Hum Tumhen Chahte Hain Itna - 2 in Hindi Fiction Stories by S Sinha books and stories PDF | हम तुम्हें चाहते हैं इतना - 2

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हम तुम्हें चाहते हैं इतना - 2

  हम तुम्हें चाहते हैं इतना 2   

भाग 2 


नोट - अभी तक आपने पढ़ा होगा कि रवि की पत्नी राशि एक एक्सीडेंट के बाद कोमा में चली गयी थी  . रवि ने उसे मोहाली के अस्पताल से निकाल कर चंडीगढ़ के PGI भर्ती कराया था और वह लाइफ सपोर्टट पर थी  . वहां भी राशि की स्थिति में कोई सुधार की संभावना नहीं देख कर डॉक्टर ने लाइफ सपोर्ट हटाने के लिए कहा था  . अब आगे पढ़ें  … 

 

सातवें  दिन जब वह अस्पताल देर से पहुंचा तब उसने राशि के रूम में नर्स से पूछा “  सिस्टर , डॉक्टर आये थे क्या ? “ 


“ हाँ “  नर्स ने कहा 


“ सिस्टर ,  डॉक्टर ने क्या कहा है ? “ 


“ सॉरी , डॉक्टर ने कहा है कि पेशेंट के बचने की कोई उम्मीद नहीं है .  “ 


“ आपके लिए वह पेशेंट है पर मेरे और हमारे बच्चों के लिए वह सारी दुनिया है , हमारी लाइफ सपोर्ट ,  सिस्टर .  “

“ मैं आपकी भावना का सम्मान करती हूँ पर डॉक्टर या कोई भी नियति तो नहीं बदल सकता है .  डॉक्टर ने लाइफ सपोर्ट हटाने के लिए कंसेंट पेपर पर आपका साइन लेने के लिए कहा है .  “ 


तब तक डॉक्टर भी वहां आ गया .  


“ नहीं , मैं ऐसा नहीं होने दूंगा .  हम उसे दिल्ली के AIIMS ले जाएंगे  . “


“ आप अपनी तसल्ली के लिए उन्हें कहीं भी ले जाएँ पर मुझे कोई उम्मीद नहीं है  . “ 


“ आप प्लीज आगे इस तरह की नेगेटिव बातें हमसे न करें  .  “


जब एक सप्ताह तक राशि की स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिखा तब रवि ने उसे दिल्ली के AIIMS में ले जाने का निश्चय  किया .  “ 


रवि ने बच्चों को अपने नजदीकी रिश्तेदार  के यहाँ छोड़ कर राशि को दिल्ली AIIMS में भर्ती किया  . वहां भी डॉक्टर ने उसे इंड्यूस्ड  कोमा में ही रखा  . दिल्ली में भी करीब एक महीने तक राशि की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ  . फिर डॉक्टर ने रवि को सलाह देते हुए कहा “ हमने आपकी पत्नी का  बेस्ट पॉसिबल इलाज किया  .  आखिर डॉक्टर भी एक सीमा के बाद पेशेंट को बचाने में असफल हो सकता है  . आई ऍम सॉरी , बेहतर है आप लाइफ सपोर्ट हटाने के लिए कंसेंट दे दें  . “ 


“ नो डॉक्टर , मैं अपने हाथों बीबी को मौत नहीं दे सकता हूँ  . आप अपनी कोशिश जारी रखें  . शायद एक दिन  भगवान को मुझ पर और हमारे बच्चे पर दया आ जाये  . “ 


“ बिना आपके कंसेंट के हम लाइफ सपोर्ट नहीं हटा सकते हैं  . ठीक है कुछ दिन और प्रयास कर के देखते हैं  . “  डॉक्टर ने कहा 


डॉक्टर रोज ही रवि को लाइफ सपोर्ट हटाने के लिए कंसेंट देने के लिए कहते रहे थे पर रवि इसके लिए तैयार नहीं था  . उसे उम्मीद थी कि राशि ठीक हो सकती है  . इसी तरह लगभग छह महीने और बीत गए  . डॉक्टर ने रवि से कहा “ हमलोग अब और इंतजार नहीं कर सकते हैं  . आप प्लीज कंसेंट दें  . “ 


“ नहीं , मैं लाइफ सपोर्ट हटाने का कंसेंट नहीं दे सकता हूँ  . आप अगर पेशेंट का ट्रीटमेंट नहीं कर सकते हैं तो हम इसे कहीं और ले जायेंगे  . “ 


“ आपकी मर्जी  .  हम आपकी भावना का आदर करते हैं  पर जो चीज व्यावहारिक नहीं है हम भी मजबूर हैं  . आप अपने रिस्क पर पेशेंट को शिफ्ट करने का लिखित कंसेंट दे दें  . “ 


“ ओके , मैं दे दूंगा  . मैं वाइफ को लाइफ सपोर्ट के साथ मुंबई ले जाऊँगा  . “ 


रवि राशि को एयर एम्बुलेंस से मुंबई ले गया  . उसके कंपनी से उसे वर्क फ्रॉम होम की सुविधा  दी गयी थी  .  उसने राशि को वहां के बेस्ट और देश के सबसे महंगे अस्पताल में एडमिट कराया  . मुंबई में भी डॉक्टर ने कहा “ फिलहाल  हम इन्हें एडमिट कर लेते हैं पर इनके ठीक होने की उम्मीद न के बराबर है  . “ 


