Quotes by Akshay Tiwari in Bitesapp read free

Akshay Tiwari

Akshay Tiwari Matrubharti Verified

@akshaytiwari128491
(19k)

तेरे बालों की लटों में उलझ जाना चाहता हूँ,
इन काली घटाओं में खुद को खो जाना चाहता हूँ।
हवा भी ठहर जाती है उन्हें छूने से पहले,
क्योंकि तेरे बालों में ही मेरा सुकून बसता है!

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जब भी मैं तुम्हारे बारे मे सोचता हूँ,
दिल खुद-ब-खुद मुस्कुरा उठता है,
जैसे किसी ने मेरी रूह पर
हल्के से प्यार रख दिया हो।

तुम्हारा नाम आते ही
मेरे अंदर कुछ खिल जाता है,
कुछ जग जाता है,
जैसे दिल कह रहा हो,
ये वही है,
जिसका इंतज़ार था।

तुम नहीं जानती,
पर तुम्हारा ख्याल भी
मेरी दुनिया को
इतना खूबसूरत बना देता है
जितना कोई सुबह की पहली धूप।

कभी-कभी सोचता हूँ,
कैसे बताऊँ तुम्हें
कि तुम्हारी दूरी भी
मेरे लिए एक मोहब्बत है,
क्योंकि तुम्हारी याद
मेरी सबसे प्यारी आदत बन चुकी है।

तुम्हारी हंसी,
तुम्हारी बातें,
तुम्हारा अंदाज़,
सब कुछ दिल में ऐसे बस गया है
जैसे तुम मेरे नहीं,
मेरी साँसों के लिए बनी हो।

सच कहूँ,
मैं तुम्हें सिर्फ याद नहीं करता,
मैं तुम्हें महसूस करता हूँ।
हवा छूती है तो तुम लगती हो,
बारिश गिरती है तो तुम,
रात की ख़ामोशी भी
तेरी आवाज़ जैसी लगती है।

कभी-कभी दिल चाहता है
कि तुम मेरे पास होती,
और मैं तुम्हारा हाथ पकड़कर
धीरे से कहता,
देखो, ये दिल,
ये धड़कन,
ये सांसे,
सब तुम्हारे हैं।

मैं प्यार जताना नहीं जानता,
पर तुमसे प्यार करना
मेरे लिए सांस लेने जैसा है,
बस हो जाता है,
रुकता नहीं।

काश तुम जान पाती
कि मैं कितनी मोहब्बत
तुम्हारे हिस्से में रखता हूँ,
इतनी कि पूरे आसमान में भी
समा न पाए।

तुम हो तो सब कुछ है,
वरना दुनिया भी
बस एक शोर लगती है।

To be continued......💞💞

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मेरे दिल के हर पन्ने में तेरा ही जिक्र मिलेगा,
कुछ अधूरे ख़्वाब, तो कुछ पूरा मिलेगा,
मेरी किताब में सब मेरी मर्ज़ी का होगा,
मेरे हर लम्हे में तेरा ही जिक्र मिलेगा,

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ख़्वाबों की किताब......

रात की तन्हाई में जब चाँद खिलता है,
तेरी यादों का बादल धीरे-धीरे घिरता है।
ठंडी हवाएँ तेरा अहसास कराती हैं,
जैसे तू पास है, पर नज़र नहीं आती है।

एक पन्ना खोलता हूँ मैं ख़्वाबों की किताब का,
जहाँ हर लफ्ज़ में बस तेरा ही हिसाब था।
तेरे हाथों का स्पर्श, वो धीमी मुस्कान,
हर लम्हा कैद है इसमें, हर बात मेहरबान।

तू नहीं आई हकीकत की राहों में,
पर मेरी कहानियों में तू ही है बाँहों में।
जब दिन को रात लिखने की बारी आएगी,
तेरी मुस्कुराहट मेरे लफ्ज़ों में उतर आएगी।

तेरी बेरुख़ी का भी मैं हिसाब रखूँगा,
तेरे सवालों के जवाब लिखूँगा।
"क्यों नहीं हुए तुम मेरे" इसका भी हिसाब रहेगा,
पर फिर भी दिल तेरा नाम लेता रहेगा।

