Adhure ishq ki puri dastan - 2 in Hindi Love Stories by Nirali Ahir books and stories PDF | अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 2

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अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 2

विष्णु ने जोर से प्रीतम का कंधा झटका और बोला अब तुझे क्या हो गया,कोई भुत बुत देख लिया क्या? ये सुन प्रीतम ने जल्दी से खुद को संभाला और बोला अरे कु......कुछ भी तो नहीं हुआ चल क्लास के लिए लेट हो रहे हैं।दो नो लड़की को छोड़ क्लास रूम की ओर बढ़ गए पर प्रीतम का ध्यान अब भी उसी लड़की पर ठहरा हुआ था। क्लास रूम में बैठने का प्रीतम का बिलकुल भी मन नहीं था वो कोई बहाना ढूंढ रहा था,तभी उसे याद आया कि प्रिंसिपल साहब ने उसे ऑफिस में बुलाया था।वो झट से खड़ा हुआ और प्रोफेसर को बोलकर क्लास रूम से बाहर दौड़ गया। पहेली बार था जब प्रीतम विष्णु को साथ नहीं ले गया,विष्णु भी बहाना कर के प्रीतम के पीछे पीछे चल दिया।

विष्णु ने देखा कि प्रीतम प्रिंसिपल ऑफिस की जगह कॉरिडोर की दूसरी ओर जा रहा हैं तो आवाज लगाई, ओ प्रीतम कहा जा रहा हैं?ऑफिस इस तरफ हैं!प्रीतम बहाने बनाने लगा तो विष्णु ने कहा में सब समझता हु उस इंक वाली को ढूंढ रहा हैं ना?प्रीतम ने शरमा गया ओर सिर खुजाने लगा।विष्णु मुस्कुराके बोला वाह भाई अभी तो लड़की को ठीक से देखा भी नहीं तो दोस्त को भूल गया अगर वो तेरी गर्लफ्रेंड होती तो में तो गया,ऐसा बोलकर विष्णु मुंह बनाकर रूठने का नाटक करने लगा।प्रीतम हंसकर बोला अरे ऐसा कुछ नहीं है तू तो मेरा जिगरी है ऐसे बुरा नहीं मानते चल मेरे राजा चल पहले प्रिंसिपल ऑफिस जाते हैं इस तरह कॉरिडोर में घूमते किसी प्रोफेसर ने देख लिया तो पनिसमेंट मिलेगी।दोनों ऑफिस जैसे ही इन्टर हुए वही लड़की वहां खड़ी थी।

उसके साथ और दो लड़किया और एक लड़का भी था।उसे प्रिंसिपल ऑफिस में देख विष्णु ने धीरे से प्रीतम को कहा अच्छा बेटा इसलिए तू ऑफिस में आया हैं,प्रीतम ने विष्णु को इशारा कर के चुप रहने को बोला और दोनों मुंह छुपाकर हस ने लगे। प्रिंसिपल ने बोला प्रीतम ये फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट है नीलिमा वर्मा और नैना अग्रवाल है नीलिमा ये तुम्हारे सीनियर सेकंड ईयर के स्टूडेंटस प्रीतम मेहता और विष्णु शाह है। और ये आकाश महेरा और सुनीता शर्मा है थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स।

प्रीतम नीलिमा ने कंपलेंट की है कि हमारे कॉलेज में कुछ लड़के ऐसे भी है जो दूसरे स्टूडेंट्स को परेशान कर रहे है, और उसे प्रोफेसर्स या प्रिंसिपल को कंपलेंट कर ने पर धमकाते या मार पीट करते है,उससे बाकी स्टूडेंट्स को काफी दिक्कत होती हैं।इस बात को ध्यान में रखते हुए कॉलेज मैनेजमेंट ने फैसला लिया है कि स्टूडेंट्स की एक टीम बनाई जाए जिस से स्टूडेंट्स आसानी से अपनी कम्पलेन कर सके और टीम को भी इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि कोई भी स्टूडेंट दूसरे स्टूडेंट को परेशान ना करे और अगर कोई ऐसी बात हो तो परेशान स्टूडेंट्स उस टीम मेंबर्स से बात करेंगे और टीम मेंबर्स और कॉलेज मैनेजमेंट मिलकर ये फैसला करेंगे कि आगे क्या करना चाहिए।

