hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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आँच - 15 - तमन्ना थी आज़ाद वतन हो जाए ! By Dr. Suryapal Singh

अध्याय पन्द्रह तमन्ना थी आज़ाद वतन हो जाए ! लखनऊ से निकल कर बेगम हज़रत महल, मम्मू खाँ, बिर्जीस क़द्र तथा विश्वास पात्र सैनिकों के साथ आकर बौंड़ी में मुकीम हुईं। राजा हरदत्त सिंह ने उनक...

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द्वारावती - 7 By Vrajesh Shashikant Dave

7गुल समुद्र को देख रह थी। समुद्र की ध्वनि के उपरांत समग्र तट की रात्री नीरव शांति से ग्रस्त थी। किन्तु गुल का मन अशांत था। वह विचारों में मग्न थी।‘वह रात्री भोजन के लिए भी नहीं आया...

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साथिया - 59 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

*नील का घर*नील के घर उसके मम्मी पापा और निशि डाइनिंग टेबल पर नाश्ते के लिए बैठे थे। "नील अब तो तुमने पूरी तरीके से बिजनेस संभाल लिया है...!! अच्छे से तुम जम गए हो और काफी टाइम हो ग...

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फादर्स डे - 45 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 45 सोमवार 31/01/2000 सूर्यकान्त केवल अपना मंतव्य बताकर शांत नहीं बैठा। उसने खोज करने का तेजी से शुरू कर दिया। बीड़ में पांच लाख रुपयों की फिरौती के लिए अपहरण...

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शोहरत का घमंड - 48 By shama parveen

आलिया को कुछ भी समझ में नही आ रहा होता है कि आखिर ये सब क्या हो रहा है। ये जंगली मुझ से कितने आराम से बात कर रहा है और मुझे नए प्रोजेक्ट में भी अपने साथ ले लिया है।शाम हो जाती हैं....

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पथरीले कंटीले रास्ते - 4 By Sneh Goswami

  पथरीले कंटीले रास्ते    4   लङके को थाने के लाकअप में छोङकर सिपाहियों को सतर्क रहने का हुक्म सुनाकर थानेदार सरकारी जीप में सवार हुआ और दस मिनट ही लगे होंगे कि वह आदेश अस्पताल के...

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नासाज़ - 8 - तमंचे पे डिस्को By Srishtichouhan

शायद मेरी जिंदगी अब रुक सी गई है, इसमें अब वह खामोशी भी मर चुकी है, जो भले ही मेरे बेरंग जिंदगी में कोई खुशी तो न लाती थी , पर वह जरूर मेरे जिंदगी की ताल्लुकात अजनबियों को करवा जात...

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थोड़ी खुशी ,थोड़ा गम By Bhawani Bhai

"इति सी खुशी" लेखक =भवानी शंकर सोनीएक मेला ,, जहां लगी है भीड़ लोगो की ।भीड़ में एक परिवार भी है , जिनकी ये कहानी है। यह गरिमा है।गरिमा: सुनो ,,,,ये देखो,,,,कितना सुंदर सोफा है।य...

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अरोरा अ मिस्टीरियस गर्ल - 1 By Priya

अरोरा जिसका नाम का ही मतलब के मिस्ट्री है ।  तो सोचिए वो और और उसकी जिंदगी कैसी होगी ? तो चलिए जानने के लिए पढ़ते है, आज का पहला एपिसोड... एक बड़े से विला के हॉल से एक बच्ची क...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 54 By Sneh Goswami

  55 फेरों का मुहुर्त आ गया था । वर पक्ष के लिए वेदी की दाई ओर गद्दे बिछाए गए । उस पर चादरे बिछाई गई । घर के लोगों के लिए बाईं ओर चादरें बिछी । सामने पंडित जी का आसन लगाया गया था ।...

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शापित खज़ाना - 11 By Deepak Pawar

धीरे धीरे तीनों सर्प सैनिक और रवि के साथ करण, राका नैनी,नाता उन सात पारियों के साथ अंदर बढ़ने लगे और यह महल अब विशाल और विशाल स्वरूप लेने लगा ।चंद मिनटों बाद अब सभी महल के अंदर मुख...

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भारत की रचना - 7 By Sharovan

भारत की रचना / धारावाहिक / सातवाँ भाग हॉस्टल में आ जाने के पश्चात्, जब वातावरण और माहौल फिर से परिवर्तित हुआ तो रचना का स्वास्थ पुनः अपने पहले जैसे रूप और रंग पर आ गया। शीघ्र ही वह...

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रंगों भरी होली By prabha pareek

                                      रंगों भरी होली त्योहार चाहे कोई भी क्यों न हो, हमारे बुजुर्गों का भी मन मचलता है कि वह भी इस अवसर पर, जी खोल कर अपने हम उम्रों के साथ अपने तरी...

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ऐसा भी होता है By S Sinha

                                                                       ऐसा भी होता है  शिमला में उस दिन पहली बार बर्फ गिरी थी  .  अभिजीत कुछ देर पहले अपने दफ्तर गया था  . उसकी पत्न...

