zindagi Sangharsh se sukun Tak - 3 in Hindi Poems by Kuldeep Singh books and stories PDF | जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 3

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जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 3

🙏Hello everyone🙏

उम्मीद है मेरे द्वारा लिखिए यह कविताएं जो मैंने अपने जीवन के संघर्ष में लिखी आप सबको पढ़कर खुशी हुई होगी। आज मेरे द्वारा लिखी गई कविताएं की नोबेल मेरी एक कोशिश है, जिसे आप सब wonderful readers के प्यार और सहयोग की जरूरत है।

Happy reading 😊


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📝मोहब्बत है मेरी 📝

मेहनत है मेरी या किस्मत है मेरी ,
यार कुछ भी कह ले, 
ए दोस्त -पर यह हिम्मत है मेरी। 
याद रखना मेरी यह बात सदा ए दोस्त ,
अगर सरजमीं तेरी ,तो जन्नत है मेरी ।
इस तरह गुस्सा तू हो ना मुझसे ,
ए दोस्त मुस्कुराना -आदत है मेरी। 
आंखों में ख्वाब चुन-चुन के सजाना, 
घर बसाना, हाय ! ए दोस्त -आदत है मेरी।
मेरा काम है बस कोशिश करते रहना, 
मिलना या ना मिलाना ए दोस्त -किस्मत है मेरी। 
डरकर जीना मैंने ना सीखा कभी,
 सिर उठा कर चलना, ए दोस्त- फितरत है मेरी।
सिर झुकाता है अगर किसी के आगे दीप का, 
और कुछ नहीं, ए दोस्त - मोहब्बत है मेरी.... यह.. मोहब्बत है मेरी...

सरजमीं -- भूमि, देश या क्षेत्र 
फितरत -- स्वभाव 
 

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चुप मे ही शांति है, फिर वह चुप चाहे मन की हो, चाहे आसपास की हो या फिर बोलने की । जब चुप के साथ रहना आ जाए तो मन अपने आप शांत होने लगता है।


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        ❤️इश्क का सिंगार ❤️

१. नैनों में तेरे दीद का ,सिंगार कर लूं...
 जिऊं तेरे हुक्म में ,दूर हुंकार कर लूं।
2. सिख जाऊं जीना जिंदगी दूसरों के लिए, बस इतना सा प्रेम का व्यापार कर लूं... 
इतनी सद्बुद्धि बख्शी ,मेरे सैया ..के तेरी सृष्टि के साथ बेवजह प्यार कर लूं ।
3. रूत पतझड़ की आकर कर दे पतन, बहार का...
 द्वारा भी फूल खिलेंगे ,इंतजार कर लूं। 
सपने संजोए बैठा हूं तेरे दीद के लिए ...पलके बिछा के नैनो को, बेकरार कर लूं ।
4. बेवजह बातों में गुजर गई, यह आधी जिंदगी , चल अब तेरे इश्क का सिंगार कर लूं...
5. इस दीप नादान पर कर ऐसी मेहर रहिबर, रूहू पर तेरे इश्क का, सिंगार कर लूं...

      दीद - दर्शन 
     रहिबर -परमात्मा

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खामोशी 
  
खामोशी ऐसी है जिसे ना कोई पढ़ सकता है ना समझ सकता है बस इसे लिखकर समझा जा सकता है।
खामोशी को खुद से ज्यादा ना कोई पढ़ पाया है ना कोई समझ पाया है।
जो इंसान दूसरों की खामोशी को पढ़ और समझ लेता है ,वह इंसान पहले खुद की खामोशी को पढ़कर और समझ कर आया होता है।


खामोशी-: चुप रहना,चुप्पी


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🪔☄️रोशनी करें ☄️🪔

दिल के चिराग 🪔बाल के रोशनी करें ,
कुर्बान जान अपनी क्यों अजनबी करें ?..
कोई एक ही इंसान होता है पैदा जहां*(*दुनिया) पर, 
खुद ही मौत के हवाले*(*किसी को दे देना)जो जिंदगी करें ।
खिलकर कली 🌷को हुआ होगा एहसास अपने आप,
फूलों के साथ भोरा🐝 क्यों दिल लगी करें?.. 
दिल का तूफान आता है जब भी दिमाग में, 
अपनी जिंदगी तबाह* (*खत्म) आदमी खुद करें। 
सदियों के बाद होता है पैदा*(*जन्म लेना) कभी कोई एक ,
तेरी खातिर जो अपनी हर एक खुशी करें। 

हम अपनी कोशिशें के साथ अपने आप और समाज को
जैसा चाहे वैसा बना सकते हैं।


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लफ्ज़ चाहे जो भी हो..
         बोलने का लहिजा
बता देता है- अर्थ क्या है।

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सुकून -: यह मन की संतुष्टि और धैर्य की भावना को भी दर्शाता है।

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To be continue to next chapter......


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Thanku so much everyone 🙏 🙏