hindi Best Classic Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Classic Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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वचन--भाग (३) By Saroj Verma

वचन--भाग(३) प्रभाकर का मन बहुत ब्यथित था,वो गाड़ी में बैठा और लेट गया,जब मन अशांत हो और हृदय को चोट लगी हो तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता,बस मन चाहता है कि शांत होकर एक कोने में बैठ जाए...

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खिचड़ी By r k lal

खिचड़ीआर 0 के 0 लालमम्मी ! तुम्हारे पापा के घर से इस बार खिचड़ी नहीं आई? सुमित ने अपनी मां पूनम से पूछा। पूनम आज सुबह से ही उदास थी उसने सोचा कि छोटे बच्चे सुमित को क्यों दुखी करे...

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रत्नावली-18 संस्कृतानुवादकः पं. गुलामदस्तगीरः By रामगोपाल तिवारी

रत्नावली-18 संस्कृतानुवादकः पं. गुलामदस्तगीरः लेखकः रामगोपाल ‘भावुकः’ संस्कृतानुवादकः पं. गुलामदस्तगीरः मुंबई सम्पादकः डा. विष्णुनारायण तिवारी रत्नावली - 18 र...

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चाहत दिलकी By SWARNIM स्वर्णिम

मैं एक बंद कमरे में हूं। सामने से बालेसी पर पानी गिरने की आवाज मेरे कानों तक आ रही है और मुझे बता रही है कि बाहर बारिश हो रही है। कमरे में अंधेरा है, बिजली लंबे समय से चली गई है, आ...

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रामायण के कुछ अशं कलियुग में (मोर्डेन रामायण) - 1 By Kalpana Sahoo

            जैसे की आप सब जानते हैं की त्रेतया युग में राम और सीता की गाथा को रामायण रूपरेख् देके बर्णना किया गया था । सीफ् राम और सीता नहीं, उनके साथ...

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मरखना By Prabodh Kumar Govil

बंगले की छत से पीछे कुछ दूरी पर ग़ज़ब की हरियाली दिखाई देती थी। उस दिन मेरी बड़ी बहनजी मिलने आईं तो मैं उन्हें बंगला दिखाते हुए छत पर भी ले गया। वो देखते ही ठिठक गईं। बोलीं- वाह, क...

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दुनिया पूरी By Prabodh Kumar Govil

"दुनिया पूरी" मेरी पत्नी का देहांत हुए पांच वर्ष बीत गए थे। ऐसे दुःख कम तो कभी नहीं होते, पर मन पर विवशता व उदासीनता की एक परत सी जम गई थी। इससे दुःख हल्का लगने लगा था।जीवन और परिव...

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सार्थक सीख By राज कुमार कांदु

अमर जल्दी जल्दी ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा था । रमा रसोई में अमर के लिए नाश्ता बनाने में व्यस्त थी ।अमर के पिताजी दीनदयाल हाथ में अख़बार लिये कुछ परेशान से अमर से बोले ‘ ” बेटा !...

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इश्क़ के रंग हज़ार By Rita Gupta

इश्क के रंग हजार सालों से अकेलेपन का दंश झेलती सॊम्या के जीवन में एक ठहराव आ चुका था। अपनी नॊकरी ऒर जिन्दगी को एकरसता से जीते जीते वह मशीन बन चुकी थी। जीवन के सब रंग उसके लिए...

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दिल धड़क रहा है (हृदय प्रत्यारोपण) By मंजरी शर्मा

नमस्ते आंटी! मैं दीपक; ये मेरी माँ और मेरी पत्नी ज्योति! शायद आपने मुझे पहचाना नहीं ..."आइये... तशरीफ़ रखिये ..." मैं, अभी आती हूँ. बड़ी मुश्किल से अपने आसुंओ को रोकती हुई शबाना कमरे...

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मैं स्पेशल-बच्ची की स्पेशल-माँ हूँ. By मंजरी शर्मा

मैं स्पेशल-बच्ची की स्पेशल-माँ हूँ."" भगवान् भी ना जाने कितना निष्ठुर हो जाता है. पता नहीं किन पापों का दोष है. """" हाय!! बेचारी.."""" अरे; काहे की बेचारी!! """" एक तो पाप; ऊपर से...

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ईश्वर का घर By Ashish Dalal

‘पापा, दीदी को मत ले जाओ. मैं अब उसके संग कभी नहीं खेलूंगा. प्रॉमिस पापा. मैं उन्हें परेशान भी नहीं करूंगा.’ राजनाथ ने पन्द्रह साल की रानू का हाथ पकड़कर जैसे ही घर की दहलीज से बाहर...

