Shadows Of Love - 4 in Hindi Adventure Stories by Amreen Khan books and stories PDF | Shadows Of Love - 4

Featured Books
Categories
Share

Shadows Of Love - 4

रात का सन्नाटा था। शहर की सड़कों पर सिर्फ़ स्ट्रीट लाइट्स की पीली रौशनी बिखरी थी। अर्जुन अपनी काली एसयूवी में बैठा नक्शे और डेटा पर नज़रें गड़ाए हुए था। उसके हाथ में एक खास डिवाइस था—वह डिवाइस जो दुश्मन के हर मूव को ट्रैक कर सकती थी। आयरा उसके बगल में बैठी थी, आँखों में बेचैनी और होंठों पर हिम्मत।“वे लोग हमें घेरने वाले हैं,” अर्जुन ने धीमी आवाज़ में कहा।“तो हमें पहले ही उन्हें घेरना होगा,” आयरा ने तड़पकर जवाब दिया।अर्जुन की निगाहें कठोर हो गईं। उसने गाड़ी का स्टीयरिंग मोड़ा और तेज़ रफ़्तार में गाड़ी को अंधेरी गलियों की ओर घुसा दिया। हवा चीखने लगी। आयरा ने सीट बेल्ट कसकर बांधी और उसके चेहरे पर एक अजीब सा रोमांच था।कुछ ही देर में दोनों एक पुराने गोदाम के सामने पहुँचे। वहाँ से अजीब-सी रोशनी झलक रही थी और मशीनों की आवाज़ें गूंज रही थीं। अर्जुन ने कार रोकी, पिस्तौल लोड की और बोला—“यहाँ खेल शुरू होता है।”दरवाज़ा धकेलते ही सामने की तस्वीर देखकर आयरा दंग रह गई। अंदर दुश्मन का ठिकाना था—कंप्यूटर की स्क्रीनें, हथियारों का ढेर और नक्शों पर शहर के अलग-अलग इलाकों को लाल घेरे में दिखाया गया था। इसका मतलब साफ़ था—कोई बड़ा धमाका होने वाला था।अचानक पीछे से भारी कदमों की आहट आई। “तो तुम आ ही गए, अर्जुन,” गहरी और डरावनी आवाज़ गूंजी।छायाओं से एक शख्स बाहर निकला—काले कपड़ों में, चेहरा आधा नकाब से ढका हुआ। यही था वो मास्टरमाइंड जिसे अर्जुन महीनों से ढूंढ रहा था।आयरा ने घबराकर अर्जुन का हाथ पकड़ा। अर्जुन ने उसे आश्वासन दिया और आगे बढ़ा।“खेल बहुत लंबा खिंच गया,” अर्जुन ने ठंडी मुस्कान के साथ कहा।“और अब खत्म भी तुम ही करोगे,” नकाबपोश ने जवाब दिया।अचानक गोदाम की हर स्क्रीन पर काउंटडाउन शुरू हो गया—00:15:00पूरे शहर को उड़ाने वाला टाइम बम एक्टिवेट हो चुका था।आयरा की धड़कनें तेज़ हो गईं। “अर्जुन, हमें कुछ करना होगा… वरना सब खत्म हो जाएगा।”अर्जुन के चेहरे पर कोई डर नहीं था। उसने नकाबपोश को घूरते हुए कहा—“तेरा खेल यहीं खत्म होगा।”भीषण लड़ाई शुरू हुई। गोलियों की आवाज़ गूंज उठी, मशीनें टूटने लगीं, स्क्रीनें चटकने लगीं। आयरा ने भी हथियार उठाया और अपनी हिम्मत से दुश्मनों को धूल चटा दी। अर्जुन बिजली-सी तेजी से आगे बढ़ा, हर वार का जवाब दिया और आखिरकार नकाबपोश को गिरा दिया।लेकिन टाइम बम का काउंटडाउन अब सिर्फ़ 03:00 पर था। अर्जुन के माथे पर पसीना छलक आया। उसने तुरंत अपने डिवाइस से हैकिंग शुरू कर दी। आयरा उसकी मदद कर रही थी, तारें जोड़ रही थी, कोड्स बदल रही थी। दोनों की सांसें तेज़ थीं, जैसे पूरा शहर उनकी उंगलियों पर टिका हो।“30 सेकंड!” आयरा चिल्लाई।“बस थोड़ा और…” अर्जुन ने पसीने से भीगे चेहरे के साथ कहा।जैसे ही काउंटडाउन 00:01 पर पहुँचा—अर्जुन ने आखिरी कोड एंटर किया। स्क्रीन अंधेरी हो गई।बम डिएक्टिवेट हो चुका था।सन्नाटा छा गया। आयरा ने राहत की सांस ली और अर्जुन के गले लग गई।“तुम जीत गए…” उसने धीमे स्वर में कहा।“नहीं,” अर्जुन ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा, “हम जीत गए।”लेकिन तभी, जमीन हिली। नकाबपोश जिसने खुद को हार मान लिया था, धीरे-धीरे उठ खड़ा हुआ। उसके होंठों पर खतरनाक मुस्कान थी।“तुम समझते हो ये सब खत्म हो गया? ये तो बस शुरुआत है…”अर्जुन और आयरा की आँखें चौड़ी हो गईं। असली खेल अभी बाकी था।