hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • लहरों की बाांसुरी - 4

    4 हम दिन भर खूब घूमे हैं। पैदल। एक एक दुकान में जा कर झांकते रहे। अंजलि ने ढेर स...

  • इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 20

    (20) अर्नव मन्दिर को आज बहुत गौर से देख रहा था, उसे आज मन्दिर अलग और नया सा लग र...

  • रेहाना

    रेहाना संदेश अपने कार्यालय में बैठा कुछ विचारमग्न था कि अचानक ही रेहाना ने आकर द...

हर्जाना - भाग 1 By Ratna Pandey

आज की यह रात अमावस की काली अंधियारी रात थी। इस रात के बीच में बिजली की चमक अँधेरे का सीना चीरती हुई धरती पर आ गिरती कभी मद्धम कभी भीषण। बादल नाराज़ लग रहे थे, ऐसा लग रहा था इस भयानक...

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लहरों की बाांसुरी - 4 By Suraj Prakash

4 हम दिन भर खूब घूमे हैं। पैदल। एक एक दुकान में जा कर झांकते रहे। अंजलि ने ढेर सारी चीज़ें खरीदीं और सारी चीज़ें आखिरी दुकान में दे दीं कि होटल पहुंचवा दें। खाना भी हमने एक सरदार ज...

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इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 20 By Vaidehi Vaishnav

(20) अर्नव मन्दिर को आज बहुत गौर से देख रहा था, उसे आज मन्दिर अलग और नया सा लग रहा था। सभी लोग शिवमन्दिर के अंदर थे। अर्नव सीढ़ियों पर चढ़ता हुआ हर एक बढ़ते कदम पर ख़ुशी को याद करता है...

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रेहाना By Yogesh Kanava

रेहाना संदेश अपने कार्यालय में बैठा कुछ विचारमग्न था कि अचानक ही रेहाना ने आकर दरवाजा खटखटाया। दरवाजे पर दस्तक से संदेश का ध्यान टूटा और दरवाजे की तरफ देखा। रेहाना खड़ी थी। आँखे एकद...

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कुछ भी न कहो By Neerja Hemendra

शाम गहराने लगी थी। वह दुपट्टे से सिर को ढ़के हुए तीव्र गति से अपने कदम बढ़ा रही थी। शाम ढलती जा रही है, इसलिए वह शीघ्र घर पहुँचना चाह रही है। घर पहुँच कर दरवाजे की घंटी बजाते कर वह द...

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सोई तकदीर की मलिकाएँ - 55 By Sneh Goswami

  55     कम्मेआना पहुँचते पहुँचते दिन ढलने लगा था । बस से उतरते ही सुभाष को अपने दो चार दोस्त मित्र मिल गये तो वह वहीं रुक कर उनसे बातें करने लगा । जयकौर ने उसे वहाँ मस्त देखा तो अ...

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तमाचा - 37 (शरद ) By नन्दलाल सुथार राही

"आओ आओ विक्रम जी। आज हमारी कैसे याद आ गयी।" विक्रम के पड़ोसी शर्मा जी ने उनका स्वागत करते हुए कहा। "अब क्या बताये आपको शर्मा जी?" कहकर विक्रम की आँखों में आँसू निकल आए। उसके जीने का...

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अग्निजा - 142 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-142 केतकी के लिए दिल्ली बिलकुल ही अनजान थी। हवाई अड्डे से होटल तक पहुंचने में ही दिल्ली ने उसे ठेंगा दिखा दिया। ऑटो वाले ने सात सौ रुपए मांगे। केतकी विचार म...

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रेत की दीवारें By Neerja Hemendra

आज भी मैं प्रातः सबसे पहले उठना चाह रही थी, किन्तु न जाने कैसे आँखें लगी रह गयी। अक्सर तो समय से उठ जाती हूँ। किन्तु आज न जाने कैसे देर हो गयी। हड़बड़ाई -सी मैं बाथरूम में चली गयी। व...

