hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • अग्निजा - 149

    लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-149 दुबई का अनुभव केतकी के लिए एकदम अलग था। वहां की व्यव...

  • कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 2

    भाग 2 सलमा ने साजिद की बात सुन कर उसकी ओर सवालिया नजरो से देखा और बोली, "क्या मै...

  • Prem Ratan Dhan Payo - 3

    राघव ने अपने आदमियों को बीच में आने से मना कर दिया था । वो तब तक कुन्दन को मारता...

अग्निजा - 149 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-149 दुबई का अनुभव केतकी के लिए एकदम अलग था। वहां की व्यवस्था, साफ-सफाई, भव्यता...सबकुछ अद्भुत था। वह कोई सपना देख रही है और उस सपने के महानगर में वह खो गयी...

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कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 2 By Neerja Pandey

भाग 2 सलमा ने साजिद की बात सुन कर उसकी ओर सवालिया नजरो से देखा और बोली, "क्या मैं अकेली चली जाऊं…? वो भी इतनी दूर……! कभी तुम्हारे बिना या किसी और को साथ लिए बग...

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Prem Ratan Dhan Payo - 3 By Anjali Jha

राघव ने अपने आदमियों को बीच में आने से मना कर दिया था । वो तब तक कुन्दन को मारता रहा जब तक उसकी हालत बेहोशी की अवस्था में नही पहुंच गयी । राघव ने उसके चेहरे पर कयी जगह ज़ख्म दे दिए...

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क्षमा करना वृंदा - 2 By Pradeep Shrivastava

भाग -2 मैं सोचती कि क्या लड़की केवल पुरुषों के भोग लिए बनी, एक जीती-जागती मशीन भर है। घर बाहर कहीं भी, क्या वह निश्चिंत होकर नहीं जी सकती। ऐसे क्षणों में मुझे किशोरावस्था में घर पर...

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सोई तकदीर की मलिकाएँ - 59 By Sneh Goswami

  59   जयकौर को जब तक बस अड्डे पर खङा सुभाष दिखाई देता रहा , वह उसे देखती रही पर जलदी ही वह धुंधला दिखने लगा और फिर आँख से ओझल हो गया । मोटरसाइकिल ऊँची नीची सङक पर बल खाती आगे बढती...

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संबंधों के शव By Yogesh Kanava

आज सुबह-सुबह ही संदेश को न जाने क्या सूझी वह अपनी पुरानी डायरी लेकर बैठ गया था अपने लिए की पुरानी कविताएं गीत और ग़ज़लें देख खुद ही मुस्कुरा लेता और पन्ना पलट देता था । पुराने लम्हात...

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त्रियाची - 5 By prashant sharma ashk

भाग 5 प्रणिता- कौन थे ये लोग ?  रॉनी- तुम्हारा ही नाम प्रणिता है ?  प्रणिता- हां तुम कैसे जानते हो ?  रॉनी- बस ऐसे ही। प्रणिता- और ये लोग कौन थे ?  रॉनी- ये तुम...

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हर्जाना - भाग 7 By Ratna Pandey

सुहासिनी ने रोते हुए कहा, "उसके बलात्कार का नतीजा मेरी कोख में आ चुका था दीदी। मैं हर रोज़ रोती रही, हर रात तड़पती रही लेकिन कौन था मुझे संभालने वाला। सोचा था बच्चे को गिरा दूँ पर...

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कहानी सरस्वती और संस्कार की - 2 By Hemant Sharma

पिछले एपिसोड में आपने पढ़ा कि कॉलेज के सभी स्टूडेंट्स और टीचर्स आईएएस ऑफिसर संस्कार शर्मा का इंतजार कर रहे थे पर उनके न आने की खबर ने उन सबको उदास कर दिया। लेकिन फिर अचानक से संस्क...

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वो निगाहे.....!! - 14 By Madhu

!!!नाराजगी भरी निगाहे उनकी उन्हे और दिलकश बना गया!!! अगले दिन.... धानी को होश गया था वो खमोशी से लेटे हुये छ्त को घूरॆ जा रही थी! उसका जो चेहरा हर वक़्त दमकता था इस वक़्त मुरझाया सा...

