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घर का ठूठ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

घर का ठूठ -घर का ठूठ कहानी कहानीकार के अंतर्मन से उठती संवेदनाओं का साक्षात है संबंधों का मिलना बिछड़ना उनके साथ बिताए जीवन के सुख दुःख के पल प्रहर कि वेदना कहती है घर का ठूंठ । कह...

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कोरोनकाल में रही बुद्धजीवियों की भूमिका की कथा By Kishanlal Sharma

कोरोना को नहीं दोषु गोंसाईउपन्यासकार-डॉ राकेश कुमार सिंहप्रकाशक--निखिल पब्लिशर्स एन्ड डिस्टिब्यूटर्सविष्णु कॉलोनी,शाहगंज, आगरापृष्ठ-144,मूल्य-500रु---------------------------------...

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यूपी 65 निखिल सचान उपन्यास समीक्षा By Agatha Christie

कहानी: 3.5/5पात्र: 3.5/5लेखन शैली: 4/5उत्कर्ष: 4/5मनोरंजन: 4/5“वाह जी वाह! एक गुलजार साहब हुए हैं। और एक हुए हैं अमित कुमार पांडे। इतिहास में आज तक का सबसे दर्द भरा ब्रेक अप लेटर ग...

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नया सबेरा - उपन्यास - समीक्षा By Prafulla Kumar Tripathi

समीक्ष्य पुस्तक : नया सबेरा (उपन्यास ):लेखक -श्री सूर्य नारायण शुक्ल उपन्यास लेखन के प्रमुखत : 6 तत्व होते हैं-(१) कथानक / कथावस्तु (२) पात्र / चरित्र-चित्रण (३) कथोप कथन / संवाद (...

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महिमा प्रभु श्रीराम की-कमलकान्त शर्मा By राज बोहरे

महिमा प्रभु श्रीराम कीकमलकान्त शर्मासंदर्भ प्रकाशन भोपाल से कमलकांत शर्मा की कृति 'महिमा प्रभु श्री राम की' पिछले दिनों प्रकाशित हुई है। भारत वर्ष में राम कथा और कृष्ण कथा...

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उम्र दर उम्र-अनिता रश्मि By राज बोहरे

समीक्षा -उम्र दर उम्र(कहानी सँग्रह)लेखिका-अनिता रश्मिप्रकाशक-राष्ट्रीय सेल्स एजेंसी जयपुररांची बिहार की कथा लेखिका अनीता रश्मि का पहला कहानी संग्रह "उम्र दर उम्र" राष्ट्रीय सेल्स ए...

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संजना : (उपन्यास) - पुस्तक समीक्षा By Prafulla Kumar Tripathi

संजना : अतीत ऐसा जो पीछा छोड़ना नहीँ चाहता !श्री सूर्य नारायण शुक्ल का लिखा उपन्यास "संजना" एक ऐसी कैशोर्य उम्र की लड़की संजना की रोचक कहानी का ताना बाना लिए हुए है जिसके जीवन में अन...

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द डार्केस्ट डेस्टिनी - डॉ. राजकुमारी By राजीव तनेजा

आमतौर पर जब भी कभी किसी के परिवार में कोई खुशी या पर्व का अवसर होता है, तो हम देखते हैं कि हमारे घरों में हिजड़े (किन्नर) आ कर नाचते-गाते हुए बधाइयाँ दे कर इनाम वगैरह ले जाते हैं। क...

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सुखना के दुःख हम सबके दुःख है By Yashvant Kothari

पाठकीय प्रतिक्रिया सुखना के दुःख हम सब के दुःख है . शशि कान्त सिंह का तीसरा व्यंग्य उपन्यास  सुखना के नाम से आया है .इस से पहले उनके दो उपन्यास प्रजातंत्र के प्रेत व दीमक आये थे ,द...

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महिमा मण्डित– सुषमा मुनीन्द्र By राज बोहरे

महिमा मंडित समीक्षा ‘महिमा मंडित’ कहानी संग्रह सुषमा मुनींद्र का बारह कहानियों का संग्रह है, जो श्री प्रकाशन दुर्ग से प्रकाशित हुआ है। इस कहानी संग्रह से सुषमा मुनींद्र के कहानी सं...

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चिन्तन-चन्द्रशेखर गोस्वामी By राज बोहरे

चिंतनचंद्रशेखर गोस्वामी का यह गद्य संग्रह 'चिंतन 'कुल बारह रचनाओं के साथ साहित्य केंद्र प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। साहित्य से इतर रसायन शास्त्र की पाठ्यपुस्तकों आदि...