तू मेरे दिल में नहीं, ये सच नहीं हो सकता है,
पर मेरी रूह तेरी धड़कन पे ही रुक सकती है।
तेरी हर याद को मैं सहेजता रहूँगा,
हर दिन, हर रात तेरा नाम लिखता रहूँगा।

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हर एक साँस में बसा है तन्हा सफर,
आँखें भी अब कहानी नहीं कहती।
चुपके से बहते हैं आँसू दरिया बन,
जिसे रोकना अब मुमकिन नहीं।

तेरा एहसास अब हर पल का दर्द बन गया,
हर ख़ुशी अधूरी, हर मुस्कान बेगानी।
ये वक़्त भी अब बस एक बेवफा सिलसिला,
जहाँ दिल खो गया अपनी पहचान में।

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तुम दुनिया को ही देखती रही।

ज़िंदगी तेरे नाम की धुन बन गई,
तेरे लिए साँसों की कोई जुनून बन गई,
मैं पुकारता रहा, नज़रों से बाँधता रहा,
और तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

मेरी धड़कनों ने तेरा गीत गुनगुनाया,
हर लफ़्ज़ ने तेरा चेहरा सजाया,
मैंने तेरी चुप्पियों को भी समझा,
तेरी ख़ामोशी में खुद को पाया।
प्रीत मेरी प्यासी थी, आँखें बरस आईं,
तेरे करीब आकर भी दूरियाँ रह गईं,
और तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

मैं धरा हूँ, तेरा आँचल हूँ,
तेरे बिखरे सपनों का संबल हूँ,
तू क्यों तारों में तलाश करती है रोशनी?
तेरी दुनिया तो यहीं, मेरी आँखों में है बसी।
मैंने पर्वत तोड़ दिए तेरे लिए,
समंदर बाँट दिए तेरे लिए,
और तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

प्रेम की अग्नि से जीवन सँवार दूँ,
तेरे होंठों से हर ग़म उतार दूँ,
तेरे हाथ थामकर नए गीत लिखूं,
तेरे सपनों में ख़ुशबू बुन दूँ।
पर तुम आदर्शों की परछाइयों में खोई,
मेरे प्यार को न देख पाई, न रोई,
और तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

मैं चाँद नहीं, कोई सितारा नहीं,
तेरी धरती हूँ, तेरा सहारा हूँ।
तेरे बिना मेरा होना अधूरा है,
तेरी ख़ामोशी में ही मेरा सवेरा है।
ज़िंदगी तुझसे ही रंगों में ढली,
तेरे बिना हर साँस खाली रही,
और तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

आओ, बीते कल की छाया मिटाएँ,
आज के प्रेम को गीत बनाएँ,
तारे भी हमारी धड़कनों संग गाएँ,
चाँदनी में सपनों का दीप जलाएँ।
ज़िंदगी अरमान बनके मुस्कुराई,
मेरी बाहों में नई पहचान समाई,
फिर भी तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

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एक दिन याद करोगी....!

देखना..
एक दिन मुझे याद करोगी,
कि कोई लड़का था, जो सिर्फ तुम्हारा था,
जो तुम्हारी एक मुस्कान के लिए
रातों को जागता था।

वो जो इंतेज़ार करता रहा
सालों तक बिना शिकायत के,
अपने जज्बात छुपाता रहा
क्योंकि कह नहीं पाया दिल की बात।

वो लड़ता भी था, झगड़ता भी था,
पर हर बार टूटकर भी
तुम्हारी तरफ ही लौटता था।

तुमने क्यों उसे जाने दिया?
जिसके लिए तुम पूरी दुनिया थी,
जिसकी रूह में सिर्फ तुम्हारा नाम बसा था।

वो तरसता रहा तुम्हारी एक हाँ के लिए,
तुम्हारी एक झलक के लिए,
पर मिला सिर्फ सन्नाटा,
और अधूरी दुआओं का सिलसिला।

एक दिन..
जब तुम्हारे पास सब होगा,
पर कोई अपना न होगा,
तब याद करोगी कि कोई तो था,
जिसकी ज़िंदगी सिर्फ तुम थी..

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