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गुमनाम शायर

गुमनाम शायर Matrubharti Verified

@shayar
(42)

पति पत्नी का रिश्ता ऐसा हो
डर से ज्यादा प्यार छलकता ही
दिल की बाते अपनी कह सके
एहसास उसका छलकता हो
इज्जत करता है जितनी मां की
पत्नी का सम्मान भी उतना हो
हर वक्त जो अपना उस पर लुटाए
बेवक्त भी उसका ही खयाल हो
पत्नी देती है भगवान का दरजा उसको
दासी का नहीं देवी का स्थान हो
हर सफर में हमसफर की तरह
हाथों में एक दूसरे का हाथ हो
ऐसा रिश्ता पति पत्नी का हमेशा
दुनिया में इसकी अलग पहचान हो


- गुमनाम शायर

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जब मुझको मेरी हद तक जान जाओगे

मुझे यकीन है तुम खुद को भूल जाओगे
- गुमनाम शायर

दहलीज पर उसके हम
मोहब्बत को तरसते रहे

दरवाजा था बंद उसका
और हम राह ताकते रहे
- गुमनाम शायर

क्या हक जता कर हमें रोकोगे

हमे खोने के बाद तुम सोचोगे
- गुमनाम शायर

फासलों मैं भी वो और दूरियां बढ़ा लेती है

इतना खौफ खाती है,राब्ता खत्म कर देती है


- गुमनाम शायर

तड़प कर क्या होगा,,सब्र कर ले ए इंसान

सफर और मुश्किल होगा देना है इम्तेहान

- गुमनाम शायर

मौसम ने भी अपना रुख बदला है
अपनों ने भी अपना रास्ता बदला है

उम्मीद ए वफ़ा मुझे तुम से है सनम
यहां हर किसी ने अपना रंग बदला है

- गुमनाम शायर

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मुझे तन्हा तड़पता छोड़ कर

वो खुश है मुझ से दूर हो कर




- गुमनाम शायर

ना कभी वो जज़्बात समझते है
ना कभी वो एहसास समझते है

मैने तो बच्चे की तरह समझाया
नादान मेरी बात कहा समझते है

गलत फैसले ले कर माफी मांगे
हम गलती नहीं आदत समझते है
- गुमनाम शायर

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तेरे ही हो कर रहेंगे हम जिंदगी भर

चाहे कितने ही इल्ज़ाम लगे मेरे सर


- गुमनाम शायर