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इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 24 - अंतिम भाग By Vaidehi Vaishnav

(24) लेडीज़ एण्ड जेंटलमैन, आप सभी रायजादा परिवार की खुशियों का हिस्सा बनें, अपना कीमती वक़्त निकालकर इस जश्न में शामिल हुए.. आप सबका तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ ! मैं आज अपने भाई आकाश...

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तमाचा - 38 (मीटिंग ) By नन्दलाल सुथार राही

"तू कहाँ चला गया था रे? देख तेरी माँ को क्या हो गया?" मोहनचंद ने व्याकुलता की दशा में ही राकेश को कहा। "क्या हुआ मम्मी को?" राकेश अपने माता के पास जाता है जो पलंग पर सो रही थी। मोह...

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लीगेसी ऑफ़ वेलोर: ए टेल ऑफ़ लव, वॉर एंड ट्रायम्फ इन द किंगडम By Madhav Radadiya

एक समय की बात है, शानदार वेरिडियन राज्य में, एक महान युद्ध लड़ा गया। यह युद्ध तलवारों की टक्कर, ढाल टूटी, और दिल शांति की इच्छा से लड़ी गई। इस संघर्ष के बीच एक वीर था, सर अलेक्जेंड...

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भीतर का जादू - 5 By Mak Bhavimesh

मैं वहाँ अस्पताल के प्रतीक्षालय की बाँझ दीवारों से घिरा हुआ बैठा था, मेरे मन में चिंता और प्रत्याशा का बवंडर चल रहा था। ऐसा लग रहा था कि हर टिक-टिक करता सेकंड हमेशा के लिए खिंचता ज...

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लहरों की बाांसुरी - 7 - अंतिम भाग By Suraj Prakash

7 वे फिर उठी हैं और मेरे लिए जग भर के पानी में नमक, चीनी का घोल बनाया है। उसमें उन्‍होंने संतरे का जूस और नींबू का रस मिलाया है। वे हर पाँच मिनट बाद गिलास भर कर मुझे ये घोल पिल...

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वेरोनिका का विश्वास By Yogesh Kanava

वेरोनिका का विश्वास  रोज़ाना की तरह आज भी आई विटनेस होम में सभी बच्चे अपने नियत समय पर उठकर अपनी दिनचर्या से निवृत हो कर दैनिक पूजा पाठ के लिए एकत्रित हो रहे थे । गायत्री मंत्र के स...

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पथ से गन्तव्य तक By Neerja Hemendra

मेरी सेवानिवृत्ति में अब मात्र एक वर्ष ही तो शेष रह गये हैं। जीवन के विगत् सत्ताइस वर्ष ऐसे व्यतीत हो गये जैसे सत्ताइस दिन। कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है जैसे अभी कल ही नौकरी ज्वाइन क...

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समय छुटता साथ By Rishabh Narayan

समय "छुटता साथ"आज मैं और मेरी पत्नी की शादी कि 43वीं सालगिरह है और हमारा परिवार साथ में है। हमारे परिवार में हमारी बेटी नीरंजना और हमारा जंवाई नीरज और इन दोनों का बेटा मारुति जो अभ...

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फिल्हाल विचाराधीन है - 2 By F. S

सुबह 7 बजे का वक़्त है। जावेद साहब, बरामदे में बैठ कर पेपर पढ़ रहे हैं, बेगम से भी गपशप चल रहा है। गाहे- ब-गाहे दरवाज़े पर भी निग़ाह डाल लेते हैं। गोया उन्हें किसी का इंतज़ार हो। आ...

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दुर्गी By Neerja Hemendra

उसके हाथ-पैर काँप रहे थे। हाथ-पैर ही नही, पूरा शरीर काँप रहा था...... । स्वर तीव्र होते-होते गले में रूँध गये थे। तेज बोलना उसका स्वभाव नही था। आज सहसा चिल्लाने से उसका गला रूंध गय...

