अधूरे हम.. by Aradhana in Hindi Novels
दिल्ली की वो सुबह ठंडी थी, पर हल्की नहीं।सर्द हवाओं ने शहर को ढक रखा था, जैसे किसी पुराने ज़ख्म पर फिर से पट्टी बंध रही...