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रश्मिरथी पुस्तक परिचय By Divya Modh

पुस्तक नाम: रश्मिरथी लेखक: : रामधारी सिंह दिनकर प्रकाशन:१९५२   आज तक महाभारत को सब ने कृष्णा और पांडव की नजरो से समझा और देखा है। पर रामधारी सिंह दिनकर जी  की लिखी रश्मिरथी एक  ऐसी...

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सितारों में सूराख़ - अनिलप्रभा कुमार By राजीव तनेजा

अभी हाल-फिलहाल में ही एक ख़बर सुनने..पढ़ने एवं टीवी के ज़रिए जानने को मिली कि हमारे यहाँ किसी उन्मादी सिपाही ने चलती ट्रेन में अपनी सरकारी बंदूक से एक ख़ास तबके के निरपराध यात्रियों पर...

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कनक मृग-पूरनचंद शर्मा -समीक्षा By राज बोहरे

कनक मृगखण्ड काव्यपूरन चन्द्र शर्मा समीक्षा- राज बोहरे राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त ने लिखा है -राम तुम्हारा नाम स्वयं ही काव्य है,कोई कवि बन जाए सहज संभाव्य है !ऐसी ही विनम्र टिप्पण...

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हांडी भरी यातना-शोभनाथ शुक्ल By राज बोहरे

समीक्षा हांडी भरी यातनाराजनारायण बोहरे‘हांडी भरी यातना’ डॉ . शोभनाथ शुक्ला का कहानी संग्रह है जिसमें उनकी आठ कहानियां शामिल है ।यह समस्त कहानियां अपने लिखे जाने के दिनों में हिंदी...

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गूंगा गांव - श्याम त्रिपाठी संपादक हिंदी चेतना कैनेडा By ramgopal bhavuk

समीक्षा- गूंगा गांव लेखक रामगोपाल भावुक अत्याचारों के विरुद्ध क्रांतिकारी चेतावनी श्याम त्रिपाठी संपादक हिंदी चेतना कैनेडा कुछ अस्वस्थ होने के कारण पत्र व्यवहार और लेखन कार्य को सु...

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वैदिक काल में स्त्री पुरुष का सामाजिक स्तर समान था ? By Neelam Kulshreshtha

डॉ. उमा देशपांडे [ अनुवाद :नीलम कुलश्रेष्ठ] [हम एक थियोरी लेकर चलते हैं की वैदिक काल में स्त्री-पुरुष को समान अधिकार थे। वड़ोदरा की एन जी ओ “सहियर” व अहमदाबाद की एन जीओ...

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केशवदास की भाषा By राज बोहरे

केशव एक अनूठा भाषा संसार बनाते हैं आचार्य केशव दास जी की भाषा पर बात करते समय अनेक अनेक पहलुओं पर गौर करना आवश्यक है। केशव केवल एक साधारण कवि नहीं थे वे तो परंपराओं के सेतु थे, एक...

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श्री श्यामसुंदर श्याम का कवि रूप By शैलेंद्र् बुधौलिया

श्री श्याम सुन्दर 'श्याम' की काव्य रचना- शैलेन्द्र बुधोलियाऐसे व्यक्तित्व दुर्लभ और महान होते हैं जिनका विकास एक रैखिक न होकर अनेक आयामों में समान रचना धर्मिता की उपलब्धियो...

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ढोलक बजाती वो औरत -- मेरी माँ By Neelam Kulshreshtha

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] ९ जून २०१८ को भतीजे अभिन्न ने आगरा से सुबह साढ़े सात बजे सूचना दी कि मेरी मम्मी जी नहीं रहीं। उनके अंत से अपने व उनके समबन्ध को स्पष्ट कर रहीं हूँ। मैं बेंगलौर म...

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स्मृति ग्रँथ-डॉ हरिहर गोस्वामी By शैलेंद्र् बुधौलिया

स्मृति ग्रँथ डॉ हरिहर गोस्वामी सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेकर और सहज सामान्य रूप में पल बढ़कर कैसे महानता और सरलता के शीर्ष को छुआ जा सकता है, यह डॉ हरिहर गोस्वामी मानस...

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प्रमोद अश्क -चंद गजलें अश्क की By राज बोहरे

प्रमोद अश्क -चंद गजलें अश्क कीकम लेकिन घनीभूत संवेदना की ग़ज़ल -राजनारायण बोहरे दतियापुस्तक-चंद गजलें अश्क कीकवि- प्रमोद अश्क प्रकाशक-हिंदी उर्दू मजलिसप्रमोद अश्क का नाम उन पुख्ता कव...

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अवध की बात - हरिकृष्ण हरि By शैलेंद्र् बुधौलिया

लोकसंस्कृति को समर्पित कवि –हरिकृष्णहरि  दिनांक तेरह दिसम्बर दो  हजार उन्नीस  को ‘साहित्य एक्सप्रेस’ का डॉक्टर मानस विश्वास पर केंद्रित विशेषांक लोकार्पित हुआ तो उसमें यह पढ़कर अत्...

