Hum Tumhen Chahte Hain Itna - 3 in Hindi Fiction Stories by S Sinha books and stories PDF | हम तुम्हें चाहते हैं इतना - 3

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हम तुम्हें चाहते हैं इतना - 3

 हम तुम्हें चाहते हैं इतना 3 


अंतिम भाग 3  


नोट - अभी तक आपने पढ़ा कि रवि अपनी पत्नी को बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर के अस्पताल मेले गया  . वहां राशि एक अमेरिकन डॉक्टर के इलाज में थी  . वहां भी कुछ दिनों तक पत्नी की हालत में कुछ दिनों तक कोई सुधार नहीं देख कर रवि बेचैन हो गया था तब डॉक्टर ने उसे धैर्य रखने के लिए कहा  . उसने  बताया कि से अमेरिका से एक दवा का इन्तजार था जिसके बाद राशि में सुधार होने की उम्मीद थी  , अब आगे पढ़ें  … 

 

राशि की दवा अगले ही दिन आ गयी थी  .  डॉक्टर ने उसका पहला डोज दे दिया और 24 घंटों तक डॉक्टर ने उसका रिस्पांस देखा  .  सब कुछ ठीक था , राशि पर दवा का कोई  प्रतिकूल रिएक्शन नहीं था  . अगले दिन  अमेरिकन डॉक्टर लौट गया  .  उसके जाने से पहले रवि ने जब पूछा “ अभी तक तो पेशेंट में  मुझे कोई चेंज नहीं दिखा रहा है  .  “


“ हैव पेशेंस मिस्टर रवि  .  मेरी दवा का असर धीरे धीरे होगा  .  दरअसल मैं पेशेंट को इंड्यूस्ड कोमा  बाहर लाना चाहता हूँ  .  इसके लिए उसे दवा से धीरे धीरे होश में लाना होता है  .  मेरा लक्ष्य है अंततः दवा पूरी तरह बंद  कर के उसे कोमा से बाहर लाना है  .  अगर इसमें मैं सफल रहा तब पेशेंट को लाइफ सपोर्ट से हटाने का काम शुरू होगा  .  फिर उसे नार्मल होने में भी काफी समय लग सकता है  . इसमें आपलोगों की भूमिका अहम होगी  .   मैं  पेशेंट को डेली सुबह शाम मॉनिटर करता रहूंगा  .   “

 

 

“ हमें क्या करना होगा ? “  रवि ने पूछा 


“ ज्यादा कुछ नहीं  .  वैसे तो कोमा में रहने  दौरान की बातें या उससे भी पहले की बातें पेशेंट को याद नहीं रहती है    .  मैंने सुना है कि आप अपनी और बच्चों की दिन भर की बातें बीबी को बताते हैं और विडिओ भी दिखाते हैं  . यह बहुत अच्छी बात है  . बस पत्नी के होश में आने के बाद भी यही काम धीरे धीरे करते रहें  . जल्दबाजी मत करियेगा  हो सकता है इस से उनके ब्रेन पर ज्यादा स्ट्रेस पड़े   .  आप उनका रिस्पांस वाच करते रहें  .  उनका पहला रिस्पांस देखते ही तुरंत अस्पताल को और मुझे  सूचित करेंगे  .  “


डॉक्टर रवि को समझा कर चला  गया  .  रवि प्रतिदिन राशि के साथ घंटों बिताता  और उससे बातें यूँ करता मानो राशि सब सुन या समझ रही हो  . करीब तीन सप्ताह के बाद  अमरीका की दवा से राशि पर इंड्यूस्ड कोमा का असर न के बराबर  रह गया था  . ऐसा भी नहीं था कि वह नार्मल हो चुकी थी और वह कुछ रिस्पांस दे रही थी  . डॉक्टर ने लाइफ सपोर्ट पर उसकी निर्भरता धीरे धीरे कम दिया और चंद ही दिनों के बाद उसका लाइफ सपोर्ट हटा दिया गया  . डॉक्टर ने राशि को व्हीलचेयर पर  को अस्पताल के लॉन में घूमाने की सलाह दी  .  


 रवि पत्नी को  खुद व्हीलचेयर पर घूमाने ले जाता और उससे बातें करता  . एक दिन वह बीबी को एक जोक सुना रहा था  . यह जोक उसके एक्स बॉयफ्रेंड के बारे में थी जिससे राशि का ब्रेक अप हो चुका था  .  इसी के बाद राशि रवि के सम्पर्क में आयी थी और फिर दोनों की शादी भी हुई  . रवि के जोक को सुनकर राशि के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान उभर आयी थी जिसे देख कर रवि बहुत खुश हुआ  . उसने बेल बटन  दबा कर तत्काल नर्स को बताया और नर्स ने डॉक्टर को  . जब तक वे आते राशि पुनः कोमा में चली गयी थी  . 


