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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Book Reviews in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultu...Read More


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डा. आशा पथिक का रचना संसार - पाठकीय प्रतिक्रिया By Yashvant Kothari

पाठकीय प्रतिक्रिया डा. आशा पथिक का रचना संसार यशवंत कोठारी आशा शर्मा की लेखकीय दुनिया से रूबरू होने का मौका  मिला .  वे आशा पथिक नाम से लेखन करती हैं .लगभग तीस वर्षों  के बाद आशा अ...

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पुस्तक समीक्षा - तुम बिन सूना मधुमास By Sudhir Srivastava

पिछले दिनों युवा कवयित्री सुमन लता जी का काव्य संग्रह 'तुम बिन सूना मधुमास' प्राप्त हुआ। स्वास्थ्य कारणों से चाहकर भी अपने विचार व्यक्त नहीं कर पाया। अब आज जब लिखने की कोशि...

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नई इबारत - सुधा जुगरान By राजीव तनेजा

जब भी मैं किसी कहानी संकलन या उपन्यास को पढ़ने का विचार बनाता हूँ तो अमूमन सबसे पहले मेरे सामने ये दुविधा उत्पन्न हो जाती है कि मैं किस किताब से अपने नए साहित्यिक सफ़र की शुरुआत करूँ...

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पूर्णिमांजलि काव्य संग्रह By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षा"पूर्णिमांजलि" काव्य संग्रह******************* ️ समीक्षक - सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा उत्तर प्रदेश गतवर्ष जब आ.डॉ पूर्णिमा दीदी के काव्य संग्रह " * पूर्णिमांजलि* का विमो...

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घातक कथाएँ - अलंकार रस्तोगी By राजीव तनेजा

व्यंग्य से पहलेपहल मेरा वास्ता/परिचय नवभारत टाईम्स में छपने वाले शरद जोशी जी के अख़बारी कॉलम के ज़रिए हुआ। सरल शब्दों में उनकी लेखनी से निकला एक-एक व्यंग्य मुझे कहीं न कहीं..कुछ न कु...

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मनुष्यता गुंजन: एक अनूठा उपहार By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षामधुब्रत गुंजन: एक अनूठा उपहार******** वरिष्ठ शिक्षक/कवि/संपादक/छंद प्रणेता डा. ओम प्रकाश मिश्र 'मधुब्रत'जी के काव्य संग्रह "मधुब्रत गुंजन" का प्रारंभ ही कवि क...

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मेन काम्फ By ABHAY SINGH

किताबे, कालजयी हो सकती हैं.. और टाइम कैप्सूल भी। हर किताब लेखक की सोच, और उसके दौर का प्रतिनिधित्व भी करती है। हिटलर की मेन काम्फ 1924-25 में लिखी गई। ●●1921 में मिलान से लॉन्ग मार...

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The Psychology of money - Hindi Book review By Mahendra Sharma

मॉर्गन हाउसल की 'द साइकोलॉजी ऑफ मनीः टाइमलेस लेसंस ऑन वेल्थ, ग्रीड एंड हैप्पीनेस' मानव व्यवहार और भावनाओं की एक गहरी खोज है जो हमारे वित्तीय निर्णयों को आकार देती है। मुद्र...

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देशप्रेम और देशभक्ति का पर्याय - चंदन माटी मातृभूमि की By Sudhir Srivastava

************** देशप्रेम और देशभक्ति रचनाओं का 177 पृष्ठीय 108 रचनाओं वाले काव्य संग्रह "चंदन माटी मातृभूमि की" को रचनाकार ने "अपने भारत राष्ट्र को समर्पित सभी बलिदानियों, देशधर्म व...

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अंजुरी भर नेह - रेणु गुप्ता By राजीव तनेजा

अस्सी के दशक को लुगदी साहित्य का स्वर्णिम युग कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। युवाओं से लेकर अधेड़ों एवं बुज़ुर्गों तक के हाथ में इसी तरह के उपन्यास नज़र आते थे। घरों में पाबंदी...