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डॉ श्याम बिहारी श्रीवास्तव By शैलेंद्र् बुधौलिया

श्याम बिहारी श्रीवास्तव साहित्य और साहित्यकार मानव समाज को परमपिता परमात्मा की बड़ी देन है। धर्म, अर्थ, काम मोक्ष इन चारों की सिद्धियों में सदसाहित्य का अविस्मरणीय योगदान है। हमारा...

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हरिसिंह हरीश की ग़ज़ल By राज बोहरे

पुस्तक समीक्षा- हरिसिंह हरीशराजनारायण बोहरे हर मिजाज की ग़ज़लेंपुस्तक-गम लेके फूल दियेग़ज़ल संग्रहकवि- हरिसिंह हरीशप्रकाशक-सुमन साहित्य सदन दतियाहरिसिंह हरीश संवेदनाओं से लबरेज ऐसे रचन...

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बेहटा कलां - इंदु सिंह By राजीव तनेजा

आज़ादी बाद के इन 76 सालों में तमाम तरह की उन्नति करने के बाद आज हम बेशक अपने सतत प्रयासों से चाँद की सतह को छू पाने तक के मुकाम पर पहुँच गए हैं मगर बुनियादी तौर पर हम आज भी वही पुरा...

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समकालीन कहानी में सांस्कृतिक मूल्य-डॉ पदमा शर्मा By राज बोहरे

डॉ0पदमा शर्मा समकालीन हिन्दी कहानी में सांस्कृतिक मूल्य’राजनारायण बोहरेपुस्तक- समकालीन हिन्दी कहानी में सांस्कृतिक मूल्यलेखिका-डॉ0पदमा शर्माप्रकाशक-रजनी प्रकाशन दिल्ली‘ समकालीन हिन...

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जंगल के ख़िलाफ़-हीरालाल नागर By राज बोहरे

अनछुए क्षेत्र में पहुँची कविताएँ “जंगल के खिलाफ“युवा कवि हीरालाल नागर के नव्यतम कविता संग्रह “जंगल के खिलाफ“ की कविताऐं हमारे आसपास के उपेक्षित संसार पाठकों के समक्ष पूरी शिद्दत, ई...

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मुखबिर उपन्यास मुकम्मल- डॉ जी के सक्सैना By राज बोहरे

राजबोहरे:मुखबिर उपन्यास चंबल का उपाख्यान है- डॉक्टर गोपाल किशोर सक्सेनाहर ताकतवर आदमी के लिए मुखबिर की फौज चाहिए होती है |वह हर कीमत पर मुखबिर ढूंढता है |कभी पैसे के लालच से, तो कभ...

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कहा गुलाब ने-श्यामा सलिल By राज बोहरे

कहा गुलाब नेः हम उगाएँगे हँसी दुःख की फसल सेहिंदी कविता के साथ एक अजीब सी परम्परा रही है कि जो कवि मंच पर जितना श्रेय प्राप्त करता हैं, मंच से दूर प्रकाशन जगत में उतना ही कम जाना ज...

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जनवादी ग़ज़ल का शायर-सीताराम साबिर By राज बोहरे

सीताराम साबिर : सूफियाना प्रकृति के शायर राजनारायण बोहरेसाहित्य सर्जन को अपना ईमान धर्म समझने वाले शायरों में दतिया के सीता राम कटारिया साबिर का उल्लेख बड़े फख्र के साथ होता है |उन...

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बेतवा बहती रही -मैत्रेयी पुष्पा By राज बोहरे

बेतवा बहती रहीमैत्रेयी पुष्पा का नाम हिन्दी कथा साहित्य में आज की सर्वाधिक चर्चित लेखिका के रूप में लिया जाता है।उनकी कथायें गांव की सीधे-सहज सरल लोगों की कहानियाँ हैं, जिनके आस-पा...

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इज़्ज़त आबरू पर लक्ष्मीनारायण बुनकर By राज बोहरे

इति वृतात्मकता की वापसी: इज्जत-आबरूडा0 लक्ष्मीनारायण बुनकर कथा संग्रह -इज्जत-आबरूलेखक-राजनारायण बोहरेयात्री प्रकाशन दिल्ली आज की हिन्दी कहानी पर तमाम आरोप एक लम्बे समय से लगभग हरेक...

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आज की अहिल्या By Neelam Kulshreshtha

पत्थर बनने से इंकार करती डॉ. इंदु झुनझुनुवाला की 'आज की अहिल्या' [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] सुप्रसिद्ध साहित्यकार रमणिका गुप्ता जी बिहार की कोलियारी के मज़दूरों के लिए काम करतीं थी...

