hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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साहेब सायराना - 36 By Prabodh Kumar Govil

36 कामयाबी और शोहरत कभी अकेले नहीं फिरते। उनके इर्द गिर्द मोहब्बतें, इबादतें, तिजारतें और मिल्कियत भी रहती है। मुझे नहीं मालूम कि इन बातों पर कभी किसी ने गौर किया या नहीं किया लेकि...

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ममता की परीक्षा - 17 By राज कुमार कांदु

रुकते रुकते भी कार थोड़ा आगे बढ़ गई थी। गोपाल ने खिड़की से सिर बाहर निकालकर पीछे देखा। वह पीले कुर्ती वाली लड़की सड़क के किनारे फुटपाथ पर झुकी हुई अपने पैरों में कुछ देख रही थी। कार की...

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यहां... वहाँ... कहाँ ? - 8 By S Bhagyam Sharma

अध्याय 8                     मोर्चरी के पास वाले कमरे में, गुस्से वाले चेहरे के साथ वाले आदिमूलम बैठे थे उनके पास वह गया। उनक...

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अतीत के पन्ने - भाग 14 By RACHNA ROY

फिर दोनों बस स्टॉप पर उतर गए और आलेख को पिया ने कहा शाम को हवेली आती हूं।आलेख ने कहा हां ठीक है पिया।कुछ देर बाद ही पिया की गाड़ी भी आ गई। पिया गाड़ी में बैठते हुए बोली आलेख अब घर...

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टेढी पगडंडियाँ - 47 By Sneh Goswami

टेढी पगडंडियाँ 47 माँ मुझे कहानी सुनाओ न । वही सिंड्रैला वाली । बहुत दिन से सुनाई नहीं तुमने । आज तो सुन कर ही सोऊँगा – गुरजप ने मचलते हुए कहा । ठीक है । आँखें बंद कर , सुनाती हूँ...

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रस्बी की चिट्ठी किंजान के नाम - 2 By Prabodh Kumar Govil

वो कौन थी? वो मेरी मां थी। बताया ना। बहुत मुश्किल जगह में रहती थी। सब सोचेंगे कि ये मुश्किल जगह क्या होती है। जगह या तो ठंडी होती है, या गर्म। ज़्यादा बरसात वाली होती है। पथरीली, ब...

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कोट - १८ By महेश रौतेला

कोट-१८मैं बच्चों को कहता हूँ कि कल चश्मेवाला आया था। उसने तुम्हें बताने के लिए मुझे एक कहानी कही और कहा कि बच्चों को अवश्य सुनाना। कहानी का शीर्षक"राजकुमार-राजकुमारी" बताया।एक राजक...

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जीवन का गणित - भाग-8 By Seema Singh

भाग - 8आयुषी और वैभव अब साथ-साथ एक नई दुनिया में प्रवेश कर रहे थे।आयुषी के वक्त का एक बड़ा हिस्सा वैभव के साथ बीतने लगा। अब न हॉस्पिटल की ड्यूटी उन्हे थकाती थी, ना देर तक चलने वाली...

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लावण्या - भाग 23 By Jagruti Joshi

अर्थ का फिर से कोल आया,,,,,,,, लक्ष _____ आज क्या तुमने ठान ली है कि मुझे परेशान करते ही रहोगे,,,,,? अर्थ ______ अरे नहीं बाबा मुझे फिर याद आया की कहीं तुम भुल ना जाओ ,,,,, लक्ष __...

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यासमीन - भाग 9 By गायत्री शर्मा गुँजन

उधर मुम्बई शहर में हालात बहुत गम्भीर हो गए थे रस्मन जिस फैक्टरी में रहकर कार्य करते थे उस फैक्ट्री में आग लग गई सब तरफ हाय-तौबा मच गया धुआँ इतना तेज और कालिख लिए था कि आंखे फूट जाए...

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मॉटरनी का बुद्धु - (अंतिम भाग) By सीमा बी.