---क्या अर्जुन और आयरा इस नए तूफान का सामना कर पाएंगे? या मास्टरमाइंड की अगली चाल सब कुछ तबाह कर देगी?Shadows of Love की ये जंग अब और भी जानलेवा मोड़ लेने वाली है… रात का सन्नाटा अब गोलियों और धमाकों की गूँज से टूट चुका था। गोदाम की दीवारें हिल रही थीं, हर जगह धुआँ और बारूद की गंध फैली हुई थी। अर्जुन ने अपनी बंदूक उठाई और आयरा को अपने पीछे खींच लिया। नकाबपोश धीरे-धीरे खड़ा हो रहा था, उसकी आँखों में पागलपन और होंठों पर खतरनाक हंसी थी।“तुम सोच भी नहीं सकते, अर्जुन,” उसने गहरी आवाज़ में कहा, “ये शहर सिर्फ़ मेरी एक चाल का मोहरा है। असली खेल तो अब शुरू होगा।”अर्जुन ने अपनी बंदूक सीधी उसकी ओर तान दी।“चेहरा दिखाने की हिम्मत है? या हमेशा छुपकर ही जीते हो?”नकाबपोश ने धीरे-धीरे अपना नकाब हटाया। और जैसे ही उसका चेहरा सामने आया, आयरा की साँसें थम गईं।“ये… ये असंभव है…” उसने कांपते स्वर में कहा।वो कोई और नहीं, बल्कि अर्जुन का ही पुराना साथी और जासूसी मिशनों का एक्स-एजेंट “कबीर” था। वही कबीर, जिसे सब सालों पहले मर चुका समझते थे।अर्जुन की आँखें सुर्ख हो गईं।“कबीर… तुम ज़िंदा हो? और इस रूप में?”कबीर ने ठंडी हंसी हंसते हुए कहा—“मरना आसान होता, अर्जुन। मैंने तो जीना चुना, लेकिन उस सिस्टम को जलाकर, जिसने मुझे धोखा दिया। तुमने साथ दिया और उसी सिस्टम ने मुझे जिंदा जलाया। अब मैं लौटा हूँ… बदले के लिए।”आयरा ने हैरानी से अर्जुन की तरफ देखा।“तो ये सारा खेल… ये बम… ये साजिश… सब बदला है?”कबीर की आँखों में पागलपन झलक रहा था।“हाँ! और ये बदला तब तक अधूरा है, जब तक शहर खून और राख में नहीं बदल जाता। तुम दोनों चाहे लाख कोशिश कर लो, मुझे रोक नहीं पाओगे।”अचानक उसने बटन दबाया और गोदाम की दीवारें फट गईं। बाहर खड़े उसके हथियारबंद सैनिक अंदर घुस आए। गोलियों की बरसात होने लगी। अर्जुन और आयरा ने पोज़िशन ले ली। हर गोली का जवाब दिया, हर वार का सामना किया। हवा में बारूद और खून की बू थी, पर दोनों पीछे हटने वाले नहीं थे।आयरा ने तेज़ी से एक सैनिक को गिराया और अर्जुन के साथ खड़ी होकर बोली—“अर्जुन, ये लड़ाई अब सिर्फ़ मिशन की नहीं, हमारी ज़िन्दगी की है।”अर्जुन ने उसकी ओर देखा, मुस्कुराया और कहा—“और ज़िन्दगी के लिए हम हर मौत से लड़ेंगे।”दोनों ने मिलकर कबीर के सैनिकों को ढेर कर दिया। लेकिन कबीर ने मौका देखकर गोदाम से भाग लिया। जाते-जाते उसने पीछे मुड़कर कहा—“तुम जीत गए… लेकिन याद रखना अर्जुन, हर जीत सिर्फ़ अगली हार की तैयारी होती है। अब अगला वार दिल पर होगा।”ये कहकर वो अंधेरे में गुम हो गया।सन्नाटे में सिर्फ़ अर्जुन और आयरा की भारी सांसें गूँज रही थीं। शहर तो बच गया था, लेकिन असली तूफ़ान अब आने वाला था।अर्जुन ने आयरा की ओर देखा।“ये सिर्फ़ लड़ाई नहीं… अब ये हमारी नियति बन गई है।”आयरा ने उसकी आँखों में आँखें डालकर कहा—“और हम इसे साथ मिलकर पूरा करेंगे… चाहे मौत ही क्यों न सामने खड़ी हो।”---कहानी अब नए मोड़ पर है—कबीर, अर्जुन का पुराना साथी, अब सबसे खतरनाक दुश्मन बन चुका है। उसकी अगली चाल क्या होगी? क्या अर्जुन और आयरा उसका सामना कर पाएंगे, जब हमला उनके दिल और रिश्ते पर होगा?Shadows of Love का अगला भाग और भी ज़्यादा खतरनाक, खून से लथपथ और रोमांच से भरा होगा…सुबह की पहली किरणें शहर की ऊँची इमारतों पर पड़ रही थीं। लेकिन अर्जुन और आयरा के लिए ये सुबह किसी नए डर का आग़ाज़ थी। रात का खून और बारूद उनके कपड़ों पर अभी भी चिपका था। दोनों सुरक्षित ठिकाने पर पहुँचे, लेकिन अर्जुन का दिमाग कबीर की बातों में अटक गया था—“अब अगला वार दिल पर होगा।”आयरा ने अर्जुन का हाथ थामकर कहा—“तुम्हारा चेहरा साफ़ कह रहा है कि तुम अंदर से टूट रहे हो। लेकिन अर्जुन, तुम्हें याद रखना होगा, कबीर तुम्हारा अतीत है… और मैं तुम्हारा वर्तमान।”अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा। उन आँखों में हिम्मत थी, पर छुपा हुआ डर भी।“मुझे डर सिर्फ़ इस बात का है, आयरा,” अर्जुन ने धीमे स्वर में कहा, “कि कबीर का अगला वार… तुम्हें चोट पहुँचाने के लिए होगा।”उससे पहले कि आयरा कुछ कह पाती, अचानक अर्जुन के फोन पर एक अनजान वीडियो कॉल आया। स्क्रीन पर कबीर का चेहरा दिखा—ठंडी, खतरनाक मुस्कान लिए।“गुड मॉर्निंग, अर्जुन,” कबीर ने कहा।“क्या चाहिए तुम्हें?” अर्जुन गरजा।कबीर ने हंसते हुए स्क्रीन घुमाई—और वहाँ एक बच्चा बंधा हुआ दिखाई दिया। उसकी आँखों में डर, होंठों पर कपड़ा बंधा हुआ।आयरा चीख पड़ी—“ये… मेरा भाई!!”अर्जुन के रगों में खून खौल उठा।कबीर बोला—“अर्जुन, मैंने कहा था ना… अगला वार दिल पर होगा। अब तुम्हारे पास सिर्फ़ 24 घंटे हैं। अगर इस शहर के सबसे सुरक्षित बैंक से मेरे लिए वो डाटा चिप लेकर नहीं आए… तो ये मासूम सांसें लेना बंद कर देगा।”वीडियो कॉल कट हो गया। कमरे में सन्नाटा छा गया।आयरा ज़मीन पर बैठ गई, उसके आँसू रुक नहीं रहे थे। अर्जुन ने उसे थामकर कहा—“वो तुम्हारे भाई तक पहुँच गया… क्योंकि वो जानता है, तुम्हारी जान से बढ़कर तुम्हारा परिवार है। अब ये सिर्फ़ मिशन नहीं, तुम्हारे भाई की ज़िन्दगी की लड़ाई है।”आयरा ने अपने आँसू पोंछे और काँपती आवाज़ में कहा—“अर्जुन… मैं किसी भी हद तक जाने को तैयार हूँ। लेकिन हम उसे जीतने नहीं देंगे। चाहे मुझे जान देनी पड़े।”अर्जुन ने उसकी आँखों में देखते हुए कसम खाई—“जब तक मैं ज़िंदा हूँ, किसी का बाल भी बाँका नहीं होगा। ये मैं वादा करता हूँ।”लेकिन अर्जुन जानता था—कबीर का जाल आसान नहीं था।वो बैंक, जहाँ से कबीर ने डाटा चिप मंगवाई थी, दुनिया के सबसे सुरक्षित जगहों में से एक था। वहाँ घुसना सीधा मौत को दावत देने जैसा था।अर्जुन ने अपनी पुरानी टीम से संपर्क किया। रातभर नक्शे, पासवर्ड, सुरक्षा सिस्टम और हर एक सुराग का अध्ययन किया गया। आयरा ने भी हथियार उठाए और खुद को तैयार किया। अब ये सिर्फ़ अर्जुन की लड़ाई नहीं थी—आयरा ने तय कर लिया था कि वो अपने भाई को किसी भी कीमत पर बचाएगी।अगली रात—शहर के बीचों-बीच गगनचुंबी इमारत वाला वो बैंक। चारों तरफ़ सुरक्षा, कैमरे, गार्ड्स और लेजर सिस्टम।अर्जुन और आयरा ने काले कपड़ों में मास्क पहनकर इमारत की ओर कदम बढ़ाए।अर्जुन ने धीरे से कहा—“एक बार अंदर गए तो वापसी आसान नहीं होगी।”आयरा ने उसकी तरफ देखा—“वापसी सोचने का वक्त ही कहाँ है, अर्जुन? अब तो या तो जीतेंगे… या मरेंगे।”दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामा और अंधेरे में इमारत की दीवार पर चढ़ाई शुरू की।हर कदम मौत का खेल था। लेज़रों की बारीक लाल रौशनी उनकी सांसें रोक रही थी। एक छोटी सी गलती… और सब खत्म।जैसे ही दोनों बैंक की टॉप फ्लोर पर पहुँचे, अर्जुन ने लॉक तोड़ा और अंदर घुस गए।चारों ओर नीली रोशनी, बीप की आवाज़ें और सिक्योरिटी कोड्स। अर्जुन तेजी से सिस्टम हैक करने लगा।लेकिन तभी—अलार्म बज उठा।लाल लाइट्स पूरे बैंक में चमकने लगीं। गार्ड्स दौड़ पड़े।आयरा ने बंदूक उठाई और अर्जुन की रक्षा में खड़ी हो गई। गोलियों की गूंज ने पूरी इमारत को हिला दिया।अर्जुन का माथा पसीने से भीग गया।“बस कुछ सेकंड और… आयरा, मुझे कवर दो!”आयरा गोलियों की बारिश झेल रही थी। हर वार का जवाब दे रही थी। अर्जुन ने आखिरकार कोड तोड़ा और चिप निकाल ली।लेकिन जैसे ही उसने चिप हाथ में ली, स्क्रीन पर कबीर फिर दिखाई दिया।“बहुत अच्छे… अर्जुन। तुमने मेरी शर्त पूरी कर दी। लेकिन खेल यहीं खत्म नहीं होता।”अचानक बैंक की खिड़कियाँ धमाके से उड़ गईं। चारों तरफ़ धुआँ और आग।