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किसान पुराण आड़ा वक्त -प्रतिभा पाण्डेय By राज बोहरे

समीक्षा लेखकिसान पुराण :आड़ा वक़्तप्रो0 प्रतिभा पाण्डेय प्रेमचंद के पहले किसान से जुड़े उपन्यास बहुत कम संख्या में पाए जाते हैं। स्वयं प्रेमचंद ने भी शुरू में किसानों पर ध्यान केंद्रि...

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पंच परमेश्वर अद्भुत कथा-आनन्द मोहन सक्सैना By राज बोहरे

पंच परमेश्वर अद्भुत कथा -आनंद मोहन सक्सैना प्रेमचंद की कहानी उपन्यासों में आए वाक्य और वाक्यांश तुलसी की जनसामान्य में प्रयुक्त होने वाली चौपाइयों की अनुरूप ही साहित्य जगत में स्था...

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एक थी महुआ-सविता वर्मा ग़ज़ल By राज बोहरे

समीक्षा-एक थी महुआराज बोहरे सावित्री वर्मा गजल का नया कहानी संग्रह ‘एक ही महुआ’ आरती प्रकाशन लाल कुआं नैनीताल से प्रकाशित हुआ है। इसमें लेखिका की इक्कीस कहानियां सम्मिलित हैं । लेख...

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स्तुति - सौरभ कुदेशिया By राजीव तनेजा

ईसा पूर्व हज़ारों साल पहले कौरवों और पांडवों के मध्य हुए संघर्ष को आधार बना कर ऋषि वेद व्यास द्वारा उच्चारित एवं गणेश द्वारा लिखी गयी महाभारत अब भी हमें रोमांचित करती है। इस महागाथा...

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पेड़ तथा अन्य कहानियां-समीक्षा By राज बोहरे

पेड़ तथा अन्य कहानियां राजनारायण बोहरेप्रसिद्ध व्यंग्यकार उपन्यासकार अश्विनी कुमार दुबे का नया कहानी संग्रह- ' पेड़ तथा अन्य कहानियां ' सत्साहित्य प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशि...

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धनिका - मधु चतुर्वेदी By राजीव तनेजा

आज भी हमारे समाज में आम मान्यता के तहत लड़कियों की बनिस्बत लड़कों को इसलिए तरजीह दी जाती है कि लड़कियों ने तो मोटा दहेज ले शादी के बाद दूसरे घर चले जाना है जबकि लड़कों ने परिवार के साथ...

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मेरी विरासत :स्वतंत्रता के बाद प्रथम शिक्षित स्त्री पीढ़ी By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ [ `कथादेश` के सुधा अरोड़ा जी के बेहद लोकप्रिय स्तम्भ `औरत की दुनियां `में प्रकाशित लेख का विस्तार ]     मेरी नानी रुक्मणि देवी के पिता कोटा में अपने आस-पास...

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माँडू के अहसासः रानी रूपमती By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ माँडू या माँडवगढ़ में रानी रूपमती के मंडप की आसमान को छूती इमारत की खुली लंबी छत के दोनों किनारे दो मंडप । कहते हैं रानी रूपमती नर्मदा नदी के तट पर बसे गाँव धर्मपुर...

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अनुबोधपंचशिका By Pranava Bharti

============= प्रणेता ;डॉ.उमाकान्त शुक्ल: आद्यसम्पादक: पद्म श्री –डॉ. रमाकान्त शुक्ल: =======&...

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चौसर - जितेन्द्र नाथ By राजीव तनेजा

थ्रिलर उपन्यासों का मैं शुरू से ही दीवाना रहा हूँ। बचपन में वेदप्रकाश शर्मा के उपन्यासों से इस क़दर दीवाना बनाया की उनका लिखा 250-300 पेज तक का उपन्यास एक या दो सिटिंग में ही पूरा प...

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बर्फ़खोर हवाएँ - हरप्रीत सेखा - अनुवाद (सुभाष नीरव) By राजीव तनेजा

साहित्य को किसी देश या भाषा के बंधनों में बाँधने के बजाय जब एक भाषा में अभिव्यक्त विचारों को किसी दूसरी भाषा में जस का तस प्रस्तुत किया जाता है तो वह अनुवाद कहलाता है। ऐसे में किसी...

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इतिहास की एक दर्दीली आहः गन्ना बेगम By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ  कहते हैं अठारहवीं सदी में अब्दुल कुली खान की अपूर्व सुंदर बेटी जितनी सुंदर गज़लें लिखती थी उतने ही सुंदर अंदाज में गाती थी। वह इतना सुरीला गाती थी कि लोग उसे...