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पोटली..... एहसासों की - पुस्तक समीक्षा By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षाभावों की पोटली है : पोटली ...एहसासों की****** पिछले दिनों जब अनुजा भारती यादव 'मेधा' का एकल कविता संग्रह "पोटली ...एहसासों की" स्नेह स्वरुप प्राप्त हुई थी, तो...

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The Alchemist Hindi Book Review By Mahendra Sharma

पाउलो कोएल्हो की "द अल्केमिस्ट" एक कालातीत और रूपकात्मक कहानी है जो एक चरवाहे लड़के सैंटियागो की यात्रा का अनुसरण करती है, जो खजाना खोजने का सपना देखता है और आत्म-खोज की खोज शुरू क...

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कर्मफल भावार्थ सहित By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षा कर्मफल भावार्थ सहित ******************* मानव जीवन तमाम विडंबनाओं, विसंगतियों से भरा है, जीवन पथ पर आगे बढ़ते हुए कब हमारे जीवन की दिशा बदल जाती है, हमें पता ही नहीं...

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पुस्तक समीक्षा - गीत सागर By Sudhir Srivastava

शिक्षक/कवि राम रतन यादव की प्रशंसा करने का मेरा कोई इरादा नहीं हैं, फिर भी अपने पहले काव्य संग्रह को बेटी के नाम को ज्योतिमय करते हुए उन्होंने समाज को बड़ा संदेश देने के बाद जैसे अप...

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कब आयेंगे दिन By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षा "कब आयेंगे दिन"***************** 07 अप्रैल 2024 को दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के संवाद भवन में हिंदी साहित्य परिवार के स्थापना दिवस समारोह में सेवानिवृत...

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मैं भारत हूँ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मैं भारत हूँ-( काव्य संग्रह)श्री भीम प्रसाद प्रजापति #मैं भारत हूँ# -पुस्तक का शीर्षक ही स्प्ष्ट करता है कि काव्य संग्रह के अंतर्गत सामाजिक ,राष्ट्रीय ,राजनीतिक समसामयिक ,प्राकृतिक...

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नागफनी के कांटे 'जीवन और इसके दंश By Neelam Kulshreshtha

नागफनी के कांटे 'जीवन और इसके दंश [ नीलम कुलश्रेष्ठ व तृप्ति अय्यर ] [डॉ .सुधा श्रीवास्तव जी को मैं अहमदाबाद रहने आने से बरसों पूर्व से जानती थी क्योंकि इनकी कुछ रचनाएं साहित्य...

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पाकिस्तान मेल - खुशवंत सिंह - उषा महाजन (अनुवाद) By राजीव तनेजा

भारत-पाकिस्तान के त्रासदी भरे विभाजन ने जहाँ एक तरफ़ लाखों करोड़ों लोगों को उनके घर से बेघर कर दिया तो वहीं दूसरी तरफ़ जाने कितने लोग अनचाही मौतों का शिकार हो वक्त से पहले ही इस फ़ानी...

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रत्नावली उपन्यास रोचकता से भरपूर रामगोपाल भावुक By ramgopal bhavuk

उपन्यास रत्नावली में रोचकता भरपूर” :                                   समीक्षक सुरेंद्रपाल सिंह कुशवाहा 1998 में लिखा गया लेखक रामगोपाल भावुक का ऐतिहासिक उपन्यास “रत्नावली” गोस्वाम...

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बुआ का गाँव -सुरेन्द्र पाल सिंह By ramgopal bhavuk

बुआ का गाँब एक घरोहर                                          रामगोपाल भावुक                  सुरेन्द्रपाल सिंह कुशवाह का उपन्यास ‘बुआ का गाँब’ एक घरोहर  कृति है। इसमें  देश की स्व...

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भारत रत्न रविशंकर By ramgopal bhavuk

भारत रत्न पंडित रविशंकर                     नव्यता के नायक पर शोधपूर्ण दृष्टि                                                    रामगोपाल भावुक   भारतीय बांग्मय में शास्त्रीय संगीत...