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व्यवस्था By Neerja Hemendra

’’ उफ््फ कितनी व्यस्तता ! घर के सारे काम बाकी हैं और मैं अभी से थक गयी। ’’ घर में प्रवेश करते हुए अनीता मन ही मन बुदबुदाते हुए जीना चढ़ रही थी। दोनों बच्चे उ...

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अग्निजा - 149 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-149 दुबई का अनुभव केतकी के लिए एकदम अलग था। वहां की व्यवस्था, साफ-सफाई, भव्यता...सबकुछ अद्भुत था। वह कोई सपना देख रही है और उस सपने के महानगर में वह खो गयी...

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कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 2 By Neerja Pandey

भाग 2 सलमा ने साजिद की बात सुन कर उसकी ओर सवालिया नजरो से देखा और बोली, "क्या मैं अकेली चली जाऊं…? वो भी इतनी दूर……! कभी तुम्हारे बिना या किसी और को साथ लिए बग...

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Prem Ratan Dhan Payo - 3 By Anjali Jha

राघव ने अपने आदमियों को बीच में आने से मना कर दिया था । वो तब तक कुन्दन को मारता रहा जब तक उसकी हालत बेहोशी की अवस्था में नही पहुंच गयी । राघव ने उसके चेहरे पर कयी जगह ज़ख्म दे दिए...

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क्षमा करना वृंदा - 2 By Pradeep Shrivastava

भाग -2 मैं सोचती कि क्या लड़की केवल पुरुषों के भोग लिए बनी, एक जीती-जागती मशीन भर है। घर बाहर कहीं भी, क्या वह निश्चिंत होकर नहीं जी सकती। ऐसे क्षणों में मुझे किशोरावस्था में घर पर...

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सोई तकदीर की मलिकाएँ - 59 By Sneh Goswami

  59   जयकौर को जब तक बस अड्डे पर खङा सुभाष दिखाई देता रहा , वह उसे देखती रही पर जलदी ही वह धुंधला दिखने लगा और फिर आँख से ओझल हो गया । मोटरसाइकिल ऊँची नीची सङक पर बल खाती आगे बढती...

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संबंधों के शव By Yogesh Kanava

आज सुबह-सुबह ही संदेश को न जाने क्या सूझी वह अपनी पुरानी डायरी लेकर बैठ गया था अपने लिए की पुरानी कविताएं गीत और ग़ज़लें देख खुद ही मुस्कुरा लेता और पन्ना पलट देता था । पुराने लम्हात...

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त्रियाची - 5 By prashant sharma ashk

भाग 5 प्रणिता- कौन थे ये लोग ?  रॉनी- तुम्हारा ही नाम प्रणिता है ?  प्रणिता- हां तुम कैसे जानते हो ?  रॉनी- बस ऐसे ही। प्रणिता- और ये लोग कौन थे ?  रॉनी- ये तुम...

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हर्जाना - भाग 7 By Ratna Pandey

सुहासिनी ने रोते हुए कहा, "उसके बलात्कार का नतीजा मेरी कोख में आ चुका था दीदी। मैं हर रोज़ रोती रही, हर रात तड़पती रही लेकिन कौन था मुझे संभालने वाला। सोचा था बच्चे को गिरा दूँ पर...

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कहानी सरस्वती और संस्कार की - 2 By Hemant Sharma

पिछले एपिसोड में आपने पढ़ा कि कॉलेज के सभी स्टूडेंट्स और टीचर्स आईएएस ऑफिसर संस्कार शर्मा का इंतजार कर रहे थे पर उनके न आने की खबर ने उन सबको उदास कर दिया। लेकिन फिर अचानक से संस्क...

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वो निगाहे.....!! - 14 By Madhu

!!!नाराजगी भरी निगाहे उनकी उन्हे और दिलकश बना गया!!! अगले दिन.... धानी को होश गया था वो खमोशी से लेटे हुये छ्त को घूरॆ जा रही थी! उसका जो चेहरा हर वक़्त दमकता था इस वक़्त मुरझाया सा...