मॉटरनी का बुद्धु--(भाग-21)संध्या अपने दोनो परिवार वालों से मिल कर बहुत खुश हो गयी थी। उसका आत्म विश्वास धीरे धीरे लौट रहा था। भूपेंद्र या सभ्यता के आसपास न होने से वो पहले जैसी बेच...

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अपंग - 10 By Pranava Bharti

10--- दो दिन बीतते न बीतते भानु बहुत मायूस और तनावग्रस्त हो उठी | उसे अपने भारत की याद इतनी शिद्दत से आती कि उसका मन करता वह वहाँ से अभी छलांग भरकर अपने घर, अपनी माँ की गोद में चली...

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जीतेगा अभिमन्यु ही ....( उपन्यास अंश ) By Gautam Sagar

अगले दिन महाराष्ट्र में राजकीय छुट्टी थी। एक पूरा दिन क्या किया जाये ... प्लान तैयार हो गया कि एलेफंटा जाया जाए। ट्रेनर रोपड़े सर और खन्ना सर ने ही सजेस्ट किया वे सब लोगों के अनुरोध...

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झूठे ने झूठ की खुलेआम हत्या कर दी By Jatin Tyagi

एक गांव में सच बोलने वाले तीन दोस्त थे एक का नाम जुमलेश्वर नाथ सिंह था, दूसरे का नाम धर्मदेव कटियार था और तीसरे का नाम विकाश नाथ तेंदुलकर था, ये तीनो गांव में ही पढ़ाई कर के अलग अलग...

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वो पहली बारिश - भाग 33 By Daanu

निया और ध्रुव ने उसके बाद कुछ दिन ऐसे ही डेटा को देखने में निकाल दिए।“ये देखो.. इसे ध्यान से देखो.. जिस जिस का भी ब्रेकअप हुआ है, वो सब बाहर ही कहीं मिले थे।", निया ने साथ बैठे ध्र...

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साहेब सायराना - 36 By Prabodh Kumar Govil

36 कामयाबी और शोहरत कभी अकेले नहीं फिरते। उनके इर्द गिर्द मोहब्बतें, इबादतें, तिजारतें और मिल्कियत भी रहती है। मुझे नहीं मालूम कि इन बातों पर कभी किसी ने गौर किया या नहीं किया लेकि...

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ममता की परीक्षा - 17 By राज कुमार कांदु

रुकते रुकते भी कार थोड़ा आगे बढ़ गई थी। गोपाल ने खिड़की से सिर बाहर निकालकर पीछे देखा। वह पीले कुर्ती वाली लड़की सड़क के किनारे फुटपाथ पर झुकी हुई अपने पैरों में कुछ देख रही थी। कार की...

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यहां... वहाँ... कहाँ ? - 8 By S Bhagyam Sharma

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अतीत के पन्ने - भाग 14 By RACHNA ROY

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टेढी पगडंडियाँ - 47 By Sneh Goswami

टेढी पगडंडियाँ 47 माँ मुझे कहानी सुनाओ न । वही सिंड्रैला वाली । बहुत दिन से सुनाई नहीं तुमने । आज तो सुन कर ही सोऊँगा – गुरजप ने मचलते हुए कहा । ठीक है । आँखें बंद कर , सुनाती हूँ...

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रस्बी की चिट्ठी किंजान के नाम - 2 By Prabodh Kumar Govil

वो कौन थी? वो मेरी मां थी। बताया ना। बहुत मुश्किल जगह में रहती थी। सब सोचेंगे कि ये मुश्किल जगह क्या होती है। जगह या तो ठंडी होती है, या गर्म। ज़्यादा बरसात वाली होती है। पथरीली, ब...

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कोट - १८ By महेश रौतेला

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10--- दो दिन बीतते न बीतते भानु बहुत मायूस और तनावग्रस्त हो उठी | उसे अपने भारत की याद इतनी शिद्दत से आती कि उसका मन करता वह वहाँ से अभी छलांग भरकर अपने घर, अपनी माँ की गोद में चली...

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झूठे ने झूठ की खुलेआम हत्या कर दी By Jatin Tyagi

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वो पहली बारिश - भाग 33 By Daanu

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