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सुनीता पाठक - कोर्नर वाले अंकल By ramgopal bhavuk

कॉर्नर वाले अंकल जी के बहाने सुनीता पाठक                                                                    रामगोपाल भावुक                                                         ...

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कुछ याद रहा कुछ भूल गया -राजकुमार शर्मा By ramgopal bhavuk

कुछ याद रहा कुछ भूल गया संस्मरणात्मक दस्तावेज।                                                                                                                                      ...

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रामगोपाल भावुक जी डबरा वालों की कहानियाँ By ramgopal bhavuk

          आदमी की नब्ज   आदमी की नब्ज श्री राम गोपाल भावुक का लिखा कहानी संग्रह है जो वास्तव में उनके अनुभवों के गुलसिता से निकला हुआ महत्वपूर्ण फूलों से तैयार एक गुलदस्ता है। जिसम...

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राघव (खण्ड -1) - विनय सक्सेना By राजीव तनेजा

बॉलीवुड की फ़िल्मों में आमतौर पर आपने देखा होगा कि ज़्यादातर प्रोड्यूसर एक ही ढर्रे या तयशुदा फॉर्मयुलों पर आधारित फ़िल्में बनाते हैं या बनाने का प्रयास करते हैं। एक समय था जब खोया-पा...

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पुस्तक समीक्षा - धूप के कतरे By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समीक्षा-- धूप के खतरे (गजलकार घनश्याम परिश्रमी )नेपाली भाषा के ख्याति लब्ध साहित्यकार डॉ घनश्याम परिश्रमी जिन्होंने #नेपाल और हिंदी गज़लों का विशेणात्मक अध्ययन# विषय पर पी एच डी किय...

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समीक्ष - विपश्यना लेखिका- इंदिरा दांगी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समीक्षा--- विपश्यना लेखिका-- इंदिरा दांगीविपश्यना कहानी संग्रह विदुषी इन्दिरा दांगी जीवन की अनुभूतियों अनुभव को समेटे काल कलेवर के परिवर्तित आचरण कि अभिव्यक्तियो कि बेहद सुंदर संकल...

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सुबह की धूप - समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सुबह कि धूप - शिक्षक समाज निर्माण कि धुरी होता है वह समय का साक्ष्य बनकर एव धैर्य धीर रहकर राष्ट्र के निर्माण में अपनी सर्वांगीण भूमिकाओं का निर्वहन करता है शिक्षक के अंतर्मन में व...

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समीक्षा काव्य संग्रह मुरारी की चौपाल By नंदलाल मणि त्रिपाठी

*पम्परागत मूल्यों एवं मान्यताओं के परिपेक्ष्य में, अतुलनीय है यह काव्य-संग्रह*(समीक्षक- नन्दलाल मणि त्रिपाठी 'पीताम्बर',गोरखपुर) "मुरारी की चौपाल" अतुल जी की अविस्मरणीय छंद...

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दरद न जाने कोय By Yashwant Kothari

दरद न जाने कोय- याने जीवन तो सरलता से जीने की कला है रमेश खत्री का ताज़ा उपन्यास दरद न जाने कोय आया है. उपन्यास को पढना एक सुखद अनुभव रहा. मध्यम वर्ग का नायक किस तरह जीवन की उलझनों...

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देर आयद - दिलीप जैन By राज बोहरे

: दिलीप जैन का उपन्यास देर आयद पिछले दिनों पढ़ने को मिला इस उपन्यास को पढ़ते समय मैंने महसूस किया कि बरसों पहले जो सामाजिक उपन्यास लिखे जाते थे जिनमें से कुछ तो पाठ्यक्रम में भी रह...

