सभी आखें मुंह फाड़े हैरानी से दरवाजे की ओर देख रहे थे,,,क्योंकि कृषभ दो लोगो को अपने कंधे पर उठाए खड़ा लड़खड़ा रहा था,,, दाई ओर आशना थी तो बाई ओर वो घायल मीडिया का आदमी,,, उसे देख के कोई भी कह सकता था की काफी देर से वो उन दोनों को डोहे वही खड़ा था। और कृषभ आखों से आग उगलते हुए सबको घूर रहा था क्योंकि कोई उसकी मदत को नही बढ़ा
"हो गई तुम लोगो की चुगली मिशन कंप्लेंट,,,तो मेरे कंधो से थोड़ा बोझ हल्का कर दो वरना,,,," उसकी गुस्से भरी आवाज और धधकती आग उगलती आंखे देख एक बार के लिए सब सहम गए फिर क्या सर पर पाव रख उसकी ओर भागे कनंत,,,कृभिन,,,कृषि उस घायल आदमी को उठाकर ऑफिस में ही बने क्लिनिक रूम में ले गए।
एक बोझ से छुटकारा पाते ही कृषभ आशना को कंधे से गोद में ले लिया।
"रिहा हमे उसकी जरूरत है,,,उसे जल्दी बुलाओ,,,हालत बहुत गंभीर है" आशना बहुत सिरियास होकर बोली।
"मैं उसे कॉल कर बुलाती हु" और रिहा किसी को कॉल करने बाहर जा रही थी की
"ओ रिहा मैडम,,,बाहर किधर,,,सुना नही आशना ने क्या कहा" कृषभ सख्ती से बोला।
"कॉल करने ही तो जा रही थी" उसका इतना कहना था की
कृषभ बोहे उच्चका कर "क्यू बॉयफ्रेंड को पर्सनली कॉल करने जा रही,,,?"
रिहा ने बस नासमझी से ना में सिर हिलाया।
"तो बाहर क्यों जा रही,,,टाइम नही है और तुम बाहर जाओगी कॉल करके आओगी टाइम वेस्ट नही होगा?" कृषभ सख्ती से बोला। रिहा का मुंह बन गया।
"उसके आने जानें के टाइम का
तो पता नहीं,,,पर तुम्हारे मगर जैसे मच मच बातो से 100% टाइम वेस्ट हो गया है" आशना कृषभ को घूरते हुए बोली।
रिहा और काशी की हसी छूट गई ।
"तुम दोनो खी खी खी खी बाद में कर लेना,,,रिहा तुम,,,तुम्हे कहा न जल्दी उसे इनफॉर्म करो,,," आशना दोनो को घूरते हुए सख्ती से बोली।
"यही करो और इस्पीकर ऑन रखो" कृषभ उसे घूरते हुए बोला।
रिहा मुंह बनाते हुए एक नंबर डायल की रिंग जाता रहा पर कोई उठाया नही। उसने फिर ट्राई किया जवाब फिर वही,,,फिर अचानक उसका फोन ऑफ हो गया।
"फोन की बैटरी खत्म हो गई" रिहा अपना फोन घूरते हुए बोली।
"तो तुम्हारे ऐसे घूरने से चार्ज हो जाएगी,,,?" क्लीनिक से बाहर आता कृषि उसे ताना कस्ते हुए बोला। उसके पीछे कनंत कृभिन भी आए।
रिहा डरावनी आवाज निकाल कर "काश,,, काश सच में ऐसा होता तो तुम्हे घूर कर चार हजार,चार सौ old के झटके देकर तुम्हारा नया नाम रखती,,,तंदूरी कृषि कमलस्वाह" ये बोल शैतानी हसी हंसने लगी।
कृषि डर से सहम कर कनंत से चिपक कर "भाई बचा लें इस राक्षसी से"
कनंत उसे दूर धकेल "तुम दोनो ऐसे कब तक एक दुसरे की बाहों में रहोगे,,,?"
