hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 12 By ARUANDHATEE GARG मीठी

एहसास प्यार का खूबसूरत सा ( भाग - 12 )आखिर कार थोड़ी लम्बी रात के बाद या ये कहें सभी की कल की थकान के बाद एक मीठी सी, गुनगुनाती सी, हल्की सी ठंडक और हल्की सी धूप के साथ सुबह हो...

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हाँ,मैं भागी हुई स्त्री हूँ - (भाग पांच) By Ranjana Jaiswal

मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि दो बच्चों के साथ कहाँ जाऊँ ?क्या करूं!तभी ईश्वर की कृपा हुई कानपुर का एक लड़का मेरे कस्बे के स्टेट बैंक में नियुक्त हुआ।जाति से हरिजन होने के कारण उस...

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टेढी पगडंडियाँ - 4 By Sneh Goswami

4 सारी सोच को वहीं छोङ वह चौंके में गयी और गुरजप के लिए एक थाली में दही , मेथी और रोटी डाली , साथ ही अपनी थाली में भी एक रोटी रख लाई । रोटी खाते खाते गुरजप को याद आया - मम्मी...

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem(the socialization) - 6 By Nirav Vanshavalya

वह स्टॉक मार्केट ही है जिसने हर हाल में हमारी 30% इकोनामी रिजर्व रखी है. यदि सारी दुनिया आतंकवाद के चपेट में भी आ जाती है और फिर भी हमारा स्टॉक एक्सचेंज जिंदा है तो हम अभी भी...

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दैहिक चाहत - 13 By Ramnarayan Sungariya

उपन्‍यास भाग—१३ दैहिक चाहत –१३ आर. एन. सुनगरया, यौवन-जवानी के सुनह...

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उपसंहार ( कालिदास के काव्य में सौंदर्य विधान) By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

उपसंहारप्रथम अध्याय1. अमरकोष 3/1/52-532. क्षणे-क्षणे यन्न्वतामुपैति।तदेव रूप रमणीयता: ।। (माघ4/11)3. समै समै सुंदर सबै, रूप कुरूप न कोय जाकी रूची देती जिते, जित जेतौ सुन्दर होय।। (...

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वो अनकही बातें - भाग - 14 By RACHNA ROY

शालू तो शर्म से लाल हो गई थी और अब आगे।।शालू खुद को एक यौवनाअवस्था के दौर में ले गई थी और उसका निश्छल प्रेम सोमू के इर्द-गिर्द घूमती हुई अटखेलियां लगा रही थी।समीर बोला अरे शालू क्य...

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टापुओं पर पिकनिक - 16 By Prabodh Kumar Govil

उस दिन स्कूल में सब दोस्त मिले तो उनकी चिंता यही थी कि साजिद का स्कूल छुड़ा दिया गया था। यही नहीं, बल्कि उसके अब्बू ने उसे बेकरी पर जाकर वहां के कामकाज में हाथ बंटाने का तुगलकी फरम...

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मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 6 By Vishnu Dabhi

पर इन दोनों में से पहले किसे लाना होगा? सूर्या ने आदर से उन जादूगर ध्यानचंद को पूछा. जादूगर ध्यानचंद ने कहा की इसमें से पहले उस टूटे हुए भाले क...

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रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 3 By Daanu

अवनी ने तो सोचा था कि उसे सलवार सूट में देखकर निलय थोड़ा गुस्सा हो जाएगा, क्योंकि वो उसे कहीं क्लब वगरह नहीं ले जा पाएगा और उसका वो गुस्सा देखकर अवनी को अलग ही शांति मिलेगी, ऐसा नह...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 24 By Sneh Goswami

मैं तो ओढ चुनरिया अध्याय चौबीस मरदप्रधान समाज में घर में एक मरद का होना अत्यावश्यक है । वरना घर घर जैसा नहीं लगता । इसीलिए औरतों के लिए कोई आशीर्वाद नहीं बना । उनके हिस्से में...

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आयुर्वेद में औषध चिकित्सा By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

आयुर्वेद शास्त्र वेदों में विशेषकर अथर्ववेद में विस्तार से वर्णित है आयु संबंधी ज्ञान से संबद्ध होने के कारण इसे आयुर्वेद कहा गया है आचार्य चरक ने भी कहा हैतस्य आयुषः पुणयत्तामॆ वे...

