hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


Languages
Categories
Featured Books

मॉटरनी का बुद्धु - (भाग-16) By सीमा बी.

मॉटरनी का बुद्धु---(भाग-16)भूपेंद्र जी बच्चों के साथ लगभग दौड़ते हुए वहाँ पहुँचे। उस आदमी ने अपना नाम विनायक बताया। संध्या को सर में चोट आयी थी तो उसे ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। वि...

Read Free

यहां... वहाँ... कहाँ ? - 2 By S Bhagyam Sharma

अध्याय 2   रूपला चाय भरी हुई प्यालियो को रसोई से बाहर लेकर आई। "क्या बात है जी......! विष्णु का 2 हफ्ते से कुछ पता नहीं। किसी केस के सिलसिले में बाहर गया है क्या?" "हां.....

Read Free

यासमीन - भाग 4 By गायत्री शर्मा गुँजन

अम्मी अम्मी अब्बू जान कहाँ हैं ? उनकी कोई खबर नहीं ..." पुलिस को शिकायत दर्ज कराए क्या? यासमीन अपनी अम्मी से कहते हुए...! शबाना बेगम- बेटी मुझे भी उनकी बहुत फिक्र हो रही है तू जाकर...

Read Free

ममता की परीक्षा - 11 By राज कुमार कांदु

रजनी ने कार कोठी के लॉन में खड़ी की और किताबें हाथ में संभाले कोठी के विशाल हॉल में दाखिल हो गई। हॉल में सोफे पर ही सेठ जमनादास बैठे अखबार के पन्ने पलट रहे थे। कल अमर से मिल कर आने...

Read Free

साहेब सायराना - 30 By Prabodh Kumar Govil

दिलीप कुमार के लंबे जीवन में उन पर कुछ आरोप भी लगे। वैसे भी, यदि किसी की जिंदगी में कोई इल्ज़ाम न लगे तो इसका मतलब यही है कि वह शख्स ठीक से जिया ही नहीं। ज़िंदादिली से जीने वालों स...

Read Free

अतीत के पन्ने - भाग 13 By RACHNA ROY

आलोक ने कहा देखो अगर तुम यहां रहकर पढ़ाई करना चाहते हो तो ठीक है वरना होस्टल में रहकर भी पढ़ाई कर सकते हो।आलेख ने कहा नहीं नहीं मैं ये हवेली छोड़ कर कहीं नहीं जाऊंगा। एक बार जाकर ग...

Read Free

जीवन का गणित - भाग-3 By Seema Singh

भाग - 3"पहाड़ों पर रात बड़ी जल्दी हो जाती है दस बजते ना बजते ऐसा लगने लगता है जैसे आधी रात हो गई हो।" वैभव ने कहा तो अवंतिका मुस्कुराने लगी।"तू है तो जग रही हूं नहीं तो नौ बजे तक ब...

Read Free

टेढी पगडंडियाँ - 45 By Sneh Goswami

45 गुरजप दीन दुनिया से बेखबर पलंग पर उल्टा हुआ सोया पङा था , बिल्कुल निरंजन की तरह । वह भी इसी तरह सोया करता था । गुरजप के गुलाबी होंठ गुलाब की पंखुङियों की तरह बार बार सांस लेने क...

Read Free

अपंग - 6 By Pranava Bharti

--------- भानुमति का मस्तिष्क काम नहीं कर रहा था, क्या करे ? क्या कर सकती है ? उसको छोड़ सकती है किन्तु इतना आसान भी तो नहीं| जिन माँ-बाबा के लाख मना करने पर भी वह अपने आपको राजेश क...

Read Free

लावण्या - भाग 20 By Jagruti Joshi

लावण्या ने जब मुड़कर देखा वह चंद्रशेखर जी थे,, वो उनके सामने देख कर मुस्कुराई। चंद्रशेखर जी लावण्या के पास आये और प्यार से हग किया,,,,,,! चंद्रशेखर जी ने देखा कि लावण्या की आंखों म...

Read Free

कोट - १६ By महेश रौतेला

कोट-१६मैं नियमित रूप से वर्षों से दूरदर्शन पर रंगोली देखता हूँ। मैं कोट को कसकर पकड़े था। उस दिन एक गाना आ रहा था-"प्यार के लिएचार पल कम नहीं थे,कभी हम नहीं थे,कभी तुम नहीं थे...।"द...

