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Ankita Gupta

Ankita Gupta

@nainagupta4913


सूर्यास्त हो या सूर्योदय…
दोनों में छिपी होती है एक उम्मीद…
अस्त अरुण चांदनी की उम्मीद है…
और उदित रोशनी की…!
प्रकृति में घटित हर एक घटना में छुपी हुई है…
कोई ना कोई उम्मीद…!
- Ankita Gupta

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#Environment_Day_2024

कहीं जल रही धरती
कहीं बाढ़ का सैलाब है…!
कहीं पिघल उठा ग्लेशियर
कहीं ठंड का छाया अज़ाब है…!
कुदरत का कहर कुछ यूं बरपा
कि त्राहि-त्राहि पूरा संसार है…!
क्या तुम अब भी शांत बैठोगे…?
चलो…उठो…
अब तो संसार बचा लो…!
एक नए चिपको का आगाज़ रचा लो…!
प्रकृति पुकारती है तुम्हें
उसका श्रृंगार बचा लो…!
चलो…उठो…
सतर्क हो जाओ
अरे ! दो-चार पेड़ ही लगा लो…!

-Ankita Gupta

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#trending

मैं अपने किरदार के कई हिस्से रखती हूं…
अपनी आंखों में कभी खामोश समंदर रखती हूं…
कभी इन आंखों में मनमौजी मौजों-सी रवानी लिए फिरती हूं…
मैं अपनी किरदार के एक हिस्से में कुछ मनमौजी-सी होती हूं…!

इस दुनिया को देख कभी उलझती कभी सुलझती हूं…
कभी मैं चुप-सी रहती हूं…
कभी बड़बोली-सी होती हूं…
मैं अपने किरदार का एक हिस्सा सिर्फ अपने ज़हन में रखती हूं…!

कभी मैं चंचल पवन-सी फिजाओं में बहती हूं…
कभी मैं खामोशी -सी दरख्तों पर ठहरतीं हूं…
मैं अपने किरदार के एक हिस्से में कुछ खामोशी भी रखती हूं…!

हां…
मैं अपने किरदार के कई हिस्से रखती हूं…!
कभी चंचल कभी शांत-सी होती हूं…!
कभी-कभी बचपन भी जीती हूं…!
मैं अपने किरदार का एक हिस्सा सिर्फ अपने ज़हन में रखती हूं…!

-Ankita Gupta

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कहीं तो बसती होगी…
मेरे सपनों में सजी दुनिया…
सड़क के उस पार…?
लहरों पर सवार…?
या आसमान के उस पार…?
क्योंकि उनके जीवित होने का प्रमाण ही है…
उनका मेरे सपनों में होना…!

-Ankita Gupta




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आज का संताप
यक़ीनन कल का सुख है…!

-Ankita Gupta














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रिश्तों में स्वतंत्रता ही उनकी सुंदरता है…!

-Ankita Gupta













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भावनाओं के समंदर में डुबकी लगाकर
शब्दों के खूबसूरत संयोजन रूपी मोती से लिखी जाती है एक कविता…!
भावनाओं के पाश में उलझी ये कविताएं
सिखाती हैं प्रेम करना…!
और कविताओं के नीरनिधि में खोया व्यक्ति होता है एक प्रेमी...!
जो प्रेम करता है प्रकृति द्वारा रचित हर एक रचना से…
जो पाहन-पवन और ओस-कणों में भी ढूंढ लेता है प्रेम…
यही मानव का सबसे खूबसूरत रूप है…
क्योंकि मानवता सिखाती है प्रेम करना…
बिल्कुल कविताओं की तरह…!

-Ankita Gupta

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✨नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ✨


इस गुज़रे वर्ष में…
गुज़रे हैं…
जीवन के कई पड़ाव…
कई भावनाएं…!
जो यक़ीनन पुनः आयेंगे …
अग्रिम वर्ष में…!
तुम फिर भी डटें रहना…
कई अग्रिम वर्षों की प्रतीक्षा में रत…!
क्योंकि किसी युद्ध के परिणाम की घोषणा…
योद्धा के युद्ध अभ्यास को नहीं रोका करते…!
और इस संसार का हर प्राणी योद्धा है…
जो लड़ता है इक जीवन रूपी युद्ध…
हर क्षण…हर दिन…!


-अंकिता गुप्ता

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