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🌙 एपिसोड 16 : “अंधेरे की पहली चुनौती – मोहब्बत या मायाजाल”
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⏳ तहख़ाने की दीवारें थरथराईं
दीवारों से आती गहरी कंपन सबकी साँसें रोक रही थी।
रूहानी ने डरते हुए कहा –
“दीवार हिल रही है… कोई बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है क्या?”
विवान ने अनाया को अपने पीछे खींच लिया,
उसकी आवाज़ धीमी मगर मज़बूत थी –
“किसी को भी डरने की ज़रूरत नहीं… जो भी आएगा, पहले मुझसे टकराएगा।”
अनाया ने उसे देखा —
वो अंधेरे में खड़ा एक रोशनी का साया लग रहा था।
दीवार पर बनी पेंटिंग के चेहरे अब हल्के-हल्के चमकने लगे थे,
और उनमें से निकलने लगी नीली धुंध।
काव्या ने धीमे स्वर में कहा –
“ये नीली धुंध… शायद अतीत की रूहें हैं।”
आर्यन ने उसकी ओर देखा –
“या फिर वो शक्ति… जो इन्हें बाँधकर रखे हुए थी।”
धीरे-धीरे उस धुंध के बीच एक आकृति बनी —
एक औरत की परछाई — उसके लंबे बाल ज़मीन तक फैले थे, आँखें जली हुई कोयले-सी।
उसकी आवाज़ धीमे मगर सर्द थी –
“मोहब्बत का दावा करने वाले… क्या अंधेरे का सच जानने की हिम्मत है तुममें?”
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🌹 अनाया और विवान – डर में छिपा इश्क़
अनाया की साँसें तेज़ हो रही थीं,
उसका चेहरा पसीने से भीग चुका था।
विवान ने उसका चेहरा अपने हाथों से थामा और कहा –
“डर मत, अनाया। ये अंधेरा हमारी रूहों की परीक्षा है, हारना नहीं है।”
अनाया की आँखों से आँसू बह निकले।
उसने काँपती आवाज़ में कहा –
“अगर ये सब सच्चा है… तो शायद मैं तुम्हें पिछले जन्म में खो चुकी थी।”
विवान ने उसके होंठों पर अपनी उँगली रख दी,
“इस जन्म में नहीं… मैं तुम्हें कभी खोने नहीं दूँगा।”
वो उसके बहुत करीब आया,
अनाया की धड़कनों की गूँज तहख़ाने की ख़ामोशी को तोड़ रही थी।
विवान ने फुसफुसाकर कहा –
“जब भी अंधेरा बढ़े, अपनी आँखें बंद कर लेना…
क्योंकि मैं वहीं रहूँगा, तेरे होंठों के इतने पास कि डर खुद पिघल जाए।”
अनाया की साँस उसके सीने से टकराई,
उसके हाथ विवान की गर्दन तक पहुँचे और वो पल…
एक खामोश इकरार बन गया।
दीवारों की कंपन थम गई —
जैसे अंधेरे ने भी उनकी मोहब्बत के आगे सिर झुका दिया हो।
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⚡ पहली चुनौती की शुरुआत
अचानक पेंटिंग में लगी रोशनी फिर से चमकी —
और एक शिलालेख ज़मीन से ऊपर उठा।
उस पर लिखा था :
> “जो अपनी सच्चाई साबित करना चाहता है,
उसे अतीत का दरवाज़ा पार करना होगा।”
रूहानी ने कहा –
“मतलब अब तुम्हें दोनों को कुछ करना होगा…”
विवान ने उस पर नज़र डालते हुए कहा –
“हाँ, ये हमारी परीक्षा है। शायद पिछले जन्म का अधूरा किस्सा यहीं से शुरू हुआ था।”
अनाया ने गहरी साँस ली –
“अगर ये हमारी किस्मत है… तो मैं तुम्हारे साथ हर अंधेरे में उतरने को तैयार हूँ।”
उन्होंने एक-दूसरे का हाथ थामा।
नीली रौशनी ने दोनों को घेर लिया, और बाकी सब पीछे छूट गया।
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🌑 अतीत का द्वार
एक झटके में वे दोनों किसी पुरानी हवेली के सामने खड़े थे।
चारों ओर कोहरा, टूटी दीवारें, और हवा में मिट्टी की गंध।
अनाया ने धीरे से कहा –
“ये… वही हवेली है जो पेंटिंग में थी।”
विवान ने चारों ओर देखा –
“मतलब ये अतीत है… हमारा पहला जन्म।”
दरवाज़े पर पुरानी लिपि में लिखा था –
“प्रेम का वादा अधूरा रहा था… क्या अब वो पूरा होगा?”