कबीर की आवाज़ गूंजी—“अब देखता हूँ, अर्जुन… तुम कैसे अपने प्यार और मिशन को साथ लेकर बाहर निकलते हो।”---क्या अर्जुन और आयरा इस मौत के जाल से ज़िंदा निकल पाएंगे?क्या आयरा का भाई सच में सुरक्षित है या कबीर ने कोई और बड़ा जाल बिछा रखा है?Shadows of Love की लड़ाई अब सीधी मौत के दरवाज़े पर पहुँच चुकी है।बैंक के अंदर हर तरफ़ धुआँ और आग फैल चुकी थी। अलार्म की चीखती आवाज़ और गार्ड्स की चीखें माहौल को और खतरनाक बना रही थीं। अर्जुन ने चिप को कसकर अपनी जेब में रखा और आयरा का हाथ पकड़ लिया।“भागो!” अर्जुन गरजा।दोनों टूटे-फूटे काँच और लेज़र बीम्स के बीच दौड़ पड़े। गार्ड्स पीछा कर रहे थे, गोलियों की बौछार हो रही थी। आयरा ने पलटकर गोली चलाई और दो गार्ड्स को गिरा दिया, लेकिन उनका रास्ता आसान नहीं था।जैसे ही वे बाहर की ओर बढ़े, अचानक पूरी बिल्डिंग की बिजली चली गई। चारों ओर अंधेरा छा गया। सिर्फ़ लाल इमरजेंसी लाइट्स जल रही थीं। उसी अंधेरे में कबीर की ठंडी आवाज़ गूँजी—“भागने की कोशिश मत करना, अर्जुन। ये इमारत अब तुम्हारी कब्र है।”अर्जुन ने दाँत भींचे।“कबीर, तुझसे लड़ना मेरे लिए मिशन नहीं, अब मेरी जंग है।”आयरा काँपते स्वर में बोली—“अर्जुन, हमें जल्दी बाहर निकलना होगा, वरना ये पूरी बिल्डिंग हमारे ऊपर गिर जाएगी।”अचानक दीवार के पार से धड़ाम की आवाज़ आई और भारी हथियारों से लैस कबीर के सैनिक अंदर घुस आए। अब ये सिर्फ़ भागने की लड़ाई नहीं, बल्कि जीने की जंग थी।अर्जुन ने आयरा को कवर दिया और दोनों ने गोलियों की बरसात में दुश्मनों को गिराना शुरू किया। हर तरफ़ गोलियों की गूँज और धुएँ का धुंधलका था। लेकिन अर्जुन की निगाह सिर्फ़ बाहर की ओर थी।“रूफटॉप! वहीं से निकल सकते हैं!” अर्जुन चिल्लाया।दोनों सीढ़ियों की ओर भागे। सीढ़ियाँ भी आधी जल चुकी थीं। लकड़ी चटक रही थी, लोहे पिघल रहे थे। लेकिन मौत के साए के बीच भी दोनों डटे रहे।जैसे ही वे छत पर पहुँचे, हवा में हेलिकॉप्टर की आवाज़ गूँजी। अर्जुन ने ऊपर देखा—कबीर का हेलिकॉप्टर।कबीर खुद खड़ा था, हाथ में रिमोट और चेहरे पर वही शैतानी मुस्कान।“तो तुम यहाँ तक पहुँच ही गए,” कबीर बोला।“चिप हमें दे दो, वरना ये इमारत अभी के अभी तुम्हारे ऊपर गिरा दूँगा।”अर्जुन ने चिल्लाकर कहा—“अगर मर्द है तो आकर छीन ले! मैं तेरी गंदी चालों में नहीं फँसने वाला।”कबीर ने मुस्कुराते हुए रिमोट का बटन दबाया।अचानक बिल्डिंग हिलने लगी, धमाके होने लगे। छत फटने लगी।आयरा ने घबराकर अर्जुन का हाथ पकड़ा—“हम बचेंगे कैसे?!”अर्जुन ने गहरी साँस ली।“तूने कहा था ना, आयरा… या तो जीतेंगे या मरेंगे। आज… हम जीतेंगे।”अर्जुन ने पास रखी मशीनगन उठाई और हेलिकॉप्टर की ओर गोलीबारी शुरू कर दी। गोलियों की बौछार से हेलिकॉप्टर हिला, लेकिन कबीर बच निकला। उसने हंसी उड़ाते हुए कहा—“अर्जुन, ये लड़ाई यहीं खत्म नहीं होगी। अगला वार तुम्हारे सबसे करीब से होगा… तुम्हारी अपनी टीम से।”ये कहकर कबीर का हेलिकॉप्टर रात के अंधेरे में गुम हो गया।इधर बिल्डिंग ढह रही थी। अर्जुन ने आयरा का हाथ पकड़ा और दोनों कूदकर नीचे लटके स्टील की बीम से चिपक गए। भारी धमाके के साथ पूरी इमारत ज़मीन पर गिर गई। धुआँ और मलबा चारों तरफ़ फैल गया।लोगों को लगा अर्जुन और आयरा मारे गए। लेकिन मलबे के बीच से दोनों धीरे-धीरे बाहर निकले—खून से लथपथ, थके हुए, लेकिन ज़िन्दा।आयरा ने काँपते स्वर में कहा—“अर्जुन… मेरा भाई? वो सचमुच कबीर के पास है?”अर्जुन ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा—“हाँ… और अब वक्त आ गया है कबीर को उसके ही खेल में हराने का। लेकिन याद रखना, उसने जो कहा… ‘अगला वार तुम्हारी टीम से होगा’… इसका मतलब है कि कोई गद्दार हमारे बीच है।”