hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • आँच - 5 - यह बाज़ार है मियाँ !

    अध्याय पाँच यह बाज़ार है मियाँ ! सन् 1837 में बहादूर शाह ‘ज़फ़र’ सत्तासीन हुए थे। त...

  • उलझन - भाग - 18

    आरती अपनी बेटी और बहू के साथ मंदिर जाने के लिए निकले। रास्ते में तीनों एकदम शांत...

  • और उसने - 22 - अंतिम भाग

    (22) ( अंतिम भाग ) “ आज कैसी बातें कर रही है बेटा ? यहाँ तो है ही तेरा घर...

फादर्स डे - 39 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 39 बुधवार -15/12/1999 विचार...विचार...विचार...विचारों का चक्र सूर्यकान्त का पीछा छोड़ ही नहीं रहा था। किसी इल्ली के शरीर में जिस तरह कांटे चिपके रहते हैं उसी...

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आँच - 5 - यह बाज़ार है मियाँ ! By Dr. Suryapal Singh

अध्याय पाँच यह बाज़ार है मियाँ ! सन् 1837 में बहादूर शाह ‘ज़फ़र’ सत्तासीन हुए थे। तीन वर्ष बाद उन्होंने ज़ीनत महल से शादी की। उस समय वे चौंसठ वर्ष के थे और ज़ीनत उन्नीस की। अनेक लोगों न...

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गाँव की लड़की का अर्थशास्त्र By vijay kumar tiwari

गाँव की लड़की का अर्थशास्त्र विजय कुमार तिवारी गाँव में पहुँचे हुए कुछ घंटे ही बीते हैं,घर में सभी से मिलना-जुलना चल रहा है कि मुख्य दरवाजे से एक लड़की ने प्रवेश किया और चरण स्पर्श...

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साथिया - 49 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

सांझ ने देखा कि फोन अक्षत का है तो उसने खुश होकर फोन पिक किया।" जी जज साहब कहिए ...!! बस आप ही को कॉल करने वाली थी पर मैंने सोचा कि आप फ्री हो जाएंगे तो खुद ही फोन करेंगे।" सांझ बो...

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उलझन - भाग - 18 By Ratna Pandey

आरती अपनी बेटी और बहू के साथ मंदिर जाने के लिए निकले। रास्ते में तीनों एकदम शांत थीं, उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था मानो उन्होंने मौन व्रत ले रखा हो। कोई किसी से ना कुछ पूछ रहा था, ना...

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और उसने - 22 - अंतिम भाग By Seema Saxena

(22) ( अंतिम भाग ) “ आज कैसी बातें कर रही है बेटा ? यहाँ तो है ही तेरा घर लेकिन अभी वहाँ पर है तो उसे ही अपना घर समझ और रुचि आंटी को अपनी माँ क्योंकि मैं तो वहां पर हूं नहीं,...

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लंदन में भारतीय शिक्षिका By Dr Sunita Shrivastava

लंदन के बहुत बड़े स्कूल के वार्षिक उत्सव आजार राशि को बेस्ट टीचर्स का एवार्ड लेते समय, कुछ समय पहले की बात याद आ गई.... जब राज का लंदन की बहुत बड़ी कम्पनी में चयन होने की खबर से घर...

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गांव अरनी By Ravindra Chaudhary

साल था 1975. सूरज राजस्थान के धूल भरे मैदानों पर बेरहमी से बरस रहा था और छोटे से गांव अरनी को भट्टी में पका रहा था. बाहरी दुनिया की हलचल से अछूता इस गांव में समय धीमी गति से आगे बढ...

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रामचन्द्र की नौकरी By Dikeshwar Sahu

सिद्धेश्वरी ने देखा कि उसका बड़ा बेटा रामचंद्र धीरे-धीरे घर की तरफ आ रहा है। रामचंद्र मां को बताता है कि उसे अच्छी नौकरी मिल गई। मध्यमवर्गीय परिवार था पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक...

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झूठी मौत... By Utpal Tomar

बात उस समय की है, जब राजा और प्रजा के बीच पिता पुत्र जैसा रिश्ता हुआ करता था| प्रजा जब राजा को अथाह सम्मान देती थी और राजा को प्रजा से अपने अपनी संतान की भांति प्रेम होता था| ऐसे ह...