Read Free

Nice to meet you - 3 By Emika Ease

चलते-चलते अब दोपहर हो चुकी थी । ऊपर आसमान में सूरज काफी जोरों से चमक रहा था । मगर यहाँ जंगल में पेड़ों की छाँव ही काफी थी ठंडक के लिए ।राशि चलते-चलते थक चुकी थी । वह आराम करना चाहती...

Read Free

वो पहली बारिश - भाग 32 By Daanu

“क्या?”, ध्रुव की मदद करने वाली बात सुन कर निया ने पूछा। “नीतू की फ्रेंड को मदद करने का वादा किया था मैंने।" “हाँ.. मतलब मुझे सुनाई दिया की तुमने क्या कहा, पर तुमने ऐसा क्यों कहा?”...

Read Free

फंस गया गुलशान - 3 By BRIJESH PREM GOPINATH

श्री गणेश आय नम: Recap: पिछले अंक में आपने पढ़ा गुलशन को दिल्ली से नौकरी का कॉल आता है, वो बहुत खुश है लेकिन उसकी प्रेमिका के घरवाले उसकी शादी कहीं और तय कर रहे हैं. गुलशन किसी तरह...

Read Free

तक़दीर का खेल - 7 By Aarushi Varma

Recap of chapter 5तो पहले हमने देखा के केसे हुई नील और आरोही की टक्कर। और एक अजब गजब बात जो निशु ने बताई और वो बात क्या है वो चलिए देखते है। अब आगे......Cafèनील और विकि तो शोक थे ह...

Read Free

हारा हुआ आदमी (भाग 54) By Kishanlal Sharma

निशा जाते समय जिस तरह दरवाजा छोड़ गई थी।वैसे ही दरवाजा भिड़ा था।निशा दरवाजा खोलकर अंदर आ गयी।रात को पर्स निशा ने बेडरूम में लटका दिया था।पर्स लेने के लिए वह बेडरूम में चली गयी।निशा...

Read Free

मिलन पुर - 3 By Mehul Pasaya

ओके चलो वैसे टाइम देखलो की सब स्टोर खुलने का वक़्त हुआ या नहीं वरना ऐसे ही फालतू में घूमना पड़ेगा और कुछ मिलेगा भी नहींअरे कोई नी वेट कर लेंगे और क्याठीक है फिरवैसे कल वाली गाड़ी म...

Read Free

मॉटरनी का बुद्धु - (भाग-16) By सीमा बी.

मॉटरनी का बुद्धु---(भाग-16)भूपेंद्र जी बच्चों के साथ लगभग दौड़ते हुए वहाँ पहुँचे। उस आदमी ने अपना नाम विनायक बताया। संध्या को सर में चोट आयी थी तो उसे ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। वि...

Read Free

यहां... वहाँ... कहाँ ? - 2 By S Bhagyam Sharma

अध्याय 2   रूपला चाय भरी हुई प्यालियो को रसोई से बाहर लेकर आई। "क्या बात है जी......! विष्णु का 2 हफ्ते से कुछ पता नहीं। किसी केस के सिलसिले में बाहर गया है क्या?" "हां.....

Read Free

यासमीन - भाग 4 By गायत्री शर्मा गुँजन

अम्मी अम्मी अब्बू जान कहाँ हैं ? उनकी कोई खबर नहीं ..." पुलिस को शिकायत दर्ज कराए क्या? यासमीन अपनी अम्मी से कहते हुए...! शबाना बेगम- बेटी मुझे भी उनकी बहुत फिक्र हो रही है तू जाकर...

Read Free

ममता की परीक्षा - 11 By राज कुमार कांदु

रजनी ने कार कोठी के लॉन में खड़ी की और किताबें हाथ में संभाले कोठी के विशाल हॉल में दाखिल हो गई। हॉल में सोफे पर ही सेठ जमनादास बैठे अखबार के पन्ने पलट रहे थे। कल अमर से मिल कर आने...

Read Free

साहेब सायराना - 30 By Prabodh Kumar Govil

दिलीप कुमार के लंबे जीवन में उन पर कुछ आरोप भी लगे। वैसे भी, यदि किसी की जिंदगी में कोई इल्ज़ाम न लगे तो इसका मतलब यही है कि वह शख्स ठीक से जिया ही नहीं। ज़िंदादिली से जीने वालों स...

Read Free

अतीत के पन्ने - भाग 13 By RACHNA ROY

आलोक ने कहा देखो अगर तुम यहां रहकर पढ़ाई करना चाहते हो तो ठीक है वरना होस्टल में रहकर भी पढ़ाई कर सकते हो।आलेख ने कहा नहीं नहीं मैं ये हवेली छोड़ कर कहीं नहीं जाऊंगा। एक बार जाकर ग...