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घर का ठूठ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

घर का ठूठ -घर का ठूठ कहानी कहानीकार के अंतर्मन से उठती संवेदनाओं का साक्षात है संबंधों का मिलना बिछड़ना उनके साथ बिताए जीवन के सुख दुःख के पल प्रहर कि वेदना कहती है घर का ठूंठ । कह...

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कोरोनकाल में रही बुद्धजीवियों की भूमिका की कथा By Kishanlal Sharma

कोरोना को नहीं दोषु गोंसाईउपन्यासकार-डॉ राकेश कुमार सिंहप्रकाशक--निखिल पब्लिशर्स एन्ड डिस्टिब्यूटर्सविष्णु कॉलोनी,शाहगंज, आगरापृष्ठ-144,मूल्य-500रु---------------------------------...

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यूपी 65 निखिल सचान उपन्यास समीक्षा By Agatha Christie

कहानी: 3.5/5पात्र: 3.5/5लेखन शैली: 4/5उत्कर्ष: 4/5मनोरंजन: 4/5“वाह जी वाह! एक गुलजार साहब हुए हैं। और एक हुए हैं अमित कुमार पांडे। इतिहास में आज तक का सबसे दर्द भरा ब्रेक अप लेटर ग...

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नया सबेरा - उपन्यास - समीक्षा By Prafulla Kumar Tripathi

समीक्ष्य पुस्तक : नया सबेरा (उपन्यास ):लेखक -श्री सूर्य नारायण शुक्ल उपन्यास लेखन के प्रमुखत : 6 तत्व होते हैं-(१) कथानक / कथावस्तु (२) पात्र / चरित्र-चित्रण (३) कथोप कथन / संवाद (...

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महिमा प्रभु श्रीराम की-कमलकान्त शर्मा By राज बोहरे

महिमा प्रभु श्रीराम कीकमलकान्त शर्मासंदर्भ प्रकाशन भोपाल से कमलकांत शर्मा की कृति 'महिमा प्रभु श्री राम की' पिछले दिनों प्रकाशित हुई है। भारत वर्ष में राम कथा और कृष्ण कथा...

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उम्र दर उम्र-अनिता रश्मि By राज बोहरे

समीक्षा -उम्र दर उम्र(कहानी सँग्रह)लेखिका-अनिता रश्मिप्रकाशक-राष्ट्रीय सेल्स एजेंसी जयपुररांची बिहार की कथा लेखिका अनीता रश्मि का पहला कहानी संग्रह "उम्र दर उम्र" राष्ट्रीय सेल्स ए...

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संजना : (उपन्यास) - पुस्तक समीक्षा By Prafulla Kumar Tripathi

संजना : अतीत ऐसा जो पीछा छोड़ना नहीँ चाहता !श्री सूर्य नारायण शुक्ल का लिखा उपन्यास "संजना" एक ऐसी कैशोर्य उम्र की लड़की संजना की रोचक कहानी का ताना बाना लिए हुए है जिसके जीवन में अन...

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द डार्केस्ट डेस्टिनी - डॉ. राजकुमारी By राजीव तनेजा

आमतौर पर जब भी कभी किसी के परिवार में कोई खुशी या पर्व का अवसर होता है, तो हम देखते हैं कि हमारे घरों में हिजड़े (किन्नर) आ कर नाचते-गाते हुए बधाइयाँ दे कर इनाम वगैरह ले जाते हैं। क...

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सुखना के दुःख हम सबके दुःख है By Yashvant Kothari

पाठकीय प्रतिक्रिया सुखना के दुःख हम सब के दुःख है . शशि कान्त सिंह का तीसरा व्यंग्य उपन्यास  सुखना के नाम से आया है .इस से पहले उनके दो उपन्यास प्रजातंत्र के प्रेत व दीमक आये थे ,द...

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महिमा मण्डित– सुषमा मुनीन्द्र By राज बोहरे

महिमा मंडित समीक्षा ‘महिमा मंडित’ कहानी संग्रह सुषमा मुनींद्र का बारह कहानियों का संग्रह है, जो श्री प्रकाशन दुर्ग से प्रकाशित हुआ है। इस कहानी संग्रह से सुषमा मुनींद्र के कहानी सं...

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चिन्तन-चन्द्रशेखर गोस्वामी By राज बोहरे

चिंतनचंद्रशेखर गोस्वामी का यह गद्य संग्रह 'चिंतन 'कुल बारह रचनाओं के साथ साहित्य केंद्र प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। साहित्य से इतर रसायन शास्त्र की पाठ्यपुस्तकों आदि...