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दिवास्वप्न By Prabodh Kumar Govil

"दिवास्वप्न"एक दूसरे से सटे फ्लैट्स का यही फायदा है कि कभी - कभी सहज ही कही गई बातें भी आसानी से पड़ोसियों को सुनाई दे जाती हैं। लेकिन शायद यही नुकसान भी है।मैं बालकनी में बैठा कुछ...

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वीर दुर्गादास राठौड़ By दिनू

राष्ट्रगौरव दुर्गादास राठौड़ सालवा से शिप्रा तट तक का सफरहिंदुगौरव रणबंका राठौड़जिसने इस देश का पूर्ण इस्लामीकरण करने की औरंगजेब की साजिश को विफल कर हिन्दू धर्म की रक्षा की थी….. उस...

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सरोगेट मदर - 3 (अंतिम भाग) By S Sinha

                                                                  सरोगेट मदर  Last Part - 3 नोट - अभी तक आपने पढ़ा कि गंगा को सरोगेट बेबी को लेकर अपना घर छोड़ कर एक क्लिनिक में शरण ल...

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फादर्स डे - 39 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 39 बुधवार -15/12/1999 विचार...विचार...विचार...विचारों का चक्र सूर्यकान्त का पीछा छोड़ ही नहीं रहा था। किसी इल्ली के शरीर में जिस तरह कांटे चिपके रहते हैं उसी...

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आँच - 5 - यह बाज़ार है मियाँ ! By Dr. Suryapal Singh

अध्याय पाँच यह बाज़ार है मियाँ ! सन् 1837 में बहादूर शाह ‘ज़फ़र’ सत्तासीन हुए थे। तीन वर्ष बाद उन्होंने ज़ीनत महल से शादी की। उस समय वे चौंसठ वर्ष के थे और ज़ीनत उन्नीस की। अनेक लोगों न...

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गाँव की लड़की का अर्थशास्त्र By vijay kumar tiwari

गाँव की लड़की का अर्थशास्त्र विजय कुमार तिवारी गाँव में पहुँचे हुए कुछ घंटे ही बीते हैं,घर में सभी से मिलना-जुलना चल रहा है कि मुख्य दरवाजे से एक लड़की ने प्रवेश किया और चरण स्पर्श...

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सांझ ने देखा कि फोन अक्षत का है तो उसने खुश होकर फोन पिक किया।" जी जज साहब कहिए ...!! बस आप ही को कॉल करने वाली थी पर मैंने सोचा कि आप फ्री हो जाएंगे तो खुद ही फोन करेंगे।" सांझ बो...

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और उसने - 22 - अंतिम भाग By Seema Saxena

(22) ( अंतिम भाग ) “ आज कैसी बातें कर रही है बेटा ? यहाँ तो है ही तेरा घर लेकिन अभी वहाँ पर है तो उसे ही अपना घर समझ और रुचि आंटी को अपनी माँ क्योंकि मैं तो वहां पर हूं नहीं,...

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साल था 1975. सूरज राजस्थान के धूल भरे मैदानों पर बेरहमी से बरस रहा था और छोटे से गांव अरनी को भट्टी में पका रहा था. बाहरी दुनिया की हलचल से अछूता इस गांव में समय धीमी गति से आगे बढ...

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रामचन्द्र की नौकरी By Dikeshwar Sahu

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झूठी मौत... By Utpal Tomar

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दिवास्वप्न By Prabodh Kumar Govil

"दिवास्वप्न"एक दूसरे से सटे फ्लैट्स का यही फायदा है कि कभी - कभी सहज ही कही गई बातें भी आसानी से पड़ोसियों को सुनाई दे जाती हैं। लेकिन शायद यही नुकसान भी है।मैं बालकनी में बैठा कुछ...

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वीर दुर्गादास राठौड़ By दिनू

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सरोगेट मदर - 3 (अंतिम भाग) By S Sinha

                                                                  सरोगेट मदर  Last Part - 3 नोट - अभी तक आपने पढ़ा कि गंगा को सरोगेट बेबी को लेकर अपना घर छोड़ कर एक क्लिनिक में शरण ल...

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