Tera Lal Ishq - 18 in Hindi Crime Stories by Kaju books and stories PDF | तेरा लाल इश्क - 18

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तेरा लाल इश्क - 18






आशना क्लिनिक रूम में एंट्री ली उसके पिछे कृषभ इशारों में सबको डराने की कोशिश कर रहा था पर सब उसे इग्नोर कर दिए ।
"लीडर आपका पैर" सभी एक साथ चिंतित स्वर में चिल्ला उठे।

"अब ठीक है,,,इसलिए ज्यादा गला फाड़ने की जरूरत नहीं" आशना बेपरवाही से अंदर आते हुए बोली। 

"ये होश में आने के बाद बेहोश कैसे हुआ ?" कृषभ गुस्से  में दात पिस्ते हुए सबको घूरते हुए पुछा।
सभी ने एक साथ भीनी के तरफ उंगली कर इशारा किया की,,,ये सब इस साइको डॉक्टर का किया धरा है लीडर"

आशना और कृषभ की गुस्से भरी सरसरी नजर जेसे ही भीनी पर गई उसके हाथ से छुरा छूट कर गिर गया। आशना उसके पास जाकर छुरा उठाई और उसे हाथों में बड़ी डरावने तरीके से फिराते हुए डरावनी हसी के साथ चिल्लाकर बोली "ही ही हीहुहुहहाआआ,,,,अब ये कभी होश में नहीं आएगा इसकी कहानी यही खत्म" 
और छुरा  उछाल गिरने से पहले तेजी से पकड़ घोंप दिया। 

"आहआआआआआनईईई,,,," दिल को दहला देने वाली चीख निकल पड़ी कृषभ को छोड़ उस आदमी के साथ सबकी 


काला भंडार 
गुप्त बार में मुरीद नशे में चूर अपने चमचों को बॉस के साथ बातचीत की कहानी सुना रहा था। कहानी खत्म होते ही 
वर्तमान 
समय 6 बजे
उसकी कहानी सुन सभी मुंह दबाए अपनी हंसी कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे थे।

"बॉस ने ये कैसी तारीफ की" कबाड़ी बोला।

मुरीद ड्रिंक गटकते हुए "क्या मतलब कैसी ?" 

"मतलब सर ऐसे धमकी देकर कौन तारीफ करता है?" चमड़ी समझाते हुए कन्फ्यूज होकर बोला।

"सच बताऊं तो उन्होंने पहले तारीफ की फिर धमकी दी" मुरीद ने कहा।

जंगली भूलते हुए "कौन धमकी दिया ? कब दिया  ?" 

"अभी तो सर ने पूरी कहानी सुनाई भुलक्कड़ की बॉस ने तारीफ करते हुए धमकी दिया सर को" चमड़ी उसे याद दिलाते हुए बोला।

उसकी बात सुन जंगली "अच्छा अच्छा,,,हा याद आया बड़ी दुःख भरी कहानी थी" सभी उसे घूरते हैं।

"और बॉस है,,,वो कुछ भी कर सकते है,,,अपने मकसद को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जासकते है तुम सब अपनी खैर चाहते हो तो चुप चाप,,, ईमानदारी से अपना काम सही से करो वरना,,,," मुरीद लड़खड़ाते जुबां से इतना बोला और सो गया।

चमड़ी "उस्ताद,,, सर तो सो गए अब वरना का जवाब कौन देगा???" 

कबाड़ी चिड़ते हुए "मुझसे क्या पुछ रहा मुझे क्या पता कौन देगा???"

जंगली भूलते हुए सर खुजा कर "किसका जवाब कौन देगा?"

कबाड़ी गुस्से में झुंझलाकर "अभी तेरा खून मेरे हाथों होगा उसका जवाब साले,,," और उसे मारने के लिए लपका 
चमड़ी उसे पकड़ "शांत उस्ताद शांत,,,"  

कबाड़ी गुस्से भड़कते हुए "छोड़ मुझे खुद का दिमाग तो पहले से खराब है और हमारा भी करने पर तुला है ये भूलने का पिटारा,,,"

चमड़ी उसे रोकते हुए "उस्ताद शांत हो जाओ मै देखता हूं इसे" 
जंगली भूलते हुए "शांत क्यों होना है ? और मैं क्या छमिया हू जो मुझे देखेगा" वो चमड़ी को तिरछी नजर से देखते हुए बोला।
"छोड़ चमड़ी,,,आज इसके दिमाग को खोल के देख ही लेता हू क्या खराबी है? दिखी तो ऐसा ठीक करूंगा की छोटी छोटी बातें क्या हर जन्म याद आ जाएगी साले को"

