तुम मेरे हो by NEELOMA in Hindi Novels
सुबह की किरणें कमरे में फैल चुकी थीं। लगभग 45-46 का चौबे, पहलवान जैसा गठीला शरीर लिए, आँगन में कसरत कर रहा था। उसकी भारी...