आयरा की आँखें चौड़ी हो गईं।“मतलब… हमारे अपने ही किसी ने हमें धोखा दिया है?”अर्जुन ने सिर झुकाकर कहा—“हाँ। और जब तक वो गद्दार सामने नहीं आता, तब तक हम किसी पर भरोसा नहीं कर सकते।”रात के अंधेरे में दोनों की परछाइयाँ लंबी होती चली गईं। उनके सामने अब न सिर्फ़ कबीर, बल्कि धोखा, विश्वासघात और मौत का खेल खड़ा था।---अब कहानी एक नए मोड़ पर—कबीर के पास आयरा का भाई है, लेकिन अर्जुन और आयरा की टीम में से ही कोई उनके खिलाफ काम कर रहा है।कौन है वो गद्दार? क्या अर्जुन और आयरा समय रहते उसे पहचान पाएंगे?Shadows of Love की जंग अब सिर्फ़ बाहर के दुश्मनों से नहीं, बल्कि अंदर के धोखेबाज़ों से भी है।सुबह की धूप कमरे में छनकर आ रही थी, लेकिन अर्जुन और आयरा के चेहरे पर कोई रोशनी नहीं थी। दोनों थके हुए, घायल और बेचैन थे। रात का हादसा अभी भी उनकी आँखों में जिंदा था। अर्जुन अपने लैपटॉप पर तेज़ी से टाइप कर रहा था, कबीर की हर मूवमेंट को ट्रैक करने की कोशिश में।आयरा खिड़की के पास खड़ी थी, उसके चेहरे पर बेचैनी और गुस्सा था।“मेरा भाई… वो उसके पास है, अर्जुन। मैं इंतज़ार नहीं कर सकती।”अर्जुन ने स्क्रीन से नजरें हटाए बिना कहा—“मैं समझता हूँ, आयरा। लेकिन हमें जल्दीबाज़ी नहीं करनी होगी। कबीर चालाक है। अगर हम गलत कदम उठाए, तो तुम्हारे भाई की जान खतरे में पड़ जाएगी।”आयरा पलटी, आँखों में आँसू थे।“लेकिन अगर देर हो गई तो? अगर उसने…”अर्जुन उसके पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखा।“जब तक मैं हूँ, तुम्हारे भाई को कुछ नहीं होगा। मुझ पर भरोसा रखो।”आयरा चुप हो गई, लेकिन उसके दिल में बेचैनी बढ़ रही थी।इसी बीच अर्जुन की टीम के तीन लोग कमरे में दाखिल हुए—रणविजय, सीमा और कबीर का पुराना साथी रह चुका विक्रम, जिसे अर्जुन ने हाल ही में टीम में शामिल किया था।रणविजय ने कहा—“हमने बैंक वाले हादसे की लोकेशन ट्रैक की है। लेकिन अर्जुन… अजीब बात ये है कि बैंक के अंदर का सुरक्षा कोड तभी तोड़ा जा सकता था जब कोई अंदरूनी जानकारी रखता हो।”अर्जुन ने माथे पर शिकन डालकर कहा—“मतलब… हमारे बीच कोई गद्दार है।”ये सुनकर कमरे में सन्नाटा छा गया। हर कोई एक-दूसरे को शक की नजर से देखने लगा।विक्रम ने आगे बढ़कर कहा—“अर्जुन, हो सकता है ये जानकारी बाहर से लीक हुई हो। हमें अपनी टीम पर शक नहीं करना चाहिए।”अर्जुन ने ठंडी निगाहों से विक्रम को घूरा।“शक वहीं से शुरू होता है, जहाँ सबसे ज्यादा भरोसा होता है।”आयरा चुपचाप सब देख रही थी। उसके दिल में भी शक का बीज बोया जा चुका था।तभी अर्जुन के लैपटॉप पर एक नोटिफिकेशन आया—एक वीडियो मेल। उसने क्लिक किया। स्क्रीन पर कबीर दिखाई दिया, उसके चेहरे पर वही डरावनी मुस्कान।“अर्जुन… आयरा… खेल अब और दिलचस्प होने वाला है।”स्क्रीन हिली और सामने आयरा का भाई दिखाई दिया, बंधा हुआ, आँखों में डर। लेकिन इस बार वीडियो में अकेला वो नहीं था—उसके पीछे खड़ी थी सीमा, अर्जुन की अपनी टीम की भरोसेमंद साथी।आयरा के होंठों से चीख निकल गई।“सीमा?! ये… ये कैसे हो सकता है?”अर्जुन का चेहरा पत्थर सा हो गया।कबीर हंसते हुए बोला—“तुम्हारी अपनी टीम का हिस्सा… तुम्हारी सबसे भरोसेमंद साथी ही तुम्हारे खिलाफ काम कर रही थी। क्यों सीमा? इन्हें खुद बता दो।”सीमा ने ठंडी आँखों से कैमरे की ओर देखा।“हाँ अर्जुन। मैं ही वो गद्दार हूँ। क्योंकि सिस्टम ने मेरे भाई को मार डाला और तुमने चुपचाप आदेशों का पालन किया। अब मैं सिर्फ़ कबीर के साथ हूँ।”आयरा के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।“तो… तुम ही हो जिसने बैंक का रास्ता कबीर को बताया। तुम ही हो जिसने…”सीमा ने बीच में टोका—“हाँ! और अब मैं ही हूँ जो तुम्हारे हर राज़, हर चाल कबीर तक पहुँचाऊँगी।”