Unfulfilled Wishes - A Girl's True Victory in Hindi Motivational Stories by SilluKiDiary books and stories PDF | अधूरी ख्वाहिशें - एक लड़की की सच्ची जीत

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अधूरी ख्वाहिशें - एक लड़की की सच्ची जीत

छोटे से गाँव की लड़की थी नेहा।
सुबह सूरज निकलने से पहले ही उसकी दिनचर्या शुरू हो जाती थी — माँ के साथ पानी भरना, फिर चूल्हे पर रोटी सेंकना, और उसके बाद फटे पुराने बैग में किताबें रखकर स्कूल की ओर चल देना।
रास्ते में कई बार लोग हँसते हुए कहते, “अरे नेहा, पढ़-लिखकर क्या करेगी? आखिर में तो शादी ही करनी है।”
नेहा बस हल्की मुस्कान देती और मन ही मन सोचती, “अगर सपने देखने की हिम्मत है, तो पूरा करने की भी होगी।”

उसका सपना था शिक्षिका बनना — ताकि गाँव की हर बेटी पढ़ सके, जो आज भी किताबों से ज़्यादा बर्तनों से जुड़ी रहती है।
लेकिन उसके पिता मानते थे कि “लड़कियाँ ज़्यादा पढ़कर बिगड़ जाती हैं।”
एक दिन पिता ने गुस्से में कहा —
“नेहा, अब पढ़ाई छोड़ दे। घर में पैसे नहीं हैं, और तुझे तो आखिर में घर ही संभालना है।”
उस पल नेहा की आँखों में आँसू आ गए, मगर उसने जवाब नहीं दिया।
रात को आसमान की तरफ़ देखकर बोली —
“भगवान, अगर तू सच में है, तो मेरी मेहनत बेकार मत जाने देना।”

अब दिन में वो घर का सारा काम करती और रात को चुपचाप मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ाई।
अक्सर नींद आती, तो किताब सीने पर रखकर ही सो जाती।
हर पन्ने में उसे माँ का चेहरा दिखता था, जो हमेशा कहती थी —
“बेटा, पढ़ाई छोड़ मत देना, भगवान सब देख रहा है।”

गाँव के लोग ताने देते रहे, “इतनी पढ़ाई कर भी लेगी तो क्या बड़ा काम कर लेगी?”
नेहा हर ताने को अपने अंदर की आग में बदल देती।
वो सोचती, “एक दिन यही लोग मेरी सफलता पर तालियाँ बजाएँगे।”

आख़िर वो दिन आ गया — परीक्षा का दिन।
नेहा के पास नोट्स पुराने थे, किताबें अधूरी, पर हौसला पूरा था।
उसने मंदिर के सामने झुककर कहा,
“हे भगवान, अगर आज मैं जीत गई, तो ये जीत सिर्फ मेरी नहीं होगी — हर उस लड़की की होगी जिसे सपने देखने से रोका गया।”

महीनों बाद जब परिणाम आया,
पूरे गाँव में शोर मच गया —
“नेहा ने टॉप किया है! उसने ज़िले में पहला स्थान पाया है!”
वो वही लोग जो उसे “पागल लड़की” कहते थे,
आज उसकी कामयाबी पर मिठाइयाँ बाँट रहे थे।

नेहा के पिता की आँखों में गर्व के आँसू थे।
उन्होंने कहा —
“बेटी, आज तूने साबित कर दिया कि हमारे घर की गरीबी तेरी उड़ान को रोक नहीं सकी।”
नेहा मुस्कुराई और बोली —
“पापा, जब बेटियों को उड़ने दो, तो आसमान खुद छोटा पड़ जाता है।”

कुछ महीनों बाद जब उसे सरकारी अध्यापिका की नौकरी मिली,
वो अपने पहले दिन स्कूल पहुँची।
छोटे-छोटे बच्चे खड़े होकर बोले —
“Good Morning, Ma’am!”
नेहा की आँखें नम हो गईं।
वो बरसों की मेहनत, ठुकराए सपने और दर्द सब उस एक पल में पिघल गए।
उसने आसमान की ओर देखा और फुसफुसाई —
“धन्यवाद भगवान, तूने मेरी अधूरी ख्वाहिशें पूरी कर दीं।”


💫 संदेश:
कभी किसी को मत कहो कि “तुम नहीं कर सकती।”
क्योंकि जब एक लड़की ठान लेती है,
तो वो रास्ता नहीं, कहानी बदल देती है।


— SilluWrites ✍️
“सपने वो नहीं जो नींद में आएँ,
सपने वो हैं जो नींद उड़ा दें।”

Zindagi ke har mod par likhne wali ek chhoti si soch,  
kabhi shayari, kabhi kahani, kabhi hausle ki baat.  
Main hoon Sillu — likhti hoon dil se, unke liye jo zindagi me umeed dhoondhte hain 🌸✨



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