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खोल दो खिड़कियाँ By Neerja Hemendra

कोलेज कैंपस में प्रथम दिन। इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण करने के पश्चात् मन में एक नयी उमंग नये कोलेज में जाने का। इस छोटे-से शहर में जहाँ मैं रहती हूँ, यहाँ उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए...

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खाली हाथ - भाग 9 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

अरुण एक दिन पहले ही टूर से वापस लौटा था और आज अपने लोकल ऑफिस से लौट कर आने के बाद नताशा और सूरज से मिलने वृद्धाश्रम जाने वाला था। अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अपनी माँ से यह सब क...

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ममता की परीक्षा - 137 By राज कुमार कांदु

कुछ देर बाद जमनादास और वकील धर्मदास दरोगा विजय के सामने कुर्सी पर बैठे हुए थे। उन्हें देखते हुए विजय चेहरे पर हैरानी के भाव लिए हुए बीच बीच में सामने की मेज पर पड़े हुए कागज पर भी न...

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My Love Is My Passion My Love Is My Life - 1 By CHANCHAL PAREEK

रात के अँधेरे में एक कार मुंबई कि सुनसान सडको पर बड़ी तेजी से दौड़े जा रही थी | उस कार मे एक आदमी, एक औरत और उस औरत कि गोद में एक छोटी सी बच्ची थी | जिसे उस औरत ने अपने हाथो में कसकर...

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अतीत के पन्ने - भाग 34 By RACHNA ROY

अतीत के पन्ने कुछ ऐसे होते हैं जो सदियां बीत जाने पर भी निशान जाती नहीं है।बाबू ओ बाबू उठ ना ।आलेख उठ बैठा और अपने सिरहाने राधा मासी को देखते ही खुश हो गया।आलेख ने कहा क्या मासी सप...

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.......और एक दिन By Neerja Hemendra

आज वह अत्यन्त प्रसन्न थी। प्रातः समय से पूर्व उठ गयी। दैनिक कार्यों को कर समय से काफी पहले तैयार होकर बाहर निकल गयी। सड़क पर आॅटो वाले को हाथ देकर रोका और कार्यालय पहुँच गयी। कार्या...

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बंधन प्रेम के - भाग 19 - समापन भाग By Dr Yogendra Kumar Pandey

शिवनाथ रत्न पुरस्कार 2022 से सम्मानित एक देशभक्तिपूर्ण प्रेम गाथा

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तुम्हारे लिए By Neerja Hemendra

हमारे जीवन में गति हो या न हो, कोई परिवर्तन हो या न हो, हम चलें या न चलें, समय का पहिया सदा अपनी गति से चलता रहता है। समय चक्र के साथ ऋतुएँ परिवर्तित होती रहती हैं। अनीता के जीवन म...

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समय के पन्नों पर By Neerja Hemendra

राममूर्ति जी आज कार्यालय आये तो, आते ही उन्हे उनके स्थानान्तण की सूचना मिली। आज से कार्यालय में उन्हें दूसरी नयी जगह.....नयी मेज पर बैठना पडे़गा। अपनी पुरानी मेज को देख कर वे सोचने...

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शोहरत का घमंड - 47 By shama parveen

माया आर्यन के साथ खाना खा कर आ रहा होता है तभी माया का एक फ्रेंड मिलता है तभी माया अपने सारे कपड़े आर्यन को दे कर उसके साथ चली जाती हैं। माया की इस हरकत पर आर्यन को बहुत ही गुस्सा...

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वो निगाहे.....!! - 11 By Madhu

!!वो बेखर थी शिकायती निगाहो से वो बेखबर थी बोलती निगाहो से !!!!जब निगाहे से निगाहे सारी शिकायते कफ़ूर बहो गई!!वेद ने जाकर अन्दर से दरवाजा हि बन्द कर लिया ....उसको वामा कि बाते अन्दर...

