Jungle Ka Raaz - 2 in Hindi Adventure Stories by pallabi books and stories PDF | Jungle Ka Raaz - 2

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Jungle Ka Raaz - 2

Chapter -2 अजीब आवाज़ें और रहस्य

अगली सुबह पल्लवी जंगल की गहराई में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी।

हर कदम के साथ पेड़ों की शाखाएं उसके रास्ते में आ रही थीं, और पत्तों की सरसराहट किसी अज्ञात आवाज़ की तरह सुनाई दे रही थी।
हवा में ठंडी नमी थी, और दूर कहीं से हल्की रोशनी झिलमिला रही थी।

जैसे ही वह आगे बढ़ी, उसे महसूस हुआ कि जंगल में कुछ छिपा हुआ है।
एक जगह पर जमीन पर हल्की चमक दिखी। पल्लवी झुकी और देखा – वहां छोटे-छोटे चमकते कण थे, जैसे जंगल में कोई रहस्य उसका इंतजार कर रहा हो।
उसे लगा कि यह शायद उसी कंगन की शक्ति का असर है, जो उसने पहले रात पहना था।

तभी अचानक, एक अजीब आवाज़ आई – फुसफुसाने जैसी।
“कौन है? दिखो अपने आप को!” पल्लवी ने जोर से कहा।
लेकिन जवाब में सिर्फ हवा की सरसराहट थी।
उसने हिम्मत जुटाई और धीरे-धीरे आवाज़ की ओर बढ़ी।

कुछ कदम आगे बढ़ते ही, उसने देखा कि पेड़ की छाया में एक चमकता हुआ रास्ता बन रहा है।
रास्ते के दोनों ओर फूल और बेलें इतनी घनी थीं कि उसे लग रहा था जैसे जंगल खुद उसे मार्गदर्शन कर रहा हो।
वह समझ गई कि यह जंगल केवल डराने के लिए नहीं, बल्कि उससे कुछ कहना चाहता है।

जंगल के बीच में चलते हुए, पल्लवी ने देखा कि एक पुराना पत्थर का स्तंभ खड़ा था, जिस पर अजीब चिन्ह उकेरे हुए थे।
वह चिन्ह कुछ पुराने रहस्यमयी प्रतीक लग रहे थे, और उसे समझ नहीं आया कि इनका मतलब क्या है।
पर उसकी जिज्ञासा और साहस ने उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
उसने पत्थर को छुआ और अचानक जमीन में हल्की चमक फैल गई।
चमक उसके चेहरे पर पड़ते ही उसे अजीब सा गर्म अनुभव हुआ, जैसे जंगल उसके साथ सच बोल रहा हो।

जंगल में आगे बढ़ते हुए, उसे महसूस हुआ कि पेड़ों की शाखाओं और पत्तों की हर हल्की आवाज़ कुछ संकेत दे रही है।
हर कदम के साथ जंगल की रहस्यमयी शक्ति उसके इर्द-गिर्द महसूस होने लगी।
पल्लवी ने गहरी सांस ली और अपने डर को पीछे छोड़ते हुए तय किया कि वह जंगल के रहस्य का पीछा करेगी।
उसने महसूस किया कि यह जगह सिर्फ डराने के लिए नहीं, बल्कि उसकी हिम्मत और धैर्य को परखने के लिए थी।

थोड़ी देर बाद उसने देखा कि कुछ जगह पर पानी का हल्का झरना बह रहा था।
झरने की चमक में उसे कुछ अजीब-सा दिखाई दिया – शायद वही रास्ता था जो जंगल उसे दिखाना चाह रहा था।
वह धीरे-धीरे झरने की ओर बढ़ी, और देखा कि झरने के पास एक चमकता कंगन रखा हुआ था – बिल्कुल वैसा ही जैसा उसने पहले देखा था।
इस बार, उसे एहसास हुआ कि ये कंगन किसी अद्भुत रहस्य का द्वार है।

पल्लवी ने कंगन उठाया और उसकी चमक महसूस की।
उसके दिल में डर और रोमांच दोनों थे।
वह समझ गई कि जंगल उसे एक महत्वपूर्ण रहस्य तक पहुंचाने वाला है, और उसकी यह साहसिक यात्रा अभी सिर्फ शुरुआत है।


क्या पल्लवी सच में इस जंगल के गहरे रहस्य तक पहुँच पाएगी?
कंगन के पीछे कौन या क्या छिपा है?
ये रहस्य अगले अध्याय में खुलने वाला है…..

तो बने रहिए हमारे साथ...🙏

To be continued....❤️