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प्रेम की परिभाषा By Ashish Dalal

बगल वाले कमरे से आती आवाज कानों में पड़ते ही माधुरी की नींद टूट गई. आंखें मसलते हुए उसने अपने तकिये के नीचे रखे मोबाइल का बटन दबाकर समय देखा. अभी सुबह के साढ़े पांच बज रहे थे. ‘रविवा...

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अन्तर से By डा.कुसुम जोशी

अंतस से *2010,/6 नवम्बर की एक गुनगुनी ठन्डी शाम अचानक छोटे भाई श्रेय का फोन आया , उसकी आवाज में निराशा थी ,बोला "शैला दीदी उदिता शादी के लिये मना कर रह...

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काश! अतीत को बदल सकती ... By मंजरी शर्मा

"नमस्ते आंटी; मैं नेहा... आपके नए पड़ोसी. वो नवरात्री का आज आखिरी कीर्तन है; तो मम्मी ने आपको बुलाने भेजा है. उन्होंने कहा है की आज तो कीर्तन में आपको आना ही होगा.""हाँ हाँ... मैं ज़...

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न वो हारा न मै .. By Alok Mishra

वो बगावत करने पर उतारू है । उसने हिन्दी सहित्य के आदर्शवादी नायकों की तरह स्वयम् को प्रस्तुत करने से इंकार कर दिया । वो आदर्शों को नये और अपने ही तरीको...

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लक्ष्मी का गृहप्रवेश... By मंजरी शर्मा

अरे!! आप... आप लक्ष्मी जी हैं ना..." रमाकांत ने आँखों पर चश्मा लगाते हुए कहा."जी; लेकिन आप कौन? माफ़ कीजियेगा, मैंने आप को पहचाना नहीं." लक्ष्मी ने आश्चर्य से पूछा."मैं; मैं; रमाकां...

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प्रसिद्ध मृदंग बादक - कुदऊ सिंह By राजनारायण बोहरे

प्रसिद्ध मृदंग बादक - कुदऊ सिंह लेखकः- राजनारायण बोहरे शास्त्रीय संगीत में मृदंग का अलग महत्व है। भारतीय संगीत में जब मृदंग की चर्च...

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इश्क़ 92 दा वार - (पार्ट-12) By Deepak Bundela AryMoulik

इश्क 92दा वार (पार्ट -12)रात गहरा चुकी थी अनु को रिया ने दवा खिला कर सुला दिया था रिया बिस्तर पर लेटे सोच रही थी.. कि किसी किसी की ज़िन्दगी में इतना तूफ़ान क्यों होता है.. आखिर अनु क...

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हीरामन कारसदेव - 2 By राजनारायण बोहरे

हीरामन कारसदेव २ लेखक के उपन्यास मुखबिर का अंश पंडित बोल रहे थे-ये बच्चा पुष्य नक्षत्र में जनमा है , असका पुण्य प्रताप पूरे जग मे फैलेगा , तुम्हारा बेटा अवतारी पुरूष है ।...

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गमकौआ भात By Smita

छोटी उम्र में लगभग रोज सींकू ( बिहार में दुबले-पतले बच्चे को मजाक-मजाक में सींक, सींकू, बांस, सींकिया पहलवान आदि नाम से पुकारने लगते हैं) किसी न किसी से यह कहते हुए जरूर सुनता कि उ...

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टूट गई अंधविश्वास की छड़ी... By Smita

उसका क्या नाम था, कोई नहीं जानता। उसकी बेटी का नाम निर्मला था, यह बात पूरे गांव को पता थी। तभी तो पूरा फर्दपुर उसे निर्मलिया माय कहकर पुकारता था। बिहार के गांवों में नाम के साथ या,...

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गधों का संरक्षण By Alok Mishra

वैधानिक चेतावनी " इस आलेख का मानव जाति के किसी व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है । वैसे यह बताए जाने के बावजूद भी शायद किसी को ऐसा लग सकता है कि यह आलेख उन...

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मिट्टी के दीये By Smita

सुनयना नोएडा के किसी प्राइवेट कंपनी में प्रबंधन से जुड़ी है। वह बेटी सुकन्या को प्यार से सुकू बुलाती है। उसने जब सुकू को गेहूं के आटे से दीया बनाते देखा, तो पहले उसे बहुत तेज गुस्सा...

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पंचमहली गंध By रामगोपाल तिवारी

कहानी पंचमहली गंध रामगोपाल भावुक मोहल्ले के बच्चे उसे काफी कहते हैं। वह कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से पन्ना बीमार पड़...

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रसूल By Alok Mishra

वो बच्चा गोल चेहरा, सुनहरे से बाल लाल टी-शर्ट और नीली नेकर पहने अपनी अम्मी और अब्बा के साथ घर से निकल पड़ा। ये परिवार पूरी खामोशी के साथ अपने घर से निकला है। सैर-सपाटे के लिये जा रह...

