Quotes by Saroj Prajapati in Bitesapp read free

Saroj Prajapati

Saroj Prajapati Matrubharti Verified

@saroj6130
(477.8k)

ये जिंदगी है कुछ चाय सी
कभी ठंडी, कभी गरम
कभी खुशबूदार, कभी बेस्वाद
कभी सादी, कभी मसालेदार
कभी ताजगी से भरपूर
और कभी ठंडी पपड़ीदार
कभी दो प्याले भी लगते कम
कभी एक से ही उकता जाता मन
कभी मीठी ज्यादा, कभी फीकी कम
कभी इसे महफिलें भाती
कभी अकेले ही सुकून पहुंचाती
सुख में साथी, दुख में हमदर्द
चाय सी है जिंदगी या जिंदगी सी चाय
सुलझाएंगे किसी दिन ऐ जिंदगी!!
इस मसले को फुर्सत में बैठकर।
सरोज प्रजापति ✍️


- Saroj Prajapati

Read More

माना चांद की शीतल चांदनी प्रेमियों को बहुत लुभाती है
और सूरज की तेज रोशनी इस जगत के सभी काम बनाती है ।
लेकिन इनसे बढ़कर आसमान में टिमटिमाते इन छुटकू से तारों की बात निराली है, तारों की झिलमिलाती बारात बच्चों के साथ बड़ों को भी खूब लुभाती हैं।
किसका बचपन होगा भला! जो इनको गिनने में ना बीता  हो और इनके टिमटिमाने के रहस्य से पर्दा उठाने में अपने साथ दोस्तों का दिमाग ना रीता हो।
कुछ तारे अपने कुछ बहन भाइयों की जागीर बन जाते थे
उनकी छोटी - मोटी आकृतियों से एक दूसरे को खूब चिढ़ाते थे।
हंसी ठिठोली बातें करते बीत जाता एक पहर रात का
बाकी तारों जैसे आंखें टिमटिमाने में और सुबह सारा
घर हिल जाता हम बच्चों को जगाने में।
लेकिन धीरे-धीरे वक्त ने बदली करवट, आधुनिक हो गए अब गांव-शहर, बच्चे व्यस्त अब टीवी मोबाइल में और
भारी भरकम पढ़ाई में।
आधुनिक बचपन को कहां फुर्सत प्रकृति संग वक्त बिताने की, तारों को गिनने और सूरज चांद संग लंबी दौड़ लगाने की ।।
सरोज प्रजापति ✍️






- Saroj Prajapati

Read More

देखा मुझे जिसने जिस नजर से
मैं उसे उसी रूप में नजर आई
कमियां ढूंढने वालों को दिखी अनगिनत कमियां और
खूबियां ढूंढने वालों को एक कमी भी नजर ना आई।।
सरोज✍️


- Saroj Prajapati

Read More

संभलने के लिए गिरना भी जरूरी है
संवरने के लिए बिखरना भी जरूरी है
सुलझने के लिए उलझना भी जरूरी है
ये जिंदगी है साहब! यहां हर कदम
पर तजुर्बे भी जरूरी है।।
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati

Read More

ज्योति का पर्व रोशन करें घर- बार
घर बार संग मन- आंगन में भी
सकारात्मक का एक दीप जलाएं इस बार
जब अंतर्मन होगा प्रकाशमान 🪔
तभी सार्थक होगा दीपावली का पावन त्योहार ।🪔🎇
आपको सपरिवार दीपावली पर्व की
रोशनी व मिठास से भरी हार्दिक शुभकामनाएं ।🙏🙏
सरोज प्रजापति ✍️
  

- Saroj Prajapati

Read More

छोटी दिवाली
बड़ी बहन दीवाली की उंगली पकड़े आई छोटी दीवाली
मचल मचल बड़ी बहन से हठ कर बैठी
करवाओ पहले मेरे स्वागत की तुम तैयारी
माना तुम्हारे लिए दीपों की कतार सजेगी
लेकिन मेरे लिए भी कुछ तो दीप जलाओ
बड़ी बहन हो कुछ तो बड़ी बहन का तुम फर्ज निभाओ
सुनकर उसकी मीठी बातें बड़ी दिवाली मुस्काई
स्वागत होगा तुम्हारा पहले, फिर बारी मेरी आएगी
तुम्हारे आगमन पर शुभ पांच दीप जलेंगे
उसके बाद ही बड़ी दिवाली मनाई जाएगी ।।🪔🎇
सरोज प्रजापति ✍️





- Saroj Prajapati

Read More

हां बदल गया सभी त्योहारों का स्वरूप
चकाचौंध में खो गया इनका सादगी भरा रूप
लेकिन क्यों इन बातों को मन से लगाना
त्योहार आपका इसे अपने अनुसार मनाएं
कुछ पुराना तो कुछ नया कलेवर अपनाएं
खुशियां मनाने में ना ज्यादा गुणा भाग करें
खुलकर मनाएं सब त्योहार क्योंकि साल में
आते हैं ये सभी एक बार।।
सरोज प्रजापति ✍️



- Saroj Prajapati

Read More

यह तीज त्यौहार भी किसी खास संगे संबंधी की तरह होते हैं
जो कभी खाली हाथ नहीं आते।
जब आते हैं तो अपने साथ खुशियां और प्रेम की ढेरों सौगातें लेकर आते हैं और जाते हुए रिश्तों में ताजगी, सुकून और अपनेपन की गर्माहट भर जाते हैं ।
सरोज प्रजापति ✍️

- Saroj Prajapati

Read More

परिवार सिमट रहे हैं, दिखावे बढ़ रहे हैं।।
सरोज प्रजापति ✍️


- Saroj Prajapati

रौनकें लगी त्योहारों की
सज गए घर कूचे और बाजार
सब व्यस्त हैं, सब मगन है
कोई कमी ना रहे खुशियां मनाने में इस बार
लेकिन कुछ बूढ़ी पथराई सी आंखें
इस बरस भी कर रही अपने
चिरागों के लौटने का इंतजार।।
सरोज प्रजापति ✍️


- Saroj Prajapati

Read More