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अजंता भित्तिचित्रों पर उकेरी प्रेम की अद्भुत कहानी By Neelam Kulshreshtha

(डॉ. नूतन पांडेय) नीलम कुलश्रेष्ठ का उपन्यास `पारू के लिये काला गुलाब’ पाठक को पहली दृष्टि में एक रोमानी प्रेम कहानी सा लग सकता है लेकिन जैसे-जैसे पाठक इस उपन्यास के विविध पक...

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गुमशुदा क्रेडिट कार्ड्स - ये कहानियां मेरी नज़र में - 2 By Neelam Kulshreshtha

एपीसोड ---2 डॉ. रंजना जायसवाल की कहानी में वही जद्दो जेहद है --' रोज़ सुबह आँख खुलते ही ज़िंदगी उसका इम्तिहान लेने के लिए खड़ी रहती ...और अपने आप से सवाल करती... आज मैं पास तो हो...

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विनय पत्रिका - पुस्तक समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-विनय पत्रिका ----आदरणीय तुलसी दास जी द्वारा रचित विनय पत्रिका तुलसी दास जी के सम्पूर्ण भाव व्यक्तित्व से निकला यैसा रस है जो तुलसी दास जी के काल में तुलसी दास द्वारा मानव मानवता...

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धर्मबीर भारती कि कनुप्रिया By नंदलाल मणि त्रिपाठी

धर्मबीर भारती की काल जयी कृति कनुप्रिया-----कनुप्रिया यानी कृष्ण की प्रिया यह रचना नारी मन की संवेदनशीलता की परम शक्ति राधा की अनुभूतियों की गाथा है साथ ही साथ नारी अन्तर्मन की गहर...

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मृदुल कीर्ति जी का गद्य कोष एव वैचारिक ऊर्जा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मृदुल कीर्ती जी का गद्यकोष एवं वैचारिक ऊर्जा---मृदुल कीर्ति जी का यह लेख जीवनदर्शन की सकारात्मकता का बोध है जो व्यक्ति व्यक्तित्व एव जीवन जन्म की सार्थकता को विचारों के निर्माण से...

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नृशंस सभ्य समाज की जंगलों से आदिवासियों को खदेड़ने की साज़िश - समीक्षा By Neelam Kulshreshtha

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] उस दिन मुम्बई के अपने घर में उपन्यास 'कालचिती को पढ़कर आदिवासियों की हालत जान कर दिल दहल रहा था। मैं किसी ज़रूरी काम से सड़क तक आ गई थी, ख़ामख़्याली में ये पुस्त...

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कहानी भूख कि समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भूख--भूख चित्रा मुद्गल जी कि मार्मिक समाज एव जीवन के यथार्थ का आईंना है।नगर महानगर की संस्कृति में मानवीय मुल्यों के छरणएव द्वंद के प्रतिकर्षण की वेदना एवं कराह का वर्तमान तो भविष्...

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पूतोंवाली - शिवानी By राजीव तनेजा

आजकल के इस आपाधापी से भरे माहौल में हम सब जीवन के एक ऐसे फेज़ से गुज़र रहे हैं जिसमें कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा पा लेने की चाहत की वजह से निरंतर आगे बढ़ते हुए बहुत कुछ पीछे ऐसा छूट...

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मुंशी प्रेमचंद कि कहानी नशा कि समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मुन्सी प्रेम चंद्र की कहानी नशा की समीक्षाकथा सम्राट मुन्सी प्रेम चंद्र जी कीकहानियों की समीक्षा करना किसी भी साधारण साहित्यकार के लिये कदाचित संभव नहीं है ।मात्र यही गौरव की बात ह...

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पूर्णाहुति By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मृदुल बिहारी जी कि कालज्यी कृति पूर्णाहुति -मृदुल बिहारी एक ऐसा नाम जिनकी अभिव्यक्ति ने साहित्य को एक नई पहचान एवं ऊंचाई प्रधान करने कि साध्य साधना के महा अनुष्ठान के महायज्ञ की हव...