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वचन--भाग (३) By Saroj Verma

वचन--भाग(३) प्रभाकर का मन बहुत ब्यथित था,वो गाड़ी में बैठा और लेट गया,जब मन अशांत हो और हृदय को चोट लगी हो तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता,बस मन चाहता है कि शांत होकर एक कोने में बैठ जाए...

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खिचड़ी By r k lal

खिचड़ीआर 0 के 0 लालमम्मी ! तुम्हारे पापा के घर से इस बार खिचड़ी नहीं आई? सुमित ने अपनी मां पूनम से पूछा। पूनम आज सुबह से ही उदास थी उसने सोचा कि छोटे बच्चे सुमित को क्यों दुखी करे...

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रत्नावली-18 संस्कृतानुवादकः पं. गुलामदस्तगीरः By रामगोपाल तिवारी

रत्नावली-18 संस्कृतानुवादकः पं. गुलामदस्तगीरः लेखकः रामगोपाल ‘भावुकः’ संस्कृतानुवादकः पं. गुलामदस्तगीरः मुंबई सम्पादकः डा. विष्णुनारायण तिवारी रत्नावली - 18 र...

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चाहत दिलकी By SWARNIM स्वर्णिम

मैं एक बंद कमरे में हूं। सामने से बालेसी पर पानी गिरने की आवाज मेरे कानों तक आ रही है और मुझे बता रही है कि बाहर बारिश हो रही है। कमरे में अंधेरा है, बिजली लंबे समय से चली गई है, आ...

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रामायण के कुछ अशं कलियुग में (मोर्डेन रामायण) - 1 By Kalpana Sahoo

            जैसे की आप सब जानते हैं की त्रेतया युग में राम और सीता की गाथा को रामायण रूपरेख् देके बर्णना किया गया था । सीफ् राम और सीता नहीं, उनके साथ...

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मरखना By Prabodh Kumar Govil

बंगले की छत से पीछे कुछ दूरी पर ग़ज़ब की हरियाली दिखाई देती थी। उस दिन मेरी बड़ी बहनजी मिलने आईं तो मैं उन्हें बंगला दिखाते हुए छत पर भी ले गया। वो देखते ही ठिठक गईं। बोलीं- वाह, क...

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दुनिया पूरी By Prabodh Kumar Govil

"दुनिया पूरी" मेरी पत्नी का देहांत हुए पांच वर्ष बीत गए थे। ऐसे दुःख कम तो कभी नहीं होते, पर मन पर विवशता व उदासीनता की एक परत सी जम गई थी। इससे दुःख हल्का लगने लगा था।जीवन और परिव...

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सार्थक सीख By राज कुमार कांदु

अमर जल्दी जल्दी ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा था । रमा रसोई में अमर के लिए नाश्ता बनाने में व्यस्त थी ।अमर के पिताजी दीनदयाल हाथ में अख़बार लिये कुछ परेशान से अमर से बोले ‘ ” बेटा !...

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इश्क़ के रंग हज़ार By Rita Gupta

इश्क के रंग हजार सालों से अकेलेपन का दंश झेलती सॊम्या के जीवन में एक ठहराव आ चुका था। अपनी नॊकरी ऒर जिन्दगी को एकरसता से जीते जीते वह मशीन बन चुकी थी। जीवन के सब रंग उसके लिए...

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दिल धड़क रहा है (हृदय प्रत्यारोपण) By मंजरी शर्मा

नमस्ते आंटी! मैं दीपक; ये मेरी माँ और मेरी पत्नी ज्योति! शायद आपने मुझे पहचाना नहीं ..."आइये... तशरीफ़ रखिये ..." मैं, अभी आती हूँ. बड़ी मुश्किल से अपने आसुंओ को रोकती हुई शबाना कमरे...

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मैं स्पेशल-बच्ची की स्पेशल-माँ हूँ. By मंजरी शर्मा

मैं स्पेशल-बच्ची की स्पेशल-माँ हूँ."" भगवान् भी ना जाने कितना निष्ठुर हो जाता है. पता नहीं किन पापों का दोष है. """" हाय!! बेचारी.."""" अरे; काहे की बेचारी!! """" एक तो पाप; ऊपर से...

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ईश्वर का घर By Ashish Dalal

‘पापा, दीदी को मत ले जाओ. मैं अब उसके संग कभी नहीं खेलूंगा. प्रॉमिस पापा. मैं उन्हें परेशान भी नहीं करूंगा.’ राजनाथ ने पन्द्रह साल की रानू का हाथ पकड़कर जैसे ही घर की दहलीज से बाहर...