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उलझन - भाग - 20 (अंतिम भाग) By Ratna Pandey

कुछ ही दिनों में निर्मला और बुलबुल को अस्पताल में भरती कर दिया गया। पहले निर्मला की डिलीवरी हुई और उसने बहुत ही प्यारे बेटे को जन्म दिया। उसके दो दिनों के बाद बुलबुल की भी डिलीवरी...

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आज और कल By रेखा श्रीवास्तव

आज और कलफ़ोन की घंटी बजी, दिनेश ने ही उठाया तो उसके छोटे भाई सर्वेश का फ़ोन था और उसने बगैर किसी दुआ सलाम के सीधे से कह गया - "भैया निधि की शादी तय हो गयी है और अगले सोमवार को शादी क...

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तिष्यरक्षिता By Aucky Mishra

पूर्णिमा की रात थी ,जंगल के बीचों बीच एक झरने के सामने एक लड़का खड़ा था , वो लगभग छः फुट तीन इंच का रहा होगा ;उसके बाल उसके चेहरे पे आ रहे थे ,वो ज़ोर ज़ोर से सांस ले रहा था ;उसके...

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आँच - 15 - तमन्ना थी आज़ाद वतन हो जाए ! By Dr. Suryapal Singh

अध्याय पन्द्रह तमन्ना थी आज़ाद वतन हो जाए ! लखनऊ से निकल कर बेगम हज़रत महल, मम्मू खाँ, बिर्जीस क़द्र तथा विश्वास पात्र सैनिकों के साथ आकर बौंड़ी में मुकीम हुईं। राजा हरदत्त सिंह ने उनक...

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द्वारावती - 7 By Vrajesh Shashikant Dave

7गुल समुद्र को देख रह थी। समुद्र की ध्वनि के उपरांत समग्र तट की रात्री नीरव शांति से ग्रस्त थी। किन्तु गुल का मन अशांत था। वह विचारों में मग्न थी।‘वह रात्री भोजन के लिए भी नहीं आया...

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साथिया - 59 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

*नील का घर*नील के घर उसके मम्मी पापा और निशि डाइनिंग टेबल पर नाश्ते के लिए बैठे थे। "नील अब तो तुमने पूरी तरीके से बिजनेस संभाल लिया है...!! अच्छे से तुम जम गए हो और काफी टाइम हो ग...

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फादर्स डे - 45 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 45 सोमवार 31/01/2000 सूर्यकान्त केवल अपना मंतव्य बताकर शांत नहीं बैठा। उसने खोज करने का तेजी से शुरू कर दिया। बीड़ में पांच लाख रुपयों की फिरौती के लिए अपहरण...

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शोहरत का घमंड - 48 By shama parveen

आलिया को कुछ भी समझ में नही आ रहा होता है कि आखिर ये सब क्या हो रहा है। ये जंगली मुझ से कितने आराम से बात कर रहा है और मुझे नए प्रोजेक्ट में भी अपने साथ ले लिया है।शाम हो जाती हैं....

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पथरीले कंटीले रास्ते - 4 By Sneh Goswami

  पथरीले कंटीले रास्ते    4   लङके को थाने के लाकअप में छोङकर सिपाहियों को सतर्क रहने का हुक्म सुनाकर थानेदार सरकारी जीप में सवार हुआ और दस मिनट ही लगे होंगे कि वह आदेश अस्पताल के...

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नासाज़ - 8 - तमंचे पे डिस्को By Srishtichouhan

शायद मेरी जिंदगी अब रुक सी गई है, इसमें अब वह खामोशी भी मर चुकी है, जो भले ही मेरे बेरंग जिंदगी में कोई खुशी तो न लाती थी , पर वह जरूर मेरे जिंदगी की ताल्लुकात अजनबियों को करवा जात...

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थोड़ी खुशी ,थोड़ा गम By Bhawani Bhai

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अरोरा अ मिस्टीरियस गर्ल - 1 By Priya

अरोरा जिसका नाम का ही मतलब के मिस्ट्री है ।  तो सोचिए वो और और उसकी जिंदगी कैसी होगी ? तो चलिए जानने के लिए पढ़ते है, आज का पहला एपिसोड... एक बड़े से विला के हॉल से एक बच्ची क...

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                                      रंगों भरी होली त्योहार चाहे कोई भी क्यों न हो, हमारे बुजुर्गों का भी मन मचलता है कि वह भी इस अवसर पर, जी खोल कर अपने हम उम्रों के साथ अपने तरी...

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कुछ ही दिनों में निर्मला और बुलबुल को अस्पताल में भरती कर दिया गया। पहले निर्मला की डिलीवरी हुई और उसने बहुत ही प्यारे बेटे को जन्म दिया। उसके दो दिनों के बाद बुलबुल की भी डिलीवरी...

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आज और कल By रेखा श्रीवास्तव

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तिष्यरक्षिता By Aucky Mishra

पूर्णिमा की रात थी ,जंगल के बीचों बीच एक झरने के सामने एक लड़का खड़ा था , वो लगभग छः फुट तीन इंच का रहा होगा ;उसके बाल उसके चेहरे पे आ रहे थे ,वो ज़ोर ज़ोर से सांस ले रहा था ;उसके...

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