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Kavi Sagar chavan

Kavi Sagar chavan Matrubharti Verified

@mywritee99999gmail.com1407
(20)

सजवून पुनवेला रात्र रंगून गेली,
मिटताच डोळे स्पर्श हळुवार
प्रीत मोहरुन आली..
भिडले ओठास ओठ अन
सारी तनु थरथरली, ही रात्र मिलनाची
बहरून आज गेली..
तुझ्या मिठीत सजणा, विरघळे पाश सारे
हे वारे गुलाबी छेडून प्रीत गेले..
कळले मला न केव्हां सैल झाला विळखा
बिलगून घट्ट तुला, गोठली रात्र सारी..
आधार मिटला सारा, अन् पहाट झाली...

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#चिमणी वाचवा

-Kavi Sagar chavan

अनुदान

-Kavi Sagar chavan

पुरुष"

-Kavi Sagar chavan

लोकमत / कात्रण "

-Kavi Sagar chavan

स्वभाव"

-Kavi Sagar chavan

motivation

-Kavi Sagar chavan

जिंदगी तूने मुझे फिरसे रुला दिया
मोती यू गिरे आँखोंसे "
सितम ढाए कैसे , आँखे नम हो गई

खुशिया मानो खो गई कही
रिश्तों की तिज़ोरीया खाली पड़ी
हर सितम हिसाब मांगने लगा
वक़्त फिरसे जितगया हमसे "

माथे के हर लक़ीर पे जीत लिख़ने चले हम
मुक्कमल न हुआ हौसला मेरा
तूने फिर बाजी पलट दी "

हैसियत बया ही न कर सका मैं ...
मानो जैसे सब ख़तम हो गया
मैं फ़िर खड़ा हूँ जिंदगी द्वार तेरे
जीतकर आउंगा दुनिया मैने ठान लिया "

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सुख दुःख

-Kavi Sagar chavan

खता"

-Kavi Sagar chavan