डॉक्टर ने कहा “ नो वरी  .  ऐसा होता है पर लगता है अच्छे  दिन जल्द ही आने वाले हैं   . 


रवि जब भी पत्नी को व्हीलचेयर पर घूमाने ले जाता वह उससे अपनी या बच्चो की  पुरानी बातें करता या विडिओ दिखलाता था  पर अक्सर राशि की कोई प्रतिक्रिया नहीं होती थी  . पर कुछ दिनों के बाद वह बातों के बीच में अपनी आँखें खोलती और तुरंत बंद कर लेती  . डॉक्टर ने इसे शुभ संकेत कहा  . 

एक दिन जब रवि ने बच्चों की एक वीडियो दिखा कर राशि से पूछा कि कैसा लगा तब उसने  आँखें खोली और एक दो बार ब्लिंक भी किया  . इसके बाद जल्द ही रवि की बातें सुनकर या वीडियो देख कर राशि का रिस्पांस भी मिलने लगा , कभी सिर हिलाकर हाँ या ना की तरह  . 


धीरे धीरे राशि का रिस्पांस बढ़ रहा था  .  रवि की बातें  सुनकर या वीडियो देख कर कभी उसके चेहरे पर प्रसन्नता दिखती तो कभी दुःख का अहसास होता था पर अभी तक वह ठीक से कुछ भी बोलने में असमर्थ थी  . वह मुँह से टूटे फूटे लड़खड़ाते शब्द निकालती जिससे कुछ भी स्पष्ट नहीं होता था  . डॉक्टर ने उसे स्पीच थेरेपी करने के लिए कहा  . यह तीन महीने का कोर्स था  . डॉक्टर ने कहा कि अगर राशि इसके पहले ठीक से बोलना सीख लेती है तो तीन महीने तक रुकने की जरूरत नहीं है  . 


बहरहाल  रवि जब भी राशि से बात किया करता था बीच बीच में उसका नाम लेकर संबोधित करता था  . यह एक अच्छी  बात साबित हुई क्योंकि इसके चलते राशि ने समझ लिया था कि उसका नाम राशि है  .  दूसरी अच्छी बात यह थी कि वह पढ़ सकती थी  . खैर राशि ने दो  महीने में कामचलाऊ बातें करना सीख लिया था पर उसकी स्मरण शक्ति अभी तक वापस नहीं आयी थी  . बीच बीच में राशि अजीबोगरीब सपने और फ्लैश की  बातें करती थी  . डॉक्टर ने कहा  “ यह कोमा से निकलने बाद नार्मल बात है  .  इनकी मेमोरी वापस आने में समय लगेगा  . आप इन्हें भारत ले जा सकते हैं  . इनकी पुरानी बातें , महत्वपूर्ण घटनाओं की बाते कर और वीडियो दिखा कर इनकी याददाश्त वापस लाने का प्रयास करते रहें  . ध्यान रहे इसके लिए जल्दबाजी न करें ताकि इनके ब्रेन पर ज्यादा स्ट्रेस न हो  . इनके ब्रेन को काफी आघात लगा था  . “ 


रवि राशि को लेकर इंडिया लौट आया  . राशि करीब एक साल से कुछ ज्यादा समय के बाद ही घर वापस घर आयी थी  . उसके दोनों बच्चे संजू और मंजू माँ के गले मिल कर बहुत खुश हुए  . रवि ने बच्चों को समझा कर अलग किया  .  पूरे ट्रीटमेंट के दौरान रवि  राशि को बच्चों के बारे में बताते रहता था और पुराने वीडियो दिखाते रहता था  . यहाँ आने पर रवि ने इशारों से भी राशि और बच्चों के संबंध के बारे में बताया और समझाया  . 


कुछ दिनों के बाद रवि ने  राशि को पुराना  एल्बम दिखाया  जिसमें शादी से लेकर उसके एक्सीडेंट के पहले की तस्वीरें थीं  . उसने एक डायरी भी राशि को पढ़ने के लिए दिया  जिसमें उसकी अनुपस्थिति में एक एक दिन का विवरण था . वह राशि को सभी फोटो देखने या डायरी पढ़ने के लिए एक साथ नहीं बोलता था बल्कि खुद ही धीरे धीरे भूत से वर्तमान की बातें करता या फोटो दिखाता था  . 


