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💔 उसे लगा कि धोखेबाज़ आज भी मैं ही हूँ, दगा की उसने, और दग़ाबाज़ आज भी मैं ही हूँ। आईने में चेहरा उसका ही बदला निकला, पर आइना जो टूटा, क़सूरवार आज भी मैं ही हूँ। ख़ामोश रहा मैं जब लफ़्ज़ों से ज़ख़्म दिए थे उसने, हर ज़ख़्म के आँसू पी जाने वाला आज भी मैं ही हूँ। वो मुस्कुरा कर चल दी किसी और की बाहों में, मगर बेवफ़ा कहलाने वाला आज भी मैं ही हूँ।
🫶 चर्चा ये शहर में आम है तुम जानते हो, हम इश्क़ में बदनाम है तुम जानते हो। उसकी महफ़िल में ज़िक्र है हमारी मोहब्बत का, उसके लबों पे मेरा नाम है तुम जानते हो। उसने मुस्करा कर के दिल चुरा लिया था मेरा, अब उस पर ही ये इल्ज़ाम है तुम जानते हो। हमनें भी इश्क़ किया और जी भर के किया, मेरा दिल उसका गुलाम है तुम जानते हो।
दोस्तों, क्या आप मेरी कला को लाइक करके इसकी सराहना नहीं करेंगे? यह मेरी सबसे नई कला है, जिसे मैंने कई दिनों की मेहनत से बनाया है। यह आपकी पसंद के बिना अधूरी है आपके लिए ढेर सारा प्यार और सम्मान। ❤️✨
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हर रेखा की एक कहानी है, हर शेड में एक एहसास। क्या तुम बता सकते हो, मेरी रूह ने ये कैसे रचा? शायद 2013 के आसपास मैंने इसे पेपर पर उकेरा था। तब मैं छोटा था। इसे बनाने में मुझे कई दिन लगे थे। कभी पूरा नहीं कर पाया...अभी भी त्रिशूल अधूरा है। अगर आप एक लाइक, एक कमेंट करोगे, तो सच में आप मुझे वो खुशी दोगे जो दिल में अपनी छाप छोड़ जाएगी। मुझे सच में खुशी होगी। और बनेगी एक दोस्ती की मिसाल। हो सके तो फॉलो भी कर लेना यहाँ भी और Instagram पर भी ठिकाना है — @itsme_vishal_saini दोस्ती का इंतज़ार रहेगा…
मैंने अपनी खामोशी को लकीरों में पिरो दिया है.... आप बताओ, मेरी रूह ने कैसा चित्र उकेरा है? ये मैंने तब बनाया था जब मैं 12th me था ....शायद 2012 में। अच्छा लगे तो like, comment और follow जरूर करें। इसी से मुझे खुशी मिलती है। मेरी खुशी आपके पास है क्यूँकी आप ही मेरे लिए सब कुछ हो।
ये कविता मेरे दिल की गहराइयों से निकली है, देश की माटी को नमन करते हुए उन वीर सपूतों को समर्पित है जिन्होंने आज़ादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। अगर दिल को छू जाए तो एक like ज़रूर दीजिए – जय हिन्द!
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