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स्कैच By Yogesh Kanava

स्कैच आसमान मे बादल उमड़ घुमड़ रहे थे और इधर नीलिमा के मन मे भी विचारों के बादल घटाएं बनकर छा रहे थे । अभी दो मिनट पहले अचानक ही किसी अनजान लड़की का फोन आया था । नीलिमा का नाम पूछकर क...

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हर्जाना - भाग 1 By Ratna Pandey

आज की यह रात अमावस की काली अंधियारी रात थी। इस रात के बीच में बिजली की चमक अँधेरे का सीना चीरती हुई धरती पर आ गिरती कभी मद्धम कभी भीषण। बादल नाराज़ लग रहे थे, ऐसा लग रहा था इस भयानक...

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लहरों की बाांसुरी - 4 By Suraj Prakash

4 हम दिन भर खूब घूमे हैं। पैदल। एक एक दुकान में जा कर झांकते रहे। अंजलि ने ढेर सारी चीज़ें खरीदीं और सारी चीज़ें आखिरी दुकान में दे दीं कि होटल पहुंचवा दें। खाना भी हमने एक सरदार ज...

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इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 20 By Vaidehi Vaishnav

(20) अर्नव मन्दिर को आज बहुत गौर से देख रहा था, उसे आज मन्दिर अलग और नया सा लग रहा था। सभी लोग शिवमन्दिर के अंदर थे। अर्नव सीढ़ियों पर चढ़ता हुआ हर एक बढ़ते कदम पर ख़ुशी को याद करता है...

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रेहाना By Yogesh Kanava

रेहाना संदेश अपने कार्यालय में बैठा कुछ विचारमग्न था कि अचानक ही रेहाना ने आकर दरवाजा खटखटाया। दरवाजे पर दस्तक से संदेश का ध्यान टूटा और दरवाजे की तरफ देखा। रेहाना खड़ी थी। आँखे एकद...

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कुछ भी न कहो By Neerja Hemendra

शाम गहराने लगी थी। वह दुपट्टे से सिर को ढ़के हुए तीव्र गति से अपने कदम बढ़ा रही थी। शाम ढलती जा रही है, इसलिए वह शीघ्र घर पहुँचना चाह रही है। घर पहुँच कर दरवाजे की घंटी बजाते कर वह द...

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सोई तकदीर की मलिकाएँ - 55 By Sneh Goswami

  55     कम्मेआना पहुँचते पहुँचते दिन ढलने लगा था । बस से उतरते ही सुभाष को अपने दो चार दोस्त मित्र मिल गये तो वह वहीं रुक कर उनसे बातें करने लगा । जयकौर ने उसे वहाँ मस्त देखा तो अ...

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तमाचा - 37 (शरद ) By नन्दलाल सुथार राही

"आओ आओ विक्रम जी। आज हमारी कैसे याद आ गयी।" विक्रम के पड़ोसी शर्मा जी ने उनका स्वागत करते हुए कहा। "अब क्या बताये आपको शर्मा जी?" कहकर विक्रम की आँखों में आँसू निकल आए। उसके जीने का...

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अग्निजा - 142 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-142 केतकी के लिए दिल्ली बिलकुल ही अनजान थी। हवाई अड्डे से होटल तक पहुंचने में ही दिल्ली ने उसे ठेंगा दिखा दिया। ऑटो वाले ने सात सौ रुपए मांगे। केतकी विचार म...

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रेत की दीवारें By Neerja Hemendra

आज भी मैं प्रातः सबसे पहले उठना चाह रही थी, किन्तु न जाने कैसे आँखें लगी रह गयी। अक्सर तो समय से उठ जाती हूँ। किन्तु आज न जाने कैसे देर हो गयी। हड़बड़ाई -सी मैं बाथरूम में चली गयी। व...

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खोल दो खिड़कियाँ By Neerja Hemendra

कोलेज कैंपस में प्रथम दिन। इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण करने के पश्चात् मन में एक नयी उमंग नये कोलेज में जाने का। इस छोटे-से शहर में जहाँ मैं रहती हूँ, यहाँ उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए...

