Quotes by Yash Singh in Bitesapp read free

Yash Singh

Yash Singh

@yashsingh949094


एक चेहरा आँखों के सामने बार बार आता है,
जब भी सोने जाता हूँ कमबख्त पूरी रात जगाता है।।
लोग कह्ते हैं भुला दे उसे ,मेरी तो जान निकल जाती है
जब ये ख्याल तक दिल में आता है।।

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ना जाने कैसा मुगालता है तुझे,
बार बार रब बदलने का शौक नहीं है मुझे 😇

मेरे दिल की बगिया उजड़ गयी ,
लुट गयी अरमानो की डाली।
चेहरे का नूर भी फिका पढ़ गया ,
हल्की पढ़ गयी होठों की लाली।।
इस वियोग को कैसे झेलू मैं,
तू किसी और की हो गयी कैसे सह लूँ मैं।।
क्या कमी रह गयी थी मेरे प्यार में,
मुझे तो रब दिखता था तेरे दीदार में।।
कैसे बताऊ माँ को कि तू छोड़ गयी
कैसे समझाऊ ख़ुद को की तू मुह मोड़ गयी।।
विश्वास उठ गया अब इश्क से मेरा,
खानाबदोश बनकर रह गया ये आशिक तेरा।।
भले ही बदनाम हो जाए इश्क मेरा इस संसार में,
ताउम्र अकेला रहूँगा तेरे इंतजार में।।

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नजर से नजर मिली तो तीर बन गयी,
जुल्फें जो तेरी उड़ी तकदीर बन गयीं
मैं तो यूहीं जमीन पर उंगलिया फिरा रहा था,
नीचे देखा तो तेरी तस्वीर बन गयी।

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ऐसे झूम कर नाची मैं उसके प्यार में,
हाय ये घुँघरू टूट गए खुले बाजार में
ये टूटे घुँघरू किससे जुड़वांऊ
किसको अपने दिल का हाल सुनाऊँ?
कर गया मेरे जिस्म का सौदा
कीमत भी उसने बड़ी लगायी
जिस्म यहि छोड़ गया, और
साथ ले गया मेरी परछाई।

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रोशनी करने का ढंग बदलना होगा,
चिराग नहीं जलाने हमको,
चिराग बन कर जलना होगा।

मैं तुम्हें आकाश की उन ऊचाईयों तक पहुंचा देना चाहती हूँ
जहाँ पहुँच कर तुम तुम न रहो
लेकिन डर ती हूँ कहिं......
आकाश की ऊचाईयों में तुम इतना खो ना जाओ की
जमीन वालों से अपना नाता ही तोड़ दो।

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