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रश्मिरथी पुस्तक परिचय By Divya Modh

पुस्तक नाम: रश्मिरथी लेखक: : रामधारी सिंह दिनकर प्रकाशन:१९५२   आज तक महाभारत को सब ने कृष्णा और पांडव की नजरो से समझा और देखा है। पर रामधारी सिंह दिनकर जी  की लिखी रश्मिरथी एक  ऐसी...

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सितारों में सूराख़ - अनिलप्रभा कुमार By राजीव तनेजा

अभी हाल-फिलहाल में ही एक ख़बर सुनने..पढ़ने एवं टीवी के ज़रिए जानने को मिली कि हमारे यहाँ किसी उन्मादी सिपाही ने चलती ट्रेन में अपनी सरकारी बंदूक से एक ख़ास तबके के निरपराध यात्रियों पर...

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कनक मृग-पूरनचंद शर्मा -समीक्षा By राज बोहरे

कनक मृगखण्ड काव्यपूरन चन्द्र शर्मा समीक्षा- राज बोहरे राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त ने लिखा है -राम तुम्हारा नाम स्वयं ही काव्य है,कोई कवि बन जाए सहज संभाव्य है !ऐसी ही विनम्र टिप्पण...

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हांडी भरी यातना-शोभनाथ शुक्ल By राज बोहरे

समीक्षा हांडी भरी यातनाराजनारायण बोहरे‘हांडी भरी यातना’ डॉ . शोभनाथ शुक्ला का कहानी संग्रह है जिसमें उनकी आठ कहानियां शामिल है ।यह समस्त कहानियां अपने लिखे जाने के दिनों में हिंदी...

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गूंगा गांव - श्याम त्रिपाठी संपादक हिंदी चेतना कैनेडा By ramgopal bhavuk

समीक्षा- गूंगा गांव लेखक रामगोपाल भावुक अत्याचारों के विरुद्ध क्रांतिकारी चेतावनी श्याम त्रिपाठी संपादक हिंदी चेतना कैनेडा कुछ अस्वस्थ होने के कारण पत्र व्यवहार और लेखन कार्य को सु...

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वैदिक काल में स्त्री पुरुष का सामाजिक स्तर समान था ? By Neelam Kulshreshtha

डॉ. उमा देशपांडे [ अनुवाद :नीलम कुलश्रेष्ठ] [हम एक थियोरी लेकर चलते हैं की वैदिक काल में स्त्री-पुरुष को समान अधिकार थे। वड़ोदरा की एन जी ओ “सहियर” व अहमदाबाद की एन जीओ...

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केशवदास की भाषा By राज बोहरे

केशव एक अनूठा भाषा संसार बनाते हैं आचार्य केशव दास जी की भाषा पर बात करते समय अनेक अनेक पहलुओं पर गौर करना आवश्यक है। केशव केवल एक साधारण कवि नहीं थे वे तो परंपराओं के सेतु थे, एक...

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श्री श्यामसुंदर श्याम का कवि रूप By शैलेंद्र् बुधौलिया

श्री श्याम सुन्दर 'श्याम' की काव्य रचना- शैलेन्द्र बुधोलियाऐसे व्यक्तित्व दुर्लभ और महान होते हैं जिनका विकास एक रैखिक न होकर अनेक आयामों में समान रचना धर्मिता की उपलब्धियो...

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ढोलक बजाती वो औरत -- मेरी माँ By Neelam Kulshreshtha

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] ९ जून २०१८ को भतीजे अभिन्न ने आगरा से सुबह साढ़े सात बजे सूचना दी कि मेरी मम्मी जी नहीं रहीं। उनके अंत से अपने व उनके समबन्ध को स्पष्ट कर रहीं हूँ। मैं बेंगलौर म...

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स्मृति ग्रँथ-डॉ हरिहर गोस्वामी By शैलेंद्र् बुधौलिया

स्मृति ग्रँथ डॉ हरिहर गोस्वामी सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेकर और सहज सामान्य रूप में पल बढ़कर कैसे महानता और सरलता के शीर्ष को छुआ जा सकता है, यह डॉ हरिहर गोस्वामी मानस...

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प्रमोद अश्क -चंद गजलें अश्क की By राज बोहरे

प्रमोद अश्क -चंद गजलें अश्क कीकम लेकिन घनीभूत संवेदना की ग़ज़ल -राजनारायण बोहरे दतियापुस्तक-चंद गजलें अश्क कीकवि- प्रमोद अश्क प्रकाशक-हिंदी उर्दू मजलिसप्रमोद अश्क का नाम उन पुख्ता कव...

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अवध की बात - हरिकृष्ण हरि By शैलेंद्र् बुधौलिया

लोकसंस्कृति को समर्पित कवि –हरिकृष्णहरि  दिनांक तेरह दिसम्बर दो  हजार उन्नीस  को ‘साहित्य एक्सप्रेस’ का डॉक्टर मानस विश्वास पर केंद्रित विशेषांक लोकार्पित हुआ तो उसमें यह पढ़कर अत्...

