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मैंने हर वो कागज फाड़ दिया, जिस पर दास्तान -ए -मोहब्बत लिखी थी - Yash Singh
तेरी जुल्फों में कुछ इस क़दर उलझू मैं उलझ जाऊँ कुछ इस तरह फिर कभी ना सुलझू मैं कुछ इस क़दर समेट ले मुझे अपने आगोश में...... टूट भी जाऊँ तो फिर कभी ना बिखरू मैं
हम तुझे याद करते है दिन रात अभी तक नहीं भूले वो पहली मुलाकात तेरी पनाहो में दिन थे गुजारे चाँद तारे तेरे दामन में उतारे कोई गिला ना किया तुझसे बिछड़कर एक मर्तबा भी ना देखा तूने पीछे मुड़कर इन्तजार तो किया तेरा बहुत पर तेरी निगाहए ना पलटी मेरी और जिस जगह तू खड़ा था मेरा दिल भी वहीं पड़ा था तूने एक कदम भी ना बढ़ाया उस ओर मेरा दिल पड़ा था जिस ओर खुद ही चलकर वो तेरे कदमों में जा पड़ा कमाल कर दिया तूने तू उसी पर चलकर आगे बड़ा दिल मेरा टूटकर कई टुकड़ों में बिखर गया हर एक टुकड़ा तेरे नाम से सवर गया अब तो मेरी यही तमन्ना है टूटकर भी उसे चैन ना मिले मेरे दिल का हर एक टुकड़ा ........... तेरे दिल से जा मिले😃
मैं अधूरी शायरी और तुम पूरी किताब हो मैं घटा आसमाँ की और तुम पूरा चाँद हो मैं ठहरा एक किनारा और तुम नदिया की धार हो मैं बुझा हुआ दीया दिवाली का और तुम होली पर उड़ा गुलाल हो ये जो इतनी कल्पनाएँ करता हूँ मैं नासमझ तुम ही तो इनका आधार हो
मेरा चाँद बड़ा ही मगरूर है है मेरे पास फिर भी मुझसे दूर है आजकल उठना बैठना है उसका घटाओं के साथ भूल गया कि उसमें भी हैं कुछ दाग चलो अच्छा है मेरे बिना जाना जाएगा चाँदनी का नहीं घटा का महबूब कहलायेगा।
हूँ मैं कोरा कागज पर तुम मेरी डायरी ना बनना जिसे कभी कह ना सकूँ वो शायरी ना बनना मुझे ये शौक नहीं, किसी की डायरी का हिस्सा बनूँ अनकही बातों का अनकहा किस्सा बनूँ कुछ बनना ही है तो मेरी सलवट बन जाओ जितना कोई मोड़े उतनी ज्यादा आओ।
जो धुंधली पढ़ गयी वो याद है तू जो कभी ना की वो फ़रियाद है तू मुझे चाह तूने ये खता है तेरी मैं चाहूं तुझे ये मर्जी है मेरी मैं वो भंवरा हूँ जिसे कलियों का शौक नहीं, तू वो गली है जिसमे दूर दूर तक कोई मोड़ नहीं यूँ तो मैं भी बैठ जाता पास तेरे पर मैं आशिक हूँ रुह का और तू जिस्म से बढ़कर कुछ और नहीं
ज्ञान ने मुझे इतना विनम्र बना दिया झुकाने से कोइ छोटा नहीं होता ये सीखा दिया झुकाना सीख गया तो आसमा बन जाऊँगा सूरज उगेगा, डूबेगा मुझमैं चाँद ,तारों का घर भी कहलाउगां।😇
एक चेहरा आँखों के सामने बार बार आता है, जब भी सोने जाता हूँ कमबख्त पूरी रात जगाता है।। लोग कह्ते हैं भुला दे उसे ,मेरी तो जान निकल जाती है जब ये ख्याल तक दिल में आता है।।
ना जाने कैसा मुगालता है तुझे, बार बार रब बदलने का शौक नहीं है मुझे 😇
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