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1. बाल कहानी - अनोखा सिक्काएक राजा के दो पुत्रियाँ थीं । दोनों ही बहुत ही समझदार...
अब आगे,राजवीर ने अपनी बात कही ही थी कि अब राजवीर के पी ए दीप को किसी का कॉल आया...
नमस्कार स्नेही मित्रो आशा है दीपावली का त्योहार सबके लिए रोशनी की जगमगाहट लेकर आ...
अग्निहोत्री इंडस्ट्रीजआसमान को छू ती हुई एक बड़ी सी इमारत के एंट्री गेट पर ब्लैक...
स्वाति क्लास में आकर जल्दी से हिमांशु सर के नोट्स लिखने लगती है ..माया उसके कानो...
पिछले भाग में हम ने देखा की फीलिक्स ने वो सारी बातें सुन ली थी जो गुरू जी ने उसे...
राज सर का डिजिटल टीचिंग सामाजिक विज्ञान से बोरिंग सब्जेक्ट कोई नहीं है। बहु...
ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –Kaynat को पीछे ना पलटता द...
सुबह सुबह त्रिशा महादेव के मंदिर में पूजा कर रही होती है। तभी वहा पुजारी आकार त्...
1. आज्ञा पालन एक समय की बात है। रेगिस्तान के किनारे स्थित एक गाँव में एक व्यापार...
वारलॉक (अंग्रेजी) की प्रशंसा “ एक रोचक किताब! दिलचस्प, जानकारीपूर्ण और विश्वसनीय। " - डेक्कन क्रॉनिकल अख़बार “वॉरलॉक भारतीय तांत्रिक गतिविधियों की जड़ों में ले जाता हैं। -...
आज ही हरिद्वार से देहरादून आया हूँ। सच में देहरादून की खूबसूरती के बारे में जितना सुना है उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत जगह है यह। रास्ते भर प्रकृति की सुंदरता देखता आया पर यहाँ इस पुलि...
दुर्घटना संध्या समय की चंचलता अपने मोहक वातावरण मे सूर्य की लाली संग एक अद्धभुत नजारे मे ढल रही हैँ इस समय एक खामोश सडक पर सुभाष अपनी मंजिल की ओर बेखौफ बड़े जा...
तिथि 31 मार्च 1990एक अज्ञात व्यक्ति एक नवजात शिशु को कुमार फैमिली के घर के बाहर रख कर चला जाता हैँ¡ कुमार फैमिली मे एक अधेड उम्र का जोड़ा रहता हैँ !उनके विवहा को बीस वर्षो से भी अधि...
चल राजू,जल्दी से खाना खाकर तैयार हो जा,रात को दस बजे हमारी ट्रेन है, मां ने मुझसे कहा____ मैंने कहा ठीक है मां और मैंने अपने कंचे,चंदा-पवआ खेलने वाली कौड़ी और अपनी गेंद मां को...
चौपड़े की चुड़ैलें (कहानी : पंकज सुबीर) (1) हवेली वैसी ही थी जैसी हवेलियाँ होती हैं और घर वैसे ही थे, जैसे कि क़स्बे के घर होते हैं। कुछ कच्चे, कुछ पक्के। इस क़स्बे से ही हमारी कहानी...
ग्वालियर का किला अपने में बेजोड़ है , इसे भारत का जिब्राल्टर भी कहते हैं । आज हमने ग्वालियर किले पे जाने का प्लान बनाया था , मैं और युवी करीब दोपहर के तीन बजे किले के मुख्य दरवाजे प...
(1)पार्ट प्यार बारे मे कई ग्रंथ लिखे गए, हर ग्रंथ मे प्यार को अलग एंगल से देखा गया, ओर पढ़ने वालो ने भी अपनी अपनी सुहलयत से उसे अपनाया, कई रिश्तों मे प्यार विवाहिक जीवन के बाद हुवा...
"मैं उस बंगले में कभी भी रहने नहीं जाऊँगी। मेरे साथ वहाँ पर बहुत ही बुरी और अविश्वसनीय घटना घटी जिस पर तुम विश्वास ही नहीं करोगें" घबराते हुए प्राची ने अपने पति चेतन क...
घनी सी रात में वो थरथराई सी हाइवे पर खड़ी थी , हर आते जाते मुसाफिर को हाथ देती l उसके बिखरे से बाल और स्याह सफेद सलवार सूट शायद राहगीरों को रुकने नहीं देना चाहता था l कई कहानियाँ थी...
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