अनाया की आँखें नम हो गईं।
उसने विवान की ओर देखा –
“अगर मैं उस जन्म में तुम्हारी थी, तो इस जन्म में भी रहूँगी।”
विवान ने मुस्कुराकर कहा –
“और अगर अंधेरा हमें अलग करने आया है, तो मैं उसे भी मोहब्बत सिखा दूँगा।”
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🌹 पुरानी हवेली में पुनर्मिलन
हवेली के भीतर वो दोनों दाख़िल हुए।
हर ओर वही सुगंध… वही झरोखे, वही परछाइयाँ।
कमरे के बीचोंबीच एक पुरानी पलंग पर दो आत्माओं की धुंधली आकृतियाँ दिखाई दीं —
एक स्त्री और एक पुरुष, जो एक-दूसरे का हाथ थामे आख़िरी साँस ले रहे थे।
अनाया की आँखों से आँसू झर पड़े –
“ये हम हैं… हमारा पिछला जन्म…”
विवान ने उसका चेहरा अपने पास खींच लिया और कहा –
“तो आज हम वो अधूरी साँस पूरी करेंगे।”
वो उसे अपने सीने से लगाकर बोला –
“मोहब्बत जब रूह में बस जाए, तो जन्म मायने नहीं रखते।”
अनाया ने आँखें बंद कीं,
वो पल उसके लिए हर दर्द से परे था।
उनकी रूहें मानो अतीत और वर्तमान के बीच एक हो गईं।
हवेली की दीवारों पर जमी धूल चमकने लगी,
हवा में फूलों की ख़ुशबू फैल गई।
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⚡ अंधेरे की चेतावनी
पर तभी एक ठंडी हवा चली —
और दरवाज़ा ज़ोर से बंद हो गया।
रूहानी की आवाज़ कहीं दूर से आई –
“अनाया! विवान! सावधान रहना… कोई और है वहाँ!”
दीवार पर फिर वही औरत की परछाई उभरी,
उसकी आँखों से लाल रोशनी झर रही थी।
वो गुर्राई –
“मोहब्बत का वादा अधूरा नहीं था…
वो मैं थी जिसे धोखा मिला था!”
अनाया पीछे हटी –
“तुम… कौन हो?”
वो हँसी –
“वो रूह… जो तुम्हारी मोहब्बत की क़ीमत बन चुकी थी।”
“अब तुम दोनों को वही अंधेरा निगलेगा, जिसे तुमने जन्मों पहले जगाया था।”
विवान ने अनाया को पीछे किया और दृढ़ स्वर में कहा –
“हमारा प्यार किसी को तकलीफ़ नहीं देगा,
लेकिन अगर कोई इसे चुनौती देगा… तो उसे इस रूहानियत की आग में जलना होगा।”
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🌌 हुक लाइन (Suspense Ending)
विवान ने जैसे ही ये कहा,
ज़मीन पर नीली रेखा खिंच गई —
एक तरफ़ रूह और दूसरी तरफ़ मोहब्बत।
और उस रेखा से आवाज़ आई –
> “अब खेल शुरू हुआ है…
देखना है, कौन ज़िंदा रहेगा – रूह या इश्क़।”
अनाया ने विवान का हाथ कसकर थाम लिया,
उसकी
आँखों में डर नहीं था, बस एक विश्वास था।
“अगर हमारी मोहब्बत सच्ची है… तो ये अंधेरा खुद रौशनी बन जाएगा।”
🌹 जारी रहेगा…
अगला भाग —
✨ “मेरे इश्क़ में शामिल रुहानियत – रूह का इम्तिहान”
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