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मैं और तुम ❤️❤️ मैं समुंदर, तुम किनारा बन जाओ, मैं रहूँ बेचैन, तुम सहारा बन जाओ। मैं हूँ खामोशियों की गहराइयों में, तुम मेरी बातों का इशारा बन जाओ। मैं जो बिखर जाऊँ कभी राहों में, तुम मेरी तक़दीर का सितारा बन जाओ। मैं और तुम यूँ मिलें एक दुआ की तरह, मैं कहानी बनूँ, तुम इशारा बन जाओ। मैं जागू रात भर, तुम चांदनी बन जाओ, मैं तुम्हारी तकदीर बनू, तुम मेरा साया बन जाओ।
बरसाने की गोरी, वृंदावन का श्याम, प्रेम की यह गाथा, युगों से है प्रसिद्धि का नाम। मिलन की हर लय में था आत्मा का संवाद, संगीत के स्वर जैसे प्रीत का परिहास। राधा की चाल जैसे बहारों की बात, कृष्ण का हर कदम बनाता प्रेम का प्राचीर। जब यमुना किनारे वो दो नयन मिले, आकाश के तारे भी अपने आँचल में सिमट गए। रास की रात्रि, शरद की वह बेला, हर गोपी के दिल में बजता प्रेम का मेला। पर राधा का स्थान था सबसे अलग, उनका प्रेम तो आत्मा का उत्सव। कृष्ण ने कहा, "राधा, तुम मेरी प्रीत, तुम बिन अधूरी यह जग की संगीत। तुम मेरी सखी, मेरी प्रेयसी, मेरी शक्ति, तुमसे ही बनी यह सृष्टि की भक्ति।" फिर आया विरह, जो था प्रेम का दूसरा रूप, जब मथुरा को छोड़, गए कान्हा दूर। राधा के अश्रु जैसे यमुना का जल, लेकिन प्रेम में छुपा था त्याग का पल। वह विरह भी तो प्रेम का अंग था, दो दिल, दो आत्माएँ, लेकिन प्रेम अडिग था। राधा ने कहा, "कृष्ण, तुम चाहे कहीं भी रहो, मेरे हृदय में सदा तुम्हारा ही आलोक।" इस प्रेम ने सिखाया जग को यह सत्य, प्रेम न सीमित है, न है इसमें कोई व्यर्थ। यह आत्मा का संगम, यह ईश्वर का वरदान, राधा-कृष्ण का प्रेम है अजर, अमर और महान। जग में अगर प्रेम को समझना हो, तो राधा-कृष्ण का नाम लो। यह प्रेम नहीं केवल, यह जीवन का सार, जो बांधता है सबको, है यह प्रेम का उपहार।
तेरे बिना मेरी अधूरी ये कहानी है तेरे बिना मेरी हर खुशी वीरानी है तुझसे वादा हैं मेरा, कभी दूर ना जाऊंगा तेरा हूं, तेरा रहूंगा, तेरा साथ निभाऊंगा दूरियों के दरमियान भी पास लगती हो, हर सांस में छुपी कोई खास लगती हो। तुम्हारे बिना ये जीवन अधूरा सा है, तुम्हारे साथ हर सपना पूरा सा है। जब तारे गिनते थे हम दो जहां में, वो रातें बन गईं मेरी पहचान। तुम्हारी हंसी मेरे दिल की सदा में, तुम हो तो हर मुश्किल भी आसान। तुम्हें सोचकर हर सुबह मुस्कुराता हूँ, तेरे ख्यालों में हर रात बिताता हूँ। इस दूरी का हर पल गिनता हूँ मैं, तेरे पास आने का सपना बुनता हूँ मैं। तुम मेरी दुआ हो, मेरी ख्वाहिश हो, मेरे हर जज्बात की तुम परिभाषा हो। तुमसे वादा है, साथ निभाने आऊंगा, हर कदम पर तुम्हारा हाथ थामूंगा। तो आज दिल से बस यही कहता हूँ, तुमसे प्यार है, और करता रहूंगा। क्या तुम बनोगी मेरी हमसफर? इस जीवन की सबसे खूबसूरत डगर? ✨✨✨✨✨✨✨✨✨ 💫💫💫💫💫💫💫💫💫