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मिड डे मील - 3 By Swati Grover

भीमा ने हरिहर के कँधे पर हाथ रखा और कहा, भाभी से माफ़ी माँग लियो। बच्चे तुझे देख रहे होंगे । जा घर जा । हरिहर ने एक नज़र नहर पर डाली । और अपने घर की तरफ़ चल दिया...

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ये कैसा संयोग - भाग - 1 By श्वेता कर्ण

आज फिर वसुधा जी अपनी छोटी बेटी का सिर अपनी गोद में रखकर, किसी सोच में गुम हो गई, "ईश्वर मेरी कितनी परीक्षाएँ लेंगे? मुझसे ऐसा क्या गुनाह हुआ है जो ईश्वर मुझे ये द...

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कैसा ये इश्क़ है.... - (76) By Apoorva Singh

प्रीत दूसरी ओर बैठ पढ़ने लगा है ये देख अर्पिता ने खामोश हो चारो ओर देखा तो।उसकी नजर वहीं ड्रेसिंग टेबल पर रखी खाने की थाली पर पड़ती है।वो जाकर उठा कर लाती है और जग के पास टेबल पर रखत...

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ये उन दिनों की बात है - 24 By Misha

उस दिन के बाद से मेरे मन में सागर के लिए कुछ अलग सा ही एहसास पनपने लगा था | जैसे जब भी वो अपनी साइकिल को दौड़ाता हुआ गली में से होकर गुजरता तो मैं उसे देखने के लिए बालकनी में आ खड़ी...

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लव ऑफ्टर मैरिज - 1 By samiksha Singh

एक मध्यमवर्गीय परिवार का मकान; दिल्ली "अरे! कहां हो ‌तुम‌ सब? जल्दी सेउठ जाओ,‌ अभी तक सोए हो क्या बच्चों सुबह के 8:00 बज गए हैं लगभग चिल्लातेहुए मिसेज शर्मा ने किचन से अपने बच्चों...

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त्रिधा - 9 By आयुषी सिंह

प्रभात और हर्षवर्धन कॉलेज कैंपस में बने छोटे से गार्डन में बैठे हुए थे। "भाई तूने अपनी तो सेटिंग कर रखी है, जरा मेरे बारे में भी कुछ सोच, कुछ तो बता मैं आखिर त्रिधा को कैसे समझाऊं...

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शारिरिक सौंदर्य तथा सौंदर्येधायक गुण By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

शारीरिक सौन्दर्य तथा सौन्दर्याधायक गुण ( अ ) बाह्रय सौन्दर्य एवं आभ्यान्तर सौन्दर्य ( ब ) सांस्कृतिक अलंकार ( सत्वज गुण ) हाव , भावादि ( स ) प्रसाधन- आभूषण , वस्त्र , पत्ररचना , ले...

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रहेमान चाचा By Dave Vedant H.

दोस्तों, मैं कोई लेखक नहीं हूँ की आप सबको एक कहानी सुना शकु, मगर जेसे मैने कहा की ये मेरे साथ घटित एक सत्यघटना है. जो मैं आप लोगों को बताना पसंद करूँगा. तो सभी यात्रियों से नम्र नि...

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मातृशक्ति का जागरण और स्वामी सत्यमित्रानंद जी By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

शब्दों के दैवी संगीत और लय में संजोया वह मानव जीवन जो मानो विधाता ने शंख से खोद कर मुक्ता से खींच कर मृणाल तंतु से सवार कर कुरज कुंद और सिंधु वार पुष्पों की धवल कांति से सजाकर चंद्...

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दो आशिक़ अन्जाने - 10 - अंतिम भाग By Satyadeep Trivedi

खाली बैठा इंसान समय काटने के मक़सद से जो भी काम करता है, उन सभी कामों को दो प्रमुख श्रेणियों में बाँटा जा सकता है। कान की खूँट निकालना, नाखूनों से मैल निकालना, बालों की लट  बना...

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मार खा रोई नहीं - (भाग चौदह) By Ranjana Jaiswal

हर स्कूल के अपने प्लस माईनस होते हैं ।मेरे इस स्कूल के भी रहे।विशाल ,भव्य और खूबसूरत यह स्कूल मेरे अब तक के स्कूलों में सर्वोत्तम था।ज़िन्दगी के सोलह वर्ष इसमें कैसे गुज़र गए पता ही...