राशि की याददाश्त धीरे धीरे वापस आने लगी थी  . इस बीच अमेरिकी डॉक्टर दिल्ली आया हुआ था  . रवि पत्नी के साथ उससे मिलने गया था  . राशि के प्रोग्रेस से वह संतुष्ट था , उसने कहा “ राशि की मेमोरी 50 परसेंट से ज्यादा ही वापस आ गयी है   . जल्द ही इनकी मेमोरी और बेहतर हो जाएगी  . बस आपको ध्यान रखना है कि किसी प्रकार की घटना से इनके ब्रेन को आघात न पहुंचे  . मैं सिर्फ फिजिकल इंजरी की बात नहीं कर रहा हूँ बल्कि इन्हें मानसिक तनाव से भी बचना होगा  .   “ 


“ श्योर डॉक्टर , मैं ख्याल रखूंगा  . वैसे और कितना  समय लगेगा  .  “ 


“ राशि इज इन वैरी गुड पोजीशन  . टू बी फ्रैंक ऐसे मामलों में 100 परसेंट रिकवरी लगभग असंभव है  . फिर भी मुझे राशि की फरदर बेहतर होने की पूरी उम्मीद है  . मैंने अपने जीवन में एक पेशेंट को चार साल के बाद कोमा से बाहर आकर जीने लायक स्थिति में  देखा है  . हैव पेशेंस  . “


अगले दो महीनों के अंदर राशि की याददाश्त बहुत कुछ लौट आयी थी हालांकि पूर्णतः नहीं  . कुछ दिनों के बाद एल्बम में एक अच्छे घर में अपने और बच्चों को देख कर वह बोली “  कितना अच्छा घर है ? हमलोग किसके घर में गए थे ? क्या हमलोग ऐसा घर नहीं ले सकते हैं ?  “


राशि  के दोनों बच्चे भी वहीँ थे  . संजू कुछ बोलने ही जा रहा था कि रवि ने उसे इशारे से चुप  रहने को कहा  . राशि को इतनी समझ हो चुकी थी कि कोई बात उससे छुपाई जा रही है  . फिलहाल वह खामोश रही  . 


कुछ दिनों के बाद राशि ने मंजू से पूछा “ उस दिन संजू क्या बोलना चाहता था जिसे पापा ने मना कर दिया  ? “


मंजू को चुप देख कर राशि ने पुनः पूछा “ तुमलोग कुछ मुझसे छुपा रहे हो  . तुम्हें मेरी कसम , मुझे बताना होगा  . “

माँ की कसम की बात सुनकर मंजू बोली “ प्लीज मम्मी , आप अपना कसम वापस लें  . आप मौत की मुँह से बच कर आयी हैं  . मुझे मजबूर न करें  . “


“ देखो , मैं भी तुम्हारी मम्मी हूँ  . हम एक परिवार हैं , मुझे भी सच जानना चाहिए और यह मेरा हक़ है  . मैं कसम वापस नहीं लूंगी  . अब बताना न बताना तुम्हारी मर्जी  . “ 


मंजू ने कहा “ मम्मी , जिस घर को आपने फोटो में देखा था वह अपना ही था  .  आपकी इलाज के लिए पैसे कम पड़ रहे थे इसलिए पापा ने उसे बेच दिया था  .  “


तब तक संजू भी वहाँ आ गया था  . उसने कहा “ इतना ही नहीं वे तो अपना  किडनी बेचने जा रहे थे पर चाचा और चाची ने उन्हें रोक दिया  . पापा ने उनसे भी लोन लिया था  . “ 


“ मम्मी , हम सभी को आपकी जरूरत है  . अब आप आ गयीं तो  घर तो  हमलोग फिर बना लेंगे  . पापा इस बात को नहीं बताना चाहते थे क्योंकि डॉक्टर ने आपको मेंटल स्ट्रेस से बचने के लिए कहा था  .  “ 


उस रात राशि ने रवि से कहा “ आपने मेरी इलाज के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया  . हमारे बच्चों ने मुझे सब सच बता दिया है  . “ 


“ हाँ , मैंने सब कुछ दांव पर लगा दिया है पर ख़ुशी है कि यह दांव मैं जीत गया  हूँ . “   रवि बोला 


“ तुम मुझे  अभी भी इतना चाहते हो ? “


“ हां , इतना  . “  उसने अपनी दोनों बाहें फैला कर कहा  . राशि उसकी बाहों में सिमट  गयी  . 


                                    xxxxxxx 

समाप्त 

 

नोट - यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है