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डा. आशा पथिक का रचना संसार - पाठकीय प्रतिक्रिया By Yashvant Kothari

पाठकीय प्रतिक्रिया डा. आशा पथिक का रचना संसार यशवंत कोठारी आशा शर्मा की लेखकीय दुनिया से रूबरू होने का मौका  मिला .  वे आशा पथिक नाम से लेखन करती हैं .लगभग तीस वर्षों  के बाद आशा अ...

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पुस्तक समीक्षा - तुम बिन सूना मधुमास By Sudhir Srivastava

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जब भी मैं किसी कहानी संकलन या उपन्यास को पढ़ने का विचार बनाता हूँ तो अमूमन सबसे पहले मेरे सामने ये दुविधा उत्पन्न हो जाती है कि मैं किस किताब से अपने नए साहित्यिक सफ़र की शुरुआत करूँ...

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पूर्णिमांजलि काव्य संग्रह By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षा"पूर्णिमांजलि" काव्य संग्रह******************* ️ समीक्षक - सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा उत्तर प्रदेश गतवर्ष जब आ.डॉ पूर्णिमा दीदी के काव्य संग्रह " * पूर्णिमांजलि* का विमो...

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पुस्तक समीक्षामधुब्रत गुंजन: एक अनूठा उपहार******** वरिष्ठ शिक्षक/कवि/संपादक/छंद प्रणेता डा. ओम प्रकाश मिश्र 'मधुब्रत'जी के काव्य संग्रह "मधुब्रत गुंजन" का प्रारंभ ही कवि क...

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मेन काम्फ By ABHAY SINGH

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मॉर्गन हाउसल की 'द साइकोलॉजी ऑफ मनीः टाइमलेस लेसंस ऑन वेल्थ, ग्रीड एंड हैप्पीनेस' मानव व्यवहार और भावनाओं की एक गहरी खोज है जो हमारे वित्तीय निर्णयों को आकार देती है। मुद्र...

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************** देशप्रेम और देशभक्ति रचनाओं का 177 पृष्ठीय 108 रचनाओं वाले काव्य संग्रह "चंदन माटी मातृभूमि की" को रचनाकार ने "अपने भारत राष्ट्र को समर्पित सभी बलिदानियों, देशधर्म व...

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पोटली..... एहसासों की - पुस्तक समीक्षा By Sudhir Srivastava

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पाउलो कोएल्हो की "द अल्केमिस्ट" एक कालातीत और रूपकात्मक कहानी है जो एक चरवाहे लड़के सैंटियागो की यात्रा का अनुसरण करती है, जो खजाना खोजने का सपना देखता है और आत्म-खोज की खोज शुरू क...

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कर्मफल भावार्थ सहित By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षा कर्मफल भावार्थ सहित ******************* मानव जीवन तमाम विडंबनाओं, विसंगतियों से भरा है, जीवन पथ पर आगे बढ़ते हुए कब हमारे जीवन की दिशा बदल जाती है, हमें पता ही नहीं...

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पुस्तक समीक्षा "कब आयेंगे दिन"***************** 07 अप्रैल 2024 को दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के संवाद भवन में हिंदी साहित्य परिवार के स्थापना दिवस समारोह में सेवानिवृत...

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मैं भारत हूँ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

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नागफनी के कांटे 'जीवन और इसके दंश By Neelam Kulshreshtha

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रत्नावली उपन्यास रोचकता से भरपूर रामगोपाल भावुक By ramgopal bhavuk

उपन्यास रत्नावली में रोचकता भरपूर” :                                   समीक्षक सुरेंद्रपाल सिंह कुशवाहा 1998 में लिखा गया लेखक रामगोपाल भावुक का ऐतिहासिक उपन्यास “रत्नावली” गोस्वाम...

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बुआ का गाँव -सुरेन्द्र पाल सिंह By ramgopal bhavuk

बुआ का गाँब एक घरोहर                                          रामगोपाल भावुक                  सुरेन्द्रपाल सिंह कुशवाह का उपन्यास ‘बुआ का गाँब’ एक घरोहर  कृति है। इसमें  देश की स्व...