कनंत उन्हे छेड़ते हुए शक भरी नजरो से घूरते हुए बोला।
तो वही आशना और कृषभ का भी ध्यान गया की वो दोनो काफी देर से ऐसी हालत में खड़े है।
"ज्यादा दिमाग चलाने की जरूरत नहीं,,, आशना का पैर,,,," कृषभ आशना को सोफे पर बिठाते हुए बोला पर उस की बात पूरी भी नही हुई की
सभी मेंबर्स एक साथ "मरते दम तक नहीं भूल सकते वो हादसा"
इन सबके सबसे पहले मिशन में सभी मेंबर्स की जान बचाने के लिए आशना मौत के करीब से गुजरते हुए बचके वापस आई पर हादसा कुछ ऐसा था की उसका दाया पैर काम करना बंद कर दिया। तब से हर मिशन में आशना लीड करने निकलती तो कभी भी अचानक से ही उसका एक पैर काम करना बंद कर देता।
"ये फालतू की बात करने के लिए वक्त नहीं है हमारे पास,,, मेरा फोन टूटता नही तो अब तक उस अंधमरे आदमी का इलाज हो जाता" आशना गुस्से से सब पर भड़की।
कृभिन कृषि डर से एक साथ अपने फोन में वही नंबर डायल किया पर फोन बीजी बता कर बंद हो गया।
"आखिर ये कर क्या रही है? जो फो पोन उठाने का भी टाइम नही है" कृभिन कृषि साथ बोले।
"अबे घनचक्करो एक साथ एक ही नंबर पर कॉल करोगे तो बंद ही होगा ना" कृषभ दोनो को घूरते हुए बोला।
रिहा जल्दबाजी करते हुए "ए कनंत तेरा फोन दे,,,"
कनंत जबरदस्ती हस्ते हुए "मेरा फोन तो घर पर मरा पड़ा है"
सभी उसे अजीब तरह से घूरते हुए "तो तू क्यू यहां जिंदा खड़ा है"
कनंत का मुंह बन गया।
"तुम लोगो का फोन भी तुम्हारी ही तरह है किसी काम की नही,,," कृषि सभी पर भड़कते हुए बोला।
"तुम्हारा फोन कहा है,,,?" आशना ने सवाल किया।
"मेरे जेब मे,,,पर बैलेंस नही है वरना अब तक इन्हे लेक्चर नही दे रहा होता" कृषभ आशना की ओर देख कर बोला।
आशना उसे घूरने लगी तो उसने अपनी नजरे बाकी सबकी तरफ की तो देखा कृभिन को छोड़ सभी उसे ही मुंह बनाते हुए घूर रहे थे जैसे कह रहे हो
"खुद का फोन तो बीना रिचार्ज का जेब में ठूसे हो और हमे अपना फालतू का भाषण दे रहे रहे हूं"
कृषभ समझ गाया फिर भी अनजान बनते हुए उनको डाट लगाने ही वाला था की
कृभिन चिल्ला उठा "येएए,,,,शांत हो जाओ कॉल पिकअप किया गया" सभी का ध्यान उसकी तरफ गया कृषभ उसे इशारों में इस्पिकर पर रखने को कहा।
कृभिन इस्पिकर ऑन किया।
वो हेलो बोलता की फोन से किसी लड़की की गुस्से भरी अलसाई आवाज आई "आआआआ,,प,,,, जिस व्यक्ति से संपर्क करना चाहते हैं फिल,,हाआआआआल ओ किसी दूसरी दुनियाआआआ,,,में ऑपरेशन करने में व्यस्त हैं विनंती नही वॉर्निंग दे रही हु हस्तपेक्ष न करे अन्यथा
आआआआप के जीवन का नही मरण का ऑपरेशन मेरे हाथों होगा"
डर के मारे कृभीन के हाथ से फोन छूट गया वो सोफे के पास ही खड़ा था तो आशना ने फोन गिरने से पहले ही कैच कर लिया।
"हस्तपेक्ष नही हस्तक्षेप होता है जाहिल गवार डॉक्टर,,,अगर पांच मिनट में ऑफिस नही पहुंची तो मैं तेरी दूसरी दुनिया में तेरा मरण ऑपरेशन मेरे हाथो होगा"
आशना गुस्से से फोन में चिल्लाकर बोली। उसकी आवाज से तो एक बार के लिए वहा खड़े सभी कांप उठे।
"Yasssssssssssss,,,,, ली,, ली,,लीडर आ,, आ,,आई,,,"
फोन की दूसरी तरफ से वो लड़की डरी हुई लड़खड़ाती हुई आवाज में बस इतना ही बोली। और ये सुन आशना ने झट से कॉल कट कर दिया।
4 मिनट बाद
अब तक शांति छाई हुई थी किनतभी अचानक दरवाजा दस्तक हुई कोई जोर जोर से दरवाजे को धक्का देकर खोलने की कोशिश कर रहा था।
आशना को छोड़ सभी जासूस गन लोड किए सावधान हो गए कृषभ ने सभी को सतर्क रहने को आखों ही आखों में समझाया सभी उस इशारा समझते ही तयार हो गए।
कृषभ और काशी आशना को कवर कर खड़े थे तो वही रिहा और कृषि धीमे कदमों से दरवाजे के दाए बाए दिवार से चिपक कर खड़े हो गए।
एक आलमारी जो किताबो से भरी थी जो दिखने में आलमारी पर है सिक्रेट दरवाजा कनंत और कृभिन उसके पीछे छुप गए। ताकि अगर खतरा ज्यादा हो तो वो दोनो समय पर बाजी पलट देंगे।
आशना इन सबको इग्नोर कर बेपरवाही से कृभिन के फोन में प्रतिलिपि पर जासूसी नॉवेल पढ़ रही थी।
(एक राज बताऊं हमारे सभी जासूसों ने प्रतिलिपि app डाउनलोड किया है,,,और सभी को जासूस बनने में प्रतिलिपि से ही बहुत हेल्प मिली😁है इसलिए जब भी फोकट का टाइम मिलता पढ़ने बैठ जाते है।)
दरवाजा पीटने की आवाज तेज हो रही थी तभी धड़ाम्म्म की आज से कोई अंदर आकर मुंह के बल गिरा सभी उस पर गन प्वाइंट कर खड़े हो गए।
आखिर कौन सा दुश्मन हैं? जो सिग्नल दे कर अटैक किया😅😅😅 स्त्री या पुरुष कौन ???? जानने के लिए बने रहे स्टोरी "तेरा लाल इश्क" के साथ। जल्द ही मिलेंगे अगले भाग में। पढ़ते रहे और अपनी समीक्षा दे।🙏🙏🙏😊😊😊