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शीर्षक: चालीस पार की ये औरतें जिंदगी की रफ्तार से भी दो कदम आगे भागती दौड़ती सी ये औरतें 40 पार होते ही कुछ ठहरने थमने सी लगती है। जिंदगी की आपाधापी और जद्दोजहद में भूल चुकी अपनी पसंद और ख्वाहिशों की उंगली पकड़ एक बार....फिर से चलने लगती है । हां बालों की बढ़ती सफेदी और चेहरे की झुर्रियों से हो जाती है थोड़ा फिक्रमंद लेकिन अब... थोड़ा फुर्सत से सजने संवरने लगती है। हां भूलने लगती है अब वो इधर उधर रख सामान लेकिन हो अब इन सबसे बेफिक्र अपनी खुशियों की परवाह करने लगती है । यह जंचेगा यह फबेगा, इसको उसको कैसा लगेगा इस सोच और दायरे से बाहर निकलकर अपनी पसंद का पहनने ओढ़ने लगती है। भीगती नहीं बात बेबात आंसुओं की बरसात में बहती नहीं अब भावनाओं की बाढ़ में आत्मविश्वास से अपनी बात अब रखने लगती है। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
आपके जीवन में रहे सदैव सुख समृद्धि का वास और रोशनी से भरा रहे हमेशा आपका घर संसार दीपावली के पावन पर्व की मीठी व खुशियों से भरी शुभकामनाएं परिवार सहित करें स्वीकार।। सरोज प्रजापति ✍️ 🪔🙏🙏🙏🪔🎇 - Saroj Prajapati
सिंदूर मांग में दमके सदा और हाथों में चूड़ियां खनके हाथों की महेंदी का रंग रहे लाल हमेशा और माथे पर बिंदिया चमके शिव पार्वती सी जोड़ी बनी रहे सभी की हे करवा माता! देना हमें यही वरदान।🙏🙏 सरोज प्रजापति ✍️
तारीफ़ के दो बोल... आत्मविश्वास को बढ़ाते संग खुशियों को दुगुना कर जाते।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
आपके चेहरे की मुस्कान आपकी सच्ची सखी से कम नहीं क्योंकि जिस प्रकार एक सच्ची सखी जीवन की विपरीत परिस्थितियों में हौंसला बन आपके साथ सदैव खड़ी रहती है उसी प्रकार नकारात्मक विचारों से लडने के लिए आपकी प्यारी सी मुस्कान आपके होंठों पर सदैव सजी रहती है। सरोज ✍️ - Saroj Prajapati
जय कृष्णा , जय गोपाला मोर मुकुट , बांसुरी वाला । श्याम वर्ण,चंचल चितवन गल वैजयंती, अंग पीतांबर । माखन मिश्री रूचि रूचि खावे ग्वाल बाल संग धूम मचावे। नंद यशोदा का राजदुलारा वासुदेव देवकी की आंखों का तारा । राधा संग प्रीत की दी नई परिभाषा गोपियों संग मधुर रास रचाता। पापी कंस का किया पल में संहार रण में अर्जुन को दिया गीता ज्ञान। जय कृष्णा, जय गोपाला मोर मुकुट , बांसुरी वाला।। - Saroj Prajapati
मस्तक जिसके हिमालय विराजे, पवित्र गंगा चरण पखारे रक्षा में जिसके खड़े रणबांकुरे, रात दिन सीना ताने..... शान में जिसके लहराए तिरंगा, शहीदों की शहादत संभाले युग आएंगे युग जाएंगे...... भारत का गौरव गान फिजाओं में यूं ही सदियों तक गाएं जाएंगे। जय हिन्द जय भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 सरोज ✍️ - Saroj Prajapati
अक्सर अनकही ख्वाहिशें, सीने में मचलती हैं ,खूब शोर मचाती है फिर देख जिम्मेदारियों का बोझ हार....चुप्पी साध बैठ जाती है।। सरोज ✍️ - Saroj Prajapati
आया हरियाली तीज का पावन त्यौहार रिमझिम बूंदों संग बरसे खुशियों की बहार धरती ओढ़े हरी चुनरिया, कैसे दुल्हन सी शर्माए पिया मिलन की आस में यह तो सिमटी जाए। ओ,आया तीज का त्यौहार, लाया खुशियों की बहार २ भैया अब के सावन तू भी जल्दी आना परदेस में है तेरी बहना, तू मत ये बिसराना सिंधारे की नहीं लालसा, बस आशीष मुझे दे जाना। ओ,आया तीज का त्यौहार, लाया खुशियों की बहार २ तेरे नाम की रचा के मेहंदी, पिया हरी चूड़ियां खनकाऊं देखूं जब जब तेरी मोहिनी सूरत, सुध-बुध मैं बिसराऊं मधुर मिलन की सोच के, हाय लाज से मैं मर मर जाऊं।। ओ,आया तीज का त्योहार, लाया खुशियों की बहार २ ये बैरी भी बैरी सावन, दिल में हूक सी उठ जाए याद कर पीहर की गलियां, वो भूली बिसरी सखियां आंखें मेरी सावन भादो सी हाय बरसती जाएं।। ओ, आया तीज का त्यौहार, लाया खुशियों की बहार २ सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
चाय में अन्य गुणों के साथ साथ एक चुंबकीय शक्ति भी होती है यकीन नहीं होता... तो आज़मा कर देखिए जनाब !! कर डालिए एक चाय पार्टी का आयोजन और फिर देखिए सब खींचे चले ना आए तो....। सरोज ✍️ -Saroj Prajapati
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