरह खुद का यूँ उपेक्षित किया जाना बिल्कुल अच्छा नही लगता वो मन ही मन...

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem(the socialization) - 4 By Nirav Vanshavalya

अदैन्य कुछ बोलने जाए उसके पहले ही एक सात वी वॉक्सवैगन का शॉर्ट ब्रेक पोलूशन सुनाई देता है. और अदैन्य पीछे मुड़कर आवाज़् की दिशा में देखता है. अदैन्य को एक साथ दो आवाजें...

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हारा हुआ आदमी (भाग 34) By Kishanlal Sharma

"गीता मेरी सहेली।मेरे साथ ही टीचर थी।"",तुम्हारी सहेली की शादी है।अच्छा समाचार है,"देवेन चाय पीते हुए बोला,"तो तुम आगरा कब जाओगी?""मैं आगरा अपनी सहेली की शादी में अकेली नही जाऊंगी।...

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Luck by chance again !! - 2 By zeba Praveen

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अप्सरा से शादी By Shakti Singh Negi

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मैं तो ओढ चुनरिया - 22 By Sneh Goswami

मैं तो ओढ चुनरिया अध्याय बाईस औरत की जिंदगी भी क्या है , दिन रात चूल्हे चौंके में खपो । बाल बच्चे संभालो । रात में मन हो या न हो , थकान के मारे बदन बेशक दर्द कर रहा हो पर मरद क...

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कालिदास के काव्य में सौंदर्य विधान By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

कालिदास के काव्यों में प्राकृतिक सौन्दर्य ( अ ) प्रकृति का मानवीकरण ( ब ) सुख दुःख में प्रकृति का तादात्म्य ( स ) प्रकृति का साहृयचर्य कालिदास के काव्यों में प्राकृतिक सौन्दर्य...

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ये उन दिनों की बात है - 22 By Misha

"शुरू ये सिलसिला तो उसी दिन से हुआ था, अचानक तूने जिस दिन मुझे यूँ ही छुआ था, लहर जागी जो उस पल तन बदन में वो मन को आज भी महका रही है............" | यूँ ही ये गाना मेरे जेहन में नह...

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कालिदास के सौन्दर्य संबंधी तत्व By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

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भूत बंगला - भाग 1 By Shakti Singh Negi

मेरा नाम अश्वनी सिंह है। मैंने 10 साल तक अलग-अलग जगहों पर छोटे-बड़े कई काम किए। इसके बाद मैं कुछ धन एकत्र कर पाया। होटल लाइन, बैंक लाइन, टीचिंग लाइन, फ्रीलान्सिंग आदि में मैं नि...

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मेरी मोहब्बत कौन...?(भाग 05) By Swati Kumari

मेरी मोहब्बत कौन (भाग 05)वक़्त के साथ हरिओम धीरे-धीरे मेरे परिवार के करीब आता गया और मुझे ना तो इस बात को लेकर कभी जलन हुई और ना ही कभी बुरा लगा बल्कि मैं बहुत खुश...

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छुट-पुट अफसाने - 50 - अंतिम भाग By Veena Vij

एपिसोड---50 अक्सर बहुत कुछ ऐसा भी घटता है जीवन में, जो शेष रह कर भी अशेष ही रह जाता है। तब उस अधूरे के साथ ही जीवन लंगड़ी चाल चल पड़ता है। वह यादों में नहीं रह पाता वह तो परछाईं बन...

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