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डॉ श्याम बिहारी श्रीवास्तव By शैलेंद्र् बुधौलिया

श्याम बिहारी श्रीवास्तव साहित्य और साहित्यकार मानव समाज को परमपिता परमात्मा की बड़ी देन है। धर्म, अर्थ, काम मोक्ष इन चारों की सिद्धियों में सदसाहित्य का अविस्मरणीय योगदान है। हमारा...

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हरिसिंह हरीश की ग़ज़ल By राज बोहरे

पुस्तक समीक्षा- हरिसिंह हरीशराजनारायण बोहरे हर मिजाज की ग़ज़लेंपुस्तक-गम लेके फूल दियेग़ज़ल संग्रहकवि- हरिसिंह हरीशप्रकाशक-सुमन साहित्य सदन दतियाहरिसिंह हरीश संवेदनाओं से लबरेज ऐसे रचन...

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बेहटा कलां - इंदु सिंह By राजीव तनेजा

आज़ादी बाद के इन 76 सालों में तमाम तरह की उन्नति करने के बाद आज हम बेशक अपने सतत प्रयासों से चाँद की सतह को छू पाने तक के मुकाम पर पहुँच गए हैं मगर बुनियादी तौर पर हम आज भी वही पुरा...

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समकालीन कहानी में सांस्कृतिक मूल्य-डॉ पदमा शर्मा By राज बोहरे

डॉ0पदमा शर्मा समकालीन हिन्दी कहानी में सांस्कृतिक मूल्य’राजनारायण बोहरेपुस्तक- समकालीन हिन्दी कहानी में सांस्कृतिक मूल्यलेखिका-डॉ0पदमा शर्माप्रकाशक-रजनी प्रकाशन दिल्ली‘ समकालीन हिन...

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जंगल के ख़िलाफ़-हीरालाल नागर By राज बोहरे

अनछुए क्षेत्र में पहुँची कविताएँ “जंगल के खिलाफ“युवा कवि हीरालाल नागर के नव्यतम कविता संग्रह “जंगल के खिलाफ“ की कविताऐं हमारे आसपास के उपेक्षित संसार पाठकों के समक्ष पूरी शिद्दत, ई...

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मुखबिर उपन्यास मुकम्मल- डॉ जी के सक्सैना By राज बोहरे

राजबोहरे:मुखबिर उपन्यास चंबल का उपाख्यान है- डॉक्टर गोपाल किशोर सक्सेनाहर ताकतवर आदमी के लिए मुखबिर की फौज चाहिए होती है |वह हर कीमत पर मुखबिर ढूंढता है |कभी पैसे के लालच से, तो कभ...

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कहा गुलाब ने-श्यामा सलिल By राज बोहरे

कहा गुलाब नेः हम उगाएँगे हँसी दुःख की फसल सेहिंदी कविता के साथ एक अजीब सी परम्परा रही है कि जो कवि मंच पर जितना श्रेय प्राप्त करता हैं, मंच से दूर प्रकाशन जगत में उतना ही कम जाना ज...

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जनवादी ग़ज़ल का शायर-सीताराम साबिर By राज बोहरे

सीताराम साबिर : सूफियाना प्रकृति के शायर राजनारायण बोहरेसाहित्य सर्जन को अपना ईमान धर्म समझने वाले शायरों में दतिया के सीता राम कटारिया साबिर का उल्लेख बड़े फख्र के साथ होता है |उन...

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बेतवा बहती रही -मैत्रेयी पुष्पा By राज बोहरे

बेतवा बहती रहीमैत्रेयी पुष्पा का नाम हिन्दी कथा साहित्य में आज की सर्वाधिक चर्चित लेखिका के रूप में लिया जाता है।उनकी कथायें गांव की सीधे-सहज सरल लोगों की कहानियाँ हैं, जिनके आस-पा...

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इज़्ज़त आबरू पर लक्ष्मीनारायण बुनकर By राज बोहरे

इति वृतात्मकता की वापसी: इज्जत-आबरूडा0 लक्ष्मीनारायण बुनकर कथा संग्रह -इज्जत-आबरूलेखक-राजनारायण बोहरेयात्री प्रकाशन दिल्ली आज की हिन्दी कहानी पर तमाम आरोप एक लम्बे समय से लगभग हरेक...

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आज की अहिल्या By Neelam Kulshreshtha

पत्थर बनने से इंकार करती डॉ. इंदु झुनझुनुवाला की 'आज की अहिल्या' [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] सुप्रसिद्ध साहित्यकार रमणिका गुप्ता जी बिहार की कोलियारी के मज़दूरों के लिए काम करतीं थी...

