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Umashankar Ji

Umashankar Ji Matrubharti Verified

@umashankarji.518823
(15)

कई सदियों बाद खुला है यह ताबूत,
दिल में फिर जागा मोहब्बत का जुनून।
गरमा गरम खून की तलब नहीं,
अब बस चाहता हूं तेरे लबों का सुकून।

तूने जो जगाया है मुझे, शुक्रिया तेरा,
अब तुझमें ही बसा है मेरा हर सवेरा।
तेरा ख्याल, तेरी खुशबू, तेरी हर बात,
अब मेरी धड़कनों में लिखी है तेरी ही दास्तान।

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"रूठने का हुनर, मनाने का शौक"


इंतकाम लूंगा तेरी बेवफाई का,
मायके की अकड़ छोड़, जान-ए-जां।
रूठने का हुनर तुझसे सीखा है,
पर मनाने का शौक भी तुझी पे पूरा होगा।

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रात के टिमटिमाते हो तारे या फिर हो जुगनू,
हवा में हो तूफानी लहरों की सरगम,
पतझड़ का मौसम हो या वसंत की बहार,
हर पल तेरे बिना ऐसा लगता है,
जैसे पत्थरों से रेत निकालने का सफर।

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"तेरी आँखों का जादू"

तेरी हिरणी जैसी बड़ी-बड़ी आँखें,
मुझे अपनी ओर खींच लेती हैं।

जैसे हरी-भरी, लहराती हुई फसल,
वैसे ही तेरे लंबे केशों में मन खो जाता है।

तुझे देख के दिल चाहता है,
जैसे सर्दियों की कोहरे में लोग खो जाते हैं।

बस तू मिल जाए... बस तू मिल जाए।

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"तुम्हारी मोहब्बत का नूर"


तुमने समुंदर देखा या किनारा,
गुलाब की पंखुड़ियों की खुशबू ने मधुमक्खी को खींचा,
वैसे ही तुम्हारी बदन की महक,
मुझे मदहोश कर जाती है सदा।

तुम्हारे चेहरे का नूर ऐसा है,
जैसे शरद पूर्णिमा की रात का चांद,
और तुम्हारी आँखों की मटक,
जैसे पहाड़ों से बहता शुद्ध पानी का झरना।

तुम्हें पाने की खुशी ऐसी है,
जैसे भक्ति को उसका इष्ट देव मिल जाए,
तुम्हारी मोहब्बत में खो जाने से,
ज़िंदगी में हर खुशी मिल जाए।

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दिल और दिमाग का फ़र्क़
(The Difference Between Heart and Mind)

तुमने चांद देखा या बादल,
समंदर की बूंद बैठी या इंसानियत की आँख से आँसू निकले?
जज़्बात में बह जाता है दिल,
दिमाग से तो बस सियासत की जाती है।

दिल, ये कमबख्त दिल, ऐसी दवा, ऐसा गुण है,
इंसान तो छोड़ो, भगवान को भी रुला देता है।
दिल की धड़कन में छुपी हैं अनकही दास्तानें,
सपनों की रंगीनियाँ, और बिछड़े रिश्तों की निशानें।

दिल की गहराई में हैं ताजगी और ग़म,
हर खुशी के पीछे छिपा होता है एक सन्नाटा असम।
जब दिल की आवाज़ सुनते हैं,
तब हम ज़िंदगी के सच्चे रंग देखते हैं।

लेकिन दिमाग का क़िस्सा कुछ और है,
ये तर्क और गणना का घर, निर्णय का जोर है।
सियासत की चालें, और रिश्तों का व्यापार,
इंसानियत की सोच से दूर, ये बस चकनाचूर करार।

दिल और दिमाग के बीच है एक गहरा फ़र्क़,
एक हमें जीने की राह दिखाता, दूसरा है सिर्फ़ एक झलक।
जब दिल के जज़्बातों को समझने की कोशिश करो,
तो शायद सच्चाई की परछाई को पाओगे, जो कहीं खो गई हो।

इंसान का असली अस्तित्व है दिल में,
जज़्बातों की बहार, और प्यार की खुमारी में।
सच्ची खुशी, सच्चा प्यार, दिल से ही तो मिलता है,
तभी तो, हर दर्द में, दिल ही मुस्कुराता है।

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