वीडियो कट हो गया। कमरे में मौत जैसा सन्नाटा था।आयरा ने अर्जुन की ओर देखा, आँखों में आँसू और गुस्सा दोनों थे।“अर्जुन… तुमने हमें बताया क्यों नहीं कि सीमा पर शक है? अगर तुमने पहले बताया होता तो शायद…”अर्जुन ने गहरी सांस लेकर कहा—“मैं सबूत चाहता था, आयरा। मैं अंदाज़े पर टीम नहीं तोड़ सकता था।”आयरा चिल्लाई—“लेकिन उस अंदाज़े की वजह से मेरा भाई उसकी कैद में है! कबीर ने हमें हर मोर्चे पर मात दी है!”अर्जुन चुप रहा। उसकी आँखों में अपराधबोध था।आयरा ने उसकी ओर देखते हुए काँपती आवाज़ में कहा—“मुझे नहीं पता अर्जुन… हम कबीर से जीत पाएंगे या नहीं। लेकिन इतना तय है कि अगर इस बार मेरे भाई को कुछ हुआ… तो मैं तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूँगी।”अर्जुन के सीने पर ये शब्द गोलियों से भी ज्यादा भारी पड़े।---अब कहानी एक ऐसे मोड़ पर है जहाँ अर्जुन-आयरा का रिश्ता टूटने की कगार पर है, उनकी टीम में गद्दार सामने आ चुका है, और कबीर का खेल और खतरनाक हो गया है।Shadows of Love की अगली चाल दिल और दिमाग दोनों को तोड़ने वाली होगी।रात का सन्नाटा गहरा था, लेकिन अर्जुन के भीतर तूफ़ान मच रहा था। आयरा कमरे के कोने में खड़ी थी, आँखों से आंसू बह रहे थे। उसकी उंगलियाँ कांप रही थीं और होठों पर सिर्फ़ एक ही दर्दनाक सवाल था—“अर्जुन… अगर सीमा गद्दार थी, तो तुमने मुझे भरोसा क्यों नहीं दिलाया? तुमने सच क्यों छुपाया?”अर्जुन ने भारी आवाज़ में कहा—“क्योंकि मुझे डर था… अगर मैंने बताया, तो तुम्हारा भरोसा पहले ही टूट जाएगा। मैं सबूत चाहता था।”आयरा ने आँखों में आग भरकर कहा—“और उस सबूत की कीमत मेरा भाई चुका रहा है! अर्जुन, मैं तुमसे प्यार करती हूँ, लेकिन अगर इस बार मेरे भाई को कुछ हुआ… तो मैं तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूँगी।”ये कहते ही आयरा ने अपने आँसू पोंछे, हथियार उठाया और कमरे से बाहर चली गई। अर्जुन उसका नाम पुकारता रह गया, लेकिन वो बिना मुड़े अंधेरे में खो गई।कमरे में अर्जुन अकेला रह गया। उसकी आँखें सुर्ख हो गईं।“कबीर… तूने मुझसे मेरा प्यार भी छीन लिया और मेरी टीम भी। अब ये जंग तेरे और मेरे बीच है। और जब तक तू मेरी साँसें नहीं रोकता, मैं तुझे मिटाकर ही दम लूँगा।”अगली सुबह अर्जुन ने अपने नेटवर्क के जरिए कबीर और सीमा की लोकेशन ट्रैक की—शहर से बाहर एक छोड़ा हुआ फैक्ट्री एरिया।वहाँ दर्जनों हथियारबंद लोग थे। ये मौत का किला था।अर्जुन ने अपने दिल से डर और दिमाग से शक निकाल दिया। अब वो अकेला था… और अकेले ही लड़ने को तैयार।काली जीप में सवार होकर वो फैक्ट्री पहुँचा। दूर से ही वो जगह किसी युद्धभूमि जैसी लग रही थी। अर्जुन ने गहरी सांस ली, हथियार लोड किए और धीरे से बुदबुदाया—“ये लड़ाई मेरी जान की नहीं… मेरे प्यार, मेरे वादे और इस शहर की इज़्ज़त की है।”वो छायाओं में घुसा। अंधेरे में सैनिकों को एक-एक कर गिराता गया। उसकी चालें बाघ जैसी और वार बिजली की तरह तेज़ थे। गोलियों की गूंज से पूरा फैक्ट्री हिल रहा था।आखिरकार अर्जुन सामने पहुँचा—सीमा और कबीर खड़े थे। सीमा के चेहरे पर कोई पछतावा नहीं, सिर्फ़ नफरत थी।“अर्जुन, तुम्हें अब समझ आया कि भरोसा करना कमजोरी है?” सीमा ने ठंडी आवाज़ में कहा।अर्जुन ने गुस्से से कहा—“कमजोरी नहीं… भरोसा इंसानियत है। और तुमने इंसानियत बेची है।”कबीर हंसा—“वाह अर्जुन, बहुत बड़े-बड़े डायलॉग बोल रहे हो। लेकिन इस बार तुम्हारे डायलॉग नहीं, तुम्हारी लाश गिरेगी।”इतना कहते ही चारों ओर से गोलियों की बरसात होने लगी। अर्जुन दीवारों और मशीनों के पीछे छिपकर जवाब देने लगा। हर गोली, हर वार में उसकी आँखों का गुस्सा साफ झलक रहा था।