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 12 By ARUANDHATEE GARG मीठी

एहसास प्यार का खूबसूरत सा ( भाग - 12 )आखिर कार थोड़ी लम्बी रात के बाद या ये कहें सभी की कल की थकान के बाद एक मीठी सी, गुनगुनाती सी, हल्की सी ठंडक और हल्की सी धूप के साथ सुबह हो...

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हाँ,मैं भागी हुई स्त्री हूँ - (भाग पांच) By Ranjana Jaiswal

मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि दो बच्चों के साथ कहाँ जाऊँ ?क्या करूं!तभी ईश्वर की कृपा हुई कानपुर का एक लड़का मेरे कस्बे के स्टेट बैंक में नियुक्त हुआ।जाति से हरिजन होने के कारण उस...

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टेढी पगडंडियाँ - 4 By Sneh Goswami

4 सारी सोच को वहीं छोङ वह चौंके में गयी और गुरजप के लिए एक थाली में दही , मेथी और रोटी डाली , साथ ही अपनी थाली में भी एक रोटी रख लाई । रोटी खाते खाते गुरजप को याद आया - मम्मी...

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem(the socialization) - 6 By Nirav Vanshavalya

वह स्टॉक मार्केट ही है जिसने हर हाल में हमारी 30% इकोनामी रिजर्व रखी है. यदि सारी दुनिया आतंकवाद के चपेट में भी आ जाती है और फिर भी हमारा स्टॉक एक्सचेंज जिंदा है तो हम अभी भी...

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दैहिक चाहत - 13 By Ramnarayan Sungariya

उपन्‍यास भाग—१३ दैहिक चाहत –१३ आर. एन. सुनगरया, यौवन-जवानी के सुनह...

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उपसंहार ( कालिदास के काव्य में सौंदर्य विधान) By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

उपसंहारप्रथम अध्याय1. अमरकोष 3/1/52-532. क्षणे-क्षणे यन्न्वतामुपैति।तदेव रूप रमणीयता: ।। (माघ4/11)3. समै समै सुंदर सबै, रूप कुरूप न कोय जाकी रूची देती जिते, जित जेतौ सुन्दर होय।। (...

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वो अनकही बातें - भाग - 14 By RACHNA ROY

शालू तो शर्म से लाल हो गई थी और अब आगे।।शालू खुद को एक यौवनाअवस्था के दौर में ले गई थी और उसका निश्छल प्रेम सोमू के इर्द-गिर्द घूमती हुई अटखेलियां लगा रही थी।समीर बोला अरे शालू क्य...

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टापुओं पर पिकनिक - 16 By Prabodh Kumar Govil

उस दिन स्कूल में सब दोस्त मिले तो उनकी चिंता यही थी कि साजिद का स्कूल छुड़ा दिया गया था। यही नहीं, बल्कि उसके अब्बू ने उसे बेकरी पर जाकर वहां के कामकाज में हाथ बंटाने का तुगलकी फरम...

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मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 6 By Vishnu Dabhi

पर इन दोनों में से पहले किसे लाना होगा? सूर्या ने आदर से उन जादूगर ध्यानचंद को पूछा. जादूगर ध्यानचंद ने कहा की इसमें से पहले उस टूटे हुए भाले क...

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रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 3 By Daanu

अवनी ने तो सोचा था कि उसे सलवार सूट में देखकर निलय थोड़ा गुस्सा हो जाएगा, क्योंकि वो उसे कहीं क्लब वगरह नहीं ले जा पाएगा और उसका वो गुस्सा देखकर अवनी को अलग ही शांति मिलेगी, ऐसा नह...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 24 By Sneh Goswami

मैं तो ओढ चुनरिया अध्याय चौबीस मरदप्रधान समाज में घर में एक मरद का होना अत्यावश्यक है । वरना घर घर जैसा नहीं लगता । इसीलिए औरतों के लिए कोई आशीर्वाद नहीं बना । उनके हिस्से में...

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आयुर्वेद में औषध चिकित्सा By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

आयुर्वेद शास्त्र वेदों में विशेषकर अथर्ववेद में विस्तार से वर्णित है आयु संबंधी ज्ञान से संबद्ध होने के कारण इसे आयुर्वेद कहा गया है आचार्य चरक ने भी कहा हैतस्य आयुषः पुणयत्तामॆ वे...