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प्रेम की परिभाषा By Ashish Dalal

बगल वाले कमरे से आती आवाज कानों में पड़ते ही माधुरी की नींद टूट गई. आंखें मसलते हुए उसने अपने तकिये के नीचे रखे मोबाइल का बटन दबाकर समय देखा. अभी सुबह के साढ़े पांच बज रहे थे. ‘रविवा...

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अन्तर से By डा.कुसुम जोशी

अंतस से *2010,/6 नवम्बर की एक गुनगुनी ठन्डी शाम अचानक छोटे भाई श्रेय का फोन आया , उसकी आवाज में निराशा थी ,बोला "शैला दीदी उदिता शादी के लिये मना कर रह...

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काश! अतीत को बदल सकती ... By मंजरी शर्मा

"नमस्ते आंटी; मैं नेहा... आपके नए पड़ोसी. वो नवरात्री का आज आखिरी कीर्तन है; तो मम्मी ने आपको बुलाने भेजा है. उन्होंने कहा है की आज तो कीर्तन में आपको आना ही होगा.""हाँ हाँ... मैं ज़...

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न वो हारा न मै .. By Alok Mishra

वो बगावत करने पर उतारू है । उसने हिन्दी सहित्य के आदर्शवादी नायकों की तरह स्वयम् को प्रस्तुत करने से इंकार कर दिया । वो आदर्शों को नये और अपने ही तरीको...

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लक्ष्मी का गृहप्रवेश... By मंजरी शर्मा

अरे!! आप... आप लक्ष्मी जी हैं ना..." रमाकांत ने आँखों पर चश्मा लगाते हुए कहा."जी; लेकिन आप कौन? माफ़ कीजियेगा, मैंने आप को पहचाना नहीं." लक्ष्मी ने आश्चर्य से पूछा."मैं; मैं; रमाकां...

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प्रसिद्ध मृदंग बादक - कुदऊ सिंह By राजनारायण बोहरे

प्रसिद्ध मृदंग बादक - कुदऊ सिंह लेखकः- राजनारायण बोहरे शास्त्रीय संगीत में मृदंग का अलग महत्व है। भारतीय संगीत में जब मृदंग की चर्च...

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इश्क़ 92 दा वार - (पार्ट-12) By Deepak Bundela AryMoulik

इश्क 92दा वार (पार्ट -12)रात गहरा चुकी थी अनु को रिया ने दवा खिला कर सुला दिया था रिया बिस्तर पर लेटे सोच रही थी.. कि किसी किसी की ज़िन्दगी में इतना तूफ़ान क्यों होता है.. आखिर अनु क...

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हीरामन कारसदेव - 2 By राजनारायण बोहरे

हीरामन कारसदेव २ लेखक के उपन्यास मुखबिर का अंश पंडित बोल रहे थे-ये बच्चा पुष्य नक्षत्र में जनमा है , असका पुण्य प्रताप पूरे जग मे फैलेगा , तुम्हारा बेटा अवतारी पुरूष है ।...

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गमकौआ भात By Smita

छोटी उम्र में लगभग रोज सींकू ( बिहार में दुबले-पतले बच्चे को मजाक-मजाक में सींक, सींकू, बांस, सींकिया पहलवान आदि नाम से पुकारने लगते हैं) किसी न किसी से यह कहते हुए जरूर सुनता कि उ...

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टूट गई अंधविश्वास की छड़ी... By Smita

उसका क्या नाम था, कोई नहीं जानता। उसकी बेटी का नाम निर्मला था, यह बात पूरे गांव को पता थी। तभी तो पूरा फर्दपुर उसे निर्मलिया माय कहकर पुकारता था। बिहार के गांवों में नाम के साथ या,...

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गधों का संरक्षण By Alok Mishra

वैधानिक चेतावनी " इस आलेख का मानव जाति के किसी व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है । वैसे यह बताए जाने के बावजूद भी शायद किसी को ऐसा लग सकता है कि यह आलेख उन...

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मिट्टी के दीये By Smita

सुनयना नोएडा के किसी प्राइवेट कंपनी में प्रबंधन से जुड़ी है। वह बेटी सुकन्या को प्यार से सुकू बुलाती है। उसने जब सुकू को गेहूं के आटे से दीया बनाते देखा, तो पहले उसे बहुत तेज गुस्सा...

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पंचमहली गंध By रामगोपाल तिवारी

कहानी पंचमहली गंध रामगोपाल भावुक मोहल्ले के बच्चे उसे काफी कहते हैं। वह कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से पन्ना बीमार पड़...

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रसूल By Alok Mishra

वो बच्चा गोल चेहरा, सुनहरे से बाल लाल टी-शर्ट और नीली नेकर पहने अपनी अम्मी और अब्बा के साथ घर से निकल पड़ा। ये परिवार पूरी खामोशी के साथ अपने घर से निकला है। सैर-सपाटे के लिये जा रह...

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