फर्स्ट ईयर के स्टूडेंटस की टीम लीडर के लिए हमने नीलिमा और उसकी दोस्त नैना को सिलेक्ट किया है,सेकेंड ईयर में तुम ओर विष्णु ओर थर्ड ईयर में आकाश और सुनीता रहेंगे।आप लोग अपने हिसाब से टीम मेंबर्स सिलेक्ट कर सकते हो एक टीम में 8 मेंबर्स होंगे जो अपनी क्लास का ध्यान रखेंगे,हमारी कॉलेज नंबर वन पे आती है और इस तरह की वारदात हमारी कॉलेज की रेप्यूटेशन खराब कर सकती है इसलिए ट्रस्टी और कॉलेज कम्युनिटी की मांग पर हम ये कदम उठा रहे है जिसका अच्छी तरह से पालन आप लोगो को करना है।

प्रीतम ओर बाकी सभी लोगों ने हामी भरी और यकीन दिलाया कि वो पूरा खयाल रखेंगे कि ऐसा दुबारा न हो।प्रीतम तो बेहद खुश हो गया क्योंकि उसे बिना किसी मेहनत के नीलिमा के करीब जाने का मौका मिल गया था,अब वो जब चाहे नीलिमा से बात कर सकता था। वो नीलिमा को एकटक देखे जा रहा था।उसकी ये हरकत विष्णु भी नोटिस कर रहा था।

प्रिंसिपल के ऑफिस से निकलकर सभी ने एकदूसरे को हाई हेलो किया,नीलिमा ने प्रीतम की ओर हाथ बढ़ाया और कहा हेलो प्रीतम मुझे यकीन है हम मिलकर अच्छा काम करेंगे।प्रीतम ने झुंझलाकर हाथ मिलाया और झिझकती आवाज में कहा ऑफकोर्स नीलिमा।नीलिमा का हाथ प्रीतम के हाथ में था उस वक्त प्रीतम को ऐसा लग रहा था मानो वो बिना पंख के ही उड़ाने लगा हो।वो तो विष्णु ने सम्भाल लिया वरना प्रीतम तो मानो उस दुनिया में था ही नहीं।विष्णु की आवाज से प्रीतम ने जल्दी से नीलिमा का हाथ छोड़ दिया और नीलिमा हंसती हुई अपने क्लासरूम की ओर चली गई।

इसी तरह रोज प्रीतम का नीलिमा से मिलना जुलना प्रीतम को नीलिमा की ओर करीब ले गया दोनों अब बेझिझक कॉलेज में बातें करते थे एकदूसरे से मिलते थे।प्रीतम अब घर में भी बहुत खुश नजर आता था उसके पापा ये देखकर बहुत खुश होते थे। बचपन से ही प्रीतम ओर विष्णु को प्रीतम के पापा मनीष मेहता ने ही पालपोच कर बड़ा किया था।प्रीतम की मां बचपन में ही दुनिया छोड़कर जा चुकी थी।पर मनीष मेहता ने हार नहीं मानी प्रीतम के साथ साथ अनाथ ओर बेसहारा विष्णु को भी बड़े जतन ओर प्यार से बड़ा किया ओर पढ़ाया लिखाया।

प्रीतम किसी न किसी बहाने से नीलिमा से बात कर लेता वो उसके करीब जाने का एक भी मौका नहीं छोड़ता।दोनों कभी साथ में कैंटीन में खाना खाते तो कभी साथ बैठकर अपनी टीम ओर स्टूडेंट्स की कंपलेंट के बारे में बातचित करते इसी तरह दोनों एकदूसरे के दोस्त बन गए,पर आकाश भी हमेशा नीलिमा के करीब रहता प्रीतम ओर नीलिमा की बातचीत में हमेशा दखल देता ये बात प्रीतम को कांटे की तरह चुभ रही थी।प्रीतम नीलिमा को पहेली नजर से ही पसंद करता था पर प्यार के मामले में कच्चा था वो उससे प्यार करने लगा था पर वो खुद यकीन नहीं कर पाता था।विष्णु ने कई बार समजाया पर वो समझकर भी नहीं समझता था।एक दिन प्रीतम ने कॉलेज कैम्पस में देखा की नीलिमा ओर आकाश एक साथ कॉलेज आए हैं और दोनों एकदूसरे के साथ हस हस कर बाते भी कर रहे थे।ये देख प्रीतम का तो मानो खून ही जल गया,ये देख विष्णु मजाक के अंदाज से बोला अरे देखो तो दीवाना जल रहा हैं।ये सुन प्रीतम बोला में क्यू जलु में तो बस....वो....विष्णु हंसते हुए बोला क्या वो? मान भी के भाई की तेरे दिल में नीलिमा वर्मा एंट्री कर चुकी है ऐसा बोलकर विष्णु जोर जोर से हसने लगा।