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मिड डे मील - 3 By Swati Grover

भीमा ने हरिहर के कँधे पर हाथ रखा और कहा, भाभी से माफ़ी माँग लियो। बच्चे तुझे देख रहे होंगे । जा घर जा । हरिहर ने एक नज़र नहर पर डाली । और अपने घर की तरफ़ चल दिया...

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ये कैसा संयोग - भाग - 1 By श्वेता कर्ण

आज फिर वसुधा जी अपनी छोटी बेटी का सिर अपनी गोद में रखकर, किसी सोच में गुम हो गई, "ईश्वर मेरी कितनी परीक्षाएँ लेंगे? मुझसे ऐसा क्या गुनाह हुआ है जो ईश्वर मुझे ये द...

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कैसा ये इश्क़ है.... - (76) By Apoorva Singh

प्रीत दूसरी ओर बैठ पढ़ने लगा है ये देख अर्पिता ने खामोश हो चारो ओर देखा तो।उसकी नजर वहीं ड्रेसिंग टेबल पर रखी खाने की थाली पर पड़ती है।वो जाकर उठा कर लाती है और जग के पास टेबल पर रखत...

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ये उन दिनों की बात है - 24 By Misha

उस दिन के बाद से मेरे मन में सागर के लिए कुछ अलग सा ही एहसास पनपने लगा था | जैसे जब भी वो अपनी साइकिल को दौड़ाता हुआ गली में से होकर गुजरता तो मैं उसे देखने के लिए बालकनी में आ खड़ी...

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लव ऑफ्टर मैरिज - 1 By samiksha Singh

एक मध्यमवर्गीय परिवार का मकान; दिल्ली "अरे! कहां हो ‌तुम‌ सब? जल्दी सेउठ जाओ,‌ अभी तक सोए हो क्या बच्चों सुबह के 8:00 बज गए हैं लगभग चिल्लातेहुए मिसेज शर्मा ने किचन से अपने बच्चों...

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त्रिधा - 9 By आयुषी सिंह

प्रभात और हर्षवर्धन कॉलेज कैंपस में बने छोटे से गार्डन में बैठे हुए थे। "भाई तूने अपनी तो सेटिंग कर रखी है, जरा मेरे बारे में भी कुछ सोच, कुछ तो बता मैं आखिर त्रिधा को कैसे समझाऊं...

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शारिरिक सौंदर्य तथा सौंदर्येधायक गुण By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

शारीरिक सौन्दर्य तथा सौन्दर्याधायक गुण ( अ ) बाह्रय सौन्दर्य एवं आभ्यान्तर सौन्दर्य ( ब ) सांस्कृतिक अलंकार ( सत्वज गुण ) हाव , भावादि ( स ) प्रसाधन- आभूषण , वस्त्र , पत्ररचना , ले...

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रहेमान चाचा By Dave Vedant H.

दोस्तों, मैं कोई लेखक नहीं हूँ की आप सबको एक कहानी सुना शकु, मगर जेसे मैने कहा की ये मेरे साथ घटित एक सत्यघटना है. जो मैं आप लोगों को बताना पसंद करूँगा. तो सभी यात्रियों से नम्र नि...

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मातृशक्ति का जागरण और स्वामी सत्यमित्रानंद जी By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

शब्दों के दैवी संगीत और लय में संजोया वह मानव जीवन जो मानो विधाता ने शंख से खोद कर मुक्ता से खींच कर मृणाल तंतु से सवार कर कुरज कुंद और सिंधु वार पुष्पों की धवल कांति से सजाकर चंद्...

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दो आशिक़ अन्जाने - 10 - अंतिम भाग By Satyadeep Trivedi

खाली बैठा इंसान समय काटने के मक़सद से जो भी काम करता है, उन सभी कामों को दो प्रमुख श्रेणियों में बाँटा जा सकता है। कान की खूँट निकालना, नाखूनों से मैल निकालना, बालों की लट  बना...

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मार खा रोई नहीं - (भाग चौदह) By Ranjana Jaiswal

हर स्कूल के अपने प्लस माईनस होते हैं ।मेरे इस स्कूल के भी रहे।विशाल ,भव्य और खूबसूरत यह स्कूल मेरे अब तक के स्कूलों में सर्वोत्तम था।ज़िन्दगी के सोलह वर्ष इसमें कैसे गुज़र गए पता ही...

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