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फिर उसने सांस देने के लिए रात्रि के होठों पर अपने होठ रख दिए और सांस देने लगा......
“शांत रातों में जो गूंजती है,वो कोई सादा प्रार्थना नहीं...हर चूड़ी की खनक में छि...
️ एपिसोड 5 – जब स्पर्श डराने लगे---1. नैना की सुबह – एक टूटी हुई साँससुबह की हल्...
6. आरोप और आग़ाज़ कुछ ही दिन बाद, लूसी महल के खाने के दौरान बेहोश हो गई। ज़हर क...
आज के दौर में प्यार करना, शादी करना, तलाक लेना फिर शादी करना एक बहुत आम बात हो ग...
डॉक्टर ने आकर PSI दत्ता से कहा — "कुछ ही देर में रोशन को होश आ जाएगा।" सभी के...
पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह से सभी लोग कपाड़िया मेंशन के लिए जाने क...
छिन्न मस्ता देवी महाविद्या में से छठी देवी मां है इन देवी मां के हाथ में कटा हुआ...
रचना: बाबुल हक अंसारीसुधीर की आंखों में अब पहली बार शांति थी। वह रात,...
शलभ ने कैमरा घुमाया तो कुदरत की सुंदरता सेसम्मोहित सा हो गया। दूर तक फैली दूधिया...
मैं यानि पवन पेसे से एक अकाउंटेंट, ऑफिस से निकल कर मैं पास के ही बस स्टॉप पे बस का इंतजार कर रहा था। ये वो दौर था जब देश अभी उतना डिजिटल नहीं हुआ था, और भगवन की कृपा से अभी फ़ोन नही...
पापा की जोब मुम्बंई ट्रान्सफर हुई थी।कल रात ही पापा-मम्मी और मे विस्वकर्मा एपार्टमेन्ट के आठवे माले पे फ्लेट नंबर 103 मे सीफ्ट हुए थे।लगभग सारा सामान आ चुका था।लेकिन कुछ स...
फिर कौन था वो? शिल्पा शर्मा (1) ‘‘याद है न तुम्हें, हमारी शादी को छह महीने हो गए हैं आज,’’ थके-हारे ऑफ़िस से लौटे पति को चाय थमाते हुए मीता ने बड़े उत्साह से कहा. ‘‘हम्म...’’ बड़ा...
ज़िन्दगी के सफ़र में चलते हुए कई बार ऐसे अनुभव होते हैं जिन्हें आप सारी उम्र नहीं भूल पाते हैं । मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही अनुभव हुआ जब मैं छुट्टियों में अपने रिश्ते के मामा के घर गया...
नमस्ते दोस्तो। आपके ढेर सारे प्यार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद करती हूँ। आपने मेरी लेखनी को सराहा उसका शुक्रिया शब्दो मे करना कम ही होगा। आपके इस प्यार को बरकरार रखते हुए में...
सुनसान् जगंल, रात के दो बजे । बडी अजीब लगती है । छोटी सी छोटी आवाज भी हमे डरा देती है । जब हम चलते हैं तो यैसा लगता है जैसे की हमारे साथ या पिछे कोई है । बहत खोफनाक होत...
तुझे मना किया था ना,अपार फिर तू क्यो गया?वहां तुझे कुछ हो जाता तो, मैं इसलिए मना कर रही थी कि तू मेरे साथ मत आ,वो तो मैं समय से पहुंच गई नहीं तो____ अब खड़ा क्या है,चल उठा ये पानी...
बरसात की रात थी, पूरे गांव को मानो खामोशी ने अपने आगोश में लिया हुआ था !! बारिश की बूंदों की आवाज़ तो मानो ऐसे आ रही थी जैसी किसी लड़की के पांव के पायल की छम छम …….इसी आ...
अच्छा तो बच्चों कैसा लगा घर? समीर ने सारांश और कृतज्ञता से पूछा।। घर तो बहुत ही अच्छा है पापा लेकिन आपको नहीं लगता कि शहर से थोड़ा दूर है,सारांश ने अपने पापा समीर से कहा।। हां दूर...
पेड़ और पंछियों की दोस्ती बहुत गहरी होती है लेकिन कभी कभी दोस्ती से बढ़कर भी कुछ हो जाता है........ सूर्य के उगने से पेड़ो से आकाश में चले जाना ,और डूबते ही फिर लौट आना यही तो होता है...
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