इसी बीच, आयरा वहाँ पहुँच गई। उसका चेहरा आँसुओं से भरा था, लेकिन हाथों में हथियार और दिल में आग थी।“अर्जुन… मैं तुमसे नाराज़ हूँ। लेकिन ये जंग हम साथ लड़ेंगे।”अर्जुन ने उसे देखकर एक पल को साँस रोकी, फिर कहा—“तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूँ। आओ, इस खेल को खत्म करते हैं।”दोनों ने मिलकर मौत का खेल शुरू किया। गोलियों और धमाकों के बीच अर्जुन ने दर्जनों दुश्मनों को ढेर किया, और आयरा ने सीमा से सीधी भिड़ंत की।सीमा ने कहा—“आयरा, तुम जीत नहीं सकतीं। मैंने कबीर को चुना क्योंकि उसने मुझे ताक़त दी।”आयरा ने ठंडी आँखों से जवाब दिया—“ताक़त ग़लत रास्ते की नहीं, सच्चाई की होती है।”दोनों की भिड़ंत जानलेवा थी। आखिरकार आयरा ने सीमा को मात दी और जमीन पर गिरा दिया।इधर अर्जुन और कबीर आमने-सामने थे। दोनों की आँखों में आग, दिलों में नफरत और हथियारों में मौत थी।कबीर गरजा—“आज सब खत्म हो जाएगा, अर्जुन!”अर्जुन चीखा—“हाँ, लेकिन तू खत्म होगा!”दोनों भिड़ गए। मुक्कों की गूंज, गोलियों की चीख और आग की लपटों के बीच ये जंग इतनी जबरदस्त थी कि मानो दो तूफ़ान टकरा गए हों।---लेकिन तभी… अचानक आयरा का भाई सामने लाया गया, हथियारबंद गार्ड्स के बीच। उसकी गर्दन पर चाकू रखा गया था।कबीर हंसा—“अर्जुन, अब देखता हूँ, तू अपने प्यार को बचाता है या उसके भाई को। एक को चुनना होगा।”कमरे में सन्नाटा छा गया। अर्जुन और आयरा की साँसें रुक गईं।---क्या अर्जुन आयरा के भाई को बचा पाएगा?क्या आयरा अर्जुन के इस फैसले को समझ पाएगी या उनका रिश्ता टूट जाएगा?और क्या कबीर की ये चाल वाकई अर्जुन को मात दे देगी?Shadows of Love की जंग अब अपने सबसे खतरनाक मोड़ पर पहुँच चुकी है।हवा में बारूद की गंध थी। फैक्ट्री की दीवारें गोलियों की गूंज से हिल रही थीं। लेकिन उस गूंज से भी ज्यादा भारी था वो पल—जब कबीर ने आयरा के भाई की गर्दन पर चाकू रख दिया।कबीर ज़हरीली मुस्कान के साथ बोला—“अर्जुन! अब देखता हूँ… तू कितना हीरो है। सामने दो रास्ते हैं—या तो आयरा का भाई बचेगा, या तेरा मिशन। तू जिसे चुनेगा, वही जिंदा रहेगा।”आयरा की चीख गूंजी—“नहीं!! अर्जुन, कुछ करो… उसे बचाओ…”अर्जुन की आंखों में गुस्सा, दर्द और आँसू एक साथ उमड़ पड़े। उसका दिमाग बिजली की तरह तेज़ दौड़ रहा था।“अगर मैं कबीर पर गोली चलाऊँ… तो उसका आदमी आयरा के भाई को खत्म कर देगा। अगर मैं भाई को बचाने जाऊँ, तो कबीर भाग जाएगा। लेकिन मैं दोनों को खोने नहीं दूँगा। कभी नहीं!”अर्जुन ने गहरी सांस ली, और बेहद धीमी आवाज़ में आयरा से कहा—“मुझ पर भरोसा करो… बस एक आखिरी बार।”आयरा की आँखें डरी हुई थीं, लेकिन उसने सिर हिलाया।अचानक अर्जुन ने अपना हथियार ज़मीन पर रख दिया।“ठीक है, कबीर। मैं हार मानता हूँ।”कबीर ज़ोर से हंसा—“वाह… अर्जुन द ग्रेट! आखिरकार घुटने टेक ही दिए।”लेकिन अगले ही पल—अर्जुन ने अपनी बेल्ट से छुपा हुआ छोटा ब्लेड निकाला और बिजली की तरह हवा में फेंका। ब्लेड सीधा उस आदमी की कलाई पर जा लगा जिसने आयरा के भाई की गर्दन पर चाकू रखा था। चाकू जमीन पर गिर गया।“अब!” अर्जुन गरजा और तुरंत अपनी बंदूक उठाकर गोलियां दाग दीं। गार्ड्स एक-एक कर ढेर हो गए।आयरा भागकर अपने भाई तक पहुँची, उसे खींचकर सुरक्षित जगह ले गई। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे, लेकिन इस बार वो राहत के थे।“भाई… तुम ठीक हो।”उधर अर्जुन और कबीर आमने-सामने आ चुके थे। अब कोई रोक-टोक नहीं थी।गोलियों की आवाज़, लोहे के टकराने की गूंज, और दोनों के बीच खून से भी ज्यादा गहरी नफरत।कबीर ने घूंसा मारा, अर्जुन ने पकड़कर उसका हाथ मोड़ दिया। कबीर ने घुटना मारा, अर्जुन दीवार से टकराया लेकिन फिर पूरी ताक़त से लौटा।