Read Free

जीवन का गणित - भाग-3 By Seema Singh

भाग - 3"पहाड़ों पर रात बड़ी जल्दी हो जाती है दस बजते ना बजते ऐसा लगने लगता है जैसे आधी रात हो गई हो।" वैभव ने कहा तो अवंतिका मुस्कुराने लगी।"तू है तो जग रही हूं नहीं तो नौ बजे तक ब...

Read Free

टेढी पगडंडियाँ - 45 By Sneh Goswami

45 गुरजप दीन दुनिया से बेखबर पलंग पर उल्टा हुआ सोया पङा था , बिल्कुल निरंजन की तरह । वह भी इसी तरह सोया करता था । गुरजप के गुलाबी होंठ गुलाब की पंखुङियों की तरह बार बार सांस लेने क...

Read Free

अपंग - 6 By Pranava Bharti

--------- भानुमति का मस्तिष्क काम नहीं कर रहा था, क्या करे ? क्या कर सकती है ? उसको छोड़ सकती है किन्तु इतना आसान भी तो नहीं| जिन माँ-बाबा के लाख मना करने पर भी वह अपने आपको राजेश क...

Read Free

लावण्या - भाग 20 By Jagruti Joshi

लावण्या ने जब मुड़कर देखा वह चंद्रशेखर जी थे,, वो उनके सामने देख कर मुस्कुराई। चंद्रशेखर जी लावण्या के पास आये और प्यार से हग किया,,,,,,! चंद्रशेखर जी ने देखा कि लावण्या की आंखों म...

Read Free

कोट - १६ By महेश रौतेला

कोट-१६मैं नियमित रूप से वर्षों से दूरदर्शन पर रंगोली देखता हूँ। मैं कोट को कसकर पकड़े था। उस दिन एक गाना आ रहा था-"प्यार के लिएचार पल कम नहीं थे,कभी हम नहीं थे,कभी तुम नहीं थे...।"द...

Read Free

Nice to meet you - 3 By Emika Ease

चलते-चलते अब दोपहर हो चुकी थी । ऊपर आसमान में सूरज काफी जोरों से चमक रहा था । मगर यहाँ जंगल में पेड़ों की छाँव ही काफी थी ठंडक के लिए ।राशि चलते-चलते थक चुकी थी । वह आराम करना चाहती...

Read Free

वो पहली बारिश - भाग 32 By Daanu

“क्या?”, ध्रुव की मदद करने वाली बात सुन कर निया ने पूछा। “नीतू की फ्रेंड को मदद करने का वादा किया था मैंने।" “हाँ.. मतलब मुझे सुनाई दिया की तुमने क्या कहा, पर तुमने ऐसा क्यों कहा?”...

Read Free

फंस गया गुलशान - 3 By BRIJESH PREM GOPINATH

श्री गणेश आय नम: Recap: पिछले अंक में आपने पढ़ा गुलशन को दिल्ली से नौकरी का कॉल आता है, वो बहुत खुश है लेकिन उसकी प्रेमिका के घरवाले उसकी शादी कहीं और तय कर रहे हैं. गुलशन किसी तरह...

Read Free

तक़दीर का खेल - 7 By Aarushi Varma

Recap of chapter 5तो पहले हमने देखा के केसे हुई नील और आरोही की टक्कर। और एक अजब गजब बात जो निशु ने बताई और वो बात क्या है वो चलिए देखते है। अब आगे......Cafèनील और विकि तो शोक थे ह...

Read Free

हारा हुआ आदमी (भाग 54) By Kishanlal Sharma

निशा जाते समय जिस तरह दरवाजा छोड़ गई थी।वैसे ही दरवाजा भिड़ा था।निशा दरवाजा खोलकर अंदर आ गयी।रात को पर्स निशा ने बेडरूम में लटका दिया था।पर्स लेने के लिए वह बेडरूम में चली गयी।निशा...

Read Free

मिलन पुर - 3 By Mehul Pasaya

ओके चलो वैसे टाइम देखलो की सब स्टोर खुलने का वक़्त हुआ या नहीं वरना ऐसे ही फालतू में घूमना पड़ेगा और कुछ मिलेगा भी नहींअरे कोई नी वेट कर लेंगे और क्याठीक है फिरवैसे कल वाली गाड़ी म...

Read Free