जज़्बातों के शहर में मनाली की ठंडक में तेरा गर्म लम्हा मिल जाए, इश्क़ की हर सर्दी फिर मौसम सा ढल जाए। रोहतांग की बर्फ़ में जब तू मुस्काए, हर फिज़ा तेरा नाम लेकर इतराए। शिमला की घाटियाँ जब गवाह बनें हमारी बातों की, तब चाय की चुस्की में मिठास हो तेरे जज़्बातों की। तेरा हाथ थाम लूं कुल्लू की इन पगडंडियों में, हर मोड़ पर तेरा नाम लिखूं इन वादियों में। सिहोल की बर्फ़ जब तेरी हँसी से पिघले, तो समझ लेना दिल अब तेरे लिए ही तरसे। जब चाँदनी रातों में तेरा सिर मेरे कंधे पर हो, तो खुदा भी ठहर जाए कहे – यही तो इश्क़ का मंज़र हो। बस तू साथ हो, और ये पहाड़ गवाह बन जाएं, मेरे हर सफ़र की शुरुआत तुझसे और अंजाम तुझमें समा जाए।
इक लड़की है पगली दीवानी सी इक लड़की है जानी पहचानी सी वो ख्वाबों में मेरे आती हैं मुझको पागल कर जाती हैं शर्दी के मौसम में भी वो गर्मी का अहसास दिलाती हैं सावन की बूंदों सी वो मुझपे बारिश कर जाती हैं पारियों सी वो लगती हैं कोयल सी उसकी बोली है नैना तिरछे उसके कातिल मेरे दिल को घायल कर जाती हैं रूह में बस्ती है वो मेरी धड़कन की वो रानी है मेरे ख्वाबों की वो शहजादी ख्याल मेरा बन जाती हैं इक लड़की है भोली भाली सी जो मेरे दिल में दौड़ लगाती हैं प्यारी प्यारी बातों से वो मेरे तन को महकाती हैं इक लड़की है जानी पहचानी सी जो मेरे ख्वाब सजाती हैं रूह में बस्ती है वो मेरी जान मेरी कहलाती हैं इक लडकी है पगली सी इक लड़की है दीवानी सी ✨✨✨✨✨✨✨✨✨ 💞💞💞💞💞💞💞💞💞
तुम्हे तुमसे भी ज्यादा चाहने लगा हूं!! तुम्हे तुमसे भी ज्यादा चाहने लगा हूं ना चाहकर भी मै तेरा होने लगा हूं जानता हूं बहुत कठीन है रास्ते मोहब्बत के फिर भी मै तेरे सपने सजाने लगा हूं। तुम्हे तुमसे भी ज्यादा चाहने लगा हूं तुझे अपने ख्वाबों में पाने लगा हूं तुम समझो या ना समझो तुम्हे अपनी पलकों में बिठाने लगा हूं। तुम्हे तुमसे भी ज्यादा चाहने लगा हूं इस फरेबी जमाने को भी समझने लगा हूं तू हर जनम में सिर्फ मेरी हो ये कृष्णा से मागने आजकल मन्दिर जाने लगा हूं। तुम्हे तुमसे भी ज्यादा चाहने लगा हूं तेरी हर सांस में समाने लगा हूं तुझे अपना बनाने के लिए मम्मी पापा को कुछ बताने लगा हूं। तुम्हे तुमसे भी ज्यादा चाहने लगा हूं तुम्हारी आंखों में समाने लगा हूं तुम इक दिन मेरे साथ होगी ये पूरी कायनात को सुनाने लगा हूं। तुम्हे तुमसे भी ज्यादा चाहने लगा हूं! "कृष्णा उसकी लकीरों में मेंरी किस्मत लिखना मेरे नसीब में उसकी बेइंतहा मोहब्बत लिखना वो हर जन्म हर कायनात में सिर्फ मेरी हो मेरी हर धड़कन को उसकी जिंदगी लिखना"
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