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भारत रत्न रविशंकर By ramgopal bhavuk

भारत रत्न पंडित रविशंकर                     नव्यता के नायक पर शोधपूर्ण दृष्टि                                                    रामगोपाल भावुक   भारतीय बांग्मय में शास्त्रीय संगीत...

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सुनीता पाठक - कोर्नर वाले अंकल By ramgopal bhavuk

कॉर्नर वाले अंकल जी के बहाने सुनीता पाठक                                                                    रामगोपाल भावुक                                                         ...

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कुछ याद रहा कुछ भूल गया -राजकुमार शर्मा By ramgopal bhavuk

कुछ याद रहा कुछ भूल गया संस्मरणात्मक दस्तावेज।                                                                                                                                      ...

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रामगोपाल भावुक जी डबरा वालों की कहानियाँ By ramgopal bhavuk

          आदमी की नब्ज   आदमी की नब्ज श्री राम गोपाल भावुक का लिखा कहानी संग्रह है जो वास्तव में उनके अनुभवों के गुलसिता से निकला हुआ महत्वपूर्ण फूलों से तैयार एक गुलदस्ता है। जिसम...

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राघव (खण्ड -1) - विनय सक्सेना By राजीव तनेजा

बॉलीवुड की फ़िल्मों में आमतौर पर आपने देखा होगा कि ज़्यादातर प्रोड्यूसर एक ही ढर्रे या तयशुदा फॉर्मयुलों पर आधारित फ़िल्में बनाते हैं या बनाने का प्रयास करते हैं। एक समय था जब खोया-पा...

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पुस्तक समीक्षा - धूप के कतरे By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समीक्षा-- धूप के खतरे (गजलकार घनश्याम परिश्रमी )नेपाली भाषा के ख्याति लब्ध साहित्यकार डॉ घनश्याम परिश्रमी जिन्होंने #नेपाल और हिंदी गज़लों का विशेणात्मक अध्ययन# विषय पर पी एच डी किय...

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समीक्ष - विपश्यना लेखिका- इंदिरा दांगी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समीक्षा--- विपश्यना लेखिका-- इंदिरा दांगीविपश्यना कहानी संग्रह विदुषी इन्दिरा दांगी जीवन की अनुभूतियों अनुभव को समेटे काल कलेवर के परिवर्तित आचरण कि अभिव्यक्तियो कि बेहद सुंदर संकल...

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सुबह की धूप - समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सुबह कि धूप - शिक्षक समाज निर्माण कि धुरी होता है वह समय का साक्ष्य बनकर एव धैर्य धीर रहकर राष्ट्र के निर्माण में अपनी सर्वांगीण भूमिकाओं का निर्वहन करता है शिक्षक के अंतर्मन में व...

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समीक्षा काव्य संग्रह मुरारी की चौपाल By नंदलाल मणि त्रिपाठी

*पम्परागत मूल्यों एवं मान्यताओं के परिपेक्ष्य में, अतुलनीय है यह काव्य-संग्रह*(समीक्षक- नन्दलाल मणि त्रिपाठी 'पीताम्बर',गोरखपुर) "मुरारी की चौपाल" अतुल जी की अविस्मरणीय छंद...

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दरद न जाने कोय By Yashwant Kothari

दरद न जाने कोय- याने जीवन तो सरलता से जीने की कला है रमेश खत्री का ताज़ा उपन्यास दरद न जाने कोय आया है. उपन्यास को पढना एक सुखद अनुभव रहा. मध्यम वर्ग का नायक किस तरह जीवन की उलझनों...

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देर आयद - दिलीप जैन By राज बोहरे

: दिलीप जैन का उपन्यास देर आयद पिछले दिनों पढ़ने को मिला इस उपन्यास को पढ़ते समय मैंने महसूस किया कि बरसों पहले जो सामाजिक उपन्यास लिखे जाते थे जिनमें से कुछ तो पाठ्यक्रम में भी रह...