“तूने आयरा के भाई को निशाना बनाया, कबीर… अब तेरा खेल खत्म।”कबीर गरजा—“मैं ही खेल हूँ, अर्जुन! मुझे कोई नहीं हरा सकता।”दोनों की भिड़ंत इतनी खौफनाक थी कि फैक्ट्री की दीवारें कांप रही थीं। आखिरकार अर्जुन ने कबीर को जमीन पर गिराकर उसकी बंदूक दूर फेंक दी।उसके सीने पर बंदूक तानकर अर्जुन बोला—“खेल खत्म, कबीर।”लेकिन तभी सीमा पीछे से आई और आयरा पर बंदूक तान दी।“अगर तूने कबीर को मारा… तो आयरा हमेशा के लिए मुझसे छिन जाएगी। और मैं ये होने नहीं दूँगी।”आयरा हौले से मुस्कराई।“सीमा… तू मुझे कभी नहीं समझ पाई। क्योंकि प्यार के लिए धोखा नहीं, कुर्बानी चाहिए।”और अगले ही पल—आयरा ने तेजी से झुककर सीमा की बंदूक छीन ली और उसे धक्का देकर गिरा दिया।अब मैदान साफ़ था। अर्जुन की उंगली ट्रिगर पर थी, कबीर उसकी गिरफ्त में था। लेकिन… अर्जुन की आँखों में गुस्से से ज्यादा इंसानियत थी।उसने हथियार नीचे कर दिया।“नहीं। तुझे मारकर मैं तुझ जैसा नहीं बनूँगा। तुझे ज़िंदा रहकर अपने गुनाहों की सज़ा भुगतनी होगी।”कबीर की आँखों में पहली बार डर था। पुलिस की गाड़ियाँ फैक्ट्री के बाहर आ चुकी थीं।आयरा दौड़कर अर्जुन के गले लग गई।“मैंने कहा था न… हम साथ लड़ेंगे।”अर्जुन ने थकी हुई लेकिन संतोषभरी मुस्कान दी।“हाँ… और जीतेंगे भी।”---लेकिन… कहानी यहीं खत्म नहीं होती।क्योंकि जब पुलिस कबीर और सीमा को ले जा रही थी… सीमा की आँखों में अब भी नफरत जल रही थी। उसने धीरे से फुसफुसाया—“ये जंग अभी खत्म नहीं हुई, अर्जुन… मैं वापस आऊंगी।”सीमा को हथकड़ियों में जकड़कर पुलिस की गाड़ी ले जा रही थी। बाहर बारिश हो रही थी, लेकिन उसकी आँखों में आग अब भी जल रही थी। उसके होंठों पर हल्की सी मुस्कान थी।“अर्जुन… तू जीत गया सोच रहा है? खेल तो अब शुरू होगा।”रास्ते में अचानक काले मास्क पहने हथियारबंद लोग गाड़ी के सामने आ खड़े हुए। गोलियों की बौछार हुई, टायर फटे और गाड़ी सड़क किनारे पलट गई। धुएं और खून के बीच सीमा बिना खरोंच बाहर निकली—जैसे ये सब पहले से तय था।उसने आसमान की तरफ देखा और फुसफुसाई—“अब मेरी असली चाल शुरू होगी।”---दूसरी तरफ, अर्जुन और आयरा पहली बार चैन की सांस ले रहे थे। आयरा अपने भाई के साथ थी, और अर्जुन उसके जख्मों पर पट्टी कर रहा था।आयरा बोली—“अर्जुन, लगता है अब सब ठीक हो जाएगा।”“हाँ, आयरा। हमने बहुत लड़ाई झेली है। अब हमें अपना भविष्य बनाना है।”लेकिन तभी अर्जुन का फोन बजा। कॉल उठाते ही उधर से सिर्फ एक ठंडी, डरावनी आवाज़ आई“अर्जुन… खेल खत्म नहीं हुआ।”अर्जुन की आँखें चौड़ी हो गईं। वो आवाज़ सीमा की थी।आयरा डरकर बोली“नहीं… ये कैसे मुमकिन है? उसे तो जेल में होना चाहिए था!”अर्जुन ने गहरी सांस ली।“नहीं, आयरा। सीमा वापस आ गई है। और इस बार उसका निशाना सिर्फ मैं नहीं… हम दोनों हैं।”कुछ ही दिनों में शहर में अजीब हादसे होने लगे। सरकारी सर्वर हैक हो गए, पुलिस की फाइलें गायब हो गईं, और नेताओं की सीक्रेट बातें मीडिया में लीक होने लगीं।हर जगह एक ही नाम गूंज रहा था—सीमा।लेकिन इस बार सीमा अकेली नहीं थी। वो अब एक अंतरराष्ट्रीय गैंग से जुड़ चुकी थी, जिनके पास पैसा, ताक़त और हथियार सब था।---एक रात अर्जुन को एक रहस्यमयी पैकेट मिला। उसमें एक पेंड्राइव थी।जैसे ही उसने पेंड्राइव खोली, स्क्रीन पर सीमा का चेहरा उभर आया।“अर्जुन… ये पहला तोहफा है। तुम्हें अपने ही पुलिस डिपार्टमेंट की गद्दारी का सच मिलेगा। तुम्हारे अपने लोग तुम्हें धोखा दे रहे हैं।”अर्जुन का चेहरा सख्त हो गया।“मतलब… दुश्मन सिर्फ बाहर नहीं, अंदर भी है।”--यानी अब जंग सिर्फ गोलियों से नहीं, बल्कि धोखे और रहस्यों से भी होगी।