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किसान पुराण आड़ा वक्त -प्रतिभा पाण्डेय By राज बोहरे

समीक्षा लेखकिसान पुराण :आड़ा वक़्तप्रो0 प्रतिभा पाण्डेय प्रेमचंद के पहले किसान से जुड़े उपन्यास बहुत कम संख्या में पाए जाते हैं। स्वयं प्रेमचंद ने भी शुरू में किसानों पर ध्यान केंद्रि...

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पंच परमेश्वर अद्भुत कथा-आनन्द मोहन सक्सैना By राज बोहरे

पंच परमेश्वर अद्भुत कथा -आनंद मोहन सक्सैना प्रेमचंद की कहानी उपन्यासों में आए वाक्य और वाक्यांश तुलसी की जनसामान्य में प्रयुक्त होने वाली चौपाइयों की अनुरूप ही साहित्य जगत में स्था...

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एक थी महुआ-सविता वर्मा ग़ज़ल By राज बोहरे

समीक्षा-एक थी महुआराज बोहरे सावित्री वर्मा गजल का नया कहानी संग्रह ‘एक ही महुआ’ आरती प्रकाशन लाल कुआं नैनीताल से प्रकाशित हुआ है। इसमें लेखिका की इक्कीस कहानियां सम्मिलित हैं । लेख...

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स्तुति - सौरभ कुदेशिया By राजीव तनेजा

ईसा पूर्व हज़ारों साल पहले कौरवों और पांडवों के मध्य हुए संघर्ष को आधार बना कर ऋषि वेद व्यास द्वारा उच्चारित एवं गणेश द्वारा लिखी गयी महाभारत अब भी हमें रोमांचित करती है। इस महागाथा...

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पेड़ तथा अन्य कहानियां-समीक्षा By राज बोहरे

पेड़ तथा अन्य कहानियां राजनारायण बोहरेप्रसिद्ध व्यंग्यकार उपन्यासकार अश्विनी कुमार दुबे का नया कहानी संग्रह- ' पेड़ तथा अन्य कहानियां ' सत्साहित्य प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशि...

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धनिका - मधु चतुर्वेदी By राजीव तनेजा

आज भी हमारे समाज में आम मान्यता के तहत लड़कियों की बनिस्बत लड़कों को इसलिए तरजीह दी जाती है कि लड़कियों ने तो मोटा दहेज ले शादी के बाद दूसरे घर चले जाना है जबकि लड़कों ने परिवार के साथ...

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मेरी विरासत :स्वतंत्रता के बाद प्रथम शिक्षित स्त्री पीढ़ी By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ [ `कथादेश` के सुधा अरोड़ा जी के बेहद लोकप्रिय स्तम्भ `औरत की दुनियां `में प्रकाशित लेख का विस्तार ]     मेरी नानी रुक्मणि देवी के पिता कोटा में अपने आस-पास...

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माँडू के अहसासः रानी रूपमती By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ माँडू या माँडवगढ़ में रानी रूपमती के मंडप की आसमान को छूती इमारत की खुली लंबी छत के दोनों किनारे दो मंडप । कहते हैं रानी रूपमती नर्मदा नदी के तट पर बसे गाँव धर्मपुर...

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अनुबोधपंचशिका By Pranava Bharti

============= प्रणेता ;डॉ.उमाकान्त शुक्ल: आद्यसम्पादक: पद्म श्री –डॉ. रमाकान्त शुक्ल: =======&...

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चौसर - जितेन्द्र नाथ By राजीव तनेजा

थ्रिलर उपन्यासों का मैं शुरू से ही दीवाना रहा हूँ। बचपन में वेदप्रकाश शर्मा के उपन्यासों से इस क़दर दीवाना बनाया की उनका लिखा 250-300 पेज तक का उपन्यास एक या दो सिटिंग में ही पूरा प...

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बर्फ़खोर हवाएँ - हरप्रीत सेखा - अनुवाद (सुभाष नीरव) By राजीव तनेजा

साहित्य को किसी देश या भाषा के बंधनों में बाँधने के बजाय जब एक भाषा में अभिव्यक्त विचारों को किसी दूसरी भाषा में जस का तस प्रस्तुत किया जाता है तो वह अनुवाद कहलाता है। ऐसे में किसी...

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इतिहास की एक दर्दीली आहः गन्ना बेगम By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ  कहते हैं अठारहवीं सदी में अब्दुल कुली खान की अपूर्व सुंदर बेटी जितनी सुंदर गज़लें लिखती थी उतने ही सुंदर अंदाज में गाती थी। वह इतना सुरीला गाती थी कि लोग उसे...

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