तभी मुरीद गुस्से से चीखा "क्या शोर मचा रहे,,,सोने दो वरना तुम तीनो को वोडका में मिक्स कर गटक जाऊंगा,,," वो बहुत हसीन सपना देख रहा था,,, ना ना कोई लड़की वडकी का मत समझना वो देख रहा था की गन फैक्ट्री को उसने बहुत उचाइयो तक पहुंचाया जिससे खुश होकर बॉस किराज को हटाकर उसे अपना असिस्टेंट बनाने वाले थे पर उसके तीनो चमचों की वजह से उसकी निंद टूट गई।
वो आगे और कुछ बोलता की एक आदमी भागते हुए आया और डर से हाफते हुए "सर वो,,,वो,,,वो "  

"अबे वो वो के बच्चे सास तो लेले" कबाड़ी झुंझला कर बोला।
"सर वो,,, वो उनके हाथ लग गया है" 

कबाड़ी "वो कौन ?" 

"ये वो जो भी है किसी के भी हाथ लगे हमे क्या बता रहा" जंगली उसे घूरते हुए बोला।


उस आदमी ने जो बताया मुरीद का दिमाग सुन्न पड़ गया और साथ ही सारा नशा भी उतर गया वो बौखलाया हुआ चिल्ला उठा "हो गई ना पार्टी अब निकलो सब यहां से गन फैक्ट्री संभालना है अब तो तयारी करो सुबह होने से पहले सारा माल फैक्ट्री में पहुंच जाना चाहिए"  

लिवा अपार्टमेंट
क्लीनिक रूम

सब सदमे में एक दुसरे को पकड़ अभी भी चीख रहे थे जबतक आशना ने फटकार नही लगाई "चुप,,,," आशना झुंझला कर चिल्लाई  एकपल में खामोशी छा गई।

"पहले देखो छुरा कहा घोंपा है उसके 
बाद गला फाड़ना" आशना सभी को तिरछी नजरों से देखते हुए बोली।

सब ने देखा छुरा स्ट्रेचर के गद्दे पर घुसा हुआ है।
"ए कौन हो तुम लोग?" कृषभ सवाल किया।
सभी उसका सवाल सुन अजीब सा
मुंह बनाते हुए "जासूस"

"जासूस हो या दीवार पर चिपके हुए छिपकली,,,ठीक से खड़े रहो" कृषभ सबको घूरते हुए बोला। 

उसकी बात सुन पहले सब एक दूसरे पर फिर खुद पर ध्यान दिए काशी रिहा का पैर पकड़े नीचे पड़ी थी तो रिहा दोनो हाथ फैलाए दीवार से चिपकी खड़ी थी,,,,कनंत और कृषि तो कृभीन से चिपके तीनों कांप रहे थे,,,और भीनी चेयर पर आधी बैठी थी और आधी नीचे गिरी पड़ी थी,,,, तो वही वो मीडिया का आदमी आशना का पैर पकड़े लेटा हुआ था जैसे जान की भीख मांग रहा हो  सब की सासे अटकी हुई थी छुरा घोंपने वाला खौफनाक मंजर देख 

सभी जल्दी आकर आशना के पैरो में गिर गए उस आदमी  धकेलते हुए वो आदमी लुढ़कता हुआ कृषभ के पैरो के पास चला गया

"तुम सबका हिसाब किताब फुर्सत में करूंगी,,,उठो " आशना का गुस्सा देख सब एक बार में उठ गए। किसी ने अब तक कुछ नहीं कहा आखिर सदमे से उबर रहे थे बिचारे।

"ए तुम,,,क्यों गए वहा अकेले ?" कृषभ ने सख्ती से  सवाल किया। वो आदमी बोलने वाला था की बीच में 

कनंत "बहुत खुजली हो रही थी शायद इसे जानने की,,,"

सब एक हैरानी से "क्या ???"

कनंत "की काला भंडार सच में काला दिखता है की नहीं"  उसकी बात सुन सब मुंह बीचका लिए।

"ए बोल ना मुंह में गर्मा गर्म बर्फ काहे जमाया है" कनंत फिर बीच में बोला जिसका अंजाम ये हुआ की आशना का  जोर दार घुसा उसके मुंह पर जा चिपका वो "मम्मीइईई,,,," चिल्लाते हुए मुंह पकड़े कृषि के पीछे छुप गया।

"और बीच में घुसेगा" कृभिन धीरे से उसे ताना देते हुए बोला। कनंत उसे मुंह बनाकर चिढ़ाया। उसे अजीब तरह मुंह बनाते देख काशी रिहा का मुंह बन गया। 


कौन है ये वो? ऐसा क्या पता चला मुरीद को वो के बारे में?

आगे की स्टोरी अगले पार्ट में तबतक ये पढ़ो और समीक्षा दो वरना मैं मुंह फुला लूंगी।😤🤪😜