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खाली हाथ - भाग 9 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

अरुण एक दिन पहले ही टूर से वापस लौटा था और आज अपने लोकल ऑफिस से लौट कर आने के बाद नताशा और सूरज से मिलने वृद्धाश्रम जाने वाला था। अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अपनी माँ से यह सब क...

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ममता की परीक्षा - 137 By राज कुमार कांदु

कुछ देर बाद जमनादास और वकील धर्मदास दरोगा विजय के सामने कुर्सी पर बैठे हुए थे। उन्हें देखते हुए विजय चेहरे पर हैरानी के भाव लिए हुए बीच बीच में सामने की मेज पर पड़े हुए कागज पर भी न...

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My Love Is My Passion My Love Is My Life - 1 By CHANCHAL PAREEK

रात के अँधेरे में एक कार मुंबई कि सुनसान सडको पर बड़ी तेजी से दौड़े जा रही थी | उस कार मे एक आदमी, एक औरत और उस औरत कि गोद में एक छोटी सी बच्ची थी | जिसे उस औरत ने अपने हाथो में कसकर...

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अतीत के पन्ने - भाग 34 By RACHNA ROY

अतीत के पन्ने कुछ ऐसे होते हैं जो सदियां बीत जाने पर भी निशान जाती नहीं है।बाबू ओ बाबू उठ ना ।आलेख उठ बैठा और अपने सिरहाने राधा मासी को देखते ही खुश हो गया।आलेख ने कहा क्या मासी सप...

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.......और एक दिन By Neerja Hemendra

आज वह अत्यन्त प्रसन्न थी। प्रातः समय से पूर्व उठ गयी। दैनिक कार्यों को कर समय से काफी पहले तैयार होकर बाहर निकल गयी। सड़क पर आॅटो वाले को हाथ देकर रोका और कार्यालय पहुँच गयी। कार्या...

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बंधन प्रेम के - भाग 19 - समापन भाग By Dr Yogendra Kumar Pandey

शिवनाथ रत्न पुरस्कार 2022 से सम्मानित एक देशभक्तिपूर्ण प्रेम गाथा

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तुम्हारे लिए By Neerja Hemendra

हमारे जीवन में गति हो या न हो, कोई परिवर्तन हो या न हो, हम चलें या न चलें, समय का पहिया सदा अपनी गति से चलता रहता है। समय चक्र के साथ ऋतुएँ परिवर्तित होती रहती हैं। अनीता के जीवन म...

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समय के पन्नों पर By Neerja Hemendra

राममूर्ति जी आज कार्यालय आये तो, आते ही उन्हे उनके स्थानान्तण की सूचना मिली। आज से कार्यालय में उन्हें दूसरी नयी जगह.....नयी मेज पर बैठना पडे़गा। अपनी पुरानी मेज को देख कर वे सोचने...

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शोहरत का घमंड - 47 By shama parveen

माया आर्यन के साथ खाना खा कर आ रहा होता है तभी माया का एक फ्रेंड मिलता है तभी माया अपने सारे कपड़े आर्यन को दे कर उसके साथ चली जाती हैं। माया की इस हरकत पर आर्यन को बहुत ही गुस्सा...

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वो निगाहे.....!! - 11 By Madhu

!!वो बेखर थी शिकायती निगाहो से वो बेखबर थी बोलती निगाहो से !!!!जब निगाहे से निगाहे सारी शिकायते कफ़ूर बहो गई!!वेद ने जाकर अन्दर से दरवाजा हि बन्द कर लिया ....उसको वामा कि बाते अन्दर...

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स्कैच By Yogesh Kanava

स्कैच आसमान मे बादल उमड़ घुमड़ रहे थे और इधर नीलिमा के मन मे भी विचारों के बादल घटाएं बनकर छा रहे थे । अभी दो मिनट पहले अचानक ही किसी अनजान लड़की का फोन आया था । नीलिमा का नाम पूछकर क...

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