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अजंता भित्तिचित्रों पर उकेरी प्रेम की अद्भुत कहानी By Neelam Kulshreshtha

(डॉ. नूतन पांडेय) नीलम कुलश्रेष्ठ का उपन्यास `पारू के लिये काला गुलाब’ पाठक को पहली दृष्टि में एक रोमानी प्रेम कहानी सा लग सकता है लेकिन जैसे-जैसे पाठक इस उपन्यास के विविध पक...

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गुमशुदा क्रेडिट कार्ड्स - ये कहानियां मेरी नज़र में - 2 By Neelam Kulshreshtha

एपीसोड ---2 डॉ. रंजना जायसवाल की कहानी में वही जद्दो जेहद है --' रोज़ सुबह आँख खुलते ही ज़िंदगी उसका इम्तिहान लेने के लिए खड़ी रहती ...और अपने आप से सवाल करती... आज मैं पास तो हो...

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विनय पत्रिका - पुस्तक समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-विनय पत्रिका ----आदरणीय तुलसी दास जी द्वारा रचित विनय पत्रिका तुलसी दास जी के सम्पूर्ण भाव व्यक्तित्व से निकला यैसा रस है जो तुलसी दास जी के काल में तुलसी दास द्वारा मानव मानवता...

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धर्मबीर भारती कि कनुप्रिया By नंदलाल मणि त्रिपाठी

धर्मबीर भारती की काल जयी कृति कनुप्रिया-----कनुप्रिया यानी कृष्ण की प्रिया यह रचना नारी मन की संवेदनशीलता की परम शक्ति राधा की अनुभूतियों की गाथा है साथ ही साथ नारी अन्तर्मन की गहर...

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मृदुल कीर्ति जी का गद्य कोष एव वैचारिक ऊर्जा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मृदुल कीर्ती जी का गद्यकोष एवं वैचारिक ऊर्जा---मृदुल कीर्ति जी का यह लेख जीवनदर्शन की सकारात्मकता का बोध है जो व्यक्ति व्यक्तित्व एव जीवन जन्म की सार्थकता को विचारों के निर्माण से...

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नृशंस सभ्य समाज की जंगलों से आदिवासियों को खदेड़ने की साज़िश - समीक्षा By Neelam Kulshreshtha

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] उस दिन मुम्बई के अपने घर में उपन्यास 'कालचिती को पढ़कर आदिवासियों की हालत जान कर दिल दहल रहा था। मैं किसी ज़रूरी काम से सड़क तक आ गई थी, ख़ामख़्याली में ये पुस्त...

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कहानी भूख कि समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भूख--भूख चित्रा मुद्गल जी कि मार्मिक समाज एव जीवन के यथार्थ का आईंना है।नगर महानगर की संस्कृति में मानवीय मुल्यों के छरणएव द्वंद के प्रतिकर्षण की वेदना एवं कराह का वर्तमान तो भविष्...

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पूतोंवाली - शिवानी By राजीव तनेजा

आजकल के इस आपाधापी से भरे माहौल में हम सब जीवन के एक ऐसे फेज़ से गुज़र रहे हैं जिसमें कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा पा लेने की चाहत की वजह से निरंतर आगे बढ़ते हुए बहुत कुछ पीछे ऐसा छूट...

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मुंशी प्रेमचंद कि कहानी नशा कि समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मुन्सी प्रेम चंद्र की कहानी नशा की समीक्षाकथा सम्राट मुन्सी प्रेम चंद्र जी कीकहानियों की समीक्षा करना किसी भी साधारण साहित्यकार के लिये कदाचित संभव नहीं है ।मात्र यही गौरव की बात ह...

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पूर्णाहुति By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मृदुल बिहारी जी कि कालज्यी कृति पूर्णाहुति -मृदुल बिहारी एक ऐसा नाम जिनकी अभिव्यक्ति ने साहित्य को एक नई पहचान एवं ऊंचाई प्रधान करने कि साध्य साधना के महा अनुष्ठान के महायज्ञ की हव...

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