“ आपलोग प्रयास करें मुझे उम्मीद है राशि हमें छोड़ कर नहीं जाएगी  . “ 


रवि प्रतिदिन सवेरे एक नयी उम्मीद लेकर आता और डॉक्टर से राशि के  प्रोग्रेस के बारे में पूछता  पर उसके हाथ निराशा ही मिलती थी  .  मुंबई में भी डॉक्टरों की सलाह के विपरीत रवि ने करीब तीन महीने तक राशि को अस्पताल में रखा  . एक दिन सुबह जब डॉक्टर राउंड पर आया तब उसने रवि से कहा “ मैं आपके हिम्मत की दाद देता हूँ  . आपके लिए आशा की एक नयी  किरण दिख रही है  . सिंगापुर के माउंट एलिज़ाबेथ अस्पताल में एक अमेरिकन डॉक्टर आया है  .  राशि के केस में उस से बेहतर दुनिया में कोई ने डॉक्टर नहीं है  . मैं गारंटी नहीं दे सकता हूँ पर इस केस में अगर कोई कुछ हमसे अलग कर सकता है तो वही है  . यू कैन टेक अ  चांस  . “ 


“ श्योर , आई विल टेक  अ चांस  . “ 


रवि ने सिंगापुर अस्पताल से बात कर अमेरिकी डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लिया  . उसने डॉक्टर से भी बात कर अभी तक हुए  इलाज के पेपर भी ईमेल कर दिया  . रवि ने कहा “ डॉक्टर मैं महीनों से अपनी बीबी को लाइफ सपोर्ट पर देख रहा हूँ  . उसे एक अस्पताल से दूसरे और फिर तीसरे और चौथे अस्पताल में ट्रांसफर करते आया हूँ बस इसी उम्मीद पर कि उसे बेहतर इलाज मिले  . मैं उसे खोना नहीं चाहता  हूँ  . मैं अपने जीवन की लगभग सारी कमाई उस पर खर्च कर चुका हूँ  यहाँ तक कि मैंने अपना घर तक बेच दिया है . “ 


 डॉक्टर से बात कर उसे बहुत ख़ुशी हुई जब डॉक्टर ने कहा “ मैं गारंटी तो नहीं दे सकता हूँ पर मैं निराश भी नहीं हूँ  . आई एम होपिंग अगेंस्ट ऑड्स एंड प्रेइंग तू गॉड  . आप भी प्रे करते ही होंगे  . प्रार्थना में भी बहुत शक्ति होती है  .  “ 


रवि ने जब डॉक्टर से खर्चे के बारे में पूछा तब उसने कहा “ मैं अपनी फीस नहीं लूँगा , इतना तो कर ही सकता हूँ आपके लिए  . “ 


कुछ दिनों के बाद रवि राशि को ले कर मेडिकल वीजा पर सिंगापुर गया  .  राशि को एडमिट करने के बाद डॉक्टर ने कहा “ मैं आपके साहस और स्ट्रगल की प्रशंसा करता हूँ  . आप इतनी विषम परिस्थिति के बावजूद अभी तक अपनी पत्नी के लिए इतना कुछ कर रहे हैं  . “ 


आरम्भ के आठ दस दिनों में राशि की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं देख रवि ने डॉक्टर से कहा “  राशि में कब तक सुधार होने की आशा है  .? “ 


“ आपने इतने महीनों तक धैर्य रखा है तो कुछ दिनों तक और धीरज  रखिये  . हमने कुछ दवाएं दी  हैं और कुछ दवा अमेरिका से आ रही  हैं  . इतनी जल्दी रिस्पांस की हमें भी उम्मीद नहीं थी पर मैं निराश भी नहीं हूँ  . ऐसे मामलों में समय लगता है और कोई सटीक टाइम टेबल नहीं दिया जा सकता है  . आप भी निराश नहीं हों  . “ 


“  चूंकि मुझे वर्क फ्रॉम होम की इजाजत है  , मैं हफ़्तों ऑफिस नहीं गया हूँ  . पर एक अर्जेंट मीटिंग के लिए मुझे एक दो दिन के लिए इंडिया जाना होगा  .  “ 


“  नो इशू , वैसे भी आपको यहाँ पेशेंट से मिलने का कम ही मौक़ा मिलता है  . हमलोग हैं न यहाँ  ? आप अपनी सुविधा के अनुसार  आते जाते रहें  . वैसे मैं भी अमेरिका से दवा आने बाद उसे शुरू कर अमेरिका चला जाऊँगा और कुछ दिनों तक पेशेंट को  वहीँ से मॉनिटर करूंगा  .   “ 


“ क्या आपकी अनुपस्थिति में सही ट्रीटमेंट में कोई बाधा नहीं आएगी ? “


“ नॉट एट ऑल , जस्ट रिलैक्स  .पेशेंट को  कुछ दवा दी गयी है जिससे उसी स्थिति में सुधार हो सके  . इसके अलावा एक अन्य दवा का अमेरिका से इंतजार है  .  मैं अभी भी जा सकता था पर मैं दवा शुरू कर उसका रिस्पांस और यदि कोई प्रतिकूल रिएक्शन हुआ तो उसे देख कर जाना चाहता हूँ  .  “ 


क्रमशः अगले और अंतिम अंक में 


नोट - यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है