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इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 24 - अंतिम भाग By Vaidehi Vaishnav

(24) लेडीज़ एण्ड जेंटलमैन, आप सभी रायजादा परिवार की खुशियों का हिस्सा बनें, अपना कीमती वक़्त निकालकर इस जश्न में शामिल हुए.. आप सबका तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ ! मैं आज अपने भाई आकाश...

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तमाचा - 38 (मीटिंग ) By नन्दलाल सुथार राही

"तू कहाँ चला गया था रे? देख तेरी माँ को क्या हो गया?" मोहनचंद ने व्याकुलता की दशा में ही राकेश को कहा। "क्या हुआ मम्मी को?" राकेश अपने माता के पास जाता है जो पलंग पर सो रही थी। मोह...

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लीगेसी ऑफ़ वेलोर: ए टेल ऑफ़ लव, वॉर एंड ट्रायम्फ इन द किंगडम By Madhav Radadiya

एक समय की बात है, शानदार वेरिडियन राज्य में, एक महान युद्ध लड़ा गया। यह युद्ध तलवारों की टक्कर, ढाल टूटी, और दिल शांति की इच्छा से लड़ी गई। इस संघर्ष के बीच एक वीर था, सर अलेक्जेंड...

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भीतर का जादू - 5 By Mak Bhavimesh

मैं वहाँ अस्पताल के प्रतीक्षालय की बाँझ दीवारों से घिरा हुआ बैठा था, मेरे मन में चिंता और प्रत्याशा का बवंडर चल रहा था। ऐसा लग रहा था कि हर टिक-टिक करता सेकंड हमेशा के लिए खिंचता ज...

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लहरों की बाांसुरी - 7 - अंतिम भाग By Suraj Prakash

7 वे फिर उठी हैं और मेरे लिए जग भर के पानी में नमक, चीनी का घोल बनाया है। उसमें उन्‍होंने संतरे का जूस और नींबू का रस मिलाया है। वे हर पाँच मिनट बाद गिलास भर कर मुझे ये घोल पिल...

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वेरोनिका का विश्वास By Yogesh Kanava

वेरोनिका का विश्वास  रोज़ाना की तरह आज भी आई विटनेस होम में सभी बच्चे अपने नियत समय पर उठकर अपनी दिनचर्या से निवृत हो कर दैनिक पूजा पाठ के लिए एकत्रित हो रहे थे । गायत्री मंत्र के स...

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पथ से गन्तव्य तक By Neerja Hemendra

मेरी सेवानिवृत्ति में अब मात्र एक वर्ष ही तो शेष रह गये हैं। जीवन के विगत् सत्ताइस वर्ष ऐसे व्यतीत हो गये जैसे सत्ताइस दिन। कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है जैसे अभी कल ही नौकरी ज्वाइन क...

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समय छुटता साथ By Rishabh Narayan

समय "छुटता साथ"आज मैं और मेरी पत्नी की शादी कि 43वीं सालगिरह है और हमारा परिवार साथ में है। हमारे परिवार में हमारी बेटी नीरंजना और हमारा जंवाई नीरज और इन दोनों का बेटा मारुति जो अभ...

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फिल्हाल विचाराधीन है - 2 By F. S

सुबह 7 बजे का वक़्त है। जावेद साहब, बरामदे में बैठ कर पेपर पढ़ रहे हैं, बेगम से भी गपशप चल रहा है। गाहे- ब-गाहे दरवाज़े पर भी निग़ाह डाल लेते हैं। गोया उन्हें किसी का इंतज़ार हो। आ...

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दुर्गी By Neerja Hemendra

उसके हाथ-पैर काँप रहे थे। हाथ-पैर ही नही, पूरा शरीर काँप रहा था...... । स्वर तीव्र होते-होते गले में रूँध गये थे। तेज बोलना उसका स्वभाव नही था। आज सहसा चिल्लाने से उसका गला रूंध गय...

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व्यवस्था By Neerja Hemendra

’’ उफ््फ कितनी व्यस्तता ! घर के सारे काम बाकी हैं और मैं अभी से थक गयी। ’’ घर में प्रवेश करते हुए अनीता मन ही मन बुदबुदाते हुए जीना चढ़ रही थी। दोनों बच्चे उ...

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